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MP हाईकोर्ट ने कहा धार कार्ड में लिखी उम्र नहीं मानी जाएगी सही, आयु नहीं पहचान का दस्तावेज है कार्ड

जबलपुर  मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जीएस आहलूवालिया की एकलपीठ ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में साफ किया कि आधारकार्ड आयु नहीं बल्कि पहचान का दस्तावेज है। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने आदेश की प्रति राज्य के मुख्य सचिव को भेजने की व्यवस्था दे दी। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि मुख्य सचिव सभी जिला कलेक्टरों को इस संबंध में अवगत करा दें। यह मामला नरसिंहपुर अंतर्गत सिंहपुर पंचायत निवासी सुनीता बाई साहू की याचिका से संबंधित था। याचिकाकर्ता का कहना था कि उसके पति मोहनलाल साहू की करंट लगने से मृत्यु हो गई थी। लिहाजा, शासकीय योजना अंतर्गत आर्थिक सहायता के लिए आवेदन किया गया था। किंतु वह आवेदन इस आधार पर निरस्त कर दिया गया कि दिवंगत पति की आयु 64 वर्ष से अधिक थी। जबकि आधार कार्ड में दर्ज आयु के अनुसार मृत्यु के समय पति की आयु 64 वर्ष से कम थी। राज्य शासन की ओर से स्पष्ट किया गया कि जनपद पंचायत ने संबंधित दस्तावेजों के आधार पर पाया था कि मृतक की आयु 64 वर्ष से अधिक थी। इसके अलावा 2023 में जारी एक परिपत्र में भी यह साफ किया गया था कि आधार कार्ड का उपयोग पहचान के लिए किया जाना चाहिए न कि जन्मतिथि सत्यापन के लिए। ऐसा इसलिए क्योंकि वह जन्मतिथि का प्रमाण-पत्र नहीं है। मप्र हाई कोर्ट सहित देश के अन्य हाई कोर्ट भी अपने पूर्व आदेशों में यह रेखांकित कर चुके हैं कि आधार कार्ड पहचान पत्र है न कि जन्मतिथि का प्रमाण पत्र। चेक-कैंट बोर्ड वार्षिक वेतनवृद्धि के लाभ पर निर्णय ले : हाई कोर्ट हाई कोर्ट ने कैंट बोर्ड, जबलपुर को निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता कर्मी को वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ प्रदान करने पर निर्णय लें। न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को 10 दिन के भीतर कैंट सीईओ को फ्रेश अभ्यावेदन प्रस्तुत करने कहा। कोर्ट ने सीईओ को निर्देश दिए हैं कि अभ्यावेदन पर विचार कर 30 दिन के भीतर उचित निर्णय पारित करें। जबलपुर निवासी याचिकाकर्ता सुरेश कुमार डुमार की ओर से अधिवक्ता सौरभ तिवारी व मौसम पासी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता कैंट बोर्ड में सफाई कर्मचारी के रूप में पदस्थ है। याचिकाकर्ता 2001 से वार्षिक वेतनवृद्धि पाने का हकदार है। याचिकाकर्ता को उत्कृष्ट कर्मचारी का अवार्ड भी मिला है। इस संबंध में कैंट बोर्ड में अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया। जब कोई कार्रवाई नहीं की गई तो याचिका दायर की गई।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 49

‘वन्य जीव और पर्यावरण भी नष्ट हो रहा, अब बचा क्या है?’, छत्तीसगढ़-बिलासपुर हाईकोर्ट की फटकार

