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गोंडा
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष व कैसरगंज के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह को न्यायालय ने पांच सौ रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश /न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) राजेश कुमार तृतीय ने पूर्व सांसद के विरुद्ध विचाराधीन, न्यायालय में झूठी गवाही देने के मामले में फैसला सुनाते हुए आदेश दिया है। पूर्व सांसद के अधिवक्ता ने जुर्माने की धनराशि जमा करा दी है। बता दें कि करीब 35 वर्ष पूर्व सांसद ने थाना नवाबगंज में हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं में तीन आरोपित के विरुद्ध मुकदमा कराया था। बीते 11 सितंबर 2024 को तृतीय अपर सत्र न्यायालय में विचारण के दौरान घटना फर्जी मिली थी, जबकि तीन आरोपितों में से दो की विचारण के दौरान ही मृत्यु हो गई थी।

न्यायालय ने कथित घटना के जीवित बचे एक मात्र आरोपित ग्राम पंड़रीकृपाल कोतवाली देहात निवासी वीरेंद्र कुमार मिश्र को दोषमुक्त किया था। वहीं, न्यायालय ने पूर्व सांसद के विरुद्ध न्यायालय में झूठी गवाही देने के आरोप में प्रकीर्ण मुकदमा चलाने का आदेश दिया था। विशेष न्यायालय ने प्रकीर्ण मामले का निस्तारण करते हुए पूर्व सांसद को अर्थदंड से दंडित किया है।

क्या है मामला
पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के द्वारा थाना नवाबगंज में दर्ज कराए गए मुकदमे के अनुसार, आठ सितंबर 1990 शाम चार बजे थाना नवाबगंज के मुहल्ला पड़ाव स्थित आवास शक्तिभवन में बृजभूषण अपने निवास पर बैठकर कुछ लोगो से बात कर रहे थे। तभी कोतवाली नगर के ग्राम रुद्रपुर विसेन निवासी उग्रसेन सिंह उर्फ उग्री, ग्राम पाठकपुरवा, खैरा कालोनी निवासी रमेश चंद्र मिश्र व ग्राम पड़रीकृपाल कोतवाली देहात निवासी वीरेंद्र कुमार मिश्र पहुंच गए और पीड़ित से तारिक लाठी के संबंध में वार्ता करने लगे। मना करने पर तीनो आरोपितों ने देशी तमंचे और चाकू से पूर्व सांसद पर हमला कर दिया था। इसी दौरान शोरगुल सुन गस्त पर निकली थाना नवाबगंज पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई थी और आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था।

तीन आरोपितों के खिलाफ पूर्व सांसद ने दर्ज कराया था मुकदमा
पूर्व सांसद ने तीनों आरोपितों के विरुद्ध हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं में मुकदमा कराया था। न्यायालय में विचारण के दौरान आरोपित उग्रसेन सिंह उर्फ उग्री व रमेश चंद्र मिश्र की मौत हो गई थी। न्यायालय में गवाही के दौरान पूर्व सांसद, आरोपित द्वारा हमला करने की बात से मुकर गए थे और पहचान भी नही पाए थे। न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए आरोपित को दोषमुक्त किया और पूर्व सांसद के विरुद्ध सीआरपीसी की धारा 344 के अंतर्गत मुकदमा चलाने का आदेश दिया था। कोर्ट में हाजिर न होने पर पूर्व सांसद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। सोमवार को अदालत में पूर्व सांसद ने उपस्थित होकर क्षमा याचना की थी, इसके बाद वारंट निरस्त कर दिया गया था।

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