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ब्रिक्स देशों को नई मुद्रा विकसित करने या ‘शक्तिशाली डॉलर’ की जगह पर कोई अन्य करेंसी अपनाने को लेकर कड़ी चेतावनी दी: ट्रंप

न्यूयॉर्क अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को नई मुद्रा विकसित करने या 'शक्तिशाली डॉलर' की जगह पर कोई अन्य करेंसी अपनाने को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने धमकी दी है कि अगर ऐसा कोई कदम उठाया जाता है तो ब्रिक्स देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा और उन्हें अमेरिकी बाजारों से प्रभावी रूप से प्रतिबंधित किया जाएगा। ब्रिक्स में दुनिया की दो सबसे बड़ी उभरती शक्तियां चीन और भारत भी शामिल हैं। ट्रंप ने शनिवार को ट्रुथ सोशल पर लिखा, "इस बात की कोई संभावना नहीं है कि ब्रिक्स इंटरनेशनल ट्रेड में अमेरिकी डॉलर की जगह ले लेगा, और जो भी देश ऐसा करने की कोशिश करेगा, उसे अमेरिका को अलविदा कह देना चाहिए।" भारत और ब्रिक्स के अन्य आठ सदस्यों के लिए अमेरिकी बाजार को बंद करने की धमकी देते हुए उन्होंने कहा, "हमें इन देशों से यह प्रतिबद्धता चाहिए कि वे न तो नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे, न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे, अन्यथा उन्हें 100 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा और उन्हें अद्भुत अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अपने उत्पाद बेचने को विदा कहना होगा।" चीन, मैक्सिको और कनाडा से आयात पर उच्च टैरिफ की धमकी देने के बाद ट्रंप ने अब ब्रिक्स को यह चेतावनी दी है। विदेश मंत्री (ईएएम) एस. जयशंकर पहले ही ब्रिक्स देशों की साझा मुद्रा के विचार को स्पष्ट रूप से खारिज कर चुके हैं। उन्होंने पिछले साल जोहान्सबर्ग में समूह के शिखर सम्मेलन से पहले कहा था, "ब्रिक्स देशों की मुद्रा जैसा कोई विचार नहीं है।" भारत ब्रिक्स देशों की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हालांकि ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने फिर भी जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन में एक आम मुद्रा का प्रस्ताव रखा, लेकिन इस पर कोई प्रगति नहीं हुई। अपने अभियान के दौरान, ट्रंप ने जोर देकर कहा कि दुनिया की प्रमुख व्यापारिक मुद्रा के रूप में डॉलर के भविष्य को ख़तरा है। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन इसे अनदेखा कर रहे हैं। उन्होंने ट्रुथ सोशल पोस्ट में कहा, "यह सोच कि ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं और हम खड़े होकर देखते रहें, खत्म हो चुकी है।" ब्रिक्स देशों को दी गई ट्रंप की चेतावनी एक तरह से टेस्टिंग है। इसमें यह देखा जाएगा कि कौन से देश सार्वजनिक रूप से भारत जैसा रुख अपनाएंगे। यह बीजिंग के लिए एक पूर्व चेतावनी है। ब्रिक्स, अपने पहले सदस्यों – ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नामों से बना एक संक्षिप्त नाम है। इस साल इसका विस्तार करके इसमें ईरान, मिस्र, इथियोपिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को शामिल किया गया। कई अन्य देशों ने ब्रिक्स में शामिल होने के लिए आवेदन किया है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 63

