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भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एम्स भोपाल में हुए मध्य भारत के पहले हार्ट ट्रांसप्लांट से पुनर्जीवन प्राप्त करने वाले मरीज श्री दिनेश मालवीय से उनकी कुशलक्षेम पूछी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस उपलब्धि के लिए एम्स भोपाल की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि गत दो वर्ष से श्री मालवीय हृदय रोग से पीड़ित थे। उपचार से मिली राहत से श्री मालवीय प्रसन्न है। अंगदान किस प्रकार लोगों को जीवन देने का माध्यम बनता है, यह ट्रांसप्लांट इस तथ्य को स्पष्टत: दर्शाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि नर्मदापुरम निवासी श्री मालवीय 22 जनवरी को एम्स भोपाल में भर्ती हुए और 23 जनवरी को उनका हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया। अब वे पूर्णत: स्वस्थ है, संभवत: कल तक उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एम्स के डॉक्टरों व संपूर्ण टीम को उत्कृष्ट कार्य के लिए बधाई देते हुए कहा कि मानवता की सेवा के लिए टीम द्वारा किया गया कार्य प्रदेश को गौरवांवित करने वाला है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्तमान युग में अंग प्रत्यारोपण, अंग दान, देह दान जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। एक देह दान से लगभग 9 डॉक्टर्स को चिकित्सा संबंधी कई बारीकियों को व्यावहारिक रूप से सीखने में सहायता मिलती है। चिकित्सा शिक्षा के उद्देश्य से मेडिकल कॉलेजों के साथ आयुर्वेदिक महाविद्यालयों में भी पार्थिक देह की आवश्यकता होती है। राज्य शासन द्वारा देह दान के लिए परिवारों में जागरूकता लाने और उन्हें इस पुनीत कार्य के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं। देह दान की पूर्व सूचना देने वालों को राज्य शासन की ओर से सम्मानित किया जाएगा। अंतिम संस्कार के लिए गृह विभाग से समन्वय कर उपयुक्त व्यवस्था की जाएगी। अंग दान की पूर्व सूचना देने वाले व्यक्तियों को 15 अगस्त और 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर सम्मानित किया जाएगा। ऐसे जिन व्यक्तियों के पास अनुष्मान कार्ड नहीं हैं, उनके आयुष्मान कार्ड बनवाए जाएंगे। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में अंग दान और अंग प्रत्यारोपण की स्थिति बने इस उद्देश्य से आवश्यक प्रयास किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोक स्वास्थ्य, राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। इस उद्देश्य से ही लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग का एकीकरण किया गया। प्रदेश के विस्तृत भौगोलिक क्षेत्र को देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के समान ही राज्य शासन द्वारा भी आयुर्विज्ञान संस्थान विकसित किया जाएगा। राज्य शासन द्वारा रोगियों को तत्काल स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए पीएमश्री एयर एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जिन स्थानों पर हवाई पट्टियां हैं वहाँ विमान से और जहाँ हवाई पट्टियां नहीं है वहाँ हेलीकॉप्टर के माध्यम से मरीजों को चिकित्सा संस्थानों में भेजने की व्यवस्था की जा रही है। गंभीर स्थिति के मरीजों के उपचार में समय महत्वपूर्ण होता है, एयर एंबुलेंस सेवा से कम से कम समय में मरीज को उपयुक्त इलाज उपलब्ध कराना संभव हुआ है। एयर एंबुलेंस से प्रतिदिन जीवन रक्षा के उदाहरण सामने आ रहे हैं। एयर एंबुलेंस से एयर लिफ्ट करने में सामान्यतः 5 से 8 लाख रुपए का व्यय होता है। राज्य सरकार द्वारा लोगों की जीवन रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आयुष्मान योजना के माध्यम से आवश्यक प्रबंध किये गय हैं।

 

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