माधोपुर
राजस्थान के सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर टाइगर नेशनल पार्क से 25 बाघों के लापता होने की खबर आने के बाद हड़कंप मच गया है. राजस्थान के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक( chief wildlife warden) पवन उपाध्याय ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. पिछले दिनों रणथंभौर में टाइगरों के लापता होने की सूचना मिलने के बाद बाघों के खोजबीन के लिए कमेटी बनायी गई थी. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि 11 टाइगर कैमरा ट्रैप या अन्य माध्यमों से पिछले एक साल से नहीं दिखाई दे रहे हैं.
नेशनल पार्क में 14 बाघों के एक साल से ज्यादा समय से ज़िंदा होने के सबूत नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में 25 टाइगरों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है. इस बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए राजस्थान सरकार ने आदेश दिए हैं. रणथंभौर में कुल 75 टाइगर हैं. जिसमें से 25 बाघों के लापता होने की खबर है.
राजस्थान सरकार ने मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने का फैसला किया है
बाघों के लापता होने की सूचना मिलने के बाद हड़कंप मच गया है. सवाल ये उठ रहें हैं कि आखिर कैसे एक तिहाई टाइगर एक साल में गायब हो गए. इसको लेकर राजस्थान सरकार का वन विभाग लगातार रणथंभौर के फ़िल्ड डायरेक्टर को पत्र लिख रहा था. लेकिन इस पर संतोषप्रद जवाब नहीं आने की वजह से राजस्थान सरकार ने कमेटी बनाने का फैसला किया है.
लापता टाइगरों के बारे में पता करने के लिए चीफ़ वाइल्ड लाइफ़ APCCF राजेश गुप्ता की अध्यक्षता में एक कमेटी बनायी गई है. जिसमें CCF जयपुर के टी मोहनराज और DCF भरतपुर मान सिंह को कमेटी का सदस्य बनाया गया है. कमेटी को दो महीने के अंदर रिपोर्ट देनी है. अगर जांच के दौरान जरूरत पड़ती है तो विशेषज्ञों की सेवाएं भी ली जाएंगी. इस बीच रणथंभौर में मरे हुए टाइगर टी-86 का पोस्टमार्टम हुआ जिसमें कहा गया है कि एक्सप्लोसिव और कुल्हाड़ी से टाइगर की हत्या की गई है.
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