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प्रयागराज

महाकुंभ में 63 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके हैं। इतनी भीड़ आने के बाद भी शहर की हवा गुणवत्ता के अनुरूप रही। मेला प्रशासन का दावा है कि इस दौरान प्रयागराज की हवा चंडीगढ़ से अच्छी रही। इतनी संख्या में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ और हजारों वाहनों की आवाजाही के बावजूद वायु गुणवत्ता खराब नहीं हुई है। लगातार 42 दिन से शहर वायु की गुणवत्ता को लेकर ग्रीन जोन में बना हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पर्यावरण कंसल्टेंट शहीक शिराज के अनुसार महाकुंभ ग्रीन जोन में है। उन्होंने बताया कि 100 के भीतर एयर क्वालिटी इंडेक्स अच्छा माना जाता है। सिर्फ मौनी अमावस्या के दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स 106 रहा। अन्य दिनों में यह 100 से काफी नीचे रहा। इस तरह से सिर्फ मौनी अमावस्या के दिन ही वायु की गुणवत्ता कुछ खराब थी।

उन्होंने बताया, 13 जनवरी पौष पूर्णिमा को महाकुंभ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 67 था। 14 जनवरी मकर संक्रांति को 67, 29 जनवरी मौनी अमावस्या को 106, 03 फरवरी बसंत पंचमी को 65 और 12 फरवरी माघी पूर्णिमा को 52 रहा है।
महाकुंभ के आखिरी स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर सोमवार को संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए भक्ति की लहरें फिर उफनाने लगी हैं। चाहे लाल मार्ग हो या काली मार्ग या फिर त्रिवेणी मार्ग, हर तरफ से आस्था का जन सैलाब संगम में मिलने के लिए उमड़ता रहा। मेला प्रशासन ने रात आठ बजे तक 1.30 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का दावा किया।

सोमवार की देर शाम तक रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों से संगम जाने वाले रास्तों पर लंबी कतारें लगी रहीं। निजी वाहनों का रेला उमड़ने से आउटर की पार्किंग में वाहनों को खड़ा करने की जगह तक नहीं बची। मेला प्रशासन ने मंगलवार की शाम तक तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान लगाया है। भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

भीड़ के मद्देनजर मेला प्रशासन ने चुस्त-दुरुस्त इंतजाम किए हैं। पार्किंग के अलावा खाली स्थानों और पटरियों पर बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने डेरा जमा लिया है। देर शाम तक मेला प्रशासन की ओर से तैयारियां परखी जाती रहीं। करीब 12 किमी क्षेत्रफल में फैले संगम के 42 घाटों पर स्नानार्थी ही नजर आ रहे हैं। कोई दंड-कमंडल लेकर तो कोई सिर पर गठरी और कंधे पर झोला-बोरा लिए संगम की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। मेले में वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मेला क्षेत्र के इंट्री प्वाइंटों, संगम व पांटून पुलों पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। पुलिस, पैरामिलिट्री के अलावा होमगाड्स, एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस और यूपी एसटीएफ के जवान तैनात कर दिए गए हैं।

शहर में 10वें दिन जाम से राहत पर वाराणसी, मिर्जापुर मार्ग पर वाहनों की कतार
महाकुंभ के दौरान लगने वाले रोजाना भीषण जाम से शहरवासियों को सोमवार को थोड़ी राहत मिली। आखरी बार ऐसी स्थिति माघी पूर्णिमा स्नान के अगले दिन थी। यानी 10वें दिन श्रद्धालुओं के साथ-साथ शहरी को जाम से छुटकारा मिला है। जबकि, बाहरी नंबर की गाड़ियों को भी प्रवेश दिया गया। वहीं, वाराणसी, मिर्जापुर मार्ग पर वाहन रुक-रुककर चलते रहे।

मेले में भीड़ कम होने पर कई जगह बैरिकेडिंग भी हटा दी गई हैं। इससे सुबह नौ बजे से ही शहर की सड़काें पर रोजाना के मुकाबले गाड़ियों का कम लोड दिखा। बालसन, सिविल लाइंस, सोहबतियाबाग, तेलियरगंज, फाफामऊ, लेप्रोसी, जानसेनगंज, सीएमपी, अलोपी बाग समेत अन्य जगहों पर जाम की स्थिति सामान्य रही।

आवश्यक उपयोग के वस्तुओं के वाहनों की खुली नो-इंट्री
शहर में आने वाले आवश्यक उपयोग के वस्तुओं के वाहनों के लिए 11 बजे से नो-इंट्री हटाई गई है। यातायात प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि सिर्फ उन्हीं वाहनों को छूट दी गई है, जिसमें आवश्यक उपयोग के वस्तुएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए पहले जैसे ही व्यवस्था बनी रहेगी। वाहनों का लोड कम होने पर शहर में प्रवेश दिया जाएगा।

    प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर सुबह-शाम जाम लगा रहा। शाम करीब चार बजे से जैन मंदिर से अंदावा तक वाहनों की कतार लगी रही।

    चित्रकूट-प्रयागराज मार्ग पर भी पहले के मुकाबले जाम से राहत मिली है। सिर्फ बसों को शंकरगढ़ पार्किंग में रोका गया।

    प्रतापगढ़-प्रयागराज मार्ग पर जाम से श्रद्धालुओं को मलाक हरहर के रास्ते स्टील ब्रिज की ओर से जाने दिया गया।

    मिर्जापुर-प्रयागराज मार्ग पर दोपहर दो बजे से गाड़ियों की कतार लग गई। यह कतार भीरपुर से ऊंचडीह बस अड्डे तक था।

    प्रयागराज-लखनऊ-रायबरेली मार्ग पर जाम से राहत थी। मलाका स्टील ब्रिज और फाफामऊ की ओर से गाड़ियां गुजरीं

    कानुपर मार्ग पर वाहन सुलेमसराय नेहरू पार्क तक आए। यहां कुछ गाड़ियां रोकी गईं।

 

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