ट्रंप के शपथ लेते ही साथ ही चीन, मेक्सिको और कनाडा जैसे देशों पर गिर सकती गाज

वाशिंगटन अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को नए कार्यकाल के लिए पदभार संभालेंगे। ट्रंप के शपथ लेते ही साथ ही चीन, मेक्सिको और कनाडा जैसे देशों पर गाज गिर सकती है। डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को अवैध प्रवासियों और ड्रग्स पर नकेल कसने की कोशिशों के तहत शपथ लेते ही मेक्सिको, कनाडा और चीन जैसे देशों पर नए टैरिफ लगाने की धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि वह कनाडा और मेक्सिको से अमेरिका आने वाले सभी उत्पादों पर 25% टैक्स लगाएंगे और चीन से आने वाले सामानों पर अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाएंगे। अगर यह टैरिफ नियम लागू किए जाते हैं तो अमेरिकियों के लिए गैस और ऑटोमोबाइल जैसी चीजों की कीमतें असाधारण तरीके से बढ़ सकती हैं। गौरतलब है कि अमेरिका के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका दुनिया में वस्तुओं का सबसे ज्यादा आयात करने वाला देश है और मेक्सिको, चीन और कनाडा अमेरिका के लिए तीन सबसे बड़े सप्लायर्स हैं। ट्रम्प ने अपनी ट्रुथ सोशल साइट पर एक पोस्ट में लिखा, "20 जनवरी को पहले एग्जीक्यूटिव ऑडर में से एक के रूप में मैं मेक्सिको और कनाडा से अमेरिका में आने वाले सभी उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाऊंगा।” उन्होंने लिखा, "हजारों लोग मेक्सिको और कनाडा से होकर आ रहे हैं जिससे अपराध और ड्रग्स भयानक स्तर पर पहुंच गए हैं। नए टैरिफ तब तक लागू रहेंगे जब तक ड्रग्स और सभी अवैध प्रवासी हमारे देश पर इस आक्रमण को रोक नहीं देते!" चीन को सुनाया ट्रम्प ने चीन पर भी अपना गुस्सा निकाला। उन्होंने कहा कि उन्होंने कई बार चीन के साथ अमेरिका में भारी मात्रा में भेजे जा रहे ड्रग्स, खास कर फेंटेनाइल के बारे में बातचीत की है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने लिखा, "जब तक वे ऐसा करना बंद नहीं करते, हम चीन से अमेरिका आने वाले उनके सभी उत्पादों पर किसी भी टैरिफ से ऊपर अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाएंगे।" क्या है वजह? ट्रम्प ने यह चेतावनी ऐसे समय में दी है जब मैक्सिको से अवैध रूप से सीमा पार करने के लिए गिरफ्तारियों की संख्या कम हो रही हैं। हालांकि इस दौरान पिछले दो सालों में कनाडा से अवैध रूप से सीमा पार करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही हैं। अक्टूबर 2023 और सितंबर 2024 के बीच बॉर्डर पुलिस ने 23,721 लोगों को पकड़ा था। कनाडाई सीमा पर गिरफ्तार किए गए लोगों में से 14,000 से अधिक भारतीय थे। यह दो साल पहले की संख्या से 10 गुना अधिक है। ऐसे में इन मामलों पर सख्ती से निपटने की तैयारी चल रही है। क्या होगा असर? अगर ट्रंप नए नियमों को लागू करते हैं तो नए टैक्स कनाडा और मैक्सिको की अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करेंगे। कनाडा दुनिया के सबसे ज्यादा व्यापार-निर्भर देशों में से एक है और कनाडा का 75% निर्यात अमेरिका को जाता है। वहीं पिछले हफ्ते एक वरिष्ठ चीनी वाणिज्य अधिकारी ने कहा कि चीनी निर्यात पर उच्च टैरिफ अमेरिका के लोगों के लिए कीमतें बढ़ाकर उल्टा असर डालेगा। अधिकारी ने कहा कि चीन ऐसे बाहरी झटकों से खुद को संभाल सकता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 29

ईरान का अमेरिका को संदेश, डोनाल्ड ट्रंप की हत्या का कोई इरादा नहीं, क्या कम होगा तनाव?

