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भोपाल
 मध्य प्रदेश सरकार अंगदान को बढ़ावा देने के लिए अनोखी पहल करने जा रही है। इस पहल के तहत अंगदान करने वाले लोगों को राजकीय सम्मान गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके साथ ही परिवार के लोगों को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय त्योहारों पर सम्मानित भी किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

यह प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा संचालनालय द्वारा तैयार किया गया है। इसे जल्द ही मंजूरी के लिए शासन को भेजा जाएगा। यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो यह नई व्यवस्था सितंबर से लागू हो जाएगी। इस पहल के पीछे का विचार यह है कि अंगदान करने वाले परिवारों को दुख की घड़ी में भी गर्व का अनुभव हो।
एमपी को केंद्र से मिला सम्मान

मध्य प्रदेश सरकार के इस कदम की सराहना की जा रही है। हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने अंगदान के क्षेत्र में तेजी से उभरते राज्य के रूप में मध्य प्रदेश को सम्मानित किया था। राज्य में अब तक 60 ब्रेन स्टेम डेथ रोगियों का अंगदान हो चुका है। तमिलनाडु, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य पहले ही अंगदानियों को राजकीय सम्मान देने की व्यवस्था लागू कर चुके हैं। इन राज्यों में अंगदान के प्रति जागरूकता का स्तर भी अच्छा है। देश में सबसे अधिक ब्रेन डेथ रोगियों का अंगदान इन्हीं राज्यों में होता है।
पहली बार यहां हुआ ब्रेन डेथ रोगी का अंगदान

मध्य प्रदेश में ब्रेन डेथ रोगियों का अंगदान सबसे पहले इंदौर में शुरू हुआ था। उसके बाद भोपाल में होने लगा। इन दोनों शहरों के कुछ बड़े अस्पतालों में लिवर, किडनी, पैंक्रियाज (अग्नाशय), फेफड़ा और कार्निया निकालने और जरूरतमंद मरीजों में प्रत्यारोपित करने की सुविधा उपलब्ध है। कई बार जब हृदय प्रत्यारोपण के लिए स्थानीय स्तर पर मरीज नहीं मिलते हैं, तो देश के अन्य बड़े अस्पतालों से डॉक्टरों की टीम आकर हृदय ले जाती है।

ब्रेन डेथ की स्थिति में मस्तिष्क काम करना बंद कर देता है, लेकिन शरीर के अन्य अंग कुछ समय तक काम करते रहते हैं। इसी दौरान इन अंगों को निकालकर जरूरतमंद मरीजों में प्रत्यारोपित किया जा सकता है। इस पहल में सरकार अंगदान के प्रति जागरूकता लाकर अधिक से अधिक लोगों को नया जीवन देने के लिए प्रेरित करना चाहती है।

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