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बच्चों के पढाई के लिए मां को यह जानना जरुरी है…

मां का साया अगर बच्चों पर ना हो तो आज बच्चों की पढाई कभी पूरी नहीं होती। विद्यालय की शिक्षिका से ज्यादा मां के द्वारा दी गई शिक्षिका का अधिक महत्त्व है लेकिन आज कामकाजी महिला बच्चों पर उतना ध्यान नहीं दे पाती जितना उनको देना चाहिए। अगर बच्चों की अच्छी परवरिश करना चाहते है तो कुछ समय के लिए काम से छुट्टी ले ले और अपने बच्चे की परवरिश पर ध्यान दे क्योंकि काम तो बाद में भी किया जा सकता है लेकिन शुरूआती परवरिश बाद में नहीं हो सकता है। मां की समझदारी का महत्व प्यार और दुलार बच्चों के लिए जितना जरुरी है उतना ही उनकी पढाई की नींव को बच्च्पन से मजबूत करना बहुत जरुरी है। ताकि आगे चल कर आपके बच्चे को कोई परेशानी ना हो। शोधकर्ताओं का कहना है कि विद्यार्थी ज्यादातर होनहार मां के कारण ही होते है। किशोर उम्र दे अधिक ध्यान किशोर उम्र में मां को अधिक ध्यान देना चाहिए क्योंकि बच्चे अधिकतर इस उम्र में ही बिगड़ते है जिसके कारण वे पढ़ाई में पिछड़ सकते है। असंभव को संभव बनाती है मां मां बच्चे की हर असंभव काम को संभव बनाने में बहुत मदद करती है, चाहिए प्रॉब्लम पढाई को लेकर हो, विद्यालय से जुडी हो या दोस्तों को लेकर हो इन सभी परेशानी को केवन मां ही हल करती है और हर बच्चा अपनी परेशानी मां को ही बताता है इसलिए बच्चों पर अधिक ध्यान दे और उसे ये भरोसा दिलाये की आप उसके साथ है। देर रात जागना स्कूल का प्रोजेक्ट हो या परीक्षा की तैयारी एक मां ही है जो बच्चों के साथ देर रात जाग कर बच्चों का साथ देती है। अनपढ़ मां भी किसी से कम नहीं जरुरी नहीं है कि हर मां पढ़ी-लिखी हो, हमारा देश में कई मां पढ़ी नहीं होती है लेकिन वे भी अपने बच्चे पर उतना ही ध्यान देती है जितना एक पढ़ी-लिखी मां करती है। मां अपने बच्चे के लिए और उसके पढाई के लिए कोई कसर नहीं छोड़ती है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 57

