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नई दिल्ली
 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने  पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस नीत ममता बनर्जी सरकार पर कटाक्ष करते हुए आश्चर्य जताया कि क्या कोई राज्य वामपंथी उग्रवाद को रोकने के संदर्भ में उनके मॉडल को लागू करना चाहेगा।

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और आंध्र प्रदेश का हवाला देते हुए कहा कि वामपंथी उग्रवाद की समस्या पिछले 10-15 सालों से इन राज्यों में है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार वामपंथी उग्रवाद से निपटने में सफल रही है। उन्होंने सदन में गृह मंत्री से सवाल किया कि क्या वे पश्चिम बंगाल के मॉडल का अध्ययन कर इसे अन्य राज्यों में भी लागू करेंगे।

सौगत रॉय के सवाल पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मुस्कुराते हुए खड़े हुए और कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को उन राज्यों के मॉडल को लागू करने में कोई दिक्कत नहीं है जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन मैं मानता हूं कि कोई भी राज्य नहीं चाहेगा कि वहां पश्चिम बंगाल का मॉडल अपनाया जाए।

वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में 53 प्रतिशत की कमी

वहीं, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि पिछले 10 सालों में वामपंथी उग्रवाद की घटनाओं में 53 प्रतिशत की कमी आई है। इन घटनाओं में सुरक्षा बलों की मौत के मामलों में भी 72 प्रतिशत की कमी हुई है। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद की गतिविधियों में शामिल लोग इस देश के संविधान और लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं। वो हथियार के माध्यम से सत्ता हथियाना चाहते हैं।
42 जिलों तक सिमटकर रह गया उग्रवाद

नित्यानंदर राय ने संसद में कहा कि साल 2010 में 96 जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित थे, लेकिन मोदी सरकार के प्रयासों के कारण 2023 में वामपंथी उग्रवाद 42 जिलों तक सिमटकर रह गया। राय का कहना था, 10 सालों में जो प्रयास किए गए हैं, उसका प्रभाव स्पष्ट दिखता है। आने वाले दिनों में वामपंथी उग्रवादियों को समाप्त कर दिया जाएगा।

 

 

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