See the scene and then the government’s claim, our faith also,,,,?
इंदौर । कार्तिक पूर्णिमा को,नदी में स्नान करना और दीपदान करना चाहिए ऐसा कहां भी जाता है माना भी जाता है। नर्मदा नदी,चंबल नदी, कालीसिंध नदी, श्रिपा नदी कुछेक और हमारे प्रदेश में है। यह दृश्य श्रिपा गांव का है और श्रिपा नदी का है तथा इंदौर देवास सड़क के पूल से मैंने ही लिया है। इस क्षैत्र के जनप्रतिनिधि मप्र शासन के जल एवं सिंचाई विभाग के केबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट है,,, तो इंदौर, उज्जैन के लिए श्रिपा नदी महत्वपूर्ण,,।
इसके सामने के क्षेत्र में गांव के पास तट, मंदिर है वो थोड़ा साफ है।
गंदगी होती,गंदे नाले का पानी आता तो मैं दृष्टिकोण अपना अलग रखता यह तो कज्जी है, मतलब पानी बहता हुआ नहीं है, एकत्रित पानी है,,,। और सरकारी ध्यान भी नहीं
धर्म आस्था और श्रद्धा का संगम आदिकाल से, कालांतर से चल रहा, पंरतु जागरुकता भी चलती रही,
ईस्तेहार देकर करोड़ों रुपए खर्च करके इंवेट करने से नदी, जलाशय, तालाब स्वच्छ निर्मल नहीं हो सकते उसके खातिर सजगता और चाक चौबंद निगाहें भी चाहिए,,,कार में भले शीशे हो पर निगाह बान निगाहें चाहिए,
सैकड़ों लोग रोज निकलते हैं पर आवाज भी निकलती, हम श्रिपा नदी की यह हालत देख रहे,, नर्मदा नदी की भी हालत भी बताऊंगा खूद जाकर देखकर,,
क्या अधिकारियों को जनप्रतिनिधि गणों को नहीं दिखता, धार्मिक संगठन और सामाजिक संगठन चुप क्यों,
सजगता की आवश्यकता है नदी पूजते हैं तो पूज्यनीय स्थल ऐसे होंगे, करोड़ों रुपए हर माह तनख्वाह बंटती है अधिकारियों की तनख्वाह में किस लिए,,,
मैंने लिखा था मैं तह तक जाकर सही स्थिति हर नदी और तालाब की हर माह जाकर एक खुलासा करूंगा,,,।
श्रिपा नर्मदा लिंक परियोजना के नाम पर खेल हुआ, जहां मां श्रिपा नदी का उद्गम हुआ वे वहां से 7किलो मीटर दूर तक विलुप्त है,,, उसके बाद आगे प्रगट होती है और श्रिपा नदी का यह रुप श्रिपा गांव में दिखता है,एक तट साफ है जहां मंदिर है। दुसरा तट ऐसा, जल्दी ही मैं आगे बढती इसी नदी का रुप दिखाऊंगा तथा फिर फैक्ट्री आदि मिलते फिर उज्जैन में रामघाट, मंगलनाथ मंदिर सामने का, फिर ड्रैनेज चैम्बरों के पानी के मिलते दृश्य,
इंवेट और मैनेजमेंट को हकीकत का आईना दिखाइये,, मेरा यह अभिमत
“प्रमोद कुमार व्दिवेदी एड्वोकेट”
“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है। और पढ़ें