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MPIDC के इंदौर-पीथमपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर को लेकर सरकार ने 60% विकसित भूखंड देने का फैसला किया

इंदौर  इंदौर-पीथमपुर इकॉनोमिक कॉरिडोर(Indore-Pithampur Economic Corridor) के लिए सरकार ने अपनी लैंड पुलिंग पॉलिसी बदल दी। किसानों को जमीन के बदले 60 फीसदी विकसित भूखंड मिलेंगे। अब एमपीआइडीसी भी बदलाव करने जा रहा है। विभाग किसानों तक पहुंचने जा रहा है। गांव-गांव में शिविर लगाकर सहमति पत्र लिया जाएगा।  एमपीआइडीसी के इस कॉरिडोर को लेकर सरकार ने 60% विकसित भूखंड देने का फैसला किया है। 20.24 किमी लंबे कॉरिडोर में 1291 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी। अब तक सवा सौ बीघा जमीन के पत्र आए असर यह हुआ कि नियमित एमपीआइडीसी के दफ्तर में किसान सहमति पत्र लेकर पहुंच रहे हैं। अब तक सवा सौ बीघा जमीन के पत्र आ गए हैं तो रोज बड़ी संख्या में किसानों के मिलने का सिलसिला जारी है। मालूम हो, 1291 हेक्टेयर जमीन के करीब 3500 से अधिक मालिक हैं। कई लोगों के पास जमीन के अलग-अलग हिस्से भी हैं। कार्यालय आना आसान भी नहीं होता, जिसको देखते हुए गांवों में शिविर लगाए जाएंगे। कलेक्टर ने ली बैठक  एमपीआइडीसी कार्यालय पर कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज करने और जमीन मालिकों से बात कर सहमति लेने के निर्देश दिए। भूमि अधिग्रहण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में एमपीआइडीसी के राजेश राठौड़, जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन, एडीएम ज्योति शर्मा, एसडीएम गोपाल वर्मा, राकेश मोहन त्रिपाठी, राकेश परमार आदि मौजूद है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 5

EV दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के मामले में मध्य प्रदेश देश में आठवें स्थान पर

