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30 साल बाद हाईकोर्ट से मिली राहत, छत्तीसगढ़-रायपुर के प्रोफेसर दम्पति को बीमा कंपनी दे 6% ब्याज सहित डेढ़-डेढ़ लाख रूपए

बिलासपुर। 30 साल पहले मिनी बस से यात्रा के दौरान घायल हुए दंपती को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से राहत मिली है। कोर्ट ने दोषी वाहन चालक और बीमा कंपनी को निर्देश दिया है कि वे तीन माह के अंदर प्रत्येक घायल को 6 प्रतिशत ब्याज सहित डेढ़-डेढ़ लाख रुपये क्षतिपूर्ति राशि दें। जस्टिस राधा किशन अग्रवाल की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई। जानकारी के मुताबिक, 16 अगस्त साल 1994 को रायपुर निवासी शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के भौतिक विभाग के हेड डॉ. विठ्ठल कुमार अग्रवाल अपनी पत्नी सरला अग्रवाल के साथ मिनी बस से कोरबा से चांपा जा रहे थे। इस दौरान रास्ते में एक लापरवाह ट्रक चालक ने बस को टक्कर मारी। दुर्घटना में डॉ. अग्रवाल और उनकी पत्नी को गंभीर चोट आई। दोनों को गंभीर चोट आने पर चांपा के अस्पताल में प्रारंभिक उपचार के बाद बेहतर उपचार के लिए उन्हें नागपुर ले जाया गया था। दंपती ने उपचार में आए खर्च और क्षतिपूर्ति के लिए मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में वाद प्रस्तुत किया था, लेकिन अधिकरण से वाद खारिज हो गया. इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में अपील प्रस्तुत की। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने घटना में प्रत्येक को लगी चोटों के लिए 1 लाख 50 हजार रुपये क्षतिपूर्ति और मुआवजे की राशि पर 6 प्रतिशत की दर से ब्याज देने के निर्देश दिए हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 28

चुनाव में संपत्ति की दी गलत जानकारी, राजस्थान-जोधपुर हाईकोर्ट ने विश्वराज-महिमा कुमारी और दीप्ति माहेश्वरी को दिया नोटिस

जोधपुर. जोधपुर राजस्थान हाईकोर्ट ने राजसमंद के लोकसभा चुनाव को लेकर निर्दलीय प्रत्याशी की ओर से पेश चुनाव याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जस्टिस मदन गोपाल व्यास की बेंच में जितेन्द्र कुमार खटीक की याचिका पर राजसमंद सांसद महिमा कुमारी मेवाड़, नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़, राजसमंद विधायक दिप्ती माहेश्वरी सहित अन्य को नोटिस जारी किया है। याचिका पर जस्टिस मदन गोपाल व्यास की बेंच ने मंगलवार को 16 दिसंबर सुनवाई की तारीख तय की। निर्दलीय प्रत्याशी एवं अधिवक्ता जितेन्द्र कुमार खटीक ने चुनाव याचिका पेश की। याचिका में लोकसभा चुनाव में गड़बड़ी के आरोप और नामांकन गलत तरीके से स्वीकार करने को लेकर एवं गलत शपथ पत्र पेश करने और चुनाव जीतने के लिए मतदाताओं को प्रलोभन अन्य अवैध तरीके से विधि विरुद्ध चुनाव जीतने का आरोप लगाते हुए याचिका में चुनौती दी गई है। हाईकोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद याचिका में सभी पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए 16 दिसम्बर को जवाब तलब किया है। महाराणा प्रताप के वंशज विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक के बाद से परेशानी बढ़ी हुई है। पारिवारिक विवाद के बाद हंगामा मच हुआ है। भाई के नोटिस का मामला अभी थमा भी नहीं था कि अब चुनाव में गड़बड़ी के आरोप के चलते हाईकोर्ट ने भी नोटिस थमा दिया है। ये है मामला राजसमंद के एडवोकेट जितेंद्र खटीक ने 8 जुलाई 2024 को यह याचिका दाखिल की थी, जिसे 23 जुलाई को स्वीकार किया गया। याचिका में सांसद महिमा कुमारी मेवाड़, उनके पति नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ और राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। संपत्ति और शपथ पत्र में विसंगतियां खटीक ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान महिमा कुमारी और उनके पति विश्वराज सिंह द्वारा पेश किए गए शपथ पत्रों में संपत्ति संबंधी जानकारियां अलग-अलग थीं। महिमा कुमारी ने अपने शपथ पत्र में 5 पैन कार्ड की जानकारी दी, जबकि विश्वराज सिंह ने केवल 4 पैन कार्ड अंकित किए। यह विसंगति चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है। दोहरा वोटर कार्ड का विवाद राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी पर आरोप है कि उन्होंने विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान राजसमंद का वोटर कार्ड नामांकन के साथ पेश किया, जबकि इससे पहले हुए उपचुनावों में उन्होंने उदयपुर का वोटर कार्ड प्रस्तुत किया था। याचिका में यह सवाल उठाया गया है कि एक व्यक्ति के पास दो अलग-अलग जगहों के वोटर कार्ड कैसे हो सकते हैं। मतदाताओं को लुभाने का आरोप चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए राजसमंद में वी-मार्ट मॉल का कथित रूप से इस्तेमाल किया गया। याचिका के अनुसार, मॉल के माध्यम से मतदाताओं को सामान और फ्रीबीज दिए गए, जिससे चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन हुआ। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 24

