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नई दिल्ली
कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि देश में लोगों की वास्तविक क्रय शक्ति घटती जा रही है, लेकिन मोदी सरकार इस संकट को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यदि सरकार इस संकट को स्वीकार करती है, तो उसे पिछले 11 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को हुए "संरचनात्मक नुकसान" को भी स्वीकार करना होगा। रमेश ने इस विषय पर अपनी चिंता ‘एक्स’ पर साझा की और महंगाई और वेतन वृद्धि के संदर्भ में महत्वपूर्ण बिंदु उठाए।

वास्तविक आय में ठहराव का मुद्दा
जयराम रमेश ने कहा कि वास्तविक आय में ठहराव अब साफ तौर पर दिखाई दे रहा है, खासकर वेतनभोगी और सफेदपोश वर्ग के लिए। उनका दावा था कि पिछले कुछ वर्षों में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति औसतन 6 प्रतिशत के आसपास रही है, जबकि इस दौरान सफेदपोश नौकरियों में वेतन वृद्धि महज 3-4 प्रतिशत तक सीमित रही। उन्होंने आरोप लगाया कि महंगाई के मुकाबले वेतन में बहुत कम वृद्धि हुई है, जिसका परिणाम यह हुआ है कि लोगों की जेब में पैसा बचा नहीं है।

रमेश का निवेश बैंकर के हवाले से बयान
रमेश ने निवेश बैंकर कनिष्क कर का हवाला देते हुए कहा कि वास्तविक क्रय शक्ति खत्म हो रही है। उन्होंने उदाहरण दिया कि हॉस्टल की रसोई में मैगी का पैकेट भी अब महंगा हो गया है। उनका कहना था कि घटती क्रय शक्ति भारत में उपभोग से जुड़ी एक प्रमुख कहानी के अंत का कारण बन रही है। यही कारण है कि निजी निवेश में मंदी भी आ रही है। उनका कहना था कि उपभोग की गिरावट ही आर्थिक संकट का एक प्रमुख कारण है।

मोदी सरकार पर हमला: संकट स्वीकारने से इनकार
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने यह भी कहा कि मोदी सरकार इस संकट को स्वीकार करने से इनकार करती है, क्योंकि इसके लिए उसे पिछले 11 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था को हुए संरचनात्मक नुकसान को स्वीकार करना होगा। रमेश ने कहा, "सरकार ने न केवल महंगाई और वेतन वृद्धि के मुद्दे को नजरअंदाज किया है, बल्कि उसने इस तथ्य को भी नकारा है कि देश की वास्तविक क्रय शक्ति लगातार घट रही है।"

वर्तमान स्थिति पर कांग्रेस की चिंता
रमेश ने बताया कि आर्थिक असमानता और वृद्धि की दर में कमी देश की मुख्य समस्याएं बन चुकी हैं। उनका कहना था कि वर्तमान सरकार इस संकट से निपटने के बजाय सच्चाई से मुंह मोड़े बैठी है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार इस संकट को सही तरीके से स्वीकारे, तो देश को भविष्य में आर्थिक स्थिति को सुधारने का अवसर मिलेगा। लेकिन इसके लिए सरकार को सच्चाई का सामना करना होगा।

सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस की आलोचना
कांग्रेस ने इस आरोप के साथ यह भी कहा कि देश में वृद्धि और विकास के मुद्दों पर सरकार की नीतियां असफल साबित हो रही हैं। पार्टी ने यह भी कहा कि आर्थिक असमानता और सामाजिक न्याय की दिशा में कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। कांग्रेस का कहना है कि क्रय शक्ति में गिरावट की स्थिति से निपटने के लिए सरकार को ठोस आर्थिक सुधारों की दिशा में कदम उठाने होंगे।

 

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