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अब 3064 रुपये में मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना के हितग्राहियों को 14 लाख का बीमा

भोपाल खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि युवा अन्नदूत योजना के अनुबंधित परिवहनकर्ताओं को मात्र 3064 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर 14 लाख रुपये का बीमा करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि इस योजना के हितग्राहियों की असामयिक मृत्यु पर कोई सहायता नहीं प्राप्त होने से परिवार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता था। मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि हितग्राहियों के बीमा के लिये 3 बीमा योजनाओं का क्रियान्वयन किया जायेगा। इनमें से सामूहिक बीमा योजना का क्रियान्वयन फरवरी-2025 से होगा। इसका वार्षिक प्रीमियम 2608 रुपये और बीमित राशि 10 लाख रुपये है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का क्रियान्वयन जून-2025 से होगा। इसका वार्षिक प्रीमियम 436 रुपये और बीमित राशि 2 लाख रुपये है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का क्रियान्वयन जून-2025 से होगा। इसका वार्षिक प्रीमियम 20 रुपये और बीमित राशि 2 लाख रुपये है। योजना में पॉलिसी जारी होने की दिनांक से हितग्राही की दुर्घटना में मृत्यु होने पर पूरी बीमा राशि मिलेगी। पॉलिसी जारी होने की दिनांक से 30 दिन के बाद हितग्राही की अन्य कारण से (दुर्घटना को छोड़कर) मृत्यु होने पर पूरी बीमा राशि दी जायेगी। अन्य कारणों से 30 दिन में मृत्यु होने पर हितग्राही द्वारा देय प्रीमियम राशि का 80 प्रतिशत भुगतान किया जायेगा। बीमा पॉलिसी जारी होने के एक वर्ष की अवधि में आत्महत्या करने पर जीवन बीमा की राशि देय नहीं होगी, मात्र देय प्रीमियम राशि का 80 प्रतिशत भुगतान किया जायेगा। हितग्राही की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होना चाहिये। जीवन बीमा एक वर्ष के लिये होगा, जिसका प्रतिवर्ष नवीनीकरण कराना होगा। हितग्राही की मृत्यु पर बीमा राशि परिवार को दी जायेगी। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में दुर्घटना होने पर दोनों हाथ या दोनों पैर या एक हाथ या एक पैर का इस्तेमाल न होने पाने और एक आँख की रोशनी पूरी तरह से जाने की स्थिति में या दोनों आँखों के ठीक नहीं हो पाने की स्थिति में 2 लाख रुपये का बीमा लाभ मिलेगा। इसी तरह एक हाथ या पैर का इस्तेमाल नहीं कर पाने की स्थिति में या एक आँख की दृष्टि खो जाने और वापस आ सकने की स्थिति में एक लाख रुपये की बीमा राशि मिलेगी।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 19

चालू पावर ट्रांसफार्मर से कॉपर स्ट्रिप चोरी किये जाने के प्रयास को आउटसोर्स कर्मियों ने किया नाकाम

भोपाल एम.पी. ट्रांसको (मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी) के विदिशा जिले में स्थित 132 के.व्ही. सबस्टेशन शमशाबाद के चालू पावर ट्रांसफामर्स से तांबे की अर्थिंग पट्टी (कॉपर स्ट्रिप) को निकालने के प्रयास को सबस्टेशन के आउटसोर्स ऑपरेटर धीरेन्द्र राठौर, निरंजन विश्वकर्मा एवं सुरक्षा सैनिक दीपक पॉल ने अपनी हिम्मत, सूझबूझ और कर्तव्य निष्ठा का अनूठा उदाहरण पेश करते हुये असफल कर दिया। जिससे रबी के इस सीजन में शमशाबाद, बैरसिया, सिरोंद क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति के लंबे समय तक प्रभावित होने की आंशका को टाला जा सका। यह भूमिका है कॉपर स्ट्रिप की लगभग 4-5 करोड़ रूपये कीमत के पावर ट्रांसफार्मर में तांबे के पट्टी (कॉपर स्ट्रिप) की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रहती है, यह सबस्टेशन में किसी फाल्ट के कारण उत्पन्न होने वाले हजारों एम्पीयर के करेंट को यह संवेदनशील कॉपर स्ट्रिप अपने में से प्रवाहित कर अर्थ कर देती है। इसके कारण उपकरण और सबस्टेशन में कार्यरत कर्मी सुरक्षित रहते है। यदि चालू ट्रांसफार्मर से कॉपर स्ट्रिप अलग करने का प्रयास किया जाता है तो वह न केवल निकालने वाले के लिये घातक रहती है बल्कि इससे ट्रांसफार्मर के क्षतिग्रस्त होने के पूरी आशंका पैदा हो जाती है। यदि चोर अपने मकसद में सफल हो जाते तो जहां मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी को 4-5 करोड़ रूपये का आर्थिक क्षति पहुंचती। वहीं क्षेत्र में ऐन वक्त रबी के सीजन में किसानों और विद्युत उपभोक्ताओं को हफ्तों बिजली आपूर्ति प्रभावित हो जाती। कर्मियों को किया गया पुरस्कृत सबस्टेशन के इन आउटसोर्स कर्मियों द्वारा दिखाये गयी सूझबूझ और बहादुरी के लिये अधीक्षण अभियंता श्री एम.पी. पटेल ने इन्हें सम्मानित कर पुरूस्कृत किया।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 20