ईरान ईरान ने अमेरिका को संदेश भेजा है कि उसका अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या करने का कोई इरादा नहीं है। यह संदेश इस साल अक्टूबर में वॉशिंगटन को भेजा गया था, जब अमेरिका में निवर्तमान जो बाइडन प्रशासन ने सितंबर में कहा था कि वह ट्रंप की हत्या के किसी भी प्रयास को 'युद्ध की कार्रवाई' मानेगा, जो उस समय 5 नवंबर के राष्ट्रपति चुनावों के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार थे। अमेरिका को ईरान का संदेश पश्चिमी देश के साथ तनाव कम करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका ने सैन्य कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के लिए तेहरान द्वारा संभावित जवाबी कार्रवाई पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी, जिन्होंने 2020 में तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रम्प के आदेश पर ईरान के मिलिशिया और प्रॉक्सी बलों को निर्देशित किया था। चुनावों में ट्रंप की जीत के बाद से कई पूर्व ईरानी अधिकारी और मीडिया आउटलेट तेहरान से ट्रंप के साथ बातचीत करने और सुलह का प्रयास करने के लिए कह रहे हैं, जबकि ट्रंप ने ईरान पर और दबाव डालने का वादा किया है। अधिकारियों के अनुसार, न्याय विभाग ने दो अभियोग जारी किए हैं जो ट्रंप के खिलाफ ईरान की साजिश से संबंधित थे। अमेरिकियों ने ईरान पर ट्रंप प्रशासन के तहत अन्य हस्तियों की हत्या की साजिश रचने का भी आरोप लगाया है। ईरान ने बाइडन प्रशासन को भेजे अपने संदेश में दोहराया कि सुलेमानी की हत्या एक आपराधिक कृत्य था। हालांकि, संदेश में यह भी कहा गया कि ईरान ट्रंप की हत्या नहीं करना चाहता और अंतरराष्ट्रीय कानूनी तरीकों से सुलेमानी की हत्या का बदला लेना चाहता था। ईरान ने सीरिया पर घातक इजरायली हमलों की निंदा की वहीं, ईरानी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इजरायल द्वारा सीरिया के आवासीय इलाकों में किए गए हालिया घातक हमलों की कड़ी निंदा की। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बघई ने मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में यह टिप्पणी की। एक दिन पहले इजरायली बलों ने दमिश्क के पश्चिम में अल-मजेह में तीन आवासीय इमारतों और होम्स के मध्य प्रांत में सीरियाई-लेबनानी सीमा पर तीन आवासीय इमारतों पर हमला किया, जिसमें कम से कम 15 लोग मारे गए और 16 अन्य घायल हो गए। बाघेई ने कहा कि इजरायल द्वारा सीरिया की क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय संप्रभुता के लगातार और प्रमुख उल्लंघनों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अंतर्गत आक्रामकता का विशिष्ट कार्य माना गया है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 32

राष्ट्रपति चुनावों में डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस को एक बड़े अंतर से हराने वाले ट्रंप तीसरे कार्यकाल के लिए तैयार

