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ICMR ने कहा है भारत में कैंसर के मामले और मौतें 2022 से 2045 के बीच बढ़ने का अनुमान

नई दिल्ली भारत में कैंसर तेजी से फैल रहा है. यह एक ऐसी बीमारी है जिसका सही समय पर पता न चले तो इलाज मुश्किल हो जाता है. 2023 में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में पब्लिश हुई एक स्टडी में कहा गया था कि भारत में ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर जैसे कैंसर के मामले तेजी बढ़ रहे हैं. कुछ दिन पहले भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कहा है कि भारत में कैंसर के मामले और मौतें 2022 से 2045 के बीच बढ़ने का अनुमान है. ब्रिक्स देश यानी ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका में कैंसर के मामले, उनसे होने वाली मौतों और उनका रोजमर्रा की लाइफ पर प्रभाव दिखाने वाली स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि भारत में मुंह और ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ने का जोखिम है. आईसीएमआर-नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इन्फॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च की रिसर्च के मुताबिक, पुरुषों में होंठ और मुंह के कैंसर के मामले सबसे अधिक पाए गए हैं जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले सबसे अधिक पाए गए. क्या कहती है रिसर्च कैंसर एपिडेमियोलॉजी में पब्लिश स्टडी के मुताबिक, दुनिया भर में कैंसर से होने वाली कुल मौतों में से 20 प्रतिशत मौतें ब्रिक्स देशों में होती हैं. स्टडी के राइटर्स का कहना है, 'हमारा विश्लेषण भारत और दक्षिण अफ्रीका में 2022 और 2045 के बीच कैंसर के मामलों और मौतों में तेजी से वृद्धि होगी. स्टडी के राइटर सतीशकुमार ने बताया कि 2020 की तुलना में 2025 में भारत में कैंसर के मामलों में 12.8 प्रतिशत की वृद्धि होगी और कैंसर की घटनाओं में तेजी लगातार जारी रहेगी.' निष्कर्ष क्या निकला स्टडी के निष्कर्ष में इस बारे में जानकारी दी गई है कि कैंसर कितना कॉमन है, इससे कितनी मौतें होती हैं और इससे आम इंसान की लाइफ पर कितना प्रभाव होता है. रिसर्च के मुताबिक, रूस में पुरुषों और महिलाओं में नए प्रकार के कैंसर के मामलों की दर सबसे अधिक थी. रूस में पुरुषों में सबसे आम प्रकार का कैंसर प्रोस्टेट, लंग्स और कोलोरेक्टल थे. अधिकांश ब्रिक्स देशों में महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर प्रमुख था. हालांकि, भारत में होंठ और मुंह के कैंसर का ट्रीटमेंट पुरुषों में सबसे अधिक बार किया गया. दक्षिण अफ्रीका में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए कैंसर से होने वाली मृत्यु दर सबसे अधिक थी. अगर रूस में सिर्फ पुरुषों की मौत सबसे अधिक कैंसर से हुई ती और महिलाओं की दक्षिण अफ्रीका में कैंसर से मौत सबसे अधिक हुई थी. स्टडी में यह भी बताया गया है कि भारत को छोड़कर सभी ब्रिक्स देशों में लंग्स कैंसर मौतों का सबसे बढ़ा कारण था. भारत में बढ़ सकता है मौतों का आंकड़ा रिसर्चर्स के अनुसार, आने वाले सालों में दक्षिण अफ्रीका और भारत में कैंसर के नए मामलों और कैंसर से संबंधित मौतों में सबसे अधिक वृद्धि होने की संभावना है. हालांकि ब्रिक्स देशों के पास कैंसर को कंट्रोल करने के तरीके हैं लेकिन फिर भी कैंसर के जोखिम और कैंसर की घटनाओं को प्रभावित करने वाले हेल्थ सिस्टम की जांच करनी काफी जरूरी है.