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शिवपुरी
 प्रशासनिक अमले ने मंगलवार को गुना बाईपास स्थित इंडस्ट्रीज एरिया में एमएस इंडस्ट्रीज पर छापा मार कार्रवाई की। इस छापामार कार्रवाई के दौरान अमले को वहां गरीबों के हक का पीडीएस का चावल, मंडी का टैक्स चोरी का गेहूं और सोयाबीन मिला।

प्रशासनिक अमले ने सभी सामान को जब्त कर गोदाम को सील कर मामले की विवेचना शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी को सूचना मिली कि इंडस्ट्रीज एरिया में एमएस इंडस्ट्रीज के संचालक अंकित पुत्र उमेश गोयल के गोदाम में पीडीएस का चावल आया है।

सूचना पर उन्होंने एसडीएम उमेश कौरव, तहसीलदार सिद्धार्थ शर्मा, डिप्टी कलेक्टर अनुपम शर्मा को मौके पर कार्रवाई करने के लिए भेजा। जब टीम मौके पर पहुंची तो गोदाम का गेट बंद था। टीम ने जब गेट खुलवाने का प्रयास किया तो गोदाम के कर्मचारियों ने बड़ी मुश्किल से गेट खोले।

750 क्विंटल चावल, 600 क्विंटल सोयाबीन, 1051 क्विंटल गेहूं जब्त

    गेट खोलने पर गोदाम के अंदर राजस्थान से आया एक बड़ा ट्रोला क्रमांक आरजे 06 जीडी 0711 रखा हुआ था, जिसमें चावल भरा होना बताया गया। चावल प्रथम दृष्टया पीडीएस का प्रतीत हुआ।

    टीम ने जब गोदाम के अंदर जाकर देखा तो उसमें गेहूं, सोयाबीन भी रखा हुआ था। प्रशासनिक अमले ने मौके पर खाद्य विभाग, मंडी व नागरिक आपूर्ति निगम के कर्मचारियों को भी बुला लिया।

    मौके से सामान के सैंपल चेक करवाए गए। इसके अलावा गेहूं व साेयाबीन टैक्स चोरी का है। टीम ने गोदाम में 750 क्विंटल पीडीएस का चावल, 600 क्विंटल सोयाबीन और 1051 क्विंटल गेहूं मौके से जब्त किया है।

मप्र, पंजाब, उप्र व केंद्र सरकार के कट्टों में मिला गेहूं

प्रशासनिक अमला भले ही गेहूं को टैक्स चोरी का गेहूं बता रही थी, परंतु रसद माफिया के गोदाम में जिन बोरों में गेहूं पैक रखा हुआ था, उनके ऊपर स्पष्ट रूप से एमपी स्टेट सिविल सप्लाई कारपोरेशन, एससीएससी मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन भारत सरकार के सौजन्य से उचित मूल्य की दुकान, गवर्नमेंट ऑफ पंजाब, उत्तर प्रदेश सरकार खाद तथा रसद अंकित था।

यह बोरे इस बात की गवाही दे रहे थे कि यह राशन न सिर्फ मप्र बल्कि उप्र, पंजाब के गरीबों के साथ-साथ, केंद्र सरकार की योजना का भी था। यह सारा राशन उक्त राज्यों के गरीब परिवारों तक जाना था, परंतु अंकित गोयल के गोदाम में पहुंच गया।

आदिवासियों ने भी किया प्रदर्शन

जब इस बात की जानकारी सहरिया क्रांति के आदिवासी कार्यकर्ताओं को लगी तो वह भी मौके पर पहुंच गए। आदिवसियों ने गोदाम पर पहुंच कर नारेबाजी की और रसद माफिया के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई के साथ-साथ आरोपित को गिरफ्तार करने की मांग की।

आदिवासियों का कहना था कि यह गेहूं और चावल उनके हक का है, जिसे माफिया ने अपने गोदाम में भरकर रखा है। उनके बच्चे भूखे रह कर कुपोषण से दम तोड़ रहे हैं।

मौके पर न लाइसेंस मिल, न स्टॉक रजिस्टर

खास बात यह है कि जिस समय टीम ने गोदाम पर छापामार कार्रवाई की, उस समय गोदाम में न तो लाइसेंस मिला, न स्टॉक रजिस्टर और न ही अन्य कोई दस्तावेज। सूत्र बताते हैं कि यह सभी दस्तावेज गोदाम में मौके पर ही मौजूद होना चाहिए था।

टीम के कहने के बाबजूद कई घंटे बाद भी यह दस्तावेज फर्म संचालक ने तत्समय उपलब्ध नहीं करवाए। यह हालात घालमेल की संभावना व्यक्त कर रहे हैं।

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