धर्मशाला के पास दिखने से फैली दहशत, राजस्थान-अलवर में पैंथर को वन विभाग ने किया ट्रैंकुलाइज

अलवर। अलवर शहर के बीचों-बीच स्थित सुगना बाई धर्मशाला के पास मंगलवार सुबह पैंथर दिखने से स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया। जैसे ही पैंथर होने की जानकारी फैली, बस्ती के लोग डर के मारे इधर-उधर दौड़ने लगे। वहीं, केडलगंज बाजार के दुकानदार सतर्क हो गए। पैंथर की सूचना पर वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और उसे उसे ट्रैंकुलाइज करने की तैयारी शुरू की। अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को घरों के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखने की सलाह दी है। करीब तीन घंटे बाद वन विभाग की टीम ने पैंथर को ट्रैंकुलाइज किया। इधर, वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह पैंथर राजऋषि कॉलेज के परिसर में घूम रहे पैंथर हो सकता है। हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो सकती है। सरिस्का के रेंजर शंकर सिंह ने बताया कि सुगना बाई धर्मशाला के पास पैंथर दिखना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी इस क्षेत्र में पैंथर देखा गया था। कैमरा ट्रैप और तलाशी अभियान जारी वन विभाग की टीम ने बगीची के आसपास पैंथर की तलाश शुरू कर दी है और कैमरा ट्रैप लगाने की योजना बनाई है। अधिकारी बताते हैं कि सरिस्का के बफर जोन से पैंथर आबादी की ओर आ रहे हैं। बफर जोन में बाघों के बढ़ते दबदबे के कारण पैंथर शहर की ओर पलायन कर रहे हैं। राजऋषि कॉलेज में पैंथर अभी भी पकड़ से बाहर वन विभाग अभी तक राजऋषि कॉलेज परिसर में मौजूद पैंथर को पकड़ने में सफल नहीं हो पाया है। इसी बीच, सुगना बाई धर्मशाला के पास एक और पैंथर की मौजूदगी ने अधिकारियों के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टीम पूरी कोशिश कर रही है कि पैंथर को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया जाए और उसे वापस जंगल में छोड़ा जाए। वहीं, स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 51

दिल्ली पुलिस को गुप्त सूचना मिली, अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों पर की कार्रवाई, पकड़े गए मां-बेटे