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 30

वर्ल्ड डायबिटिक डे: सावधान.. कही ये डायबिटीज आपकी आँखों की रोशनी ना छीन ले

बदलती दिनचर्या व जीवन शैली, बढ़ते तनाव, आनुवंशिक और खानपान में बदलाव आदि कारणों से विश्व में डायबिटीज के मरीजो की संख्या बढ़ती जा रही है। विभिन्न रिसर्च के अनुसार भारत वर्ष में डायबिटीज के मरीजो की संख्या लगभग 77 लाख अनुमानित है जो की 20 वर्षों में बढ़कर लगभग 1 करोड़ 35 लाख से अधिक होने की संभावना है। भारत को विश्व की डायबिटीज कैपिटल के रूप में जाना जाता है । डायबिटीज का दुष्प्रभाव शरीर के विभिन्न अंगों पर पड़ता है , आँखें भी इसका अपवाद नहीं है। आँखों के पर्दे या रेटिना पर इसके दुष्प्रभाव से रोशनी प्रभावित होने का ख़तरा होता है इस बीमारी को डायबिटिक रेटिनोपैथी का नाम दिया गया है । प्रारंभिक अवस्था में इसके कोई लक्षण नहीं होते और एडवांस स्टेज में ही मरीज़ को इसके बारे में पता चलता है । डायबिटीज से होने वाली ब्लाइंडनेस को कम करने हेतु 14 नवंबर वर्ल्ड डायबिटिक डे से मध्य प्रदेश स्टेट ऑफ़ल्थैमिक सोसाइटी द्वारा विशेष जन जागरूकता अभियान की शुरुआत की जा रही है ।संस्था के नव निर्वाचित अध्यक्ष एवम् रेटिना रोग विशेषज्ञ डा गजेंद्र चावला के अनुसार  15 दिवसीय इस आयोजन में प्रदेश भर में विभिन्न गतिविधिया का आयोजन किया जायेगा। डायबिटीज के मरीजो के रेटिना की जाँच, सेमिनार व कार्यशाला का आयोजन, पैम्पलेट्स का वितरण, सोशल मीडिया , प्रिंट मीडिया , इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उपयोग कर जन सामान्य तक डायबिटिक रेटिनोपैथी के बारे में जानकारी पहुँचाना आदि शामिल है । जिससे इस बीमारी को प्रारभिक अवस्था में पहचान कर उचित उपचार के द्वारा डायबिटीज से होने वाली ब्लाइंडनेस को रोका जा सके । डा चावला से डायबिटीज के सभी मरीजो को सलाह दी है कि वे साल में कम से कम एक बार अपनी आँखों की जाँच , जिसमे रेटिना अथवा पर्दे की जाँच शामिल हो , अवश्य कराये चाहे उनको नज़र से संबंधित कोई लक्षण हो या ना हो और अपनी रोशनी को बचाये। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 40

बैठने वाली जॉब करने वाले जरूर करें ये योगासन, नहीं होंगी रीढ़ की हड्डी की समस्याएं

जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती जा रही है, बहुत सारे काम अब एक ही जगह बैठकर किए जाने लगे हैं। इसी तरह पढ़ने वाले स्टूडेंट्स, दुकानदार और डेस्क डेस्क जॉब वाले लोगों को दिनभर एक ही जगह बैठे-बैठे काम करना पड़ता है। काम के दबाव के कारण न तो अपनी फिटनेस के बारे में सोचने का वक्त होता है और न ही जिम जाकर एक्सरसाइज करने का समय होता है। ऐसे में देखा गया है कि थोड़े समय बाद इन लोगों में पीठ दर्द, कमर दर्द, कंधा दर्द या कोहनी और उंगलियों का दर्द शुरू हो जाता है। इसका कारण यह है कि आप मानसिक रूप से तो एक्टिव होते हैं मगर शारीरिक रूप से बिल्कुल निष्क्रिय होते हैं। फिट रहने के लिए आपके शरीर को थोड़ी मेहनत या एक्सरसाइज करनी बहुत जरूरी है। अगर आपको अपने काम से ज्यादा समय नहीं मिलता है, तो आप घर पर या ऑफिस में ही 10 मिनट समय निकालकर कुछ आसान योगासन कर सकते हैं, जिससे आप शरीर में होने वाली इन समस्याओं से बचे रहें। इसके अलावा ये योगासन आपको शारीरिक रूप से फिट भी रखेंगे। हस्तोत्तासन करें : हस्तोत्तासन को आप कहीं भी और कभी भी कर सकते हैं। इसे करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और हाथों को ऊपर आकाश की तरफ उठा लें। अह दोनों हाथों के पंजों को मिलाते हुए एड़ियों को ऊंचा करें और हाथों को और ऊपर की तरफ खींचें। इसके बाद एड़ियों को जमीन पर रख दें। अब हाथों को ऊपर उठाए हुए ही दाईं तरफ क्षमतानुसार घूम कर स्ट्रेच करें। फिर इसी तरह बाईं तरफ क्षमतानुसार स्ट्रेच करें। हर 3 घंटे के अंतराल पर ऐसा 2-3 बार कर लें, तो आपको कभी भी कमर और पीठ की समस्या नहीं होगी। सुप्त पवनमुक्तासन : चटाई बिछाकर सीधे लेट जाएं। अपने घुटनों से टांगें मोड़ लें और उन्हें अपनी छाती के करीब लाएं। अपनी टांगों के आसपास अपनी बाहें लपेटें। चाहें तो अब आंखें भी बंद कर सकती हैं। गहरी सांस लें। इसी मुद्रा में 1 मिनट के लिए रहें। अब सांस छोड़ें और अपना सिर इतना उठाएं कि आपकी नाक घुटनों को छू सके। इस मुद्रा में 5 सेकंड तक रहें। सांस लेते हुए अब अपना सिर पीछे ले जा सकती हैं। इसे 5 बार दोहराएं। इस आसन से पेट, छोटी और बड़ी इंटेस्टाइन, लिवर, पेन्क्रियाज़, गॉलब्लैडर और पेल्विक की मांसपेशियों की खुद-ब- खुद मालिश हो जाती है। पदसंचालनासन : यह आसन मोटापे के इलाज में बहुत कारगर है। इसके अभ्यास से पीठ, हिप्स, टांगें, होठ, पेट और पेल्विस मजबूत होते हैं। चटाई बिछा लें और उस पर सीधी लेट जाएं। हथेलियां नीचे की तरफ हों। सामान्य रूप से सांस लें और अपनी दोनों टांगों को ऐसे हवा में चलाएं, मानो लेटे हुए साइकिल चला रही हों। इसके 10-12 राउंड्स करें। अब शवासन में आएं, यानी लेट जाएं और दो मिनट तक धीरे-धीरे सांस लें। अब उलटी दिशा में टांगों को चलाएं। इसके 10-12 राउंड्स करें। स्ट्रेचिंग करें : उल्टी। टांग को सीधी टांग के ऊपर रखें और आगे की तरफ झुक जाएं फिर महसूस करें कि कहां-कहां स्ट्रेटच आ रहा है। फिर वापस उसी अवस्थां में आ जाएं। फिर दूसरी तरफ से भी इस आसन को करें। अब अपनी उंगलियों को आपस में फंसाकर ऊपर ले जाइए और खींचकर रखिए। सांस भरते रहिए और वापस आ जाइए। फिर अपना उल्टां हाथ ऊपर ले जाइए और दूसरी साइड में झुक जाइए। ऐसा ही दूसरी साइड से भी करें। उल्टा पैर आगे ले जाइए फिर हाथ से पैरों की उंगालियों को पकड़ने की कोशिश करें। अगर नहीं पकड़ पा रहे तो पैर को पकड़ लें। फिर वापस आ जाइए। दूसरी तरफ से भी ऐसे ही करें। घंटों तक न बैठे रहें : ऑफिस में बैठने का काम हो तो भी एक जगह चेयर पर घंटों तक न बैठे रहें, बल्कि बीच-बीच में टहलते रहें। हर एक-डेढ़ घंटे बाद अपनी कुर्सी से उठें और 20 कदम चलकर शरीर को थोड़ा स्ट्रेच करें और फिर बैठ जाएं। अपना सामान स्वयं ही उठाकर रखें या फिर लंच टाइम में अपने केबिन में ही टहल लें। कैसे भी 15-20 मिनट तो अवश्य निकालें अपने लिए जिसमें आप चल सकें, ताकि शरीर की कसरत हो जाए।