नई दिल्ली
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने सितंबर में मानक गुणवत्ता परीक्षण में विफल होने वाली दवाओं की मासिक सूची जारी की है. जारी इस लिस्ट में CDSCO ने कैल्शियम सप्लीमेंट शेल्कल 500 और एंटासिड पैन डी सहित चार दवाओं के चुनिंदा बैचों को नकली घोषित किया और 49 दवाओं और फॉर्मूलेशन को मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं बताया.
एक रिपोर्ट के मुताबिक CDSCO के सितंबर के लिए हाल ही में जारी मासिक अपडेट में नकली घोषित की गई अन्य दवाओं में यूरिमैक्स डी शामिल है, जिसका इस्तेमाल सौम्य प्रोस्टेट हाइपरप्लासिया (BPH) या प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने के इलाज के लिए किया जाता है. इसके साथ ही डेका-ड्यूराबोलिन 25 इंजेक्शन भी इस लिस्ट में है जिसका इस्तेमाल रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज के लिए किया जाता है. क्योंकि इन दवाओं के निर्माता अभी भी जांच के दायरे में हैं, CDSCO अलर्ट में उनका नाम नहीं है, जैसा कि पिछले महीने हुआ था.
ये दवाइयां टेस्ट में हुईं फेल-
बता दें कि CDSCO ने पाया कि 4 दवाएं के सैंपल्स जो फेल हुए थे, वो नकली कंपनियों द्वारा बनाई जा रहे थे और सैंपल्स नकली दवाओं के थे. 3,000 दवाओं में से 49 दवाएं गुणवत्ता परीक्षण में विफल पाई गईं, इन्हें CDSCO द्वारा बैच के अनुसार वापस मंगाया गया है. CSDCO द्वारा की गई यह सतर्कतापूर्ण मासिक कार्रवाई गैर मानक गुणवत्ता वाली दवाओं के प्रतिशत को घटाकर 1% कर देती है.
इन दवाओं के सैंपल्स पाए गए नकली–
CDSCO प्रमुख ने कहा कि कुल सैंपल की गई दवाओं में से केवल लगभग 1.5% ही कम प्रभावकारी पाई गईं. इनमें हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स द्वारा मेट्रोनिडाजोल टैबलेट, रेनबो लाइफ साइंसेज द्वारा डोमपेरिडोन टैबलेट, पुष्कर फार्मा द्वारा ऑक्सीटोसिन, स्विस बायोटेक पैरेंटरेल्स द्वारा मेटफॉर्मिन, कैल्शियम 500 mg और लाइफ मैक्स कैंसर लैबोरेटरीज द्वारा विटामिन D3 250 IU टैबलेट, एल्केम लैब्स द्वारा PAN 40 आदि शामिल हैं

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