बच्चों का इंट्रोवर्ट नेचर कोई बीमारी नहीं, इन बातों का रखिए ध्यान

कई बच्चे छोटी उम्र से ही खुद में रहना पसंद करते हैं। अकेले बैठ कर म्यूजिक सुनना या कुछ पढ़ते रहना। बच्चों की इस आदत को अकसर अभिभावक समझ ही नहीं पाते हैं और दूसरे लोगों के साथ न घुलना-मिलने के कारण टेंशन में आ जाते हैं, लेकिन जरूरी नहीं ये बच्चे पूरी जिंदगी इंट्रोवर्ट ही रहें। बढ़ती उम्र के साथ बच्चे एक्सट्रोवर्ट यानी दूसरों के साथ बातचीत करने लगते हैं। अगर आपका बच्चा दूसरों से बातचीत करने की बजाय खुद में रहना पसंद करता है तो परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। इन कुछ बातों पर ध्यान दें- पहला, इसे स्वीकार करिए… इंट्रोवर्ट बच्चों के पेरेंट्स को लगता है कि उनके बच्चों में एक्स-फैक्टर नहीं है। इंट्रोवर्ट नेचर के लिए बच्चों को डांटिए मत। उन्हें बताइए कि आप बाकी बच्चों से अलग हो, लेकिन जैसे हो अच्छे हो। पेरेंट्स द्वारा ऐसा कहने से बच्चों को अच्छा महसूस होगा और वे अपनी ताकत को पहचानने लगेंगे। इससे बच्चे को किसी को कॉपी करने या उस जैसा बनने की एक्टिंग करने की भी जरूरत नहीं रहेगी। दूसरा, बैलेंस करना सीखिए… इंट्रोवर्ट बच्चे खुद के कंफर्ट जोन में ही रहना चाहते हैं। ऐसे में बच्चे को थोड़ा एडवेंचरस बनना सिखाइए। बच्चों से लगातार बात करिए। उन्हें बताइए कि दूसरों से बातचीत करना, उनके साथ मिलना-जुलना एक लाइफ स्किल है, जो समाज में रहने के लिए बहुत जरूरी है। बहुत सारे कार्य एक साथ ही करने को मत करिए। उन्हें हर हफ्ते के लिए एक प्रोजेक्ट या असाइनमेंट दें, जिनसे बच्चे का सोशल कॉन्फिडेंस बढ़ने लगे। इसमें बर्थडे पार्टी का हिस्सा बनना, स्कूल असेंबली में बोलना या फैमिली फंक्शन में परफॉर्म करना शामिल होगा। तीसरा, सेलिब्रेट करिए… एक्सट्रोवर्ट लोगों को पसंद किया जाता है, लेकिन इंट्रोवर्ट लोग ग्रेट थींकर बनते हैं। क्योंकि एक कोने में शांत बैठकर वे खुद के भीतर झांकते रहते हैं। वे दुनिया को एक्सट्रोवर्ट लोगों की अपेक्षा बेहतर तरीके से समझते हैं। इसलिए बच्चों की नेचर जैसी भी हो, उनके साथ सेलिब्रेट करिए। इंट्रोवर्ट बच्चे भी इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करने के सक्षम होता है, जिसका कारण उनकी विशेषताएं होती हैं।     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 46

आयुष्मान भारत में बुजुर्गों को राहत: 70+ उम्र के लोगों को मुफ्त चिकित्सा सेवाएं

Relief to the elderly in Ayushman Bharat: Free medical services to people aged 70+ नई दिल्ली। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना का विस्तार करते हुए 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को इस योजना के दायरे में शामिल किया है। अब देश के लगभग 6 करोड़ बुजुर्ग बिना किसी शर्त के सरकारी और निजी अस्पतालों में हर साल 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज करा सकेंगे। इस योजना का लाभ लेने के लिए इनकम, पेंशन, बैंक बैलेंस, जमीन या किसी पुरानी बीमारी जैसी किसी भी आधार पर कोई पाबंदी नहीं होगी। आयुष्मान योजना के तहत विस्तारित लाभ इस योजना में मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद का खर्च, सभी प्रकार की जांच, ऑपरेशन और दवाइयों का खर्च भी कवर होता है। किसी भी पुरानी बीमारी का इलाज भी इस योजना के तहत किया जा सकता है। खास बात यह है कि बुजुर्ग भी अब सरकारी और चुनिंदा निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज पा सकेंगे, जिससे उनकी आर्थिक सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा। योजना का मौजूदा लाभ और विस्तार आयुष्मान भारत योजना के तहत पहले ही 35 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे हैं, और अब बुजुर्गों को शामिल करने के बाद यह संख्या 40 करोड़ के करीब पहुँच जाएगी। यह योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना मानी जाती है, जो हर साल भारत के गरीब तबके को 5 लाख रुपए तक की मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करती है। इस योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने 2017 में की थी और इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के अंतर्गत लागू किया गया था। बुजुर्गों के लिए राहत और आर्थिक सुरक्षा बुजुर्गों की सेहत और उनकी चिकित्सा आवश्यकताओं को देखते हुए इस योजना का विस्तार बेहद लाभदायक साबित होगा। इलाज में लगने वाले महंगे खर्च और गंभीर बीमारियों के इलाज का बोझ बुजुर्गों पर नहीं पड़ेगा, जिससे वे आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकेंगे और उनकी देखभाल का जिम्मा सरकार उठाएगी। आयुष्मान भारत योजना में बुजुर्गों का समावेश एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील कदम है। इससे न केवल उनकी आर्थिक सुरक्षा में मदद मिलेगी, बल्कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का भी लाभ मिलेगा। यह योजना स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति है और इससे करोड़ों बुजुर्गों को जीवन के इस चरण में चिकित्सा राहत मिलेगी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 123