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 47

चेहरे के बाल हटाने के लिए वैक्सिंग क्यों नुकसानदायक है

मुंहासें, दाग-धब्बे और झुर्रियां जैसी कई चीजें आपके चेहरे की सुंदरता को कम कर देती हैं। जिन्हें दूर करने के लिए आप कई तरीके अपनाते हैं। इन सभी चीजों की तरह चेहरे पर मौजूद अनचाहे बाल भी आपकी चेहरे की सुंदरता को कम कर देती हैं। चेहरे से बाल हटाने के लिए महिलाएं कई तरीके अपनाती हैं। इनमें से कुछ घरेलू उपाय होते हैं। मगर कुछ महिलाएं चेहरे से अनचाहे बालों को हटाने के लिए वैक्सिंग भी करवाती हैं। हाथ, पैर और अंडरआर्म्स से बालों को हटाने के लिए आपने वैक्सिंग के बारे में तो सुना ही होगा। अब चेहरे से बाल हटाने के लिए भी वैक्सिंग कराई जाती है। चेहरे पर वैक्सिंग करने के होने वाले नुकसानों के बारे में बताते हैं। चेहरे पर वैक्सिंग कराने के नुकसान- रैशेज : चेहरे पर वैक्सिंग करने से कुछ समय के लिए रैशेज और जलन होना सामान्य होता है। हालांकि यह रैशेज साइड इफेक्ट होते हैं। यह रैशेज एक दिन तक रहते हैं। अगर यह रैशेज ज्यादा समय तक रहते हैं तो उस प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना बंद कर दें। सन सेंसिटिविटी : अगर आपको सन बर्न हुआ है तो उस दौरान चेहरे पर वैक्स नहीं करनी चाहिए। उस दौरान आपको अपनी त्वचा का खास ध्यान रखना चाहिए। साथ ही अगप आपने अगर चेहरे पर वैक्स कराई है तो धूप में निकलने से बचना चाहिए। चेहरे पर वैक्सिंग के दौरान बालों के साथ त्वचा की ऊपरी परत एपिडर्मिस भी हट जाती है। जिसकी वजह से आपकी त्वचा सूरज की रोशनी में ज्यादा संवेदनशील हो जाती है। इनग्नोन हेयर : शेविंग के साथ वैक्सिंग की वजह से भी इनग्रोन हेयर की समस्या हो जाती है। वैक्सिंग के दौरान इनग्रोन हेयर से बचने के लिए बालों के विपरीत तरफ स्ट्रिप खीचें। कई बार बालों की जड़ें मजबूत होने की वजह से यह वैक्सिंग की मदद से पूरी तरह निकल नहीं पाते हैं जिससे इनग्रोन हेयर रह जाते हैं। दर्द : वैक्सिंग की वजह से दर्द बहुत होता है। ऐसा तब होता है जब बहुत जल्दी वैक्स स्ट्रिप को हटा दिया जाता है। इस दौरान संवेदनशील त्वचा पर सबसे ज्यादा दर्द होता है। इंफेक्शन : कुछ लोगों को वैक्सिंग की वजह से इंफेक्शन हो जाता है। कई बार वैक्सिंग के दौरान त्वचा से खून आने लगता है या त्वचा खराब हो जाती है। अगर किसी जगह पर पहले से कट है तो वहां वैक्स लगाने से इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 82

ऐसे बनाएं ब्रांड इमेज…