भोपाल  मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) से होने वाली दुर्घटनाओं में 2024 में 89 लोगों की जान चली गई। 868 लोग घायल हुए। यह आंकड़ा राज्यसभा में पेश किया गया। इसके अनुसार ईवी दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के मामले में मध्य प्रदेश देश में आठवें स्थान पर है। हालांकि, 2022 से मौतों की संख्या में कमी आई है, लेकिन दुर्घटनाएं 2023 से स्थिर हैं। सरकार ईवी बैटरी की सुरक्षा को लेकर भी चिंतित है और उसने सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए हैं। कुल 663 EV दुर्घटनाएं हुईं। उत्तराखंड 369 मौतों के साथ पहले स्थान पर है। मध्य प्रदेश से ऊपर अन्य राज्य बिहार (230 मौतें), महाराष्ट्र (154 मौतें), राजस्थान (144 मौतें), पश्चिम बंगाल (133 मौतें), असम (117 मौतें) और कर्नाटक (99 मौतें) हैं। भारत में सड़क दुर्घटनाएं रिपोर्ट में खुलासा अच्छी बात यह है कि मध्य प्रदेश में EV दुर्घटनाओं और उनसे होने वाली मौतों की संख्या में पिछले तीन सालों में कमी आई है। यह जानकारी राज्यसभा में दी गई। पूरे देश में 2024 में EV से जुड़ी सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 7,575 थी। इनमें 1,947 लोगों की जान गई और 9,318 लोग घायल हुए। राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार सरकार 'भारत में सड़क दुर्घटनाएं' नाम से एक वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित करती है। यह रिपोर्ट राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मिले आंकड़ों पर आधारित होती है। राज्य सरकारें डालती हैं डाटा मंत्रालय ने बताया है कि एमओआरटीएच द्वारा ईवी से जुड़ी सड़क दुर्घटनाओं के बारे में अलग से कोई जानकारी नहीं जुटाई जा रही है। हालांकि, MoRTH के पास एक इलेक्ट्रॉनिक वेब पोर्टल है – eDAR। यह सड़क दुर्घटना के आंकड़ों की रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए एक केंद्रीय जगह है। इसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू कर दिया गया है। पोर्टल पर डेटा राज्य सरकारें डालती हैं। मध्य प्रदेश में EV से जुड़ी सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में काफी कमी आई है। 2022 में, EV दुर्घटनाओं की कुल संख्या 1067 थी, जिसमें 250 लोगों की जान चली गई। 2023 में यह संख्या घटकर 670 हो गई, जिसमें 140 लोगों की जान गई। 2024 में दुर्घटनाओं की संख्या 663 रही और 89 लोगों की जान गई। सुझाव से संशोधन सरकार ने राज्यसभा में यह भी बताया कि EV बैटरी में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं। MoRTH ने बैटरी और उसके घटकों, BMS (बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम) और संबंधित प्रणालियों के लिए सुरक्षा मानकों का सुझाव देने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई थी। समिति के सुझावों के आधार पर MoRTH ने ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स (AIS) में संशोधन किया है। ये संशोधन 1 दिसंबर, 2022 से लागू हैं। AIS के कुछ नियम 31 मार्च, 2023 से प्रभावी हैं। इन संशोधनों से EV बैटरी और उसके घटकों के लिए मानकों और तकनीकी आवश्यकताओं को बढ़ाया गया है। इसके अलावा, MoRTH ने 19 दिसंबर, 2022 को एक नोटिफिकेशन जारी किया है। यह नोटिफिकेशन सभी प्रकार के EV, जिनमें क्वाड्रिसाइकिल, ई-रिक्शा, दोपहिया और चार पहिया वाहन शामिल हैं, के लिए उत्पादन की अनुरूपता (COP) की आवश्यकताओं से संबंधित है। सरकार ने यह जवाब दिया। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 9

अपने राजा के जन्मोत्सव के लिए पूरा शहर सजकर तैयार हो गया

 ओरछा बेतवा नदी पर बसा ऐतिहासिक शहर ओरछा रामनवमी के लिए सजकर तैयार हो गया है। इसे छोटी अयोध्या भी कहा जाता है क्योंकि यहां राजा राम का भव्य व विश्वभर में मशहूर मंदिर(Ram Raja Sarkar Mandir) है। हर साल रामराजा सरकार के दर्शन के लिए 7-8 लाख श्रद्धालु आते हैं। रामनवमी पर यहां भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। राम नवमी को लेकर शहर में अब उत्साह चरम पर है। पूरा शहर सजकर तैयार अपने राजा के जन्मोत्सव(Ram Navami 2025) के लिए पूरा शहर सजकर तैयार हो गया है। राम जन्मोत्सव परिवार द्वारा सुबह से प्रभातफेरी निकाल कर हर घर में आमंत्रण दिए जा रहे है तो शाम को भगवान राम की जगह-जगह महाआरती की जा रही है। शुक्रवार की शाम 8.30 बजे संगम गार्डन में राम जन्मोत्सव परिवार ने महाआरती का आयोजन किया। वहीं अयोध्या में विराजमान रामलला की 5 फीट की सुंदर प्रतिमा की आरती की गई। ये प्रतिमा इस बार 6 अप्रैल को शोभायात्रा में मुंबई की ढोल पार्टी के साथ निकाली जाएगी। ऐसी हैं तैयारियां रामराजा सरकार के मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है। इसकी सजावट के लिए देश की राजधानी दिल्ली से दो ट्रक भरकर फूल मंगवाए गए। रामनवमी पर रामराजा सरकार पालने में विराजमान होंगे, जो भक्तों के आकर्षण का मुख्य केंद्र रहेगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 10

