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ईरान में महिला ने नग्न होकर पुलिस के सामने हंगामा किया, हिजाब बैन के विरोध में

तेहरान इस्लामिक देश ईरान ने वैसे तो पिछले साल दिसंबर में ही सख्त हिजाब कानून को लागू करने पर रोक लगी दी है लेकिन अभी भी वहां हिजाब बैन के खिलाफ महिलाएं हल्ला बोल रही हैं। इसी तरह के एक वाकए में ईरान के दूसरे सबसे बड़े शहर मशहद में एक महिला ने सार्वजनिक तौर पर विरोध-प्रदर्शन करते हुए पहले अपने सभी कपड़े उतार दिए फिर नग्न होकर पुलिस वाहन के बोनट पर खड़ी होकर हंगामा करने लगीं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में महिला सशस्त्र बलों के अधिकारियों पर चिल्लाती हुई दिखाई दे रही है। ईरानी पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता मसीह अलीनेजाद ने महिला की इस करतूत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है। वीडियो में दिख रहा है कि हंगामा करने वाली महिला पुलिस की गाड़ी पर चढ़कर विंडशील्ड की ओर बढ़ते हुए और अपने दोनों पैरों को फैलाकर बैठ रही है। महिला की हालत देखकर वहां मौजूद एक सशस्त्र पुरुष अधिकारी मामले में दखल देने में हिचकिचाता हुआ दिखाई दे रहा है। वीडियो के अंत में महिला ने अपने हाथ ऊपर उठा लिए और विरोध में चिल्लाने लगीं। महिला इस्लामी गणराज्य में महिलाओं के लिए सख्त प्रावधानों का विरोध कर रही थी। वह शरीर को पूरी तरह से ढकने से इनकार भी करती दिखी। हालांकि, हंगामा बढ़ने पर उस महिला के पति ने कहा कि फिलहाल उसका इलाज चल रहा है और उसकी हालत ठीक नहीं है। बता दें कि दिसंबर में, ईरानी सांसद ने विवादास्पद 'पवित्रता और हिजाब' कानून पारित किया था, जिसमें उन महिलाओं और लड़कियों पर कठोर दंड का प्रावधान किया गया था जो अपने बाल, हाथ या पैर का प्रदर्शन करती हैं। हालांकि, महिलाओं के व्यापक विरोध के बाद ईरानी सरकार झुक गई थी और इस कानून को लागू करने पर रोक लगा दी थी। तब ईरानी सरकार ने कहा था कि इसमें सुधार की जरूरत है। एमनेस्टी इंटरनेशनल समेत कई वैश्विक संगठनों ने ईरान के इस कानून की निंदा की थी और इसे दमनकारी और दमघोंटू व्यवस्था को मजबूत करने की कोशिश कहा था। प्रस्तावित कानून में भारी जुर्माना और बार-बार अपराध करने वालों के लिए 15 साल तक की कैद का भी प्रावधान किया गया था। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 20

राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को खुली धमकी दी कहा अगर ईरान ने मुझे मारने की कोशिश की तो मैं उस देश को खत्म कर दूंगा