सरकार से मांगा जवाब, छत्तीसगढ़-बिलासपुर हाईकोर्ट में ध्वनि प्रदूषण पर लगी जनहित याचिका

बिलासपुर। हाईकोर्ट में डीजे और साउंड बॉक्स के शोर से लोगों को होने वाली परेशानियों को लेकर जनहित याचिका पर आज सुनवाई हुई. इस दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से इस ध्वनि प्रदूषण को अल्ट्रा वायरस घोषित करने की मांग की गई. इस पर सरकार की ओर से कहा गया कि मामले में लगातार कार्रवाई हो रही है. याचिकाकर्ता ने कहा कि कोलाहल अधिनियम में इतने कड़े नियम है ही नहीं. एक या दो बार 500-1000 रुपये पेनाल्टी लगाकर छोड़ दिया जाता है. ना सामान की जब्ती होती है और ना ही कोई कड़े नियम बनाए गए है. कोर्ट ने मामले में सरकार को जवाब पेश करने कहा है. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भी डीजे के साथ लेजर और बीम लाइट से होने वाली परेशानियों पर चिंता जताई. कोर्ट ने कहा कि डीजे से हार्ट के साथ ऐसे लेजर लाइट से आम लोगों की आंखों को खतरा है. इसे रोकने के लिए राज्य सरकार को प्रयास करने चाहिए. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 61

निर्विरोध जीत गए 3000 लोग, न्यायालय ने असंतुष्ट उम्मीदवारों को चुनाव याचिका दायर करने की अनुमति दी

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को ‘बहुत विचित्र’ बताया कि पंजाब में हाल में हुए चुनावों में 13,000 पंचायत पदाधिकारियों में से 3,000 निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। न्यायालय ने असंतुष्ट उम्मीदवारों को चुनाव याचिका दायर करने की अनुमति दे दी। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कई उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को खारिज करने और अन्य चुनावी अनियमितता का आरोप लगाने संबंधी याचिका पर पहले नोटिस जारी किए थे। पीठ ने कहा कि पीड़ित व्यक्ति निर्वाचन आयोग के समक्ष चुनाव याचिका दायर कर सकते हैं और आयोग को छह महीने में उन पर फैसला करना होगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि जिन उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए या फाड़ दिए गए, वे भी अपनी शिकायतें लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय जा सकते हैं। अदालत ने कहा कि उनकी याचिकाओं को सीमा अवधि के उल्लंघन के आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि याचिकाओं को गुण-दोष के आधार पर निपटाया जाना चाहिए। आदेश में कहा गया है, 'हम याचिकाकर्ता को चुनाव याचिका दायर करने की अनुमति देते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग छह महीने में याचिकाओं पर फैसला करेगा, देरी होने पर याचिकाकर्ता उच्च न्यायालय जा सकते हैं।' आदेश में कहा गया है, 'जिन लोगों के नामांकन खारिज कर दिए गए या कागजात फाड़ दिए गए, वे कानून के अनुसार उच्च न्यायालय के समक्ष समीक्षा याचिका दायर कर सकते हैं… यदि उच्च न्यायालय में उनकी याचिका खारिज कर दी जाती है तो याचिकाकर्ताओं को इस अदालत में आने का अधिकार है।' संक्षिप्त सुनवाई के दौरान, जब न्यायालय को बताया गया कि पंचायत के 13,000 से अधिक पदों में से 3,000 पर उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं, तो प्रधान न्यायाधीश ने आश्चर्य व्यक्त किया। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'यह बहुत अजीब है! मैंने ऐसे आंकड़े कभी नहीं देखे… यह बहुत बड़ी संख्या है।' एक वकील ने दावा किया कि चुनाव के दौरान एक उम्मीदवार का चुनाव चिह्न हटा दिया गया था। शीर्ष अदालत ने इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया कि उच्च न्यायालय ने सैकड़ों याचिकाओं को प्रभावित पक्षों का पक्ष उचित तरीके से सुने बिना खारिज कर दिया। पीठ ने 18 अक्टूबर को सुनीता रानी और अन्य द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें 15 अक्टूबर को हुए पंचायत चुनावों में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 46

हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को नोटिस देकर मांगा जवाब, छत्तीसगढ़ में स्कूलों के पास बिक रहे तंबाकू उत्पाद

बिलासपुर. बिलासपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश में स्कूलों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री का संज्ञान लिया है और राज्य सरकार की तरफ से मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की युगलपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए अपनी नाराजगी व्यक्त की है और इसे गंभीर चिंता का विषय बताया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा की बेंच ने चिंता जताते हुए कहा कि बच्चे ड्रग एडिक्ट हो जाएंगे तो क्या होगा..? उन्होंने कहा की कोटपा कानून है तो उसका पालन होना चाहिए कि नहीं? दरअसल 15 नवंबर 2024 को शुक्रवार को छुट्टी के दिन भी उच्च न्यायालय की बैठक हुई। मुख्य न्यायाधीश ने रजिस्ट्रार जनरल को मीडिया रिपोर्टों के आधार पर मामले को जनहित याचिका (पीआईएल) के रूप में पंजीकृत करने का निर्देश दिया था। मीडिया में आई रिपोर्टों से पता चला है कि बिलासपुर में सरकारी और निजी स्कूलों के पास सड़क के स्टॉल पर तंबाकू उत्पाद खुलेआम बेचे जा रहे हैं। इन रिपोर्टों ने बताया कि कैसे इस तरह की गतिविधियाँ स्कूलों के आसपास के वातावरण को खराब कर रही हैं और छात्रों पर इसका नकारात्मक प्रभाव हो है। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के अधिकारियों से जवाब मांगा है, जिसका उद्देश्य स्कूलों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री और छात्रों तथा सार्वजनिक व्यवस्था पर इसके प्रभाव का समाधान करना है। महाधिवक्ता ने सोमवार की सुनवाई में शासन का पक्ष रखते हुए शपथ पत्र में जानकारी दी कि 15 नवंबर 2024 के आदेश का परिपालन करते हुए  बिलासपुर जिला प्रशासन द्वारा कोटपा अधिनियम का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों पर पेनल्टी और अन्य कार्रवाई की गई है और गंभीरता से कोटपा कानून का पालन कराया जा रहा है। चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने इस पूरे मामले में मुख्य सचिव और बिलासपुर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की तरफ से शपथ पत्र के साथ जवाब तलब किया है। मामले में अगली सुनवाई आगामी पांच दिसंबर को तय की गई है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 35