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में वन्य जीव के संरक्षण को लेकर लगी याचिका पर आज सुनवाई हुई। जिसमें प्रदेश में हुई बाघ की मौत को भी संज्ञान में लिया गया। वन्यजीवों के मौत के मामले में मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी को अहम माना जा रहा है। दरअसल छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा की डीबी में सुनवाई हुई जिसमें कोर्ट ने वन्यजीवों की मौत और पर्यावरण की अनदेखी पर बेहद कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि वन्य जीव नष्ट हो रहे हैं, पर्यावरण भी नष्ट हो रहे हैं अब बचा क्या? मुख्य न्यायाधीश की डीबी ने कहा कि वन्य जीव नहीं बचा पाएंगे और जंगल नहीं बच पाएंगे तो कैसे चलेगा? वन्यजीव है तो जंगल हैं, छत्तीसगढ़ में कम से कम यही सब है। जिसके जवाब में महाधिवक्ता ने कहा कि मामले में कड़ी कार्रवाई की जा रही है। कोर्ट ने बाघ की मौत को लेकर भी टिप्पणी की है। कहा यह दूसरी मौत है, टाइगर हिंदुस्तान में जल्दी मिलता नहीं, यहां है तो संरक्षण नहीं कर पा रहे हैं। दरअसल 8 नवंबर 2024 को सरगुजा के कोरिया वन मंडल के पास खनखोपड़ नाला के किनारे बाघ का शव मिला, जिसे वन विभाग ने आधिकारिक तौर पर जहर खुरानी की घटना बताया है, जिसकी जांच जारी है। हाईकोर्ट ने एफिडेविट के माध्यम से कार्रवाई के बारे में पूछा। जिस पर शासन का पक्ष महाधिवक्ता ने रखा। हाईकोर्ट ने APCCF को नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से शपथपत्र का जवाब तलब किया है। कोर्ट ने पूछा है कि वन्यजीवों के संरक्षण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? मामले में अगली सुनवाई आगामी 21 नवंबर को निर्धारित की है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 63

हाई कोर्ट ने 12 जजों के स्थानांतरण आदेश जारी किए गए, मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत ने दिया आदेश

जबलपुर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत के आदेश पर 12 जजों के स्थानांतरण आदेश जारी किए गए हैं। जिला सत्र न्यायाधीश, इंदौर ओमप्रकाश रजक को जिला एवं सत्र न्यायााधीश, पाटन, जबलपुर के रिक्त पद पर स्थानांतरित किया गया है। लीगल सर्विस अथार्टी, खंडवा के सचिव यशवंत मालवीय को ओमप्रकाश रजक के स्थान पर इंदौर में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित किया गया है।इसी प्रकार प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश सतना अजय श्रीवास्तव को इंदौर में भगवती प्रसाद शर्मा के स्थान पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरित कियाा गया है। मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के सदस्य सचिव रत्नेश चंद्र बिसेन को प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश, सतना अजय श्रीवास्तव के स्थान पर ट्रांसफर किया गया है। अतुल कुमार खंडेलवाल , प्रधान न्यायाधीश, फैमिली कोर्ट, सागर को प्रधान न्यायाधीश फैमिली कोर्ट, भोपाल में भौरेलाल प्रजापति के स्थान पर ट्रांसफर किया गया है। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल धरमिंदर सिंह के अनुसार सात सिविल जज, सीनियर डिवीजन को भी स्थानांतरित किया गया है, इसमें शिवराज सिंह गवाली पन्ना से इंदौर, मोहम्मद नियामत हुसैन रिजवी आस्टा-सीहोर से ग्वालियर, द्वारका प्रसाद रतलाम से जबलपुर, निधि शाक्यवार पन्ना से इंदौर, अमरीश भारद्वाज इंदौर से सिवनी, श्वेता खरे ग्वालियर से जबलपुर और जगमोहन सिंह परासिया-छिंदवाड़ा से जबलपुर स्थानांतरित किए गए हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 40