दिवाली पर पटाखे चलाते हुए जले हाथ तो करें ये काम

दिवाली पर पटाखे चलाते हुए गलती से हाथ जल जाता है और गहरी चोट आ जाती है। हालांकि पटाखे से हाथ जलने में चोट गंभीर भी हो सकती है। ऐसे में सावधानी के तौर पर फर्स्‍ट एड देना बेहद जरुरी होता है हालांकि, ऐसे वक्‍त पर डॉक्टर का मिलना मुश्किल होता है। ऐसे में हमें कुछ बातों का ध्‍यान रखना जरुरी होता है। ताकि सही कदम उठाकर हम जलन को ठीक कर सके और संक्रमण से बचा जा सके। दि‍वाली पर पटाखे जलाते हुए क‍िन बातों का ध्‍यान रखना चाह‍िए और दुर्घटनावश हाथ जल जाएं, तो क्‍या करना चाह‍िए। आइए जानते है क‍ि अगर दिवाली पर क‍िसी का हाथ जल जाए तो तुरंत क्‍या करें? एक्‍सपर्ट ने दी ये सलाह जयपुर स्थित साकेत अस्‍पताल के डायरेक्‍टर डॉक्टर प्रवीण मंगलुनि‍या ने बताया क‍ि जलने पर सबसे पहले तुरंत ठंडे पानी से उस घाव को साफ कर लें। यदि जलने के दौरान कपड़ा त्वचा में चिपक गया हो, तो उसे निकालने का प्रयास न करें। यह काम डॉक्टर पर छोड़ दें ताकि घाव को नुकसान न हो। घर पर सिल्वर सल्फरडाइजिन (Silver Sulfadiazine) क्रीम रखें। इस क्रीम में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो जलन और संक्रमण को रोकने में सहायक है। जलने पर पानी ज्यादा से ज्यादा पिएं और तुरंत डॉक्‍टर को दिखाएं। इन घरेलू उपायों से भी कर सकते है प्राथम‍िक इलाज डॉक्टर मंगलून‍िया के अनुसार, दिवाली पर पटाखों से होने वाले जलने वाले घाव के लिए घर में मौजूद सामग्रियों से प्राथमिक उपचार किया जा सकता है। ये घरेलू नुस्खे घाव को ठंडक प्रदान करते हैं, फफोले बनने से रोकते हैं और दर्द में राहत देते हैं। – जलने के तुरंत बाद, हाथ को ठंडे (बर्फ वाले नहीं) पानी में 10-15 मिनट के लिए डालें या ठंडे पानी से धोएं। इससे जलन कम होगी और त्वचा का तापमान भी सामान्य होगा। इसके बाद हाथ को हल्के से साफ कपड़े या नैपकिन से पोंछें। – केवल कोलगेट टूथपेस्ट का उपयोग करें। इसमें मौजूद कैल्शियम जलन में राहत देने में मदद करता है। इसे जले हुए स्थान पर लगाएं और छोड़ दें। – मलाई को जले हुए स्थान पर हल्के हाथों से लगाएं। मलाई में नमी होती है, जो त्वचा को ठंडक पहुंचाकर जलन को कम करती है। – एलोवेरा के जैल को निकालकर सीधे घाव पर लगाएं। यह त्वचा को ठंडक देता है और फफोले बनने से रोकता है। – संक्रमण से बचने के लिए प्रभावित जगह पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं। महत्वपूर्ण सावधानियां बरते – पटाखे जलाते समय हमेशा कम से कम 4 मीटर की दूरी रखें। – पटाखों की आवाज के एयर प्रेशर से कान पर असर हो सकता है, इसलिए कानों का ध्यान रखें। – पटाखे चलाते समय हमेशा जूते पहनें ताकि पैरों को सुरक्षा मिल सके। – यदि जलने के बाद फफोले पड़ जाएं, तो उन्हें न फोड़ें; इससे संक्रमण का खतरा रहता है। इन उपायों से जले हुए घाव की देखभाल कर सकते हैं और जलन को कम कर सकते हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 70

