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मुंबई
लोकसभा में बुधवार को पास हुए वक्फ संशोधन बिल को लेकर हांडी वाली मस्जिद के मौलाना एजाज कश्मीरी ने तल्ख टिप्पणी की। उन्होंने इसे अपने धर्म, इबादत और धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह उन सभी राजनीतिक पार्टियों का समर्थन करते हैं, जिन्होंने इस बिल के खिलाफ वोट किया है और उन्हें मुबारकबादी पेश करते हैं।

मीडिया से बातचीत के दौरान मौलाना एजाज कश्मीरी ने कहा कि वक्फ का मामला हमारे इबादत से जुड़ा हुआ है। आज आप वक्फ पर आए हो, कल रोजे पर आ जाओगे, फिर हज पर आओगे, फिर कुर्बानी पर आ जाओगे। पहले तीन तलाक लेकर आए थे, अब वक्फ पर हमला हो रहा है। आप तो सीधे इबादत पर आ रहे हो, आप किससे पूछकर आ रहे हो? किसके बाप ने क्या छोड़ा, क्या नहीं छोड़ा, लेकिन हमारे बाप-दादाओं ने तो अल्लाह के लिए जमीन छोड़ी है।

मौलाना ने कहा कि उन्हें अपना मजहब सीखने के लिए किसी सरकार या संसद की आवश्यकता नहीं है। हमें गृहमंत्री, प्रधानमंत्री या किसी मंत्री से इस्लाम सीखने की जरूरत नहीं है। क्या हमें अपना मजहब संसद से सीखना पड़ेगा? हमारे पास खुद अपना मजहब है, जिसे हम अपने धर्मग्रंथों से सीखते हैं। यह हमारी धार्मिक स्वतंत्रता है और कोई भी सत्ता इसे छीन नहीं सकती।

वक्फ को लेकर उन्होंने कहा कि वक्फ अल्लाह के वास्ते किया जाता है। हम उसका संरक्षण करते हैं, उसकी हिफाजत करते हैं और उसकी सेवा करते हैं। हम इस पर कोई समझौता नहीं करेंगे और इसे किसी की बेमानी दखलंदाजी के तहत नहीं आने देंगे। मौलाना ने इस बिल को धार्मिक और सांस्कृतिक संघर्ष बताते हुए कहा कि यह इस्लामी समाज की स्वतंत्रता पर हमला है। यह बिल हमारी धार्मिक पहचान और हमारी धार्मिक संपत्तियों को खतरे में डालने वाला कदम है, जिसे हम किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।

बता दें कि बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर 12 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई थी और देर रात को मतदान हुआ। विधेयक के पक्ष में 288 सांसदों ने मतदान किया था, वहीं 232 सांसदों ने विधेयक के विपक्ष में मतदान किया, जिसके बाद यह विधेयक लोकसभा में पारित हो गया।

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