वॉशिंगटन  अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को धमकी दे दी है। ट्रंप ने कहा कि अगर ईरान ने उन्हे मारने की कोशिश की तो वह देश को खत्म कर देंगे। अमेरिका ने ये भी संकेत दिए है कि अगर ईरान ने परमाणु हथियार से जुड़े परियोजनाओं को बंद नहीं किया तो अमेरिका उसपर और भी प्रतिबंध लगाएगा। ट्रंप ने ईरान पर और भी अधिक दबाव डालने के आदेश पर हस्ताक्षर भी किए। ईरान को ट्रंप की खुली धमकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने अपने सलाहकारों को निर्देश दिया है कि अगर ईरान उनके ऊपर हमला करता है तो उसे तबाह कर दिया जाए। ट्रंप ने कहा कि अगर ईरान ने मुझे मारने की कोशिश की तो मैं उसे खत्म कर दूंगा। उन्होंने कहा कि ईरान के पास ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता है। हालांकि, ट्रंप ने ईरान के समकक्ष से मुलाकात की इच्छा भी जाहिर की। ट्रंप पर हो चुका है जानलेवा हमला बता दें कि ट्रंप को कई बार ईरान की ओर से धमकी मिल चुकी है। हाल ही में एक चुनावी रैली के दौरान ट्रंप पर जानलेवा हमला भी हुआ था। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों का कहना था कि वह नहीं मानते की हत्या का प्रयास ईरान ने किया था। साल 2020 में ट्रंप ने ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर की एलीट शाखा कुद्स फोर्स का नेतृत्व करने वाले कासिम सुलेमानी की हत्या का आदेश दिया था। इसके बाद से ही ट्रंप की सुरक्षा को लेकर अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी काफी अलर्ट रहती है। आशंका जताई जा रही है कि ट्रंप, ईरान की मुश्किलें बढ़ाने वाले हैं। ईरान आर्थिक संकट से जूझ रहा है। साल 2015 में अमेरिका से जब ईरान का परमाणु समझौता हुआ था, लेकिन 2018 में ट्रंप ने ईरान से परमाणु समझौता तोड़ दिया था। इसके बाद ईरान और अमेरिका के बीच रिश्ते काफी खराब हो गए। ईरान के राष्ट्रपति से मिलने की जताई इच्छा उन्होंने कहा कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता है, लेकिन साथ ही उम्मीद जताई की तेहरान के साथ समझौता किया जा सकता है। ट्रंप ने ईरान के अपने समकक्ष से मिलने की इच्छा जताई, ताकि तेहरान को यह समझाने की कोशिश की जा सके कि वह परमाणु हथियार विकसित करने की कोशिश छोड़ दे। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन पर तेल-निर्यात प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। ट्रंप के ऊपर खतरा अमेरिकी अधिकारी वर्षों से ट्रंप और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ ईरानी धमकियों पर नजर रख रहे हैं। ट्रंप ने 2020 में ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर की एलीट शाखा कुद्स फोर्स का नेतृत्व करने वाले कासिम सुलेमानी की हत्या का आदेश दिया था। न्याय विभाग ने बीते साल नवम्बर में घोषणा की थी कि राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप को मारने की ईरानी साजिश की नाकाम किया गया है। विभाग ने आरोप लगाया कि ईरानी अधिकारियों ने सितम्बर में 51 वर्षीय फरहाद शकेरी को ट्रंप की निगरानी करने और उनकी हत्या के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया गया था। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 19

प्रतिबंधों की मार झेल रहे ईरान ने भारत से अपने रिश्ते सुधारने और सहयोग बढ़ाने की अपील की

नई दिल्ली अमेरिकी प्रतिबंधों की मार झेल रहे ईरान ने भारत से अपने रिश्ते सुधारने और सहयोग बढ़ाने की अपील की है। ईरानी अधिकारियों ने भारत से फिर से कच्चे तेल की खरीद शुरू करने और ईरानी नागरिकों को वीजा देने में राहत देने की मांग की है। ईरान का कहना है कि इन कदमों से दोनों देशों के बीच दोस्ती और आर्थिक रिश्ते और मजबूत होंगे। मगर इसके पीछे क्या ईरान की कोई मंशा है? आइए जानते हैं। ईरान की इस गुहार के पीछे मुख्य वजह अमेरिकी प्रतिबंध हैं, जिनकी वजह से उसकी अर्थव्यवस्था पर काफी दबाव है। 2019 में भारत ने अमेरिकी दबाव में ईरान से कच्चे तेल की खरीद बंद कर दी थी। हालांकि, अब ईरान चाहता है कि भारत एक बार फिर तेल खरीदने के लिए रास्ता निकाले। ईरानी अधिकारी ने साफ कहा कि भारत और ईरान को मिलकर इस मुद्दे का हल ढूंढना होगा। चाबहार बंदरगाह पर भी ईरान की खास नजर है। यह बंदरगाह अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरे से बाहर है और भारत ने इसके विकास में काफी निवेश किया है। ईरानी अधिकारी ने कहा कि चाबहार के आसपास पेट्रो-रसायन उद्योगों में सहयोग के लिए भारत ने रुचि दिखाई है। यह बंदरगाह दोनों देशों के लिए व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने का एक अहम जरिया हो सकता है। ईरानी अधिकारी ने यह भी कहा कि रूस और ईरान पर लगे प्रतिबंध अलग हैं, और भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा है। ऐसे में ईरान उम्मीद कर रहा है कि भारत उसके लिए भी ऐसा ही कोई रास्ता निकालेगा। ईरान ने यह भी संकेत दिया कि चीन के बढ़ते प्रभाव और वैश्विक राजनीति में बदलाव के चलते अमेरिका का रुख ईरान के प्रति नरम हो सकता है। ऐसे में भारत के लिए यह मौका हो सकता है कि वह ईरान के साथ अपने रिश्तों को फिर से पटरी पर लाए। भारत के लिए ईरान की अहमियत सिर्फ तेल तक सीमित नहीं है। चाबहार बंदरगाह भारत को अफगानिस्तान और मध्य एशिया से जोड़ने का सीधा रास्ता देता है। ईरान ने साफ कर दिया है कि वह भारत के लिए किसी तरह की मुश्किल खड़ी नहीं करना चाहता, बल्कि आपसी सहयोग को नई ऊंचाइयों तक ले जाना चाहता है। ऐसे में देखना है कि क्या भारत अपने चाबहार वाले दोस्त के साथ कच्चे तेल का सौदा करता है या नहीं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 43

