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बड़वाह
निमाड़ एवं मालवा के ग्रामीणों की आस्था और विश्वास से जुडी मां नर्मदा की पांच दिवसीय 49वीं धार्मिक ओंकारेश्वर नर्मदा लघु परिक्रमा पंचक्रोशी यात्रा 11 नवंबर से शुरू होगी। करीब 50 किमी की दुर्गम यात्रा में हजारों श्रद्धालु ओंकारेश्वर से अंजरुद, सनावद, टोकसर, सेमरला, बड़वाह, सिद्धवरकूट होते हुए वापस 15 नवंबर को ओंकारेश्वर पहुंचकर नर्मदा परिक्रमा पूर्ण करेंगे।

इस संबंध में एसडीएम प्रताप सिंह अगास्या एवं एसडीओपी अर्चना रावत ने जनपद पंचायत सभा ग्रह में ब्लाक स्तरीय अधिकारियों और सरपंचों की बैठक ली। एसडीएम ने कहा कि पंचकोशी यात्रा हमारे क्षेत्र की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा है। यात्रा प्रारंभ होने के पहले व्यवस्थाएं पुख्ता करें।

पंचकोसी नर्मदा यात्रा में ऐसी होंगी व्यवस्थाएं

एसडीओपी अर्चना रावत ने कहा कि संबंधित विभाग को नाव की सूची जल्द उपलब्ध कराएं, नावों की जांच करके उन्हें अनुमति पत्र दिए जाएंगे। यात्रा मार्ग के समस्त ग्राम पंचायतों के सरपंच/सचिव तथा विभागीय अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि ग्राम पंचायत क्षेत्रान्तर्गत यात्रा मार्ग पर मुरम, कंटीली झाड़िया हटाना, साफ-सफाई कराई जाए।

    लाइट की व्यवस्था के लिए निर्देश दिए हैं। टैंकर, टेंट, प्रकाश तथा अस्थाई शौचालय की व्यवस्था भी करके रखें। यात्रा गुजरने के पश्चात आवश्यक साफ-सफाई की जाए। स्वास्थ्य विभाग को जगह-जगह स्वास्थ्य परीक्षण कैंप लगाने को कहा गया है। – अर्चना रावत, एसडीओपी

लोहे से बनी नावों पर प्रतिबंध, क्षमता से ज्याता सवारी न बैठाए नाविक

बाबूलाल केवट ने कहा- टोकसर से 25 नाव श्रद्धालुओं को पार कराते हैं। एसडीएम ने कहा, सभी का एस्टीमेट बनाकर दे। नाव में क्षमता से ज्यादा सवारी को न बैठाई जाए। अच्छी नाव केवल चलना चाहिए, जो टूटी हो वह नहीं चलेगी।

उन्होंने कहा, लोहे की नाव से श्रद्धालुओं को पार नहीं कराने दिया जाएगा और नावों में चालक के साथ यात्रियों को लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य रहेगा।

किस दिन कहां पर क्या व्यवस्था

    पहला दिन 11 नवंबर: श्रद्धालु ओंकारेश्वर से शुरू होगी। ग्राम अंजरुद में बाघेश्वरी माता के दर्शन करेंगे। मंदिर के आसपास गंदगी दूर करने एवं लाइट व्यवस्था के लिए सचिव को कहा। रात्रि विश्राम सनावद में होगा। धर्मशाला, मंडी परिसर, शासकीय भवनों आदि में यात्रियों के लिए पेयजल, रौशनी, शौचालय की व्यवस्थाओं के लिए कहा।

    दूसरा दिन 12 नवंबर: यात्री बडूद से टोकसर गोमुख घाट पहुचेंगे। कई यात्रियों को नर्मदा पार कर सेमरला भेजा जाएगा। दोनी घाटों पर बेरिकेड्स के लिए पीडब्ल्यूडी को जिम्मेदारी,नाव में सुरक्षा उपकरण,स्वास्थ्य विभाग कैंप लगाएगी। पुलिस सहायता केंद्र रहेंगे। गोताखोरों की तैनाती रहेगी।
   
    तीसरा दिन 13 नवंबर: यात्रा बड़वाह पहुंचेगी। टोकसर एवं सेमरला में रुके यात्री बड़वाह पहुंचेंगे। मंडी, नागेश्वर सहित अन्य स्थानों पर नगर पालिका, लाइट, पानी, शौचालय एवं साफ-सफाई की व्यवस्था करेगी। नपा दिन में दो बार सफाई करवाएगी। मेडिकल कैंप लगाएंगे।

    चौथा दिन 14 नवंबर: सुबह बड़वाह से प्रस्थान होगा। कोठावां, मोदरी में रात्रि विश्राम। चिकित्सक कैंप लगाकर स्वास्थ्य संबंधी दवाइयां रखेंगे। पानी के टैकर रखे जाएंगे। वन विभाग के कर्मचारी यात्रा संबन्धित व्यवस्थाए लगाने में सहयोग देंगे। महोदरी,कड़ियांकुंड, सिद्ध्वरकूट में रात्रि विश्राम।

    पांचवां दिन 15 नवंबर : बांध द्वारा सिद्धवरकूट से ओंकारेश्वर पहुंचेंगे। ओंकारेश्वर दर्शन कर यात्रा समाप्त होगी। एनएसडीसी को पत्र लिखकर बांध से निकलने की अनुमति मांगी जाएगी।

यात्रा की तैयारियों पर चर्चा

एसडीएम प्रताप सिंह अगास्या और एसडीओपी अर्चना रावत ने यात्रा की तैयारियों के लिए ब्लॉक स्तर पर अधिकारियों और ग्राम पंचायतों के सरपंचों के साथ बैठक की। एसडीएम ने कहा कि यह क्षेत्र की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा है, इसलिए सभी व्यवस्थाएं समय पर पूरी होनी चाहिए। एसडीओपी अर्चना रावत ने नावों की सुरक्षा और उनकी स्थिति जांचने के निर्देश दिए, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

यात्रा व्यवस्थाएं

नावों की सुरक्षा: सभी नाविकों को लाइफ जैकेट पहनने और क्षमता से अधिक सवारी न बैठाने के निर्देश दिए गए हैं। लोहे की नावों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध रहेगा।

सफाई और स्वास्थ्य: यात्रा मार्ग पर साफ-सफाई, स्वास्थ्य शिविर और पानी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। पुलिस सहायता केंद्र और गोताखोरों की तैनाती भी की जाएगी।

 

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