डाटाबेस प्रबंधन में अवसर

किसी भी कंपनी के लिए उनके डाटाज बेहद महत्वपूर्ण होते है। इन डाटा को सुरक्षित और अपडेट करने के डाटाबेस प्रबंधन की डिमांड तेजी से बढ़ती जा रही है। आखिर क्या है इनकी भूमिका? क्या आपकी मुलाकात किसी ऐसे व्यक्ति से हुई है, जिनके पास कंपनी से संबंधित सारे डाटाज उपलब्ध हों। यदि हां, तो आपकी मुलाकात अब तक किसी ऐसे डाटाबेस प्रबंधक से हो गई होगी, जिनका प्रमुख काम होता है कंपनी की छोटी-छोटी गतिविधियों का ब्योरा रखना और उस ब्योरे से संबंधित डाटा को लगातार अपडेट करते रहना। दरअसल, डाटाबेस प्रबंधन द्वारा अपडेट किए जाने वाले डाटाज पर ही किसी भी संस्था के महत्वपूर्ण निर्णय निर्भर करते हैं। देखा जाए, तो इनका काम बेहद महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ चुनौतिपूर्ण भी होता है, क्योंकि उन्हें अपने डाटाज को लगातार अपडेट करना होता है। दरअसल, वे इस तरह का काम कंपनी की बेहतरी के लिए करते हैं और इसके लिए उन्हें बाजार की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर भी रखनी पड़ती है। गौरतलब यह है कि डाटाबेस कुल मिलाकर एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें जानकारियों को स्टोर किया जाता है। क्या आपको डाटाज मेंटेन करना अच्छा लगता है? अगर हां, तो आप इसे करियर के रूप में चुन सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको कम्प्यूटर लैंग्वेज की जानकारी होनी चाहिए। जॉब पर रखें नजर:- वैसे, ऑरकल सर्टिफाइड असोसिएट (ओसीए) सर्टिफिकेशन के साथ इस क्षेत्र में फ्रेशर्स को भी आसानी से प्रवेश मिल जाता है। शुरुआती दौर में इन्हें लगभग 2-4 लाख रुपये सालाना मिल जाते हैं। दरअसल, 10 से 15 डेवलॅपर्स पर एक डेवलॅपमेंट डाटाबेस ऐडमिनिस्ट्रेटर की आवश्यकता होती है। आज जिस तरह से ज्योग्रफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी आदि जैसे क्षेत्रों का विकास हो रहा है, उससे इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं निरंतर बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही आपके पास कई और विकल्प भी हैं, जिन पर भी गौर किया जा सकता है। इसके अलावा, आप डाटाबेस एनालिस्ट के रूप में भी कार्य कर सकते है। ये योग्यताएं हैं जरूरी… ऑरकल पीएल की जानकारी आवश्यक है। पीएल-एसक्यूएल स्टोर्ड प्रोसिड्योर, ट्रीगर्स आदि को डेवलॅप करने की जानकारी। डाइनेमिक एसक्यूएल और जिन्हें असाधारण परिस्थितियों को संभालना अच्छी तरह आता हो। अच्छी कम्युनिकेशन और मैनेजमेंट स्किल। यदि आपके पास ये योग्यताएं हैं, तो डाटाबेस प्रबंधन के रूप में आपका भविष्य सुरक्षित और बेहतर हो सकता है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 39