वाशिंगटन अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल करने वाले डोनाल्ड ट्रंप तीसरे कार्यकाल के लिए भी तैयार हैं। राष्ट्रपति चुनावों में डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस को एक बड़े अंतर से हराने वाले ट्रंप ने बुधवार को अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि वह अपने तीसरे कार्यकाल के लिए भी तैयार हो सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि कहा कि मैं तीसरे कार्यकाल के लिए भी तैयार हूं लेकिन मैं शायद तब तक चुनावी मैदान में नहीं उतरूंगा जब तक की आप लोग मुझे यह नहीं कहते कि वह (ट्रंप) अच्छा है, हमें उसके लिए कुछ सोचना होगा। क्या है अमेरिका के राष्ट्रपति बनने का नियम? ट्रंप ने अपने तीसरी बार राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने की मंशा पर एक संकेत जरूर दिया है लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान के मुताबिक कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक अमेरिका का राष्ट्रपति नहीं चुना जा सकता। इसलिए कानूनी तौर पर ट्रंप के तीसरी बार राष्ट्रपति चुने जाने के रास्ते में बहुत सारी रुकावटें हैं। अमेरिका में किसी व्यक्ति का राष्ट्रपति के रूप में केवल दो बार चुने जाने का नियम संविधान के 22 वे संशोधन के बाद आया। दरअसल, 1951 तक अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रैंक्लिन डी रुजवेल्ट अपने चार कार्यकाल पूरे कर चुके थे। अमेरिका में इसके बाद संविधान संशोधन करके नियम बना दिया गया कि कोई भी दो बार ही राष्ट्रपति बन सकता है। ऐसे में ट्रंप अगर एक और कार्यकाल के लिए जाना चाहे तो उन्हें संविधान में परिवर्तन करना होगा। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यह मुश्किल लगता है। कैसे तीसरा कार्यकाल पा सकते हैं ट्रंप? संविधान को संशोधित करने के लिए ट्रंप को एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा। अमेरिकी संविधान के 22वें संशोधन को निष्क्रिय करने के लिए उन्हें एक नए संशोधन को अमेरिकी सदन और सीनेट दोनों में दो तिहाई बहुमत के साथ पारित और अनुमोदित करना होगा। इसके बाद 50 में से तीन चौथाई राज्यों से समर्थन लेना होगा। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान ट्रंप को रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों ही पार्टियों से समर्थन लेना होगा। लेकिन वर्तमान की अमेरिकी राजनीति की परिस्थितयों को देखते हुए ट्रंप के लिए यह करना आसान नहीं होगा। नतीजन, ट्रंप का 2025 से 2029 तक का कार्यकाल ही उनका आखिरी कार्यकाल होने की संभावना है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 27

समर्थकों से की विपक्षी पार्टी की मदद की अपील, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को डेमोक्रेटिक पार्टी पर आया तरस

वॉशिंगटन. डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस को हरा दिया है, लेकिन अभी भी उनका डेमोक्रेटिक पार्टी पर निशाना साधना जारी है। अब अपने ताजा बयान में भी ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी पर तंज कसा है और दावा किया है कि चुनाव में डेमोक्रेट पार्टी ने इतना पैसा खर्च किया कि अब उनके पास वेंडर्स का भुगतान करने के भी पैसे नहीं बचे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि 'मुझे बेहद हैरानी हो रही है कि डेमोक्रेटिक पार्टी, जिन्होंने बहुत मेहनत और बहादुरी से 2020 में राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा था और रिकॉर्ड संख्या में पैसा इकट्ठा किया था, अब उनके पास एक भी डॉलर नहीं बचा है। अब वेंडर्स और अन्य के द्वारा उन्हें निचोड़ा जा रहा है। डेमोक्रेटिक पार्टी के मुश्किल वक्त में हमें भी उनकी मदद करनी चाहिए। मैं अपील करता हूं कि एक पार्टी के तौर पर हमें एकजुट रहना चाहिए। हमारे पास अभी भी बहुत सारा पैसा बचा हुआ है क्योंकि प्रचार अभियान के दौरान हमारी सबसे बड़ी पूंजी हमारे खुद के द्वारा 'कमाया गया मीडिया' था और हमें उसके लिए बहुत सारा पैसा नहीं खर्च करना पड़ा।' सातों स्विंग स्टेट में जीते ट्रंप ट्रंप ने अपने इस पोस्ट के जरिए डेमोक्रेटिक पार्टी पर मीडिया को प्रभावित करने का अप्रत्यक्ष आरोप लगाया। गौरतलब है कि हालिया राष्ट्रपति चुनाव में दोनों ही पार्टियों ने जमकर पैसा खर्च किया और इस चुनाव को अमेरिकी इतिहास के सबसे महंगे चुनाव में एक बताया गया। चुनाव अभियान के दौरान चुनाव में कांटे की टक्कर दिखाई गई थी, लेकिन नतीजों ने सभी को हैरान किया और ट्रंप ने प्रचंड जीत हासिल की। ट्रंप की ऐतिहासिक जीत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सातों स्विंग स्टेट में ट्रंप को जीत मिली।  Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 38