नई दिल्ली दक्षिण पश्चिम दिल्ली की पुलिस टीम ने अवैध रूप से रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान नईम खान और उसकी मां नजमा खान के रूप में हुई है। नईम खान (22 वर्ष) बांग्लादेश के खुलना जिले के ग्राम सुंदर गुना का निवासी है। नईम ने 2020 में पश्चिम बंगाल की सीमा के माध्यम से भारत में प्रवेश किया था। मां-बेटा कटवारिया सराय में रहते हैं। पुलिस टीम को 29 दिसंबर 2024 को गुप्त सूचना मिली कि एक संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक दिल्ली के पिप्पल चौक स्थित शास्त्री मार्केट में मौजूद है। सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने नईम खान को गिरफ्तार किया और वेरिफाई किया तो बांग्लादेशी होने का पता चला। नईम ने बताया कि उसके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, जिसके कारण वह स्कूल नहीं जा सका और भारत में अवैध रूप से प्रवेश किया। मां नजमा भी लगभग 20 साल पहले बेनापोल सीमा से भारत आई थी और कटवारिया सराय में घरेलू काम करती थीं। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर एफआरआरओ के माध्यम से बांग्लादेश डिपोर्ट कर दिया। पुलिस ने कहा कि वे अन्य अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए प्रयास तेज करेंगे। यह कार्रवाई दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस द्वारा दिल्ली में अवैध प्रवासियों की पहचान और उनका निष्कासन सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों का हिस्सा है। इससे पहले दिल्ली में पकड़े गए 12 अवैध रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि सभी को डिटेंशन कैंप भेजा जाएगा। अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं को लेकर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। डीसीपी रवि कुमार ने बताया था, “इस साल अभी तक 12 बांग्लादेशियों को पकड़ा गया है। इस पर अलग-अलग थानों सरिता विहार और कालिंदी कुंज की टीम ने मिलकर काम किया है। भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है। पुलिस टीम इनको लगातार तलाश कर रही है।”   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 24

कलेक्टर बोलीं- ट्रेस नहीं हो रहा बोरवेल, राजस्थान-जयपुर में गलत दिशा में खोद दी सुरंग

जयपुर। राजस्थान के कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में तीन साल की चेतना 9वें दिन भी फंसी हुई है। चेतना को रेस्क्यू करने के लिए खोदे गए 170 फीट गड्ढे में उतरकर एनडीआरएफ के जवान सुरंग खोद रहे थे। लेकिन, अब इसमें बहुत बड़ी गड़बड़ हो गई। 10 फीट लंबी सुरंग की खोदाई पूरी हो चुकी है, लेकिन उसकी दिशा ही गलत निकली। सुरंग बोरवेल तक नहीं पहुंची है। कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने कहा कि सुरंग के जरिए अब तक बोरवेल को ट्रेस नहीं किया जा सका है। हमारी कोशिश लगातार जारी है, रेस्क्यू अभियान में जुटी टीमों ने हिम्मत नहीं हारी है। बता दें कि आज मंगलवार को रेस्क्यू अभियान को 9वां दिन है, लेकिन चेतना को बाहर नहीं निकाला जा सका है। भूखी-प्यासी मासूम बच्ची की हालत कैसी है, इसका भी कुछ पता नहीं चल पा रहा है। कई दिन से वह मूवमेंट नहीं कर रही है। चेतना 120 फीट की गहराई पर एक हुक से लटकी हुई है। 30 दिसंबर को  प्रशासन और एनडीआरएफ ने दावा किया था कि बच्ची को सोमवार को बाहर निकाल लिया जाएगा। दावे के बाद से बच्ची की मां और परिजन उसके बाहर आने का बेसब्री से इंतजार करते रहे, लेकिन उन्हें निराश होना पड़ा। वहीं, अब गलत दिशा में हुई सुरंग की खोदाई के कारण यह सवाल अब भी बना हुआ है कि आखिर चेतना को कब बाहर निकाला जा सकेगा। परिवार का आरोप, परिजनों से मिलीं कलेक्टर उधर, बच्ची को निकालने में हो रही देरी के कारण परिवार और ग्रामीण प्रशासन पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि अगर, समय पर सही कदम उठाए गए होते तो चेतना को पहले ही बाहर निकाल लिया गया होता। हालांकि, प्रशासन किसी तरह की लापरवाही से इनकार कर रहा है। परिजनों की नाराजगी सामने आने के बाद सोमवार देर शाम कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने परिजनों से दोबारा मुलाकात की और उन्हें रेस्क्यू अभियान में आ रही परेशानियों के बारे में बताया। कलेक्टर का कहना है कि हम हर स्तर पर बेहतर काम कर रहे हैं, लेकिन यह रेस्क्यू अभियान काफी मुश्किल है। इसलिए इसे पूरा करने में समय लग रहा है। बता दें कि कलेक्टर कल्पना अग्रवाल इसे राजस्थान का सबसे मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन बता चुकी हैं।  अंदर सांस लेने में हो रही परेशानी मासूम चेतना तक पहुंचने के लिए एनडीआरएफ के 6 जवानों की तीन टीमें बनाई गई हैं। एक बार में दो जवान को 170 फीट गहरे गड्ढे में उतरकर बोरवेल तक सीधी सुरंग खोद रहे हैं। दो जवानों की एक टीम करीब 20-25 मिनट अंदर रहकर खोदाई कर रही है, फिर उन्हें बाहर निकालकर दूसरी टीम को नीचे भेजा जा रहा है। इसी तरह सुरंग बनाने का सिलसिला जारी है। जवानों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है, लेकिन अधिक गहराई में होने के कारण उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है। नौ दिन से चेतना को निकालने के प्रयास जारी     तीन साल की चेतना 23 दिसंबर (सोमवार) की दोपहर दो बजे खेलते समय 700 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी। चेतना करीब 150 फीट की गहराई में फंस गई थी, देसी जुगाड़ से उसे तीस फीट ऊपर खींच लिया गया। अब वह 120 फीट पर एक हुक से लटकी हुई है। 23 दिसंबर से चेतना को खाना पानी कुछ भी नहीं मिला है। 24 दिसंबर की शाम से वह कोई मूवमेंट भी नहीं कर रही है। उसकी हालत को लेकर अधिकारी भी कुछ नहीं बोल रहे हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 81

केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा- वर्ष 2024 किसानों की आय बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनाने वाला रहा

भोपाल केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वर्ष 2024 विकसित भारत के विराट संकल्प की सिद्धि का आधार बना है। किसानों की आय बढ़ाने के साथ आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2024 विकसित भारत के विराट संकल्पों की सिद्धि का आधार बना है। इस दौरान कृषि क्षेत्र में भी हमने अभूतपूर्व उपलब्धियां अर्जित की हैं। प्रधानमंत्री द्वारा प्रत्येक कैबिनेट में कृषि और किसान से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण सौगात दी गईं। इस दौरान किसानों की आय बढ़ाने, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुए।” केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने आगे कहा किसान की सेवा मोदी सरकार के लिए भगवान की पूजा है। प्रधानमंत्री ने अपने तीसरे कार्यकाल का शुभारंभ ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ राशि जारी करने के साथ किया और 9.26 करोड़ किसानों को 20 हजार करोड़ सीधे भेजे। साथ ही फसलों की जलवायु अनुकूल 109 किस्में किसानों को समर्पित की और खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के लिए 14 खरीफ फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ोतरी का ऐतिहासिक निर्णय लिया। उन्होने कहा, “किसान कल्याण के प्रति संवेदनशील मोदी सरकार ने खाद्य तेलों के आयात शुल्क को शून्य प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया। बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क हटाने का निर्णय लिया और गैर बासमती चावल से निर्यात पर प्रतिबंध हटाया। साथ ही प्याज के निर्यात शुल्क को 40 प्रतिशत से 20 प्रतिशत किया। इस दौरान हमने 100 दिन सैचुरेशन अभियान चलाकर 25 लाख नए किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जोड़ा। साथ ही केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-तिलहन, कृषोन्नति योजना, डिजिटल कृषि मिशन और राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन को मंजूरी दी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसान कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।” चौहान ने आगे कहा, “किसानों की आय बढ़ाने के लिए हमने 6 सूत्रीय रणनीति बनाई और निरंतर प्रयास किया कि किसान समृद्ध हों। केंद्र सरकार की किसान हितैषी नीतियों के परिणामस्वरूप इस वर्ष कृषि वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत रही, जिसके अगले साल बढ़कर चार प्रतिशत होने का अनुमान है। विकसित भारत के लिए विकसित कृषि आवश्यक है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बीते एक वर्ष में इस हेतु हमने अनेक निर्णय किए हैं। आने वाले वर्ष में दोगुनी ऊर्जा और उत्साह के साथ किसानों के जीवन को खुशहाल बनाने में जुटेंगे।” उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2024 ग्रामीण भारत के विकास के उन संकल्पों का साक्षी बन रहा है, जो विकसित और आत्मनिर्भर भारत की नींव हैं। इस वर्ष दुनिया ने हमारी नमो ड्रोन दीदियों की उड़ान देखी तो साथ ही सशक्तिकरण का पर्याय बनीं लखपति दीदियों के सामर्थ्य से भी परिचित हुई। ग्रामीण इलाकों में बनाए जा रहे आवास को लेकर केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा, “प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण से 3 करोड़ नागरिकों का अपने पक्के घर का सपना सच हुआ तो वहीं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से गांव का खुशियों से नाता जुड़ा। मनरेगा ने संबल दिया तो आजीविका मिशन से बहनों को समृद्धि मिली। बीते एक वर्ष में संपूर्ण देश ग्रामीण भारत के विकास की अभूतपूर्व यात्रा का साक्षी बना है। निश्चय ही आने वाला वर्ष भी नई उपलब्धियों से भरा होगा और हम दृढ़ संकल्प के साथ ग्रामीण विकास हेतु समर्पित रहेंगे।”   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 11