तमिलनाडु को रामनवमी पर मिलेगी बड़ी सौगात! PM Modi करेंगे नए पंबन रेल पुल का उद्घाटन

 रामेश्वरम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अप्रैल, रामनवमी को तमिलनाडु के दौरे पर जा रहे हैं. रामनवमी के अवसर पर दोपहर करीब 12 बजे वे भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल – नए पंबन रेल पुल का उद्घाटन करेंगे और सड़क पुल से एक ट्रेन और एक जहाज को रवाना करेंगे तथा पुल के संचालन को देखेंगे. इसके बाद दोपहर करीब 12:45 बजे वे रामेश्वरम में रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे. रामेश्वरम में दोपहर करीब 1:30 बजे वे तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इस अवसर पर वे उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री नए पंबन रेल पुल का उद्घाटन करेंगे और रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) नई ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाएंगे. रामायण में वर्णित अख्यान के अनुसार रामेश्वरम के पास राम सेतु का निर्माण धनुषकोडी से शुरू हुआ था. वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल का पीएम करेंगे उद्घाटन रामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला यह पुल वैश्विक मंच पर भारतीय इंजीनियरिंग की एक उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में खड़ा है. इसे 700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है. इसकी लंबाई 2.08 किमी है, इसमें 99 स्पैन और 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है जो 17 मीटर की ऊंचाई तक उठता है. स्टेनलेस स्टील सुदृढीकरण, उच्च श्रेणी के सुरक्षात्मक पेंट और पूरी तरह से वेल्डेड जोड़ों के साथ निर्मित, पुल में अधिक स्थायित्व और कम रखरखाव की आवश्यकता है. भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए इसे दोहरी रेल पटरियों के लिए डिज़ाइन किया गया है. एक विशेष पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग इसे जंग से बचाती है, जिससे कठोर समुद्री वातावरण में दीर्घायु सुनिश्चित होती है. 8300 करोड़ की परियोजना की देंगे सौगात प्रधानमंत्री तमिलनाडु दौरे के दौरान राज्य में 8,300 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली विभिन्न सड़क और रेल परियोजनाओं की आधारशिला रखेंग. इन परियोजनाओं में एनएच-332 के 29 किलोमीटर लंबे विलुप्पुरम-पुडुचेरी खंड को चार लेन का बनाने का काम, एनएच-40 के 28 किलोमीटर लंबे वालाजापेट-रानीपेट खंड को चार लेन का बनाने का शिलान्यास और एनएच-32 के 57 किलोमीटर लंबे पूंडियनकुप्पम-सत्तनाथपुरम खंड और एनएच-36 के 48 किलोमीटर लंबे चोलापुरम-तंजावुर खंड को राष्ट्र को समर्पित करना शामिल है. ये राजमार्ग कई तीर्थस्थलों और पर्यटन स्थलों को जोड़ेंगे, शहरों के बीच की दूरी कम करेंगे और मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, बंदरगाहों तक तेजी से पहुंच को सक्षम करेंगे, इसके अलावा स्थानीय किसानों को कृषि उत्पादों को नजदीकी बाजारों तक पहुंचाने और स्थानीय चमड़ा और लघु उद्योगों की आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने में सशक्त बनाएंगे. पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल पुल है पंबन यह नया पुल 2,078 मीटर लंबा और पुराने पुल की तुलना में कहीं अधिक आधुनिक और मजबूत बनाया गया है. यह देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल पुल है, जो समुद्री यातायात को सुगम बनाने के लिए ऊपर उठ सकता है. इसका निर्माण बेहतर सुरक्षा और अधिक भार सहन क्षमता को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जिससे यह भविष्य में तेज रफ्तार ट्रेनों को भी सुचारू रूप से संचालित करने में सक्षम होगा. 1914 में बना था पुराना पंबन पुल इससे पहले केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था, "1914 में निर्मित पुराने पंबन रेल पुल ने 105 वर्षों तक मुख्य भूमि को रामेश्वरम से जोड़ा. दिसंबर 2022 में जंग लगने के कारण इसे बंद कर दिया गया, जिसने आधुनिक नए पंबन पुल के लिए मार्ग प्रशस्त किया, जो कनेक्टिविटी के एक नए युग की शुरुआत करेगा!" इस पुल के चालू होने से रामेश्वरम आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलेगी. साथ ही, यह पुल दक्षिण भारत के रेलवे नेटवर्क को और अधिक मजबूत करेगा. इस ऐतिहासिक परियोजना का उद्घाटन राम नवमी जैसे शुभ दिन पर किया जाना इसे और भी खास बना देता है. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 12