कौन सा वाई-फाई राउटर है आपके लिए बेहतर, इन टिप्स से करें सिलेक्ट

इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कई यूजर्स तो ऑफिस के बाद घर में भी इंटरनेट की मदद से काम करते हैं। इतना ही नहीं, लैपटॉप के साथ स्मार्टफोन पर भी इंटरनेट की जरूरत होती है। ऐसे में वाई-फाई नेटवर्क बेस्ट ऑप्शन होता है। वाई-फाई की मदद से यूजर्स कई डिवाइस एक साथ कनेक्ट कर सकता है। साथ ही, इससे बेहतर स्पीड भी मिलती है। वाई-फाई नेटवर्क के लिए राउटर की जरूरत होती है। ऐसे में यदि आप मार्केट से नया वाई-फाई राउटर लेने जा रहे हैं, तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें। इन बातों की मदद से आप बेहतर वाई-फाई राउटर का चयन कर पाएंगे। टिप्स नंबर-1 आपके पास है कौन-सा कनेक्शन वाई-फाई राउटर लगाने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आपको पास कौन-सा कनेक्शन हैं। यानी क्या आप राउटर की सर्विस अपनी फोन लाइन के जरिए लेना चाहते हैं। भारत में कई यूजर्स जो फोन के जरिए वाई-फाई राउटर का इस्तेमाल करते हैं उनके घरों में एमटीएनएल या बीएसएनएल का कनेक्शन होता है। ऐसे में आपको ऐसे हार्डवेयर का इस्तेमाल करना है जो आपके कनेक्शन के साथ ठीक रहे। ऐसे में आपके लिए एडीएसएल राउटर ठीक रहेगा। हालांकि, इस तरह के राउटर से आपको किसी फिक्स जगह पर पीसी का इस्तेमाल करना होगा, लेकिन आपका राउटर वायरलैस है तो इसकी जरूरत नहीं होगी। एडीएसएल में कई एडवांस राउटर भी आते हैं, जिससे आप स्टोरेज और प्रिंटर भी कनेक्ट कर सकते हैं। टिप्स नंबर-2 स्टैंडर्ड कैसा हो? जो राउटर 802.11एसी स्टैंडर्ड को सपोर्ट करते हैं, वो बेहतर होते हैं। इनकी डाटा ट्रांसफर स्पीड 802.11एन से तीन गुना ज्यादा होती है। ये 5गीगा हटर्ज फ्रिक्वेंसी बैंड पर इस्तेमाल किए जाते हैं, जो रेग्युलर 2.4गीगा हटर्ज बैंड से कम होते हैं। हालांकि, इनका नेटवर्क परफॉर्मेंस बेहतर होता है। खासकर, स्ट्रीमिंग मीडिया कंटेंट के लिए ये बेस्ट हैं। इन राउटर का बेस्ट पार्ट है कि ये ‘एन’ स्टैंडर्ड के साथ कम्फर्टेबल हैं। यानी आपका पुराना डिवाइस भी बिना किसी प्रॉब्लम के बेहतर काम करेगा। इतना ही नहीं, आप इससे पैसे भी बचा सकते हैं। टिप्स नंबर-3 डुअल-बैंड आपको बता दें कि ‘एन’स्टैंडर्ड वाले राउटर 2.4गीगा हटर्ज फ्रिक्वेंसी बैंड पर काम करते हैं। इतना ही नहीं, माइक्रोवेव ओवन, कोर्डलैस फोन और ब्लूटूथ डिवाइस भी इसी स्पैक्ट्रम पर ऑपरेट किए जाते हैं। इसके चलते ये सिग्नल और पावर को कम करत सकते हैं। ऐसे केस में बेहतर होगा कि आप डुअल-बैंड राउटर का इस्तेमाल करें, जो 5गीगा हटर्ज बैंड को भी सपोर्ट करेगा। ऐसे में आप अपना स्मार्टफोन और लैपटॉप 5गीगा हटर्ज बैंड के साथ कनेक्ट कर पाएंगे, जो 2.4गीगा हटर्ज से ज्यादा स्पीड देगा। टिप्स नंबर-4 यूएसबी पोर्ट्स यूएसबी पोर्ट वाले राउटर में आप फ्लैश ड्राइव के साथ प्रिंटर भी नेटवर्क पर शेयर कर सकते हैं। ये किसी छोटे ऑफिस या जगह के लिए सबसे बेस्ट और कामयाब फंक्शन होता है। इनका इस्तेमाल वायरलेस नेटवर्क के तौर पर भी किया जा सकता है। इनमें कुछ राउटर 3जी डाटा डोंगल को सपोर्ट करते हैं, लेकिन ये स्पेशिफिक बैंड के होना चाहिए। ऐसे में राउटर खरीदने से पहले इस बात को जरूर चेक करें कि वो आपके डोंगल को सपोर्ट करेगा या नहीं। टिप्स नंबर-5 मल्टीपल एंटीना राउटर में मल्टीपल एंटीना लगाकर उसकी रेंज को बढ़ाया जा सकता है, लेकिन इसकी रेंज घर या ऑफिस की दीवारों और विंडो से भी बाहर हो जाती है। ऐसे में कोई आपके वाई-फाई का इस्तेमाल कर सकता है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 64

