MY SECRET NEWS

इंदौर
वर्तमान समय में मोटापा एक गंभीर और तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। इसकी मुख्य वजह अस्वस्थ जीवनशैली मानी जाती है। जंक फूड, शारीरिक गतिविधि की कमी, तनाव और नींद का अभाव लोगों के वजन को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। यह केवल एक शारीरिक समस्या नहीं है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों की जड़ बन सकती है। आजकल के खानपान में अधिक कैलोरी, वसा और चीनी होती है।
मोटापे के कारण शरीर में कई समस्याएं पनपने लगती हैं। जैसे किसी भी काम करने में मोटापे से ग्रसित व्यक्ति जल्दी थकने लग जाता है।
इसके अलावा सांस फूलना, नींद में गड़बड़ी, जोड़ों में दर्द और आत्मविश्वास की कमी।
इसके अलावा मोटापा मधुमेह, उच्चरक्तचाप, हार्ट अटैक और कई अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है।

बाहर का फास्ट फूड, माइक्रोवेव में बना भोजन और फ्रिज में रखा बासी खाना हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है।
दिनभर बैठकर काम करना, टीवी या मोबाइल पर घंटों समय बिताना भी शरीर में चर्बी जमा होने का कारण बनता है।
कुछ अन्य कारणों में आनुवंशिकता (जैसे माता-पिता से मिले मोटापे के जीन), हार्मोनल गड़बड़ी, नशे की लत शामिल हैं।

ऐसे करें मोटापे पर नियंत्रण
मोटापे से छुटकारा पाने के लिए सबसे पहले हमें जीवनशैली में आवश्यक बदलाव करना चाहिए। हम आसान उपाय अपनाकर इसपर नियंत्रण कर सकते हैं।
स्वस्थ आहार लें। भोजन में फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन को शामिल करें। जंक फूड, तली चीजों और मीठे पेय पदार्थों से दूरी बनाएं।
नियमित व्यायाम करें। रोज कम से कम 30 मिनट टहलना, दौड़ना, साइकिल चलाएं।
तनाव से बचें। ध्यान, प्राणायाम और सकारात्मक सोच तनाव को कम करने में सहायक हैं।
नींद में सुधार करें। रोजाना एक तय समय पर सोना और उठना, सोने से पहले मोबाइल या टीवी से दूरी रखना नींद को बेहतर बनाता है। पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण नींद भी जरूरी है।

होम्योपैथी से भी मिलता है लाभ
होम्योपैथिक चिकित्सा में भी मोटापे के लिए कई असरदार दवाएं मौजूद हैं, जो शरीर की प्रकृति और मानसिक लक्षणों के आधार पर दी जाती हैं।
होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए दवा देती हैं।
एसपी सिंह, होम्योपैथिक चिकित्सक के अनुसार मोटापे के इलाज के लिए कोई एक दवा सभी के लिए कारगर नहीं होती।
बल्कि डाॅक्टर व्यक्ति की आदतें, आहार, सोच और शरीर की बनावट के अनुसार दवा निर्धारित करते हैं।
ये दवाएं शरीर के मेटाबालिज्म को सुधारती हैं और अतिरिक्त वसा को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करती हैं।
इलाज के साथ ही उचित आहार, पानी का सेवन और नियमित व्यायाम जरूरी है। लेकिन हमेशा बिना डाक्टर की सलाह के कोई दवाई नहीं लेना चाहिए।

 

यूजफुल टूल्स
QR Code Generator

QR Code Generator

Age Calculator

Age Calculator

Word & Character Counter

Characters: 0

Words: 0

Paragraphs: 0