पूर्वजों का आशीर्वाद चाहिए तो चैत्र पूर्णिमा के दिन करें पिंडदान

हिंदू धर्म में पूर्णिमा की तिथि बहुत पावन मानी गई है. हर माह में एक पूर्णिमा पड़ती है. अभी चैत्र का महीना चल रहा है. इस महीने की समाप्ति पूर्णिमा के दिन होगी. फिर अगले दिन से वैशाख का महीना शुरू हो जाएगा. चैत्र पूर्णिमा के दिन स्नान दान किया किया जाता है. चैत्र पूर्णिमा के दिन श्रद्धालु गंगा समेत पावन नदियों में स्नान करते हैं. साथ ही दान-पुण्य करते हैं. चैत्र पूर्णिमा के दिन जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी का पूजन होता है. इस दिन पूजा के समय भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को श्रीफल और चावल की खीर चढ़ानी चाहिए. चैत्र पूर्णिमा की तिथि पूजा-पाठ के साथ-साथ पितरों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. इस दिन पितरों का तर्पण और पिंंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है. पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि चैत्र पूर्णिमा के दिन किस विधि से पिंडदान करना चाहिए. कब है चैत्र पूर्णिमा ? हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 12 अप्रैल को देर रात 3 बजकर 21 मिनट पर हो जाएगी. वहीं इस तिथि की समाप्ति 13 अप्रैल को सुबह सुबह 5 बजकर 51 मिनट पर हो जाएगी. हिंदू धर्म में उदया तिथि मानी जाती है. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 13 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा मनाई जाएगी. पिंडदान की विधि चैत्र अमावस्या के दिन सर्व प्रथम स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें. फिर एक वेदी बनाएं और उस पर पूर्वजों की तस्वीर रखें. फिर वेदी पर काले तिल, जौ, चावल और कुश रखें. इसके बाद गाय के गोबर, आटे, तिल और जौ से एक पिंड बना लें. फिर उस पिंड को पितरों को अर्पित को अर्पित करें. पितरों के मंत्रों का जाप करें. उनको जल अर्पित करें. ध्यान रखें कि पूर्वजों का पिंडदान हमेशा जानकार पुरोहित की उपस्थिति में ही करें. पिंडदान के बाद ब्राह्मणों को भोजन अवश्य कराएं और उनको दान भी दें. पिंडदान के नियम पूर्वजों का पिंडदान गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी के तट पर जाकर करें. पिंडदान हमेशा दोपहर के समय करें. पूर्वजों के पिंडदान के लिए दोपहर का समय सबसे अच्छा माना जाता है. पिंडदान करते समय, पितरों का ध्यान करें. उनसे आशीर्वाद देने की प्रार्थना करें. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 9

इंदौर सहित पांच जिलों को मिलाकर IMR तैयार किया जा रहा, पर्यावरण और कनेक्टिवटी पर रहेगा जोर

