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सीधी
मध्य प्रदेश के सीधी में एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए समय पर एंबुलेंस नहीं मिल सकी थी. बार-बार 108 को फोन लगाने के बाद भी जब एंबुलेंस नहीं आई तो पति कृष्ण कुमार ठेले पर ही पत्नी उर्मिला को लेकर अस्पताल पहुंचा. हालांकि रास्ते में ही प्रसव हो गया और समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से नवजात की मौत हो गई. अब इस मामले में डिप्टी सीएम ने संबंधित एंबुलेंस के एक माह का व्यय 4.56 रुपये काटने के निर्देश दिए.

डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता त्वरित और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है और किसी भी प्रकार की लापरवाही अस्वीकार्य है. संबंधित एंबुलेंस वाहनों के एक माह की परिचालन व्यय राशि 4 लाख 56 हजार 917 रुपये सेवा प्रदाता के देयकों से काटी जाएगी, जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.

इन्हें थमाए नोटिस
इधर इस मामले में डिप्टी सीएम के आदेश पर सीधी के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन, जिला टीकाकरण अधिकारी एवं प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और खंड चिकित्सा अधिकारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि मामले की पूरी गंभीरता से जांच कर दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

रास्ते में ही हो गया था प्रसव
बता दें गर्भवती महिला उर्मिला रजक को अचानक पेट में दर्द होने पर उनके पति ने रात 10.30 बजे से 108 एंबुलेंस सेवा के कॉल सेंटर पर बार-बार संपर्क किया. गंभीर स्थिति होने के बाद भी जिले में उपलब्ध एंबुलेंस सेवा को तत्काल असाइन नहीं किया गया. गर्भवती महिला को सीधी जिला में संचालित 108/जननी एंबुलेंस के बजाए अन्य लोकेशन की एंबुलेंस असाइन की गई, जो कि पहले से ही एक अन्य केस में व्यस्त थी. एंबुलेंस नहीं पहुंचने पर पति हाथ ठेला से पत्नी को लेकर अस्पताल जाने लगा कि रास्ते में ही प्रसव हो गया और समय पर इलाज नहीं मिलने से शिशिु की मौत हो गई.

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