अमेरिका थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसा वैध आप्रवासियों की संख्या 2000 में 24.1 मिलियन से बढ़कर 2022 में 36.9 मिलियन हो गई

वाशिंगटन डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में जनवरी 2025 में शपथ लेंगे। ट्रंप को जीत तो मिल गई लेकिन उनके सामने अब चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं। इसमें सबसे बड़ी समस्या अवैध प्रवासियों की अमेरिका में एंट्री है। नए आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में हर चौथा प्रवासी अवैध है। भारतीयों सहित अधिक से अधिक लोग अमेरिका में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। आइए इसे आंकड़ों के साथ विस्तार से समझते हैं। अवैध अप्रवासियों की संख्या बढ़ी है अवैध आप्रवासन को लेकर राष्ट्रपति जो बिडेन पर हमला करते हुए, ट्रम्प ने अक्टूबर में कहा था कि उनके राष्ट्रपति रहते पिछले तीन वर्षों में 2 करोड़ 10 लाख लोग आए। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2020 के बाद से देश में अवैध प्रवासियों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन यह आंकड़ा ट्रम्प के विचार के करीब नहीं है। हर चौथा प्रवासी अवैध है अमेरिका स्थित थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, पूर्ण संख्या में, वैध आप्रवासियों की संख्या 2000 में 24.1 मिलियन से बढ़कर 2022 में 36.9 मिलियन हो गई। सीमाओं पर बड़ा ढेर प्यू ने जुलाई 2024 की एक रिपोर्ट में कहा कि अवैध अप्रवासी आबादी संभवतः पिछले दो वर्षों में बढ़ी है। उस दृष्टिकोण के लिए उद्धृत कारकों में से एक 2022-23 में अमेरिकी सीमाओं पर प्रवासियों के साथ मुठभेड़ों का रिकॉर्ड स्तर है। अधिक भारतीय छिपने की कोशिश कर रहे हैं अक्टूबर 2023 और सितंबर 2024 के बीच, 90,000 से अधिक भारतीय मेक्सिको या कनाडा के साथ इसकी भूमि सीमाओं के पार अमेरिका में घुसने की कोशिश करते हुए पकड़े गए थे। तथाकथित डंकी रूट, जिसमें भूमि सीमा का उपयोग करके अवैध रूप से टार्गेट के उद्देश्य से कई देशों से गुजरना शामिल है। यह भारतीयों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। अमेरिकी सीमा अधिकारियों की ओर से गिरफ्तार किए गए भारतीयों की संख्या 2021 और 2024 के बीच तीन गुना बढ़ गई है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 101