इंदौर  इंदौर सहित पांच जिलों को मिलाकर इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन (आइएमआर) तैयार किया जा रहा है। कंसल्टेंट कंपनी ने प्राथमिक रिपोर्ट पेश कर दी है, जिसमें क्षेत्र के इकट्ठा हुए डाटा के आधार पर खाका खींचा गया है। अब उसमें मंत्री व कलेक्टर के सुझाव को शामिल किया जाएगा, जिसके बाद कंपनी फाइनल रिपोर्ट पेश करेगी। इंदौर, उज्जैन, धार, देवास, शाजापुस के हजारों गांव जुड़ेंगे इंदौर, उज्जैन, धार, देवास और शाजापुर की 29 तहसीलों के 1756 गांवों को मिलाकर 2051 के हिसाब से इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन का प्लान तैयार किया जा रहा है। 9336 वर्ग किमी एरिया में कनेक्टिविटी, उद्योग और पर्यावरण का संतुलन बनाया जाएगा ताकि बेतरतीब विकास पर नियंत्रण किया जा सके। इसको तैयार करने का काम इंदौर की मेहता एंड एसोसिएट कंपनी को दिया गया है, जिसने प्रारंभिक रिपोर्ट पेश कर दी है। दूसरी रिपोर्ट के लिए तैयारी शुरू प्लान तैयार करने के काम में कंपनी के डेढ़ दर्जन से अधिक विशेषज्ञ पिछले दो माह से जुटे हुए हैं जिन्होंने सभी जिलों से 26 बिंदुओं पर डाटा इकट्ठा किया। बिखरी हुई जानकारी होने की वजह से टीम को पसीने छूट गए। फिर भी बाद में शामिल हुए शाजापुर की जानकारी पूरी नहीं आई है। हालांकि मोटी मोटी जानकारी के आधार पर पूरे क्षेत्र की रिपोर्ट तैयार कर ली गई है जिसे कलेक्टर आशीष सिंह को सौंप दी गई। अब कम्पनी ने दूसरे चरण का काम शुरू कर दिया है जिसमें भौगोलिक स्थिति के साथ क्षेत्र की विशेषता और सामने आए डाटा के आधार पर विश्लेषण किया जा रहा है तो साथ में मैपिंग भी हो रही है। दूसरी रिपोर्ट में रीजन की पिक्चर सामने आ जाएगी। 1. इंदौर जिला क्षेत्रफल – 3901.6 वर्ग किमी प्रतिशत – 100 तहसील – बिचौली हप्सी, देपालपुर, महू, हातोद, इंदौर, कनाड़िया, खुड़ैल, मल्हारगंज, राऊ और सांवेर गांव – 690 2. उज्जैन जिला क्षेत्रफल – 2740.5 वर्ग किमी प्रतिशत – 44.99 तहसील – बड़नगर, घटिया, खाचरौद, कोठीमहल, नागदा, तराना, उज्जैन, उज्जैन नगर और उन्हेल गांव – 512 3. देवास जिला क्षेत्रफल – 2086.3 वर्ग किमी प्रतिशत – 29.72 तहसील – बागली, देवास, देवास नगर, हाटपिपल्या, सोनकच्छ और टोक खुर्द, गांव – 444 4. धार जिला क्षेत्रफल – 574.4 वर्ग किमी प्रतिशत – 7.04 तहसील – बदनावर, धार और पीथमपुर, गांव – 107 5. शाजापुर जिला क्षेत्रफल – 33.3 वर्ग किमी प्रतिशत – 0.54 तहसील – शाजापुर, गांव – 03 मंत्री और कलेक्टर ने दिए सुझाव पिछले माह इंदौर कलेक्टोरेट में आइएमआर में शामिल जिलों के संभागायुक्त, कलेक्टर और जनप्रतिनिधियों की बैठक बुलाई गई थी। प्रेजेंटेशन देकर उन्हें जानकारी दी गई तो उस दौरान कुछ जनप्रतिनिधियों ने मौके पर ही सुझाव दिए थे तो बाकी से लिखित में सुझाव अपेक्षित किए गए थे। उसमें मंत्री तुलसीराम सिलावट व देवास कलेक्टर ने सुझाव दिए हैं। अब उन पर विचार किया जाएगा।     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 7