हाई कोर्ट ने कहा- पुरुष को कमाने-पढ़ने का मौका और महिला को नहीं, यह गलत बात

प्रयागराज महिला और पुरुष की शादी की न्यूनतम उम्र में अंतर होना पितृसत्तात्मक व्यवस्था की एक निशानी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक केस की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि भारत में पुरुष के लिए शादी की न्यूनतम आयु 21 वर्ष है और महिला के लिए यह 18 वर्ष है। यह कुछ और नहीं बल्कि पितृसत्तात्मक व्यवस्था की एक निशानी है। जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस डी. रमेश की बेंच ने कहा कि पुरुषों को शादी के लिए तीन वर्ष का अतिरिक्त समय इसलिए दिया गया है क्योंकि वे पढ़ाई कर सकें और आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त कर पाएं। अदालत ने कहा कि महिलाओं के लिए स्थिति उलट है और उन्हें इस तरह का कोई अवसर नहीं मिलता है। बेंच ने कहा, 'पुरुषों को शादी के लिए न्यूनतम आयु में तीन वर्ष का अधिक समय देना और महिलाओं को इससे इनकार करना समानता के विपरीत है। यह पितृसत्तात्मक व्यवस्था की निशानी है और मौजूदा कानून भी इसे ही आगे बढ़ा रहे हैं। इस व्यवस्था में यह मान लिया गया है कि पुरुष को आयु में बड़ा होना चाहिए और वह ही परिवार की आर्थिक व्यवस्था देखे। वहीं महिलाओं को लेकर माना गया है कि वे सेकेंड पार्टी रहें और उन्हें पहले के जितना दर्जा न मिले। यह वयवस्था किसी भी मायने में बराबरी वाली नहीं है।' अदालत ने यह टिप्पणियां एक केस की सुनवाई के दौरान की, जिसमें शश्स ने फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की थी। परिवार न्यायालय ने उस व्यक्ति की शादी को खारिज करने से इनकार कर दिया था। शख्स का कहना था कि उसका बाल विवाह हुआ था और वह इस शादी से सहमत नहीं है। उसका कहना था कि 2004 में विवाह हुआ था और तब उसकी आयु महज 12 साल ही थी, जबकि पत्नी की आयु 9 साल थी। 2013 में शख्स ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत शादी को खारिज करने की मांग की थी। शख्स ने जब केस दाखिल किया था, तब भी उसकी आयु 10 साल, 10 महीने और 28 दिन ही थी। क्या कहता है बाल विवाह को लेकर बना कानून इस प्रावाधन के तहत यदि बाल विवाह हुआ तो उसमें शामिल दो में से कोई भी एक सदस्य शादी खारिज करने की मांग कर सकता है। यही नहीं इसके अनुसार यदि बाल विवाह वाले दोनों सदस्य बालिग होने के दो वर्ष बाद भी ऐसी अपील करते हैं तो उसे माना जा सकता है। इसी मामले में जब पति अदालत पहुंचा तो उसकी पत्नी ने विरोध किया। उसका कहना था कि पति ने जब अपनी शादी को खारिज कराने की मांग की तो वह बालिग था। उसकी उम्र 18 साल से अधिक हो चुकी थी। वह 2010 में ही बालिग हो गया था। यही तर्क जब उसने हाई कोर्ट में दिया तो अदालत ने पुरुष और स्त्री की शादी की न्यूनतम उम्र में अंतर होने पर सवाल उठाया। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 42

विद्युत एमडी से माँगा जवाब, छत्तीसगढ़-रायगढ़ में हाथियों की मौत पर हाईकोर्ट सख्त

बिलासपुर. बिजली करंट की चपेट में आने से हाथियों की मौत के मामले को हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। सचिव ऊर्जा विभाग और छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी। दरअसल रायगढ़ के घरघोड़ा वनक्षेत्र में बिजली के करंट की चपेट में आने से हाथियों की मौत हुई थी मौत। अखबार में प्रकाशित खबर का हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था। तमनार वन परिक्षेत्र के सामारुमा कम्पाटमेंट 856 पीएफ, घरघोड़ा उप वन मंडल चुहकीमार जंगल में सनसनीखेज घटना सामने आया है। जिसमें 11 केवी धारा प्रवाहित करंट की चपेट में आने से एक हाथी का बच्चा, 1 मादा एवं एक युवा हाथी दर्दनाक मौत हो गई। जब तड़के सुबह जब ग्रामीण जन जंगल की ओर गए तब उन्हें हाथी एक दूसरे के इर्दगिर्द में मृत अवस्था मे मिले। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 35

हाईकोर्ट ने आयुक्त से मांगा शपथ पत्र, छत्तीसगढ़-बिलासपुर के व्यापार विहार में कचरा डंप

बिलासपुर. बिलासापुर के व्यापार विहार में कचरा डंप करने के मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर नगर निगम से जवाब मांगा है। सोमवार को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में निगम की ओर से बताया गया कि कचरा उठवाकर अधिकांश क्षेत्र को साफ कर लिया गया है। ठेका कंपनी को भी चेतावनी दी गई है। कोर्ट ने निगम आयुक्त को संबंधित दस्तावेज के साथ शपथ पत्र पर जानकारी प्रस्तुत करने कहा है। बता दें कि निगम ने व्यापार विहार तारामंडल के पीछे दो करोड़ रुपये की लागत से ऑक्सीजोन का निर्माण कराया था। यहां पर्याप्त पेड़-पौधे लगातार लोगों को प्रदूषण मुक्त वातावरण देने की योजना थी, लेकिन यहां नगर निगम द्वारा कचरा डंप किया जाने लगा। डोर-टू-डोर कचरा जमा करने वाली रामके कंपनी के लिए यह एरिया डंपिंग जोन बनता जा रहा था। तिफरा, सिरगिट्टी, व्यापार विहार और अन्य क्षेत्रों का लाखों टन कचरा यहां की लगभग 10 एकड़ जमीन पर डंप हो रहा था। आज मामले में सुनवाई के दौरान निगम की ओर से बताया गया कि कचरा साफ करने के लिए अभियान चलाया गया है और लगभग 50 हाइवा कचरा उठा लिया गया है। पूरा क्षेत्र लगभग साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने निगम के जवाब से संतुष्टि जताई और आयुक्त को मामले में शपथ पत्र प्रस्तुत करने कहा। उल्लेखनीय है कि शहर से कचरा उठाने का ठेका नगर निगम ने हैदराबाद की रामके कंपनी को दे रखा है। कंपनी को शहर से कचरा उठाकर 15 किलोमीटर दूर ग्राम कछार ले जाकर अपशिष्ट प्रबंधन करना है,लेकिन इसमें ज्यादा खर्च होने की वजह से कंपनी कचरा यहीं व्यापार विहार में ही डंप कर रही है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 53

कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग पर MP हाईकोर्ट की रोक, सरकारों, यूट्यूब, X को जारी किया नोटिस

 भोपाल मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग यानी सीधा प्रसारण वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अवैध रूप से साझा करने, एडिट करने, इस्तेमाल करने और बदलाव करने पर सोमवार को रोक लगा दी। अदालत ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से ऐसे वीडियो हटाने के अनुरोध वाली एक याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों और हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को भी नोटिस जारी किया। क्या दी दलील? दमोह के एक कारोबारी डॉ. विजय बजाज ने अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अवैध रूप से साझा करने, एडिट करने और उसे प्रसारित करने के खिलाफ एक याचिका दायर की थी। विजय बजाज की पैरवी करने वाले वकील उत्कर्ष अग्रवाल ने कहा कि यह मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की कार्यवाही के सीधा प्रसारण से संबंधी नियमों का उल्लंघन है। कमाई करने वालों से वसूली जाए रकम याचिका में अदालत से यह भी अनुरोध किया गया है कि अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अवैध रूप से साझा करके इन वीडियो पर मिली व्यूवरशिप (देखने वाले लोगों की संख्या) के जरिये धन कमाने वालों से उक्त धन की वसूली के लिए भी निर्देश जारी किया जाए। कॉपीराइट का उल्लंघन करके अवैध रूप से अपलोड किए गए कुछ वीडियो विशेष रूप से प्रस्तुत किए गए। यूट्यूब और एक्स को नोटिस मुख्य न्यायाधीश एसके कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई की। वकील उत्कर्ष अग्रवाल ने बताया कि याचिका की सुनवाई के दौरान यूट्यूब और एक्स को नोटिस जारी किया गया है। अग्रवाल ने कहा कि याचिका की सुनवाई के दौरान इसने मेटा प्लेटफॉर्म इंक, यूट्यूब और ट्विटर को नोटिस जारी किए। विस्तृत आदेश के अपलोड होने का इंतजार है। हाई कोर्ट के पास लाइव स्ट्रीमिंग की कॉपीराइट इन नियमों में स्पष्ट प्रविधान है कि लाइव स्ट्रीमिंग के सभी कापीराइट हाई कोर्ट के पास हैं। इन नियमों के अंतर्गत किसी भी प्लेटफार्म पर लाइव स्ट्रीमिंग का मनमाना उपयोग, शेयर, ट्रांसमिट या अपलोड करना प्रतिबंधित है। इसके बावजूद निर्धारित नियमों का उल्लंघन करते हुए कई सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर लाइव स्ट्रीमिंग की क्लिपिंग को एडिट करके अपलोड करके आर्थिक लाभ उठाया जा रहा है। हाई कोर्ट के सुनवाइयों की मीम्स, शार्ट्स यही नहीं हाई कोर्ट के आदेशों के मीम्स, शार्ट बनाए जाते हैं और न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं व शासकीय अधिकारियों पर अभद्र व आपत्तिजनक टिप्पणियां की जाती हैं। अब तक जिन भी लोगों ने हाई कोर्ट लाइव स्ट्रीमिंग का दुरुपयाेग कर सोशल मीडिया के माध्यम से धनार्जन किया है, उनसे वसूली की जाए। अभी तक जितनी भी क्लिपिंग सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड की गई हैं, उन्हें डिलीट करने का भी आदेश पारित किया जाए। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 48