ईरान में घट रही जनसंख्या, सरकार चिंतित, परिवार बढ़ाने चला रही कई योजनाएं

ईरान में घट रही जनसंख्या, सरकार चिंतित, परिवार बढ़ाने चला रही कई योजनाएं 2051-52 तक ईरान की 32 फीसदी आबादी बुजुर्ग हो जाएगी तेहरान  ईरान एक प्रमुख इस्लामिक देश है, वर्तमान में जनसंख्या वृद्धि की गंभीर समस्या का सामना कर रहा है। यहां की आबादी बढ़ने की बजाय स्थिर होने लगी है और इसके पीछे कई सामाजिक और आर्थिक कारण हैं। 1980 में एक दंपति के औसतन 5 से 6 बच्चे होते थे, लेकिन अब यह आंकड़ा घटकर 1 से 2 रह गया है। इस स्थिति ने ईरानी सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। वर्तमान में ईरान की कुल आबादी करीब 8.9 करोड़ है, जिसमें से 1 करोड़ बुजुर्ग लोग हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2051-52 तक ईरान की 32 फीसदी आबादी बुजुर्ग हो जाएगी। तेहरान के एक प्रोफेसर ने बताया कि वर्तमान में 31 से 39 साल की आयु के करीब 40 लाख युवा अविवाहित हैं, जो कुल आबादी का करीब पांच फीसदी हैं। इससे साफ होता है कि युवा वर्ग में शादी करने और परिवार बढ़ाने की इच्छाशक्ति में कमी आई है। इसके पीछे का मुख्य कारण आर्थिक समस्याएं हैं। ईरान में युवाओं ने मान लिया है कि अधिक बच्चे होने से जिम्मेदारियों और आर्थिक बोझ बढ़ता है। इस बीच सरकार ने 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से परिवार योजना को प्रोत्साहित किया था, जिसका असर साफ दिखता है। पहले, महिलाओं का फर्टिलिटी रेट 6.5 था, लेकिन अब यह घटकर 1.5 फीसदी पर आ गया है। यह स्थिति एक गंभीर समस्या बन रही है, क्योंकि जनसंख्या के संतुलन के लिए 2.1 की फर्टिलिटी रेट की जरुरत होती है। सरकार ने इस समस्या को देखते हुए कई उपाय किए हैं। दंपतियों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें बैंक लोन, प्लॉट और कार जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद जनसंख्या वृद्धि की दर में कमी आ रही है। पिछले कुछ सालों में, ईरान में जनसंख्या की वृद्धि की रफ्तार में उल्लेखनीय कमी आई है। 1980 में 4 करोड़ की आबादी अब 9.1 करोड़ हो गई है, लेकिन 2000 के बाद इस वृद्धि की रफ्तार काफी धीमी हो गई है। ईरान के सामाजिक ताने-बाने और आर्थिक स्थिति को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि यदि इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो भविष्य में कार्यबल की कमी और आर्थिक विकास में बाधा आ सकती है।     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 50

बेरूत पर इजरायली हवाई हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हुई, 117 घायल

