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समूह की महिलाओं ने साझा किया सृजनात्मक कार्यों का अनुभव

उत्तर बस्तर कांकेर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विकासखण्ड भानुप्रतापपुर के ग्राम भानबेड़ा में महिला शक्ति संकुल संगठन द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में भानुप्रतापपुर विधायक श्रीमती सावित्री मंडावी उपस्थित थीं। उक्त कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हरेश मंडावी ने उपस्थित समूह के महिला सदस्यों से चर्चा करते हुए ज्यादा से ज्यादा लखपति दीदी बनने एवं सशक्तिकरण पर विशेष प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान उन्होंने ज्योति स्वसहायता समूह की सक्रिय सदस्य श्रीमती दुलेश्वरी गौर से उनकी आजीविका संबंधी गतिविधि की जानकारी ली। समूह के सदस्य ने बताया कि समूह से जुड़ने के बाद सिलाई का कार्य व मुर्गीपालन का कार्य कर आजीविका प्राप्त कर रही हैं। भानबेड़ा की सुरभि स्व-सहायता समूह के सदस्य सविता कदम ने बताया कि वे समूह से जुड़ने के पश्चात् सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं, साथ ही कृषि व लाख उत्पादन जैसे गतिविधि कर आजीविका उपार्जन कर रही है। इसी तरह ग्राम भैंसाकन्हार से मछलीपालन कर रही सरस्वती दीदी से चर्चा की। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ से सी.एल.एफ. के पदाधिकारी द्वारा भवन की मांग की गई, जिस पर उन्होंने भवन की मांग को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया। साथ ही समूहों को सशक्त बनाने विशेष रूप से प्रयास करने की बात कही। इस अवसर पर जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष हेमन्त ध्रुव, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती झरना ध्रुव, स्थानीय सरपंच श्रीमती ममता ठाकुर सहित ग्रामीणजन उपस्थित रहे।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 8

साल का पहला ग्रहण 14 मार्च को, भारत में दिखेगा या नहीं ? राशियों पर कैसा असर? जानें डेट टाइम और डिटेल्स

ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों और नक्षत्रों की तरह ग्रहण का बड़ा महत्व माना जाता है। खास करके धार्मिक दृष्टि से ग्रहण को महत्वपूर्ण माना गया है। साल 2025 का पहला चन्द्र ग्रहण 14 मार्च 2025 फाल्गुन मास की पूर्णिमा को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण सिंह राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा।इस दिन होलिका दहन भी होगा। भारतीय समय के अनुसार यह ग्रहण सुबह 09 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 29 मिनट तक चलेगा। यह पूर्ण चन्द्र ग्रहण होगा लेकिन भारत में नहीं दिखाई देंगे, इसलिए इसका सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा। 14 मार्च को साल का पहला ग्रहण, भारत में दिखेगा या नहीं ? राशियों पर कैसा असर? जानें डेट टाइम और डिटेल्स भारत को छोड़कर इन देशों में दिखेगा चन्द्र ग्रहण यह ग्रहण भारत को छोड़कर  ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश भाग यूरोप अफ्रीका के अधिकांश भाग, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत अटलांटिक आर्कटिक महासागर, पूर्वी एशिया और अंटार्कटिका में दिखाई देगा, ऐसे में सूतककाल ग्रहण के 12 घंटे पहले से शुरू हो जाएगा। कब लगता है चन्द्र ग्रहण?     चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच आ जाती है, इस दौरान चांद धरती की छाया से पूरी तरह से छुप जाता है।     पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक दूसरे के बिल्कुल सीध में होते हैं। इस दौरान जब हम धरती से चांद देखते हैं तो वह हमें काला नजर आता है और इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है। राशियों पर कैसा रहेगा असर?     सिंह राशि के लिए 2025 का पहला चंद्र ग्रहण अच्छा नहीं रहेगा। आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। मानसिक तनाव बढ़ सकता है । इस अवधि में संभलकर रहने की जरूरत है।     मकर राशि वालों को भी सावधान रहने की जरूरत है। स्वास्थ्य ,करियर और व्यवसाय के लिए अनुकूल नहीं है। मीन राशि पर भी नकारात्मक रहेगा। परिवार को लेकर चिंतित हो सकते है।     मिथुन, वृषभ, कर्क और कुंभ के लिए ग्रहण अच्छा फल देना वाला साबित हो सकता है। ग्रहण में क्या करें और क्या नहीं?     ग्रहण के सूतक काल में पूजा पाठ बंद कर देना चाहिए।     सूर्य ग्रहण के अवधि के दौरान घर के पूजा वाले स्थान को पर्दे से ढक दें।     भूलकर भी देवी-देवताओं की पूजा न करें। सूर्य ग्रहण के दौरान खाना-पीना बिल्कुल न खाएं।     खाद्य पदार्थों में तुलसी के पत्ते डालकर रख दें।     ग्रहण की समाप्ति के बाद घर और पूजा स्थल को गंगाजल का छिड़काव करके शुद्ध किया जाता है।     गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें घर से     बाहर नहीं निकलना चाहिए और न ही ग्रहण देखना चाहिए। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 9