मैं कौन हूं। यह आत्ममंथन का मूल सवाल है। मूल रूप से यह पहचान से जुड़ा हुआ सवाल है। दूसरे शब्दों में इस सवाल के जरिए यह मंथन किया जाता है कि मैं क्या करता हूं और मेरे होने का मतलब क्या है। मैं खुद को एक चिकित्सक या एक बेहतरीन चिकित्सक के रूप में देख सकता हूं। मैं खुद को एक सरकारी अधिकारी के रूप में या एक भ्रष्ट या निकम्मे बाबू के रूप में या एक कर्मचारी या एक भरोसेमंद कर्मचारी के रूप में खुद को देख सकता हूं। इन सबके बीच स्पष्ट अंतर है। इसलिए मैं कौन हूं यह सवाल हमें परिभाषित करना है। यह सवाल एक व्यक्ति, संगठन, संस्थान और कंपनी के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है। इसलिए एक कंपनी या कारोबार के लिए यह जानना जरूरी है कि वह कौन है, उसके होने का अर्थ क्या है, उसे किस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है और इसलिए उसे दूसरों से अलग कैसे किया जा सकता है। यही है यूनीक सेलिंग प्रोपोजिशन (यूएसपी) या ब्रांडिंग। यदि कंपनी अपनी यूएसपी को स्पष्ट तरीके से परिभाषित नहीं करे, तो उसकी दूसरों से अलग कोई पहचान नहीं बनेगी। एक बार ब्रांड का निर्माण करने के बाद कंपनी को लगातार ग्राहकों को संतुष्ट करते हुए उसकी रक्षा करनी होती है। ब्रांड का निर्माण करने में लंबा समय लगता है, लेकिन उसे नष्ट करने में मिनट भी नहीं लगता। ब्रांड निर्माण में प्रभावी संवाद बहुत महत्वपूर्ण है। इस तथ्य को नजरंदाज नहीं करना चाहिए कि धारणा कितनी मजबूत होती है। लेकिन यह धारणा झूठ पर आधारित नहीं हो सकती है। अगर यह झूठ पर आधारित है, तो इसे जल्द से जल्द सही किया जाना चाहिए, वरना इसका प्रभाव गहरी जड़े जमा लेता है। इसका परिणाम यह होता है कि ब्रांड नष्ट हो जाता है। संवाद का काम आपके उत्पाद की सही बातों को बताना होता है। लेकिन यदि आपके द्वारा रची जा रही बातें झूठी लगेंगी, तो यह ग्राहकों को धोखा देने के समान होगा। प्रभावी संवाद स्थापित करने के नौ सिद्धांत हैं। 1. सिर्फ सच्चाई ही बिकती है: ग्राहकों से कभी झूठे वादे मत कीजिए। यदि उत्पाद खराब है, तो कितनी भी अच्छी तरह पैकेजिंग करने से यह बेहतर नहीं हो जाएगा। संवाद से भरोसे का निर्माण होना चाहिए। 2. खराब साबित हो चुके सामान को अच्छा मत बताते रहिए: यदि ग्राहक किसी उत्पाद को खराब बताकर अस्वीकार कर देता है, तो उसे दुकान से हटा दीजिए। यदि आप इससे जबरदस्ती बेचते रहेंगे, तो आपकी साख घट जाएगी। 3. अपने उत्पाद पर भरोसा रखिए: आपको अपने उत्पाद पर भरोसा होगा, तभी आप उसे लक्षित ग्राहकों को बेच पाएंगे। यदि आप किसी कार कंपनी के लिए काम करते हैं, तो आपको दूसरी कंपनियों की कारें नहीं इस्तेमाल करनी चाहिए, वरना ग्राहकों को आपकी कार पर भरोसा नहीं होगा। 4. ग्राहकों को समझिए: एक ही सामान सभी ग्राहकों को नहीं बेचा जा सकता। आपको अपने ग्राहकों को समझना होगा, ताकि आप अलग-अलग ग्राहकों के लिए अलग-अलग बिक्री योजना बना सकें। 5. पुराने ग्राहकों को सहेजिए: बाजार में ग्राहक तभी बढ़ते हैं, जब आप पुराने ग्राहकों को सहेजते हुए नए ग्राहकों का निर्माण करते हैं। नए दोस्त बनाने का मतलब यह नहीं है कि आप पुराने दोस्त भूल जाएं। 