MY SECRET NEWS

जयपुर।

बोरवेल में गिरी बच्ची को 10वें दिन ट्रेस कर लिया गया है। रेस्क्यू टीम द्वारा किसी भी समय बच्ची को बाहर निकाल लिया जाएगा। तेज बदबू के चलते बच्ची के जीवित नहीं होने की आशंका नजर आ रही है। रेस्क्यू टीम सुरंग में फिनाइल ले जा रही है। जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने बताया कि कुछ देर में चेतना को बोरवेल से निकाल लिया जाएगा।

मौके पर एम्बुलेंस और पुलिस जाप्ता तैनात कर दिया गया है। साथ ही बीडीएम अस्पताल में अलग से सुरक्षा लगा दी गई है। मौके पर जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद हैं। गौरतलब है कि किरतपुरा के बड़ियाली की ढाणी में 23 दिसंबर को खेलते वक्त चेतना 700 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी और करीब 120 फीट की गहराई में फंस गई। पिछले 10 दिनों से चल रहे इस रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक कोई ठोस सफलता नहीं मिल पाने से परिवार और ग्रामीणों की नाराजगी बढ़ती जा रही थी। अब जानकारी मिली है कि रेस्क्यू टीम चेतना लगभग करीब पहुंच चुकी है और किसी भी समय मासूम को बाहर निकाला जा सकता है। घटनास्थल से अस्पताल के रास्ते में पुलिस तैनात की गई है ताकि मासूम को तुरंत अस्पताल ले जाया जा सके।

दिशा भटकने से रेस्क्यू में देरी –
रेस्क्यू टीमों ने सुरंग के जरिए चेतना तक पहुंचने का प्रयास किया था, लेकिन तकनीकी खामियों और दिशा भटकने के कारण यह प्रयास सफल नहीं हो सका। बुधवार सुबह अधिकारियों ने बोरवेल की लोकेशन ट्रेस करने का दावा किया है। ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (GPR) मशीन की मदद से बोरवेल की स्थिति को ट्रेस किया गया है। बहरहाल रेस्क्यू टीम के रास्ता भटकने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर सुरंग की दिशा गलत कैसे हुई? बहरहाल सभी को मासूम के निकलने का इंतजार है।

अब तक के घटनाक्रम पर एक नजर –
    23 दिसंबर : दोपहर 2 बजे किरतपुरा के बड़ीयाली ढाणी में गिरी चेतना। सूचना मिलने पर पहुंची रेस्क्यू टीमें। रात 9 बजे एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू शुरू किया
    24 दिसंबर : देसी जुगाड़ लगाकर 15 फीट ऊपर तक खींचा लेकिन फिर अटका ऑपरेशन।
    25 दिसंबर : हरियाणा से आई पाइलिंग मशीन से बोरवेल के पास 40 फीट गहरा गड्ढा खोदने के बाद बंद पड़ी मशीन। गुजरात से नई मशीन बुलाई गई। रात में उत्तराखंड से रैट माइनर्स टीम पहुंची।
    26 दिसंबर :  रैट माइनर्स टीम ने 170 फीट गहरा गड्ढा खोदकर सेफ्टी पाइप डाले।
    27 दिसंबर : बारिश के कारण काम रुका।
    28 दिसंबर : ऑक्सीजन लेवल चेक करने पाइप में उतरे दो जवान। एल आकार में सुरंग की खुदाई की।
    29 दिसंबर :  4 फीट तक सुरंग खोदकर बोरवेल में उतरी रेस्क्यू टीम। सुरंग बनाने में पत्थर बने सबसे बड़ी बाधा। पत्थर तोड़ने के लिए मशीन मंगाई।
    30 दिसंबर : एसडीआरएफ के कमांडेंट ने रेस्पिरेशन चेक किया। लेजर अलाइनमेंट डिवाइस से जांच की।
    31 दिसंबर : दोपहर बाद पता चला कि गलत दिशा में हो रही थी खुदाई। लोकेशन ट्रेक करने के लिए जीपीआर मशीन मंगाई।

यूजफुल टूल्स
QR Code Generator

QR Code Generator

Age Calculator

Age Calculator

Word & Character Counter

Characters: 0

Words: 0

Paragraphs: 0