भोपाल से जबलपुर होते हुए रीवा तक चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस फिर धूम मचा रही, ट्रेन फिर तूफानी रफ्तार से दौड़ने लगी

रीवा भोपाल से जबलपुर होते हुए रीवा तक चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस फिर धूम मचा रही है. ट्रेन का पिछले ही महीने झांसी कोच फैक्ट्री में रिपेयर व मेकओवर पूरा हुआ था, जिसके बाद ये यह ट्रेन फिर तूफानी रफ्तार से दौड़ने लगे हैं. गौरतलब है कि सितंबर में रीवा-भोपाल वंदे भारत के इंजन व कोच में समस्याओं के साथ ट्रेन को रिपेयर के लिए भेज दिया गया था. हालांकि, रेलवे अधिकारियों का कहना था कि ट्रेन को शेड्यूल रिपेयर के हिसाब से मरम्मत के लिए भेजा गया. क्या हुए रीवा-भोपाल वंदे भारत में बदलाव? ट्रेन नंबर 20173 भोपाल-जबलपुर-रीवा वंदे भारत एक्सप्रेस मेंटनेंस के बाद फिर चमचमाती हुई नजर आने लगी है. पिछले महीने ट्रेन की मरम्मत और ब्यूटीफिकेशन का काम झांसी रेल नवीनीकरण कोच में पूरा हुआ था. इस दौरान ट्रेन के इंटीरियर और बाहर लुक्स को फिर नए जैसा बना दिया गया है. अंदर खराब हुई सीटों, इंटीरियर और अन्य फीचर्स को फिर बहाल किया गया है. वहीं कोच को बाहर लुक्स, टूटे हुए कांच बदलकर ट्रेन को फिर नए जैसा लुक दिया गया है. 130 की रफ्तार से फिर हुआ था ट्रायल रन पश्चिम मध्य रेलवे के मुताबिक ट्रेन नंबर 20173 भोपाल रीवा वंदे भारत एक्सप्रेस के इंजर और कोचों की मरम्मत के बाद फिरसे ट्रायल रन किया गया था. फरवरी में झांसी रेल कोच नवीनीकरण फैक्ट्री के डिप्टी सीएमई नितिन पचौरी की मौजूदगी में ट्रेन का डबरा से सोनगिर के बीच 130 की रफ्तार में ट्रायल रन लिया गया था, जिसके बाद इसे फिर भोपाल रवाना किया था. 4.15 घंटे में जबलपुर, 8.05 घंटे में रीवा रानी कमलापति-रीवा वंदे भारत एक्सप्रेस पहले की तरह हवा से बातें करते हुए भोपाल से जबलपुर और रीवा पहुंचती है. इस ट्रेन को जबलपुर से भोपाल पहुंचने में महज 4 घंटे 15 मिनट लगते हैं. ट्रेन दोपहर 3.30 बजे रानी कमलापति स्टेशन से प्रस्थान कर शाम 7.45 पर जबलपुर पहुंच जाती है. वहीं रात 11.35 पर ये रीवा पहुंचती है. भोपाल से रीवा के बीच यह ट्रेन नर्मदापुरम, इटारसी, पिपरिया, नरसिंहपुर, जबलपुर, कटनी, मैहर और सतना में रुकती है. कितना है भोपाल-जबलपुर-रीवा वंदे भारत का किराया? ट्रेन नंबर 20173 भोपाल रीवा वंदे भारत एक्सप्रेस से अगर आप भोपाल से रीवा सफर करते हैं तो चेयर कार में 1495 रु और एग्जीक्यूटिव क्लास में 2760 रु देने पड़ते हैं. वहीं भोपाल से जबलपुर तक के सफर में चेयर कार में 1120 रु और एग्जीक्यूटिव क्लास में 1985 रु चुकाने पड़ते हैं.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 11