6. बाजार पर नजर टिकाए रखिए: बाजार में प्रभाव बनाए रखने के लिए आपको इसे समझना होगा। जमाना जब लैपटॉप, आईपैड और मोबाइल का है, तब आप टाइपराइटर का निर्माण करेंगे, तब लोग आपको पिछड़ा हुआ समझेंगे। और यदि आप फिर भी टाइपराइटर बेच रहे हैं, तो आपको प्रभावकारी तरीके से बताना होगा कि आप टाइपराइटर क्यों बेच रहे हैं। 7. अपने संवाद को स्पष्ट तरीके से रखिए: ग्राहकों को यह स्पष्ट तरीके से समझ में आना चाहिए कि एक उत्पाद क्या कर सकता है और क्या नहीं कर सकता है। उत्पाद एक रहस्य पर आधारित उपन्यास की तरह नहीं होता। उत्पाद में वे बातें मिलनी चाहिए, जिसके लिए ग्राहकों ने कीमत का भुगतान किया है। 8. अपने प्रतियोगी को कम नहीं समझें: उत्पादों के बीच प्रतियोगिता होती है और स्वस्थ्य प्रतियोगिता से बाजार चलता है। लेकिन जब प्रतियोगिता आक्रामक और ओछेपन पर उतर आती है, तो बाजार से ग्राहक हटने लगते हैं। 9. सदा जागरूक रहिए: बेहतर बिक्री योजना और बेहतर उत्पाद के बारे में हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए। वे खुद-ब-खुद बेहतर बने हुए नहीं रहते। बाजार का विश्लेषण और उपभोक्ताओं के व्यवहार के प्रति हमेशा जागरूक रहना चाहिए और जरूरत होने पर उपयुक्त कदम उठाने चाहिए। संवाद का प्रभावी रूप से किया जाना बहुत जरूरी है। इससे ब्रांड बनता है और उसकी रक्षा करनी होती है। लेकिन ऐसा करने के लिए यह जानना जरूरी है कि हम बेच क्या रहे हैं। दूसरे शब्दों में यह जानना जरूरी है कि हम कौन हैं और किन बातों के पक्ष में खड़े हैं।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 46

प्राणघातक हो सकती है कैल्शियम की कमी

कैल्शियम को सदा से ही मजबूत हड्डियों और दांतों के लिए आवश्यक माना जाता रहा है किन्तु नए शोधों के अनुसार इसके अतिरिक्त भी कैल्शियम हमारे शरीर के लिए कई बीमारियों को दूर रखने में सहायता करता है। हड्डियां हमारे शरीर के लिए कैल्शियम के स्टोर का कार्य करती हैं जहां से आवश्यकतानुसार शरीर कैल्शियम लेता रहता है। हमारे भोजन से हड्डियों को कैल्शियम मिलने और हड्डियों से शरीर को कैल्शियम मिलने की प्रक्रिया हेतु विटामिन डी की उपस्थिति अनिवार्य है। विशेषज्ञों के अनुसार हर वयस्क को न्यूनतम 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की दैनिक आपूर्ति होनी आवश्यक है। यदि भोजन से इतना कैल्शियम नहीं मिल पाता तो हमारे शरीर को पैराथायराइड हार्मोन विटामिन डी के सहयोग से हड्डियों से रक्त का कैल्शियम स्थानांतरित कर देता है। यदि व्यक्ति के भोजन में लगातार कैल्शियम या विटामिन डी की कमी चलती रहे तो उसकी हड्डियां कमजोर हो जाएंगी। नवीन शोधों के अनुसार कैल्शियम की कमी का निम्र रोगों पर भी प्रभाव पड़ता है। उच्च रक्तचाप मनुष्य के रक्तचाप पर कई चीजों का प्रभाव पड़ता है। शरीर का वजन, शारीरिक गतिविधि, नमक व पारिवारिक पृष्ठभूमि का रक्तचाप पर प्रायः प्रभाव पड़ता है किन्तु अब शोधों से पता चला है कि शरीर में कैल्शियम की कमी से आयु के साथ रक्तचाप में भी प्रभाव पड़ता है। 