MY SECRET NEWS

नई दिल्ली
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के बाद से ही नए मुख्यमंत्री और कैबिनेट को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाईं जा रही हैं। मुख्यमंत्री और मंत्रियों को लेकर कई नामों की चर्चा तेज है। संभव है कि रविवार तक नए मुख्यमंत्री का चुनाव हो जाए और अगले सप्ताह शपथ ग्रहण हो सकता है। दिल्ली में सीएम समेत अधिकतम 7 मंत्री बनाए जा सकते हैं।

आम आदमी पार्टी के 10 साल पुराने शासन को खत्म करके भाजपा ने दिल्ली की 70 में से 48 सीटों पर जीत हासिल की है। बहुमत से 12 अधिक सीटें हासिल करने वाली भाजपा ने चुनाव से पहले किसी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया था। पीएम मोदी के नाम और उनकी गारंटियों पर बनी सरकार का चेहरा कोई ऐसा शख्स भी हो सकता है, जो अभी तक रेस में नहीं बताया जा रहा है। राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में भाजपा चौंका चुकी है। हालांकि, कुछ ऐसे नाम हैं जिन्हें कैबिनेट में जगह मिलना लगभग तय माना जा रहा है। ऐसे 8 में से कम से कम 3 विधायकों की कुर्सी पक्की बताई जा रही है।

पहले जाट चेहरों की बात, एक केजरीवाल का पुराना साथी
पिछले दो चुनावों में भाजपा एक भी जाट बहुल सीट नहीं जीत पाई। लेकिन इस बार जाटों ने खुलकर भगवा पार्टी का साथ दिया। यही वजह है कि भाजपा ने सभी 10 जाट बहुल सीटों मुंडका, नजफगढ़, नांगलोई जाट, मटियाला, बिजवासन, महरौली, बवाना, नरेला, रिठाला और विकासपुरी में जीत दर्ज की। ऐसे में अब जाटों को रिटर्न गिफ्ट भी मिल सकता है।

नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा भी जाट समुदाय से आते हैं। सीएम की रेस में भी वह सबसे आगे बताए जा रहे हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यदि नेतृत्व ने सीएम के तौर पर किसी और को भी चुना तो प्रवेश वर्मा को मंत्री पद मिलना लगभग तय है। वहीं, जाट चेहरे के तौर पर पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत भी रेस में हैं। गहलोत ने चुनाव से ठीक पहले इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी सरकार को बड़ा झटका दिया था। इस बार वह भाजपा के टिकट पर बिजवासन से विधायक बने हैं। 'आप' सरकार में गृह और परिवहन जैसे अहम मंत्रालय संभाल चुके कैलाश गहलोत के अनुभव को देखते हुए उन्हें सरकार में शामिल किया जा सकता है।

3 में से एक सिख नेता को मिल सकता है पद
भाजपा के टिकट पर तीन दिग्गज सिख नेता भी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। इनमें किसी एक को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। राजौरी गार्डन से जीत हासिल करने वाले मनजिंदर सिंह सिरसा प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे और लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़कर भाजपा में शामिल हुए अरविंदर सिंह लवली भी रेस में आगे बताए जा रहे हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता मनीष सिसोदिया को जंगपुरा जैसी सीट से हराने वाले तरविंदर सिंह मारवाह को भी दांव लग सकता है। इन तीन में से एक सिख नेता का मंत्री बनना लगभग तय बताया जा रहा है।

3 पूर्वांचली नेताओं में भी रेस
दिल्ली में इस बार भाजपा ने उन सीटों पर भी शानदार सफलता हासिल की है, जहां पूर्वांचली वोटर्स की अधिकता है। भाजपा ने झुग्गी-झोपड़ी और कच्ची कॉलोनियों वाली 17 सीटों पर जीत हासिल की है। चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच पूर्वांचली वोटर्स के लिए खूब खींचतान देखने को मिली। दिल्ली की राजनीति में पूर्वांचलियों की अहमियत को देखते हुए कैबिनेट में कम से कम एक पूर्वांचली नेता का शामिल होने की पूरी गुंजाइश है। इस मामले में लक्ष्मी नगर से जीते अभय वर्मा की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है तो आप लहर में भी यहां कमल खिलाने में कामयाब रहे थे। अभय मूल रूप से दरभंगा के रहने वाले हैं। अभय वर्मा के अलावा संगम विहार से जीते चंदन चौधरी और विकासपुरी से जीते पंकज कुमार सिंह भी दावेदार हैं।

Loading spinner
यूजफुल टूल्स
QR Code Generator

QR Code Generator

Age Calculator

Age Calculator

Word & Character Counter

Characters: 0

Words: 0

Paragraphs: 0