हाईकोर्ट ने CPS कानून को किया निरस्त, सरकार को झटका, 6 मुख्य संसदीय सचिव हटाए गए

शिमला हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बनाए मुख्य संसदीय सचिव अब नहीं रहेंगे। हाईकोर्ट ने सरकार के इन सभी संसदीय सचिवों को तुरंत प्रभाव से पद से हटाने के आदेश दिए हैं। इस फैसले के बाद वर्तमान सरकार में कार्य कर रहे छह मुख्य संसदीय सचिवों को अपना पद व सुविधाएं छोड़नी होंगी। जस्टिस विवेक ठाकुर और बीसी नेगी की हाईकोर्ट की खंडपीठ ने यह भी निर्देश दिया कि इन सीपीएस की सभी सुविधाएं और विशेषाधिकार तत्काल प्रभाव से वापस ले लिए जाएं। कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ता, शक्तियां, विशेषाधिकार और संशोधन) अधिनियम, 2006 को शून्य घोषित कर दिया। सार्वजनिक संपत्ति पर किया कब्जा जस्टिस बिपिन चंद्र नेगी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ये पद सार्वजनिक संपत्ति पर कब्जा करते हैं और सभी सुविधाएं तत्काल प्रभाव से वापस ली जानी चाहिए।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 8 जनवरी, 2023 को कैबिनेट विस्तार से पहले छह सीपीएस-अर्की विधानसभा से संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल बराकटा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल को नियुक्त किया था। ये भर्ती 2006 के अधिनियम के अनुसार की गई: बीजेपी एडवोकेट मुख्य संसदीय सचिवों की भर्ती पर हाईकोर्ट के आदेश पर भाजपा के वकील एडवोकेट वीरबहादुर वर्मा ने कहा कि सतपाल सती के नेतृत्व में 10 भाजपा विधायकों ने सीपीएस की भर्ती को कोर्ट में चुनौती दी थी। यह भर्ती 2006 के अधिनियम के अनुसार की गई थी। कोर्ट ने माना है कि 2006 का अधिनियम असंवैधानिक था। हाईकोर्ट ने सीपीएस सुविधाओं को तुरंत वापस लेने का भी आदेश दिया है। अगर दूसरा पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला करता है, तो उन्हें वहां भी कोई राहत नहीं मिलेगी, अधिनियम निरस्त कर दिया गया है। जयराम ठाकुर ने दी प्रतिक्रिया सीपीएस के फैसले पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। भारतीय जनता पार्टी पहले दिन से ही सीपीएस बनाने के फैसले के खिलाफ थी क्योंकि यह असंवैधानिक था और यह संविधान के विरुद्ध निर्णय था। उन्होंने कहा कि जब 2017 में हम सरकार में थे तो हमारे समय भी यह प्रश्न आया था। तो हमने इसे पूर्णतया असंवैधानिक बताते हुए सीपीएस की नियुक्ति नहीं की थी। आज हाईकोर्ट द्वारा फिर से सरकार के तानाशाही पूर्ण और असंवैधानिक फैसले को खारिज कर दिया। हम मांग करते हैं कि इस पद का लाभ लेने वाले सभी विधायकों की सदस्यता भी समाप्त हो। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 40

आंगनबाड़ी में फल-दूध न मिलने पर लिया संज्ञान, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने महिला-बाल विकास विभाग से मांगा जवाब

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने आंगनबाड़ी में बच्चों को फल, दूध आदि नहीं दिए जाने पर स्वतः संज्ञान लिया है. मामले की जनहित याचिका के रूप में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने कोर्ट कमिश्नरों की रिपोर्ट से सचिव महिला बाल विकास विभाग के शपथ पत्र का तुलनात्मक मिलान करने को कहा है. मामले में अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी. बता दें कि दुर्ग जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को फल और दूध नहीं दिए जाने की खबर मीडिया में आई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया और इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज कर सुनवाई शुरू की. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डीबी ने इसके लिए एडवोकेट अमिय कांत तिवारी , सिध्दार्थ दुबे, आशीष बेक, ईशान वर्मा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया. कोर्ट कमिश्नरों ने इन केन्द्रों में जाकर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की. कोर्ट कमिश्नरों को सबंधित अधिकारियों ने बताया कि फल दूध की जगह पौष्टिक भोजन दिया जा रहा है. रिपोर्ट आने के बाद हाईकोर्ट ने राज्य शासन के संबंधित प्राधिकारी से शपथपत्र के साथ जवाब मांगा था. मामले में राज्य के मुख्य सचिव और अन्य अफसरों को पक्षकार बनाया गया. इसके कुछ समय बाद सूरजपुर, कवर्धा और बस्तर से भी यही मामला सामने आया. इन जगहों पर जाकर भी कमिश्नरों ने निरीक्षण कर फिर अपनी रिपोर्ट तैयार की. इस बीच सचिव महिला बाल विकास ने कोर्ट में शपथपत्र प्रस्तुत किया. आज मंगलवार को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान उपस्थित कोर्ट कमिश्नर से कोर्ट ने कहा कि वे अपनी रिपोर्ट से इस शपथपत्र को तुलना कर लें ताकि मालूम हो सके कि अदालत के आदेश का पालन हुआ है या नहीं. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 54