सीधे बालों को कर्ल करने के आसान तरीके

लड़कियो कि असली खूबसूरती का राज उनके बाल होते हैं। अपने बालों को नया लुक देकर जब आप खुद को एक नये अंदाज में देखते हैं तो इस खुशी का अंदाजा लगाना भी मुश्किल होने लगता है। लेकिन बाल जब एक ही तरह के दिखते हैं तब आप खुद में बोरियत पन का अहसास करने लगते हैं। और फिर बाल अगर सिल्की स्ट्रेट हो तब तो कोई भी स्टाइल बना पाना और भी मुश्किल हो जाता है। इससे ज्यादा बोरिंग और क्या होगा कि आप कहीं भी जाए बस एक ही हेयर स्टाइल हो। कई बार तो ऐसा भी होता है कि पार्टी में जाने के लिए बालों को एक नया लुक देने के लिए आप पार्लर में न जाने कितना पैसे खर्च करते हैं लेकिन जैसे ही आप सैलून से बाहर निकलती हैं ये लॉक्स फिर से फ्लैट हो जाते हैं। इसीलिए हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे टिप्स, जिन्हें फॉलो कर आप अपने घर पर ही इन कर्ल्स को ज्यादा टाइम तक टिका सकती हैं। सावधानियां:- बालों में ज्यादा कंडीशनर उन्हें और फिर सिल्की बनाता है और इससे बालों में कर्ल्स टिक नहीं पाते। इसीलिए कंडीशनर कम लगाएं। साथ ही हमेशा हेयर वॉश करने के अगले दिन ही बालों को कर्ल करें। क्योंकि ऐसे में बालों में नैचुरल ऑयल होगा, यदि आप बालों में कर्लिंग आयरन लगा रहे है तो ध्यान दे कि इससे पहले बालों में मूस लगा लें। एक बेसबॉल साइज जितना मूस लें और बालों की जड़ों से लेकर एंड्स तक लगाएं। ये आपके बालों के ऊपर एक कवच बनाएगा, जिससे कर्ल्स अच्छे से टीके रहेंगे। आप नारियल या आर्गन तेल भी लगा सकती हैं। बाल कर्ल बनाए रखने के तरीके… कर्ल और क्लिप-कुछ सेकेंड्स में कर्ली बाल पाने के लिए कई कर्लिंग रॉड्स और फ्लैट आइरन्स आती हैं। लेकिन कर्ल करने के बाद आपका अगला स्टेप होना चाहिए क्लिप। अगर आपके बाल बहुत कर्ल हैं तब तो ये बहुत जरूरी है। इसीलिए बालों को कर्ल करने के 5 सेकेंड बाद बालों से रॉड हटाएं और डकबिल क्लिप या बॉबी पिन लगा लें। 5 से 10 मिनट रूकें। अगर आप हीट डैमेज से बालों में होने वाले नुकसान के बारे में परेशान हैं तो रात भर सॉफ्ट स्पॉंज रोलर्स लगा कर सोएं। इससे आपको बिना बालों को डैमेज किए वही रिजल्ट मिलेगा। बालों से क्लिप खोलने के बाद बालों को उंगलियों से बिखेरें। आप कैसे भी कर्ल करें, हर बार उन्हें उंगलियों से ही बिखेरे, इससे कर्ल्स बालों में ज्यादा टाइम तक बने रहेंगे। आखिर में हेयर स्प्रे लगाएं, बस आप तैयार हैं।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 37