Politics on Ahilya Mata and Shivaji: Congress-BJP face to face, clash over name change
इंदौर में हुई मेयर इन काउंसिल की बैठक में रेसीडेंसी कोठी का नाम बदलकर शिवाजी कोठी (शिवाजी वाटिका) करने का प्रस्ताव पास होने के बाद राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया है। कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि यह कदम महाराष्ट्र में आगामी चुनावों के मद्देनजर उठाया गया है, ताकि वहां के वोट बैंक को साधा जा सके। उनका कहना है कि यह देवी अहिल्या बाई होलकर की उपेक्षा है, जिन्होंने इंदौर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
कांग्रेस बोली अहिल्या रेसीडेंसी नाम करना था
रेसीडेंसी कोठी, जो लगभग 204 वर्ष पुरानी है और अंग्रेजी शासन के दौरान मालवा-निमाड क्षेत्र में ब्रिटिश सत्ता का केंद्र थी, का नामकरण शिवाजी महाराज के नाम पर किए जाने से कांग्रेस असहमत है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महासचिव ने भी सोशल मीडिया पर इस फैसले की आलोचना की और सुझाव दिया कि इसे देवी अहिल्या रेसीडेंसी कोठी नाम दिया जाना चाहिए था।
गफ्फूर खां की बजरिया पर नहीं हुआ निर्णय
साथ ही, अन्य नामकरणों की भी बैठक में स्वीकृति दी गई, जिसमें फूटी कोठी ब्रिज का नाम सेवालाल महाराज ब्रिज और भंवरकुआं चौराहे का नाम टंट्या भील चौराहा रखा गया है। इसके अलावा, बीजेपी नेता वरुण पाल ने गफ्फूर खां की बजरिया का नाम बदलकर वीरांगना तुलसाबाई होलकर के नाम पर करने की मांग भी की थी, हालांकि इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
दोनों के अपने तर्क
इस नामकरण विवाद से दोनों दलों के बीच राजनीतिक तनाव और बढ़ने की संभावना है, क्योंकि कांग्रेस इसे ऐतिहासिक व्यक्तियों के सम्मान से जोड़कर देख रही है, जबकि बीजेपी इसे अपने राजनीतिक एजेंडे के तहत नामकरण के रूप में प्रस्तुत कर रही है।
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