सफाई कर्मचारी देंगे नगर निगम आयुक्त और महापौर को चेतावनी, समय सीमा में मांगे पूरी नहीं तो भोपाल में होगा विशाल आंदोलन

सफाई कर्मचारी देंगे नगर निगम आयुक्त और महापौर को चेतावनी, समय सीमा में मांगे पूरी नहीं तो भोपाल में होगा विशाल आंदोलन

Cleaning workers will give warning to Municipal Corporation Commissioner and Mayor, if their demands are not fulfilled within the time limit, there will be a huge movement in Bhopal.

  • राजधानी की सफाई व्यवस्था को पलीता लगा रहे सुपरवाइजर, दरोगा और एएचओ
  • सुपरवाइजर, दरोगा और एएचओ वेतन के नाम पर सफाई कर्मचारियों से मांगते हैं पैसा
  • बरसाती, जूते, मास्क और ग्लब्स के बिना काम करने को मजबूर कर्मचारी

भोपाल। राजधानी के सफाई कर्मचारियों में नगर निगम की दमनकारी नीतियों को लेकर भारी आक्रोश व्याप्त है। उन्हें ना तो कोई सुविधा दी जा रही है और ना ही उन्हें काम के मुताबिक मेहनताना दिया जा रहा है। यह कर्मचारी 10 से 12 घंटे सफाई का काम करने मजबूर हैं। इससे कर्मचारियों में आक्रोश है और उनकी खामोशी कभी भी उग्र रूप ले सकती है। यानि वह नगर निगम से अपनी मांगों को लेकर आमना-सामना के लिए तैयार है। अब उनके समर्थन में मध्य प्रदेश शासकीय कर्मचारी वाहन चालक यांत्रिकी संघ भी मुखर होता हुआ दिखाई दे रहा है।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष साबिर खान लगातार जोन बार सफाई कर्मचारी और वाहन चालकों की बैठक ले रहे हैं। इस दौरान कर्मचारी अपनी समस्याएं भी बता रहे हैं, जिनको संगठन अपने मांग पत्र में शामिल करेगा। पिछले दिनों संघ के प्रदेश अध्यक्ष साबिर खान ने जोन 10 और 13 के कर्मचारियों की बैठक ली। कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें जोन के सुपरवाइजर, दरोगा और एएचओ कई प्रकार से प्रताड़ित कर रहे हैं।

वेतन देने सुपरवाइजर मांगते हैं पैसा

कर्मचारियों का कहना है कि जोन न 10 के सुपरवाइजर पूरे महीने का वेतन बनाने के एवज में कर्मचारियों से 15 दिन का वेतन मांगते हैं। कर्मचारियों पर वे दबाव बनाते हैं कि प्रत्येक गाड़ी में 1000 किलो कचरा आना चाहिए। सूखे और गीले कचरे को लेकर भी परेशान किया जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि बरसात के मौसम में इतना कचरा कहां से लाएंगे। इसके अलावा कर्मचारी 30 दिन काम करते हैं और उन्हें वेतन 29 दिन का ही दिया जाता है।

डोर टू डोर कचरा उठाने के बाद करवाते हैं सड़क की सफाई

सुविधाओं के नाम पर उन्हें कुछ भी नहीं मिलता है। यहां तक कि उन्हें बरसाती, जूते, मास्क और ग्लब्स नहीं दिए जाते हैं, बावजूद इसके इतनी विषम परिस्थितियों में सफाई कर्मचारी खततरनाक काम कर रहे हैं। डोर टू डोर कचरा उठाने के बाद उनसे सड़क की भी सफाई करवाई जाती है। यह बहुत बड़ा अन्याय हो रहा है। जबकि डोर टू डोर, सफाई और इमरजेंसी सेवा के लिए अलग-अलग कर्मचारी होते हैं। इतनी समस्याएं होने के बाद भी उनकी कोई सुनने तैयार नहीं है। 2017 में कुछ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विनिमय किया गया था उनको भी अभी तक नियमित नहीं किया गया। ना ही इस वर्ग के कर्मचारियों को अनुकंपा और बीमा का लाभ मिलता है। इन सभी समस्याओं को लेकर सफाई कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।

कमिश्नर और आयुक्त के पास रखेंगे मांग पत्र

संघ के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि बैठकों के बाद एकजाई मांग पत्र को महापौर और आयुक्त के पास रखेंगे। इसके लिए कुछ समय सीमा भी देंगे, इसके बाद भी समस्याओं पर उचित निर्णय नहीं लिए गए तो संगठन राजधानी भोपाल में एक विशाल आंदोलन करेगा। इससे जो भी व्यवस्था पहले की उसकी जिम्मेदारी नगर निगम की होगी। उन्होंने नगर निगम को चेतावनी दी है कि इस बार राजधानी में इतना बड़ा आंदोलन होगा कि ऐसा आंदोलन नगर निगम ने कभी देखा नहीं होगा।

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