छत्तीसगढ़ सरकार 2026 तक नक्सलियों के सफाये के लक्ष्य पर खरी उतरती नजर आ रही, अब तक 237 नक्सलियों को ढेर किया

जगदलपुर  छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में 2024 में अब तक 237 नक्सली ढेर किए जा चुके है। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि इस वर्ष मिली अभूतपूर्व सफलता के बाद जवानों का हौंसला बढ़ा हुआ है। बस्तर में नक्सलियों के लिए कोई रास्ता नहीं बच गया है। नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटें क्योंकि आने वाले दिनों में अभियान और भी तेज किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष बस्तर में अब तक 237 नक्सलियों को ढेर किया जा चुका है जिनमें से 217 के शव पुलिस को मिले हैं। अन्य 20 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि नक्सली स्वयं कर चुके हैं। इस अवधि में 925 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है तो 792 नक्सली अपने हथियार छोड़ मुख्यधारा में लौट आए हैं। इन मुठभेड़ में पुलिस को नक्सलियों के 284 हथियार पुलिस को मिले हैं जिसमें इंसास, एके-47 राइफल समेत कई बड़े हथियार हैं। इनमें से कई हथियार नक्सलियों ने पुलिस से लूटे थे। जानिए कितने नक्सली एक साल में ढेर इन मुठभेड़ में पुलिस को नक्सलियों के 284 हथियार पुलिस को मिले हैं, जिसमें इंसास, एके-47 राइफल समेत कई बड़े हथियार हैं। इनमें से कई हथियार नक्सलियों ने पुलिस से लूटे थे। इस वर्ष सुरक्षा बल ने सीधे नक्सलियों को निशाना बनाकर अभियान चलाया। बीते चार दशक में एक वर्ष के भीतर सर्वाधिक 124 बार पुलिस व नक्सलियों के बीच आमना-सामना हुआ। इन मुठभेड़ों में नौ करोड़ 24 लाख रुपये के इनामी शीर्ष नक्सलियों को ढेर किया गया है। इनमें 25 लाख रुपये के इनामी शीर्ष नक्सली रणधीर, नीति, रुपेश उर्फ कोलू जोगन्ना शामिल थे। 28 नए कैंप सीधे नक्सलियों के गढ़ में प्रदेश में इस वर्ष 28 नवीन सुरक्षा कैंप सीधे नक्सलियों के गढ़ में खोले गए हैं। विगत माहभर में ही लगभग दस नए कैंप नक्सलियों के आधार क्षेत्र तेलंगाना राज्य सीमा से सटे दक्षिण व पश्चिम बस्तर क्षेत्र में खोले गए हैं। इसी तरह अबूझमाड़ में भी सुरक्षा कैंपों की दीवार खड़ी कर दी गई है। आईजीपी सुंदरराज पी. ने कहा कि इस वर्ष मिली सफलता के बाद जवानों का हौसला बढ़ा हुआ है। बस्तर में नक्सलियों के लिए कोई रास्ता नहीं बच गया है। नक्सलवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। अबूझमाड़ में 130 नक्सली हुए ढेर अबूझमाड़ में पिछले एक साल यानि 2024 में सुरक्षाबलों और पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में 130 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता मिली है, वहीं पूवर्ती गांव जो नक्सली कमांडर हिडमा का गांव था वहां भी पुलिस ने कैंप खोला है, अबूझमाड़ इलाके में कुल सात नए पुलिस कैंप खोले गए हैं, जहां पहले पगडंडियों के सहारे जाना मुश्किल होता था वहां पर अब चार पहिया गाड़ियां दौड़ती नजर आ रही है, नियद नेल्लानार योजना के तहत गांवों में विकास के कार्य कर दशकों से मूलभूत सुविधाओं से नक्सली दहशत के चलते महरूम रहने वाले ग्रामीणों के लिए सुविधाओं का विस्तार भी