बजट में आज किसानों को गेहूं, धान, श्रीअन्न के उत्पादन के लिए किया जाएगा प्रोत्साहित, 2025-26 में एक लाख पदों पर होंगी भर्तियां

भोपाल आज 12 मार्च यानी बुधवार को विधानसभा में मोहन सरकार का दूसरा बजट प्रस्तुत होगा। जाहिर है कि मोदी सरकार के बजट की रोशनी में इसे तैयार किया गया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ज्ञान मंत्र पर आधारित रहेगा। ज्ञान यानी गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी। इसके लिए चार मिशन भी लागू किए जा चुके हैं। अब बजट में पूर्व से संचालित योजनाओं में प्रावधान किए जाएंगे। वहीं, किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कृषक उन्नति योजना प्रारंभ करने की घोषणा हो सकती है। इसमें गेहूं, धान और श्रीअन्न के उत्पादन पर प्रोत्साहन दिया जाएगा। 2025-26 में एक लाख पदों पर होंगी भर्तियां     युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए अगले दो वर्ष में ढाई लाख सरकारी रिक्त पदों पर भर्ती का रोडमैप भी प्रस्तुत किया जा सकता है। 2025-26 में एक लाख पदों पर राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाएं कराकर भर्तियां की जाएंगी।     मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि और उससे संबद्ध क्षेत्र हैं। एक करोड़ से अधिक खातेदार कृषक हैं, जिनमें 67 प्रतिशत लघु और सीमांत हैं। किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए भारत सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य से इतर प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है।     अब इसके लिए जितने भी प्रावधान होंगे, वे सब कृषक उन्नति योजना में किए जाएंगे। कैबिनेट योजना को मंजूरी दे चुकी है। इसके प्रविधान कृषि बजट में किए जाएंगे। उत्पादन में वृद्धि के लिए आवश्यक सिंचाई क्षमता का विस्तार सरकार की प्राथमिकता में है।     इसे ध्यान में रखते हुए केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो योजना के लिए राज्यांश बढ़ाएगी। उल्लेखनीय है कि दोनों नदी जोड़ो परियोजना का हिस्सा हैं, जिसमें 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी।     सिंचाई क्षमता 50 लाख से बढ़ाकर 100 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाने के लिए जल संसाधन और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं के लिए बजट प्रावधान बढ़ाया जाएगा। अधोसंरचना विकास पर रहेगा जोर सरकार को जोर पिछले वर्षों की तरह इस बार भी अधोसंरचना विकास पर रहेगा। दरअसल, अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए औद्योगिकीकरण आवश्यक है। इसके लिए नए औद्योगिक केंद्र विकसित किए जाएंगे तो सड़क, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर काम होगा। नगरीय क्षेत्रों में डेढ़ हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग उन सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर बनाएगा, जो पूर्व से स्वीकृत हैं। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण तेजी के साथ करने के लिए बजट आवंटित किया जाएगा। विभाग को दस हजार करोड़ रुपये से अधिक बजट मिल सकता है। इसी तरह स्कूल और कॉलेजों का बजट भी बढ़ाया जाएगा ताकि गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए आवश्यक संसाधनों की पूर्ति सुनिश्चित हो सके। आवास के लिए पांच हजार करोड़ रुपये सूत्रों का कहना है कि आने वाले तीन वर्षों में 30 लाख से अधिक आवास शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए जाएंगे। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को राशि उपलब्ध कराई जाएगी। उल्लेखनीय है कि शहरी क्षेत्रों में आगामी तीन वर्षों में दस लाख और ग्रामीण क्षेत्रों में 20 लाख आवास बनाए जाने का लक्ष्य है। इसके लिए पांच हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा सकता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 8