1997 में अमरीका में पाया गया है कि कम वसा वाले दूध, फल और सब्जियों के नियमित प्रयोग से (जिसमें लगभग 1200 मिलीग्राम कैल्शियम हो) रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है। यह नहीं कि कैल्शियम के साथ नमक अधिक लिया जाए किन्तु अधिक नमक और कम कैल्शियम खाने वाले व्यक्ति में उच्च रक्तचाप की संभावना बढ़ जाती है। डा. डेविड मैकरोन के अनुसार कम नमक वाले भोजन के स्थान पर दूध से बने पदार्थ उच्च रक्तचाप को काबू करने में अधिक प्रभावशाली हैं। उनके अनुसार अधिकतर बच्चे कैल्शियम की सही मात्रा नहीं लेते क्योंकि वे दूध, फल और सब्जी का सही मात्रा में सेवन नहीं करते। कैंसर: हमारे शरीर में बहुत से सैल बनते रहते हैं और समाप्त होते रहते हैं। पेट के अंदर ऐसे सैल प्रायः 3 से 10 दिन में बदल जाते हैं पर कभी-कभी ये सैल तीव्र गति से बढने लगते हैं, जिससे पेट के कैंसर की संभावना हो सकती है। अमरीकन मैडीकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित एक लेख के अनुसार जिन लोगों में पेट के कैंसर की संभावना थी, उन्हें 1500 मिलीग्राम कैल्शियम प्रतिदिन दिए जाने पर सैलों में बढ़ौतरी ठीक हो गई। मासिक धर्म: प्रायः महिलाओं को मासिक धर्म प्रारंभ होने से पूर्व कई तकलीफें होती हैं। सूसन थाई जैकब के अनुसार इसके लिए भी कैल्शियम की कमी ही उत्तरदायी है। उन्होंने 466 महिलाओं को 1200 मिलीग्राम कैल्शियम प्रतिदिन दिया और पाया कि अधिकतर महिलाओं की तकलीफें 48 प्रतिशत कम हो गईं। उनको होने वाली दर्द में भी कमी हुई। यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने आहार को इस प्रकार संयोजित करें कि हमें लगभग 1200 मिलीग्राम कैल्शियम प्रतिदिन मिलता रहे। 240 मिलीलीटर गाय के दूध में 288 मिलीग्राम कैल्शियम होता है जबकि 200 ग्राम दही में 268 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। 100 ग्राम सूखे नारियल में 400 मिलीग्राम कैल्शियम होता है जबकि 100 ग्राम खजूर में 120 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। इसके अतिरिक्त गूड़, पनीर, सोयाबीन, फूलगोभी और मछलियों में भी कैल्शियम पाया जाता है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 45

बाजार में बिक रहा मिलावटी गुड़: असली और नक़ली गुड़ की पहचान करें चुटकियों में 

Adulterated jaggery is being sold in the market: Identify real and fake jaggery in a jiffy बीते दिनों राजस्थान के अजमेर में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने एक बाड़ेनुमा चारदीवारी में दबिश दी। वहां मिलावटी गुड़ बनाने की फैक्ट्री चल रही थी। टीम को मौके से 9000 किलो गुड़ और गुड़ में मिलाए जाने वाले पदार्थ सेफोलाइट की एक-एक किलो की 30 थैलियां मिलीं। इसके अलावा सड़े-गले गुड़ से भरे पीपे भी मिले, जो बदबू मार रहे थे। हेल्थ ड्रिंक। सर्दियों के मौसम में गुड़ की डिमांड सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में मिलावटखोर मिलावटी गुड़ बेचकर अधिक कमाई करना चाहते हैं। मिलावटी गुड़ स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए गुड़ खरीदने से पहले असली और नकली की पहचान करना बहुत जरूरी है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में जानेंगे कि असली और नकली गुड़ की पहचान कैसे करें। साथ ही जानेंगे कि- नकली गुड़ में किस तरह की मिलावट हो सकती है?   