देवास जिले के सतवास में पुलिस हिरासत में एक दलित युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
परिवार का कहना है कि पुलिस ने युवक से पैसे की मांग की थी, और जब रकम नहीं दी गई तो पुलिस की बर्बरता का शिकार बना युवक मौत की वजह बना। इस घटना के बाद पूरे देवास में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसे पुलिस की बर्बरता करार दिया है।
हिरासत में मौत का मामला मालागांव के रहने वाले 35 वर्षीय मुकेश लोंगरे को शनिवार दोपहर पुलिस ने एक महिला द्वारा दर्ज कराए गए मामले के तहत हिरासत में लिया था। लेकिन शाम होते-होते मुकेश की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस ने प्रारंभिक तौर पर दावा किया कि युवक ने आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन उसके परिजनों का कहना है कि पुलिस ने उसे बिना किसी कारण हिरासत में लिया और उसके साथ बर्बरता की।
परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने मामले में धाराएं कम करने के एवज में 6,000 रुपये की मांग की थी। मुकेश के साथ थाने में मौजूद एक साथी को यह राशि देने के लिए घर भेजा गया था। जब वह पैसे लेकर लौटा, तब तक मुकेश की मौत हो चुकी थी। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने बिना उनकी जानकारी के मुकेश के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और शव के कमरे में बाहर से ताला लगा दिया, जिससे परिवार के लोग अंदर नहीं जा सके।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस घटना को लेकर कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देवास में पुलिस ने एक और दलित युवक की बेरहमी से हत्या कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन अब गुंडों से ज्यादा दलित समाज पर अत्याचार कर रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए पूरे थाने के पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जाए।
घटना के बाद स्थानीय लोग और मुकेश के परिजन सड़क पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। वे पुलिस प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस घटना ने देवास जिले में पुलिस के खिलाफ गहरी नाराजगी को जन्म दिया है और लोग न्याय की उम्मीद में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं।
मुकेश के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस की बर्बरता के कारण उनका परिवार टूट गया है। वे अब पुलिस के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं और न्याय की उम्मीद लगाए हुए हैं। इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं, और लोगों की मांग है कि दोषियों को सजा मिले और इस तरह के अत्याचार को रोका जाए।
इस घटना ने देवास जिले में पुलिस प्रशासन के खिलाफ गुस्से को और बढ़ा दिया है, और अब लोग सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज उठाने को तैयार हैं।
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