पीएम ई-बस योजना के तहत प्रदेश के 6 शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन और सागर में ई-बसें चलाई जाएंगी

भोपाल  मध्यप्रदेश के छह शहरों में 582 ई-बसों(E-Bus) का संचालन जल्द शुरू करने की तैयारी चल रही है। लेकिन इन बसों का संचालन नगरीय निकायों को महंगा पड़ सकता है क्योंकि इनके संचालन के लिए जीसीसी यानी ग्रॉस कॉस्ट कॉन्ट्रेक्ट मॉडल अपनाया गया है। इसमें इलेक्ट्रिक बस, ड्राइवर, कंडक्टर और मेंटेनेंस की जिम्मेदारी संबंधित कंपनी की ही रहेगी। सरकार केवल प्रति किलोमीटर के हिसाब से उसे भुगतान करेगी। प्रतिदिन न्यूनतम 180 किलोमीटर का भुगतान किया जाएगा। इंदौर में अभी एक एजेंसी 65 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से ई-बसें संचालित कर रही है।  भोपाल की सड़कों पर अगले छह महीनों में दो बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। पहला बदलाव जुलाई तक भोपाल मेट्रो की शुरुआत है। दूसरा बदलाव शहर की बसों के बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों का जुड़ना है। पीएम ई-बस योजना के तहत राज्य के 6 शहरों (भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और सागर) में पीपीपी मॉडल पर 552 शहरी ई-बसें चलाई जाएंगी। इसे पिछले फरवरी में मंजूरी मिली थी। शहरी विकास और आवास विभाग के अतिरिक्त आयुक्त डॉ. परीक्षित जाडे ने हमारे सहयोगी टीओआई को बताया कि हम उम्मीद करते हैं कि पीएम ई-बस योजना के तहत ये इंट्रासिटी बसें 2025 के मध्य या अंत तक शुरू हो जाएंगी। इस बदलाव का उद्देश्य हजारों छात्रों और अन्य सार्वजनिक परिवहन उपयोगकर्ताओं के लिए सार्वजनिक परिवहन के वित्तीय बोझ को कम करना है। महामारी की समाप्ति के बाद से ये लोग सब्सिडी वाले बस पास का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।  यदि नई ई-बसों का कॉन्ट्रेक्ट 60 रुपए प्रति किलोमीटर में होता है तो एक बस को 180 किमी का प्रतिदिन 10800 रुपए का भुगतान होगा, चाहे उसमें सवारियां बैठे या नहीं। इस प्रकार बसों का संचालन करने वाली एजेंसी को 582 बसों का प्रतिदिन 62 लाख 85 हजार 600 रुपए मिलेगा। एक महीने में यह राशि 18 करोड़ 85 लाख 68 हजार रुपए होगी। टेंडर जारी पीएम ई-बस योजना के तहत प्रदेश के 6 शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन और सागर में ई-बसें चलाई जाएंगी। इसके लिए कंपनी की तलाश शुरू हो गई है। रेट तय करने के लिए सरकार ने टेंडर जारी किया है। जो कंपनी सबसे कम रेट देगी उसे संचालन का काम मिलेगा। यह सुविधा तीन माह के अंदर शुरू करने की तैयारी की जा रही है। कुल 582 ई-बसें चलेंगी। इनमें से 472 बसें नौ मीटर वाली होंगी जिनमें लगभग 32 सीट होंगी। जबकि 110 बसें सात मीटर वाली होंगी जो 21 सीटर होंगी। कहां कितनी ई-बसें चलेंगी     भोपाल – 100     इंदौर – 150     जबलपुर – 100     उज्जैन – 100     ग्वालियर – 100     सागर – 32 टिकट एजेंसी का जिम्मा निकाय का इन बसों के चार्जिंग की व्यवस्था