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रायपुर

कांग्रेस पार्टी को इस समय अंदर ही अंदर भितरघात का डर सता रहा है। हालात यह हैं कि आकाश शर्मा को टिकट मिलने के बाद अन्य टिकट के दावेदारों पर कांग्रेस ने निगरानी रखना शुरू कर दिया है। इसके लिए पार्टी ने पंच-सरपंचों की विभिन्न टीमों को तैनात किया है, जो दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में टिकट की प्रत्याशा रखने वालों की गतिविधियों पर नज़र रख रही हैं। इन टीमों का मुख्य कार्य यह पता लगाना है कि कौन व्यक्ति कांग्रेस पार्टी का समर्थन कर रहा है और कौन बागी होने की कगार पर है।

इसके लिए, कांग्रेस ने दूसरे जिलों से एक विशेष टीम को बुलाया है, जो रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में विशेषकर उन स्थानों पर जा रही है, जहां दावेदारों की अच्छी पैठ है। ये टीमें लगातार स्थानीय लोगों से बातचीत कर दावेदारों की मंशा को जानने का प्रयास कर रही हैं।इसके विपरीत, भाजपा में इस समय अंतर्कलह नहीं दिखाई दे रही है। हालांकि, एक संगठन के पदाधिकारी ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन भाजपा के बड़े नेता, विधायक, और जनप्रतिनिधियों में एकजुटता बनी हुई है।

इसी बीच, टिकट की दावेदारी करने वाले कन्हैया अग्रवाल शुक्रवार को नामांकन भरने के अंतिम दिन बतौर निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन भरने के लिए पहुंचे। लेकिन इस दौरान उन्हें कुछ पार्टी के बड़े नेताओं के फोन आए, जिसके बाद वे बिना नामांकन भरे ही वापस लौट गए। इस घटना ने कांग्रेस में भितरघात के डर को और भी बढ़ा दिया है।

कांग्रेस की स्थिति इस समय बहुत संवेदनशील है, और पार्टी के भीतर असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कांग्रेस के नेताओं को अब यह चिंता सता रही है कि कहीं उनके अपने ही लोग बगावत न कर दें। पार्टी के लिए यह समय रणनीतिक सोच और एकजुटता का है, क्योंकि चुनाव नजदीक हैं और हर सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए समर्पण और सहयोग की आवश्यकता है।

कांग्रेस को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि पार्टी के अंदर कोई भी असंतोष न हो, ताकि वे आगामी चुनाव में मजबूती से मुकाबला कर सकें। इस प्रकार, पार्टी भितरघात के खतरे से निपटने के लिए अपनी रणनीतियों को मजबूती से तैयार कर रही है।

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