ट्रंप की हत्या करने की कोशिश के पीछे ईरान, अमेरिकी न्याय विभाग ने किया बड़ा दावा

मैनहट्टन अमेरिका के न्याय विभाग ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रंप को मारने की साजिश के पीछे ईरान को बताया है. मैनहट्टन में संघीय अदालत में दायर एक आपराधिक शिकायत में आरोप लगाया गया कि ईरान के अर्धसैनिक क्रांतिकारी गार्ड के एक अधिकारी ने सितंबर में एक भाड़े के शूटर को ट्रंप की निगरानी करने और उन्हें मारने की योजना बनाने का निर्देश दिया था. शिकायत में बताया गया है कि फरहाद शकेरी नाम के शख्स को ट्रंप की हत्या का जिम्मा सौंपा गया था, जो कि ईरान का सरकारी कर्मचारी था. शिकायत में कहा गया है कि शकेरी ने ईरान में रहते हुए FBI एजेंटों के साथ रिकॉर्ड की गई फोन पर बातचीत में कथित साजिशों के कुछ डिटेल्स का खुलासा किया. उसने जांचकर्ताओं को बताया कि उसके सहयोग का कथित कारण अमेरिका में सलाखों के पीछे एक सहयोगी की सजा कम कराना है. अफगानी नागरिक को दी गई थी हत्या की सुपारी शकेरी अफगानी नागरिक है, जो बचपन में अमेरिका में आकर बस गया था, लेकिन डकैती के लिए 14 साल जेल में बिताने के बाद उसे निर्वासित कर दिया गया था. अब वह भाड़े पर हत्या की साजिश के लिए तेहरान द्वारा भर्ती किए गए बदमाशों का एक नेटवर्क चलाता है. मैनहट्टन में संघीय अदालत में खोली गई एक आपराधिक शिकायत के अनुसार, शकेरी ने जांचकर्ताओं को फोन पर बताया था कि ईरान के अर्धसैनिक क्रांतिकारी गार्ड में एक संपर्क ने उसे पिछले सितंबर में निर्देश दिया था कि वह अपने अन्य कामों को अलग रखे और सात दिनों के भीतर ट्रंप की निगरानी करने और उन्हें मारने की योजना बनाए. इसके लिए उसे मोटी रकम की पेशकश की गी थी. चुनाव बाद फिर वारदात को अंजाम देने का था प्लान शकेरी ने बताया कि उन्होंने बहुत सारा पैसा खर्च किया है इस पर. ईरानी अधिकारी ने उससे कहा था कि पैसे की दिक्कत नहीं है. लेकिन अगर वह सात दिन के भीतर कोई योजना नहीं बना पाया तो चुनाव के बाद तक साजिश को रोक दिया जाएगा क्योंकि अधिकारी ने मान लिया था कि ट्रंप हार जाएंगे और तब उन्हें मारना आसान होगा. शिकायत के अनुसार, हालांकि अधिकारियों ने पाया कि उसके द्वारा दी गई कुछ जानकारी झूठी थी, लेकिन ट्रंप की हत्या की साजिश और ईरान द्वारा बड़ी रकम देने की इच्छा के संबंध में उनके बयान सही पाए गए. ईरानी-अमेरिकी पत्रकार को भी मारने की थी साजिश शकेरी फरार है और ईरान में ही है. दो अन्य लोगों को इस आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जिन्होंने आरोप लगाया था कि शकेरी ने उन्हें प्रमुख ईरानी-अमेरिकी पत्रकार मसीह अलीनेजाद का पीछा करने और उनकी हत्या करने के लिए भर्ती किया था. हालांकि साजिश नाकाम कर दी गई. बर्लिन से एसोसिएटेड प्रेस से फोन पर बात करते हुए अलीनेजाद ने कहा, "मैं बहुत हैरान हूं, यह मेरे खिलाफ तीसरा प्रयास है और यह चौंकाने वाला है." सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, "मैं अभिव्यक्ति की आजादी के अपने पहले संशोधन के अधिकार का अभ्यास करने के लिए अमेरिका आई हूं – मैं मरना नहीं चाहती. मैं अत्याचार के खिलाफ़ लड़ना चाहती हूं, और मैं सुरक्षित रहने की हकदार हूं. मेरी सुरक्षा के लिए कानून लागू करने वालों का शुक्रिया, लेकिन मैं अमेरिकी सरकार से अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने का आग्रह करती हूं." 13 जुलाई को भी ट्रंप की रैली के दौरान हुई थी फायरिंग बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए हैं. उन्होंने कमला हैरिस को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. ऐसे में न्याय विभाग द्वारा उन पर हमले की साजिश का खुलासा चौंकाने वाला है. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब उनक पर हमले की साजिश रची गई. इसी साल चुनाव प्रचार के दौरान 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया के बटलर शहर में उन पर चुनावी रैली के दौरान फायरिंग हुई थी, इसमें एक गोली उनके कान को छूते हुए निकल गई थी. इस घटना के करीब 64 दिन बाद एक बार फिर उन पर जानलेवा हमले की कोशिश हुई थी. उस वक्त ट्रंप फ्लोरिडा में पाम बीच काउंटी के इंटरनेशनल गोल्फ क्लब में मौजूद थे.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 39