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ढाका
भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्ते और तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। पड़ोसी देश की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के एक वरिष्ठ नेता ने भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का ऐलान किया है और प्रतीक के तौर पर जयपुर निर्मित चादरों को जलाकर विरोध-प्रदर्शन किया है। ढाका की सड़कों पर यह सब तब किया गया, जब दो दिवसीय दौरे पर भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ढाका के दौरे पर हैं। मिसरी ने अपने दौरे के पहले ही दिन अपने बांग्लादेशी समकक्ष से दो टूक लहजे में कहा है कि हिन्दुओं और हिन्दू धर्मस्थलों की रक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अपने समकक्ष मोहम्मद जशीमुद्दीन के साथ बैठक के दौरान अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और कल्याण सहित भारत की चिंताओं से अवगत कराया। इसके अगले दिन विपक्षी पार्टी के संयुक्त महासचिव एडवोकेट रूहुल कबीर रिजवी ने राजशाही नगर में भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का ऐलान किया और कथित तौर पर जयपुर में निर्मित चादरों को बीच सड़क पर आग के हवाले कर दिया। इस दौरान बीएनपी नेता ने प्रिंटेड चादरों को दिखाते हुए कहा, "यह चादर भारत के राजस्थान की राजधानी जयपुर में बनी है। यह चादर जयपुर के कपड़ा उद्योग द्वारा बनाई गई है… हम भारतीय आक्रमण के खिलाफ विरोध जताने के लिए इसे जला रहे रहे हैं और भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का ऐलान करते हैं।"

ऐसा कहकर रिजवी ने उस चादर को सड़क पर फेंक दिया और पार्टी कार्यकर्ताओं से उसे जलाने को कहा। इसके बाद चादर पर केरोसिन तेल छिड़कर उसे आग लगा दिया गया। इस दौरान कई बांग्लादेशी नागरिकों को चादर को पैरों से रौंदते हुए और भारत विरोधी नारा लगाते हुए देखा गया। रिजवी ने ये भी कहा कि भारत की दोस्ती शेख हसीना तक ही थी। अब हम भारतीय उत्पाद का बहिष्कार करते हैं।

बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है, जब रिजवी ने भारतीय उत्पादों का बहिष्कार का ऐलान किया है। पिछले हफ्ते उन्होंने भारत में बांग्लादेशी राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के खिलाफ अपनी पत्नी की भारत निर्मित साड़ी को आग के हवाले कर दिया था। 5 दिसंबर को एक सभा को संबोधित करते हुए रिजवी ने कहा, "यह भारतीय साड़ी है। यह मेरी पत्नी की थी और उन्होंने खुद इसे जलाने के लिए दिया है। आज मैं इसे आपके सामने फेंक रहा हूं।" इससे पहले इस साल की शुरुआत में, मार्च में भी रिजवी ने इसी तरह के विरोध प्रदर्शन के तहत अपने पहने हुए भारतीय शॉल को फेंक दिया था।

चादर जलाने की यह घटना भारत में इसी तरह के विरोध प्रदर्शन के कुछ ही दिनों बाद हुई है। यहां भी प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेशी निर्मित ढाकाई जामदानी साड़ियों को जलाया था। बंगाली हिंदू सुरक्षा समिति ने कोलकाता के साल्ट लेक इलाके में विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार की निंदा की थी। तब प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेशी उत्पादों के बहिष्कार का भी आह्वान किया था और पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमले जारी रहने पर जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी थी।

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