तेजी से होने लगा है. वहीं सरकार की सरेंडर नीति से प्रभावित होकर पिछले पांच साल में जितने नक्सलियों ने सरेंडर किया था, उतने नक्सली एक साल में सरेंडर कर समाज की मुख्यधारा में वापस लौट आए है. जो अबूझमाड़ में सफलता की कहानी कहता नजर आता है. अबूझमाड़ में बनी पक्की सड़कें 2024 की शुरुआत में अबूझमाड़ से नारायणपुर जिला मुख्यालय तक जाने के लिए सड़क मार्ग सोनपुर, कोहकामेटा और आंकाबेड़ा तक ही सीमित था, लेकिन 2024 में नक्सलियों के खिलाफ शुरु हुए अभियान के बाद यहां की स्थिति बदली है. नक्सलियों के खिलाफ प्रहार की रणनीति में बदलाव आने के साथ ही नक्सलियों के आधार इलाके में पुलिस बेस कैंप स्थापित करने के साथ ही सड़को का निर्माण कार्य भी तेजी से होने लगा. एक साल के अंदर अबूझमाड़ के घोर नक्सल प्रभावित घने जंगलों से घिरे कस्तूरमेटा, मोहंदी, इरकभट्टी, कच्चापाल, मसपूर, होरादी और गारपा तक पुलिस ने पहुंच कर पुलिस कैंप खोलने के साथ ही इन इलाकों तक सड़को का निर्माण कार्य नियद नेल्लानार योजना के तहत तेजी से कराया जहां चार दशकों से लोग नक्सलियों के दहशत के साए में जीवन जीने को मजबूर हुआ करते थे, वहां पुलिस ने उन्हें अपनी अभिव्यक्ति की आजादी दिलाई है. 2025 में 6 नए थाने बनाने की योजना 2025 के साल में नारायणपुर पुलिस अबूझमाड़ में 6 नए थाने का विस्तार करने वाली हैं, जिसमे गारपा और कस्तूरमेटा में पुलिस ने अपने कैंप स्थापित कर दिए है, जिन्हें थाने का दर्जा मिलेगा वहीं फारसबेडा, तोके, कुतुल और गोमागल में थाना खोलना है जो बताता है कि अब नारायणपुर पुलिस नक्सलियों के कोर इलाके में घुसने की 2025 में योजना बना चुकी है. आने वाला साल अबूझमाड़ में एक नया इतिहास फिर लिखता नजर आएगा. क्योंकि 2024 में अबूझमाड़ में नक्सलियों के खिलाफ बड़े आपरेशन करने की रणनीति में बदलाव करते हुए नारायणपुर पुलिस ने अबूझमाड़ से लगे कोंडागांव, दंतेवाड़ा, कांकेर और बीजापुर जिले की पुलिस के साथ मिलकर नक्सलियों के आधार इलाके में आपरेशन लांच किया है. पुलिस की रणनीति में आए बदलाव का एक बड़ा असर नक्सलियों के कोर इलाके अबूझमाड़ में देखने को मिला. 2024  में नारायणपुर पुलिस अन्य जिलों के साथ मिलकर 130 नक्सलियों को अबूझमाड़ में मार गिराने में सफलता हासिल किया. 130 नक्सलियों को उन इलाको में जाकर पुलिस के जवानों ने मारा जहां कभी फोर्स नहीं पहुंच पाई थी और उन इलाकों को नक्सलियों ने अपना ठिकाना बना दिया लिया था, लेकिन अब यहां से नक्सलियों ने अपना ठिकाना बदला है. नक्सलियों के गढ़ से नाम से जाने जाने वाले अबूझमाड़ और वहां रहने वाले ग्रामीणों के लिए 2024 का साल बड़े बदलाव लेकर आया जहा लोगों को नक्सलियों के दहशत और भय के साए में जीवन जीने से आजादी मिली, वही इन इलाकों में नियद नेल्लानार योजना के तहत विकास के रास्ते के निर्माण की नई बयार लिखी गई, अब इन रास्तों से विकास से महरूम रहने वाले ग्रामीणों को दशकों बाद 2025 के नए साल में विकास की किरण की सौगात मिलेगी. यह जानकारी नारायणपुर जिले के पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार की तरफ से मिली है.    Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके … Read more