Diwali festival begins in Orchha from today: Bundeli dance and music will resonate till Devuthani Gyaras
- ओरछा में दीपावली उत्सव का अनूठा रंग: आज से शुरू होगा बुंदेली नृत्य और संगीत का दौर, देवउठनी ग्यारस तक चलेगा जश्न
(कमलेश ),भोपाल। मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी ओरछा में आज से परंपरागत दीपावली उत्सव की भव्य शुरुआत हो रही है। श्री रामराजा सरकार की नगरी माने जाने वाले ओरछा में हर साल दीपावली के मौके पर बुंदेलखंड के करीब 150 गांवों की टोलियां नृत्य और गायन के साथ भगवान के दर्शन करने पहुंचती हैं। इस अनोखे उत्सव के आकर्षण में सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं, बल्कि यहां आए पर्यटक भी रंग जाते हैं और बुंदेली रंग में रंगने को मजबूर हो जाते हैं।
नृत्य और गायन का विशेष प्रदर्शन
दीपावली से शुरू होकर देवउठनी ग्यारस तक चलने वाले इस 11-दिवसीय उत्सव में, बुंदेली टोलियां अपने अनूठे वेशभूषा और नृत्य-संगीत के साथ गांव-गांव में घूमती हैं। इन टोलियों में कलाकार छोटे-छोटे कांच के टुकड़ों से सजाए मोटे ऊनी कपड़ों में सजे रहते हैं, जो पारंपरिक कला और संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं। इनकी नृत्य शैली और साज-बाज की ध्वनियां, जो नगड़िया और बुंदेली गायन से सजी होती हैं, भगवान राम के प्रति उनकी असीम श्रद्धा को उजागर करती हैं।
एक अनूठी सांस्कृतिक परंपरा
बुंदेलखंड का दीपावली नृत्य अपनी अनोखी वेशभूषा, लोकगीतों, और सजीव संगीत के कारण विश्वभर में पहचान बना चुका है। जैसे मथुरा-बरसाने की होली और मैसूर का दशहरा प्रसिद्ध हैं, वैसे ही ओरछा की यह अनूठी परंपरा बुंदेली दीपावली नृत्य के लिए जानी जाती है। लोग भगवान के प्रति अपनी आस्था को प्रकट करने के लिए सालभर इस खास नृत्य का इंतजार करते हैं।
घर-घर से विदाई और देवउठनी ग्यारस पर वापसी
हर गांव से दीपावली की टोलियां उत्साह और श्रद्धा के साथ ओरछा के लिए रवाना होती हैं। इनका स्वागत लोग अपने घरों के द्वारों पर करते हैं और नृत्य की धुनों पर झूमते हैं।
लोगों का कहना हैं कि रामराजा सरकार के दरबार में गायन के बाद देवउठनी ग्यारस पर ही यह टोलियां अपने गांव लौटती हैं। 11 दिनों तक यह समूह ओरछा में नृत्य और संगीत के माध्यम से इस पावन परंपरा को जीवंत रखते हैं।
धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का यह अनूठा उत्सव
ओरछा का यह दीपावली उत्सव न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रतीक है बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक विशेष आकर्षण है। भगवान रामराजा सरकार के प्रति असीम श्रद्धा से भरा यह आयोजन बुंदेलखंड की अनमोल सांस्कृतिक धरोहर और उसकी विरासत को दुनिया के सामने लाता है।
हर साल की तरह इस बार भी हजारों लोग इस पावन धरोहर का हिस्सा बनने ओरछा में इकट्ठा होंगे, जहां दीपों की जगमगाहट और नृत्य के रसमय प्रदर्शन से आस्था की यह रात और भी खास बन जाएगी।
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