भी मिलजुलकर की जा रही है। चार्जिंग स्टेशन और डिपो राज्य सरकार बनवाएगी। इसकी 60 फीसदी राशि केन्द्र और 40 प्रतिशत राशि राज्य को देना होगी। सरकार सिर्फ जमीन और इंफ्रा विकसित करेगी। चार्जिंग गन बसों का संचालन करने वाली कंपनी ही लगाएगी और बिजली का बिल भी कंपनी ही चुकाएगी। ऐसे 11 चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। जबकि टिकटिंग एजेंसी संबंधित निकाय द्वारा तय की जाएगी। टिकट का पैसा निकाय के पास जाएगा, इसी से बसों का भुगतान होगा। केंद्र 12 साल तक राशि देगी बसों के संचालन के लिए प्रति किलोमीटर के अनुसार भुगतान होगा। इसके लिए केंद्र सरकार प्रति किलोमीटर के अनुसार 22 रुपए देगी। केंद्र यह राशि 2037 तक यानी 12 साल तक देगी। जो राशि बचेगी वह किराए से कवर होगी। जहां किराए से कवर नहीं हो पाएगी उसका भुगतान संबंधित नगरीय निकाय को करना होगा। तीन महीने का अग्रिम भुगतान केंद्र ने इसकी भी पुख्ता व्यवस्था की है कि ई-बसों को नियमित भुगतान होता रहे। इसके लिए बैंक में एक एस्क्रो अकाउंट खुलवाया जाएगा। इसमें राज्य सरकार को कम से कम तीन माह का एडवांस पेमेंट जमा कराना होगा। यदि निकाय भुगतान करने में विफल रहते हैं तो इस अकाउंट में से संचालनकर्ता कंपनी को भुगतान हो जाएगा। बीसीएलएल को मिलेंगी 100 ई-बसें सूत्रों के अनुसार एमपी यूएडीडी यात्रियों की यात्रा लागत को सब्सिडी देने के लिए एक स्थिरता मॉडल पर काम कर रहा है। इसके साथ ही बेड़े की व्यवहार्यता को भी बनाए रखा जाएगा। भोपाल नगर निगम की सहायक कंपनी भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड आर्थिक रूप से संघर्ष कर रही है। यह राज्य सरकार के समर्थन और वायबिलिटी गैप फंडिंग पर निर्भर है। बीसीएलएल को इस योजना के तहत 100 ई-बसें मिलेंगी। एमपी नगर में 5000 से ज्यादा छात्रों का आना जाना महामारी से पहले भोपाल में 35,000 से अधिक बस यात्री मेयर के बस पास से असीमित यात्रा का लाभ उठाते थे। मिसरोद से एमपी नगर आने-जाने वाले जेईई कोचिंग के छात्र सार्थक और हर्षित ने इस लाभ का अनुभव कभी नहीं किया। एमपी नगर में लगभग 5,000 छात्र 5 किमी के दायरे में कोचिंग क्लासेस आते-जाते हैं। ये छात्र प्रति माह यात्रा पर अनुमानित 35 लाख रुपए खर्च करते हैं। प्रति छात्र औसतन 25 रुपये प्रतिदिन खर्च होता है। महामारी से पहले इस्तेमाल किए जाने वाले मेयर पास के समान एक स्टूडेंट बस पास इन यात्रा लागतों को आधे से भी कम कर सकता है। स्टूडेंट्स के लिए बड़ी सौगात हर्षित ने कहा कि अगर स्टूडेंट पास लागू होता है, तो केवल कोचिंग क्लासेस के लिए छात्रों की बचत 50% से अधिक हो जाएगी। जिन छात्राओं की कोचिंग क्लासेस देर शाम को खत्म होती हैं, उन्हें परिवहन पर अधिक खर्च करना पड़ता है। जल्दी आने-जाने के लिए ई-रिक्शा लेने से खर्च तीन गुना बढ़ जाता है। इससे आर्थिक तंगी बढ़ जाती है। भोपाल की मेयर मालती राय से संपर्क करने पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे … Read more