वर्ष 2025-26 के लिए किए गए शराब ठेकों के समूहों की नीलामी से 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक मिलने की उम्मीद

भोपाल  मध्य प्रदेश में शराब के दाम 10 प्रतिशत बढ़ सकते हैं। वजह यह है कि राज्य सरकार ने शराब पर 10 प्रतिशत वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) बढ़ाने का निर्णय लिया है। उदाहरण के लिए शराब पर वैट 350 रुपये प्रूफ लीटर था, 10 प्रतिशत बढ़ोतरी करने पर यह 385 रुपये प्रूफ लीटर हो जाएगा। बता दें कि एक लीटर के बराबर एक प्रूफ लीटर होता है।     हालांकि, वैट बढ़ाने के साथ ही आबकारी विभाग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि शराब निर्माता कंपनी मनमाने तरीके से शराब का मूल्य नहीं बढ़ा सकेंगी।     दरअसल, शराब निर्माता कंपनी का तर्क होता है कि उनकी शराब विभिन्न राज्यों में विक्रय की जाती है।     ऐसे में दूसरे राज्यों से तुलना कर शराब की कीमत में वृद्धि की जाती है।     लेकिन अब शराब की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और (एमआरपी) मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्यों में शराब पर वैट और कीमत की तुलना कर जो राज्य के अनुकूल होगा, उसके आधार पर ही शराब का मूल्य तय किया जाएगा। 31 जिलों में शराब के ठेकों की ई-टेंडरिंग और बिड से होगी नीलामी मध्य प्रदेश में 21 जिलों में शराब ठेकों की 100 प्रतिशत नीलामी की जा चुकी है। 81 समूहों ने शराब के ठेके उठाए हैं। अब 31 जिलों में शराब के ठेके होना है। नीलामी की प्रक्रिया के बावजूद जबलपुर और दमोह सहित अन्य जिलों में ठेके नहीं उठ पा रहे हैं। यहां ई-टेंडरिरंग और बिडिंग से नीलामी की जाएगी। 21 जिलों में नीलामी पूरी अभी तक 21 जिलों में शराब ठेकों की नीलामी पूरी हो चुकी है। 81 समूहों ने ठेके लिए हैं। 31 जिलों में अभी नीलामी होनी बाकी है। कुछ जिलों जैसे जबलपुर और दमोह में ठेके नहीं उठ पा रहे हैं। विभाग ई-टेंडरिंग और बिडिंग पर विचार कर रहा है। राजस्व का लक्ष्य  चालू वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार का 15 हजार करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य है, जिसमें से 12,500 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है। यह लक्ष्य इसी महीने हासिल कर लिया जाएगा। वहीं, वर्ष 2025-26 के लिए शराब ठेकों की नीलामी से 17 हजार करोड़ रुपये से अधिक की आय होने की उम्मीद है। शराब की कीमतें भले ही हर साल बढ़ती रहे मगर दूसरी तरफ उसकी खपत में कमी होने के बजाय उल्टा बढ़ोतरी हो रही है। इस बार भी शासन ने अपनी आबकारी नीति में वर्तमान शराब ठेकेदारों को ही यह विकल्प दिया कि वे 20 प्रतिशत अधिक दर पर अपनी दुकानों का आगामी वित्त वर्ष के लिए नवीनीकरण करा सकते हैं, जिसके चलते इंदौर जिले में 80 की बजाय 83 फीसदी बढ़ा हुआ राजस्व 139 दुकानों पर प्राप्त हुआ और 1476 करोड़ रुपए की ये दुकानें नीलाम हो गई। अब सिर्फ 13 समूह की 34 दुकानें बची है, जिनका आरक्षित मूल्य 304 करोड़ रुपए आंका गया है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 15

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन लोगों की जांच कर रहा है जो खेती के नाम पर गलत तरीके से इनकम टैक्स बचा रहे हैं

