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लखनऊ
यूपी की योगी सरकार ने संभल में करीब 46 साल पहले हुए दंगे से जुड़ी रिपोर्ट मांगी है। संभल में 29 मार्च 1978 को भड़का दंगा कई दिनों तक चली था। इसमें कई लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे। इसमें 169 मामले दर्ज किए गए थे। हालात इतने गंभीर थे कि शहर में दो महीने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया था। आधिकारिक तौर पर दगे में 24 लोगों की मौत बताई गई थी। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले महीने कहा था कि संभल में 1978 के दंगों के दौरान 184 लोगों को सामूहिक रूप से जिंदा जला दिया गया था और कई लोग बेघर हो गए थे।

ताजा रिपोर्ट मांगने के कदम से अटकलें लगाई जाने लगीं कि दंगों की जांच फिर से होने की संभावना है। लेकिन संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने इसे गलत खबर बताया। उन्होंने कहा कि तब मुरादाबाद का हिस्सा रहे संभल शहर में 1978 में हुए दंगों पर राज्य सरकार ने एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य श्रीचंद्र शर्मा के पत्र के बाद गृह विभाग के दंगों पर आख्या मांगी है।

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि संभल पुलिस को गृह मामलों के उप सचिव और पुलिस अधीक्षक (मानवाधिकार) से इस बारे में एक पत्र मिला है। इसके बाद एसपी संभल ने एडिशनल एसपी श्रीश चंद्र को नामित करते हुए मंगलवार को जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया को भी पत्र लिखकर किया अधिकारी को नामित करने के लिए कहा था ताकि संयुक्त रिपोर्ट बनाकर भेजी जा सके। उन्होंने बताया कि इससे पहले गृह विभाग के एक पत्र में सुरेश चंद्र शर्मा द्वारा नियम 115 के तहत जारी नोटिस के जवाब में एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया था।

इसके अलावा बुधवार को मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय सिंह ने भी संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया इससे जुड़े सभी रिकॉर्ड सौंपने को कहा था। ऐसे में माना जा रहा है कि मामले की गहन जांच और समीक्षा हो सकती है। एक सप्ताह में रिपोर्ट देने की तैयारी हो चुकी है।

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