नकली गुड़ खाने से क्या हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं? एक्सपर्ट: चतुर्भुज मीणा, स्टेट फूड एनालिस्ट, झारखंड डॉ. अमृता मिश्रा, न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटेटिक्स (नई दिल्ली) सवाल- मिलावटखोर मुनाफा कमाने के लिए गुड़ में किस तरह की चीजों की मिलावट करते हैं? जवाब- आमतौर पर मिलावटखोर नकली गुड़ में कैल्शियम कार्बोनेट और सोडियम बाइकार्बोनेट जैसी चीजें मिलाते हैं। कैल्शियम कार्बोनेट से गुड़ का वजन बढ़ाया जाता है, जबकि सोडियम बाइकार्बोनेट मिलाने से गुड़ के रंग में निखार आता है। इसके अलावा गुड़ में शक्कर (चीनी) और सेफोलाइट नामक केमिकल की मिलावट की जाती है। सेफोलाइट से गुड़ की शेल्फ लाइफ बढ़ती है और उसे लंबे समय तक ताजा रखा जा सकता है। इस तरह के केमिकल्स से बना गुड़ खाने से कई हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। सवाल- मिलावटी गुड़ हमारे शरीर के लिए कितना नुकसानदायक है? जवाब- गुड़ टेस्टी होने के साथ-साथ शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह विटामिन C, आयरन, पोटेशियम और मैग्नीशियम का अच्छा सोर्स है। इससे शरीर में इम्यूनिटी बूस्ट होती है। शरीर सर्दी-खांसी, फ्लू और दूसरी बीमारियों से बचा रहता है। हालांकि यह सभी फायदे तभी हैं, जब गुड़ पूरी तरह शुद्ध हो। उसमें किसी तरह के केमिकल की मिलावट न की गई हो। मिलावटी गुड़ फायदे की बजाय शरीर को गंभीर बीमारियां दे सकता है। सवाल- असली गुड़ को बनाने का पूरा प्रोसेस क्या है? जवाब- गुड़ को गन्ने से बनाया जाता है। आइए, इन पॉइंट्स की मदद से जानते हैं कि गन्ने की कटाई से लेकर गुड़ बनाने तक का पूरा प्रोसेस क्या है। सबसे पहले गन्ने की कटाई करके उसे अच्छे से धोया जाता है।  इसके बाद गुड़ फैक्ट्री में लगे कोल्हू में डालकर गन्ने का रस निकाला जाता है।   इस रस को साफ और फिल्टर किया जाता है। वेस्ट मटेरियल फेंक दिया जाता है।   अगले प्रोसेस में गन्ने के रस को एक बड़े बर्तन में गर्म किया जाता है। रस को उबालने के लिए आग की आंच को धीमा रखा जाता है   रस को गर्म करने के बाद इसमें घनत्व (Density) बढ़ाने के लिए मिट्टी के बर्तन में रखा जाता है। इससे गुड़ का रंग बदल जाता है।   इसके बाद गुड़ को ठंडा करने के लिए एक बड़े बर्तन में रखा जाता है।   ठंडा होने पर गुड़ जम जाता है। इसके बाद उसे अलग-अलग सांचे में डालकर आकार दिया जाता है और बाजार में बेचा जाता है। सवाल- असली और नकली गुड़ की पहचान कैसे कर सकते हैं? जवाब- गुड़ ऐसा सुपरफूड है, जो कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। लेकिन बाजार में बिकने वाला गुड़ मिलावटी भी हो सकता है, जो आपकी सेहत को बिगाड़ सकता है। इसलिए गुड़ खाने से पहले इसकी पहचान करना जरूरी है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 186