नई दिल्ली  अगर आप खेती के नाम पर गलत तरीके से इनकम टैक्स बचा रहे हैं तो आपके ऊपर कार्रवाई हो सकती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (IT विभाग) उन लोगों की जांच कर रहा है जो खेती के नाम पर गलत तरीके से इनकम टैक्स बचा रहे हैं। बता दें कि खेती की आमदनी पर इनकम टैक्स और जीएसटी दोनों ही नहीं लगता। दरअसल, कई दशकों से खेती की आमदनी और जमीन बेचने का इस्तेमाल ब्लैक मनी को सफेद करने और टैक्स बचाने के लिए होता रहा है। अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पूरे देश में छानबीन कर रहा है। कई राज्यों में ऐसे मामले सामने आए हैं जहां लोगों और कंपनियों ने बिना जमीन के ही 50 लाख रुपये या उससे ज्यादा की खेती की आमदनी दिखाई है। विभाग की किन मामलों पर नजर? इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कई ऐसे मामलों पर भी नजर रखे हुए है जहां 5 लाख रुपये प्रति एकड़ की फर्जी खेती की आमदनी दिखाई गई है। ये आंकड़े आम चलन और सरकारी आंकड़ों से बिलकुल मेल नहीं खाते। अगर विभाग इस मामले की गहराई से जांच करता है तो कई जगहों पर बवाल हो सकता है। क्योंकि कई बड़े नेता और रसूखदार लोग सीधे-सीधे या परोक्ष रूप से जमीन के मालिक हैं। ये जांच उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। जयपुर से शुरू हुई जांच इकॉनमिक टाइम्स के मुताबिक यह जांच जयपुर के कुछ मामलों से शुरू हुई है। इन मामलों में कुछ लोगों ने अपने इनकम टैक्स रिटर्न में 50 लाख रुपये से ज्यादा की खेती की आमदनी दिखाई थी। 'हाई-रिस्क केस' के तौर पर चिन्हित इन मामलों में विभाग टैक्स भरने वालों के दावों की जांच करेगा। ये मामले साल 2020-21 के हैं। आशीष करुंडिया एंड कंपनी के फाउंडर आशीष करुंडिया बताते हैं कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने जिन लोगों की पहचान की है उन्हें ये साबित करना होगा कि उन्होंने अपनी जमीन खेती के लिए इस्तेमाल की है। खासकर जब पहले भी सैटेलाइट इमेज से खेती की जांच की जाती रही है। ये आमदनी में शामिल नहीं जमीन की प्लॉटिंग और बिक्री, शहर की जमीन बेचना, कमर्शियल इस्तेमाल के लिए फार्महाउस किराए पर देना, मुर्गी पालन और ऐसी ही दूसरी गतिविधियों से होने वाली आमदनी खेती से मिलने वाली आमदनी में शामिल नहीं है। इस पर टैक्स देना होगा। अगर किसी ने अपनी गैर-खेती जमीन स्टांप ड्यूटी वैल्यू से कम दाम पर बेची है तो उन पर भी टैक्स लग सकता है। ये शामिल हो सकता है खेती की आमदनी में फसल बेचने से होने वाली कमाई या जमीन का किराया शामिल हो सकता है। ये जमीन नगर निगम की सीमा से बाहर होनी चाहिए और कानून में तय न्यूनतम आबादी वाले इलाके में होनी चाहिए। खेती की जमीन बेचने से होने वाला मुनाफा भी टैक्स से छूट सकता है। ये तब होगा जब जमीन इनकम टैक्स ऐक्ट, 1961 की धारा 2(14)(iii) में दी गई 'कैपिटल असेट' की परिभाषा में नहीं आती हो। इन मामलों में टैक्स 'कैपिटल असेट' के तौर पर पहचान के लिए, खेती की जमीन गांव की या शहरी, दोनों ही हो सकती है। जब गांव की जमीन बेची जाती है तो उस पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगता। लेकिन शहरी खेती की जमीन बेचने पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है। सिर्फ किसान ही नहीं, बल्कि दूसरे लोग भी खेती की जमीन खरीदते हैं। वो इसका इस्तेमाल दूसरे कामों के लिए करते हैं। इसके लिए जरूरी मंजूरियां और शुल्क चुकाना पड़ता है। खेती की आमदनी के मामले में खेती की उपज के सबूत दिखाए जा सकते हैं। लेकिन अगर किसी के पास इतनी आमदनी है जिसके लिए उपज या बिक्री का कोई सबूत नहीं है तो गलत तरीके से छूट का दावा करने पर जुर्माना लग सकता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 13

ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन 30.68 करोड़ के पार, फ्री बीमा समेत मिलते हैं ये फायदे, , 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं

नई दिल्ली ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों की संख्या बढ़कर 30.68 करोड़ से अधिक हो गई है। अच्छी बात यह है कि इनमें से 53.68 प्रतिशत (3 मार्च तक) महिलाएं हैं। बताना चाहेंगे केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री, शोभा करंदलाजे ने लोकसभा को यह जानकारी दी। 21 अक्टूबर, 2024 को ई-श्रम-“वन-स्टॉप-सॉल्यूशन” किया गया था लॉन्च असंगठित श्रमिकों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंच प्रदान करने के लिए वन-स्टॉप-सॉल्यूशन के रूप में ई-श्रम को विकसित करने की बजट घोषणा के विजन को ध्यान में रखते हुए, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 21 अक्टूबर, 2024 को ई-श्रम-“वन-स्टॉप-सॉल्यूशन” लॉन्च किया। इस पोर्टल पर विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को एकीकृत करना शामिल “ई-श्रम-“वन-स्टॉप-सॉल्यूशन” में एक ही पोर्टल पर विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को एकीकृत करना शामिल है। यह ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं तक पहुंचने और ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से अब तक उनके द्वारा प्राप्त लाभों को देखने में सक्षम बनाता है। 13 योजनाओं को ई-श्रम के साथ पहले ही किया जा चुका एकीकृत अब तक, विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों की 13 योजनाओं को पहले ही ई-श्रम के साथ एकीकृत किया जा चुका है, जिनमें प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (एनएफबीएस), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), आयुष्मान भारत योजना शामिल हैं। ई-श्रम पोर्टल को राष्ट्रीय करियर सेवा के साथ किया एकीकृत रोजगार और कौशल विकास के अवसर प्रदान करने के लिए ई-श्रम पोर्टल को राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) और स्किल इंडिया डिजिटल पोर्टल के साथ भी एकीकृत किया गया है। वहीं, पेंशन योजना के तहत नामांकन की सुविधा के लिए, ई-श्रम को प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (पीएमएसवाईएम) के साथ एकीकृत किया गया है। असंगठित श्रमिकों का बड़ा राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए किया था ई-श्रम पोर्टल लॉन्च मंत्रालय ने आधार से जुड़े असंगठित श्रमिकों का एक बड़ा राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए 26 अगस्त, 2021 को ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया था। ई-श्रम पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को सेल्फ-डिक्लेरेशन के आधार पर एक यूएएन प्रदान करके उनका पंजीकरण करके सहायता करना है। क्या है ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना बेहद आसान है. मजदूर अपना रजिस्ट्रेशन खुद ऑनलाइन कर सकते हैं या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से भी करवा सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट में आधार कार्ड, बैंक अकाउंट डिटेल्स और मोबाइल नंबर की जरूरत होती है. 13 योजनाओं का मिलता है फायदा अब तक विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की 13 योजनाओं को ई-श्रम के साथ इंटीग्रेट किया जा चुका है. इन योजनाओं में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY), आयुष्मान भारत, पीएम-स्वनिधि, पीएम आवास योजना आदि शामिल हैं. ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड मजदूरों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) के तहत 2 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस फायदा मिलता है. इसमें इंश्योरेंस के लिए मजदूरों को प्रीमियम देने की जरूरत नहीं है. किन लोगों को मिल सकता है फायदा? रेहड़ी-पटरी वाले खोमचा लगाने वाले सब्जी और दूध बेचने वाले लोग घर बनाने वाले लोग रिक्शा और ठेला चालक नाई धोबी दर्जी मोची आदि Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 7