 ईरान ने अमेरिकी सहयोगियों हमला का जवाब हमला से देने की धमकी दी बेरूत: इजरायली एयर स्रा सइक में 22 की मौत, हिजबुल्लाह कमांडर बच निकलने में रहा कामयाब बेरूत पर इजरायली हवाई हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हुई, 117 घायल तेहरान/तेल अवीव  ईरान ने गुप्त राजनयिक चैनलों के माध्यम से फारस की खाड़ी और मध्य पूर्व में अमेरिकी सहयोगियों पर हमला करने की धमकी दी है। तेहरान ने कहा कि अगर उनके क्षेत्रों या हवाई क्षेत्रों का उपयोग ईरान पर हमला करने के लिए किया जाता है तो वह इसका जवाब हमला से देगा। यह जानकारी वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अरब अधिकारियों के हवाले से दी। रिपोर्ट में गुरुवार को कहा गया कि तेहरान ने जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और कतर को संबंधित चेतावनी भेजी है। इन देशों ने कथित रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन को सूचित किया है कि वे ईरान के खिलाफ किसी भी आक्रामक कार्रवाई के लिए अमेरिका और इज़रायल को अपने सैन्य संरचना या हवाई क्षेत्र प्रदान नहीं करना चाहते हैं। पिछले सप्ताह, ईरानी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ ने कहा था कि “अमेरिका सहित इज़रायल का समर्थन करने वाले देशों का सीधा हस्तक्षेप और ईरान के खिलाफ उनकी आक्रामकता की स्थिति में, मध्य पूर्व में उनके ठिकानों और हितों को एक साथ एक शक्तिशाली हमले का सामना करना पड़ेगा।” उत्तरी गाजा में तीन सैन्यकर्मियों की मौत : आईडीएफ  इज़रायल रक्षा बल (आईडीएफ) ने  कहा कि उत्तरी गाजा पट्टी में उसके तीन रिजर्व सैनिक मारे गए। आईडीएफ ने सैनिकों के नाम भी प्रकाशित किए, जो कि 5460 प्रशासनिक सहायता इकाई के सदस्य थे। इज़रायली सेना रेडियो ने कहा कि जबालिया क्षेत्र में एक आपूर्ति मार्ग पर एक विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से तीन सैनिक मारे गए। इस सप्ताह की शुरुआत में, आईडीएफ ने जबालिया क्षेत्र में एक नए आतंकवाद विरोधी अभियान की घोषणा की थी। उल्लेखनीय है कि 07 अक्टूबर, 2023 को मध्य पूर्व में शुरू हुए संघर्ष के बाद से, इज़रायल ने विभिन्न मोर्चों पर 734 सैनिकों को खो दिया है, जिसमें गाजा पट्टी में जमीनी अभियानों में मारे गए लगभग 350 सैनिक भी शामिल हैं। बेरूत पर इजरायली हवाई हमलों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हुई, 117 घायल मध्य बेरूत के घनी आबादी वाले इलाके अल-नुएरी को निशाना बनाकर  शाम किए गए इजरायली हवाई हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है और 117 लोग घायल हुए हैं। लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने नवीनतम अपडेट में यह जानकारी दी। अल जज़ीरा टीवी चैनल के अनुसार, हवाई हमले का लक्ष्य कथित रूप से हिजबुल्लाह के संपर्क और समन्वय इकाई के प्रमुख वाफिक सफा को निशाना बनाना था लेकिन वह हमले में बच गए। यह तीसरी बार है जब इज़रायल ने अल कोला और अल-बचौरा क्षेत्रों पर हमले के बाद लेबनान की राजधानी बेरूत को निशाना बनाया है। इज़रायल ने हाल ही में बेरूत और उसके उपनगरों पर अपने हवाई हमले तेज कर दिए हैं, मुख्य रूप से हिजबुल्लाह के अधिकारियों और सुविधाओं को निशाना बनाया है। इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष एक साल पहले तब शुरू हुआ था जब हिजबुल्लाह ने गाजा युद्ध की शुरुआत में हमास के समर्थन में इजराइल पर रॉकेटों की बौछार की थी। बेरूत: इजरायली एयर स्रा सइक में 22 की मौत, हिजबुल्लाह कमांडर बच निकलने में रहा कामयाब  बेरूत के घनी आबादी वाले क्षेत्र अल-नूइरी को निशाना बनाकर की गई इजरायली एयर स्ट्राइक में मरने वालों की संख्या कम से कम 22 हो गई और 117 लोग घायल हुए हैं। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने नवीनतम अपडेट में यह जानकारी दी ।  एयर स्ट्राइक कथित तौर पर हिजबुल्लाह के संपर्क और कोऑर्डिनेशन यूनिट के प्रमुख वाफिक सफा को निशाना बनाकर की गई। हालांकि सफा हमले में बच गया। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने अल जजीरा टीवी चैनल के हवाले से बताया कि यह तीसरी बार है जब इजरायल ने अल कोला और अल-बचौरा इलाकों पर हमला करने के बाद लेबनान की राजधानी बेरूत को निशाना बनाया। रॉयटर्स की शुक्रवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक लेबनान सरकार ने अपने दैनिक अपडेट में कहा कि पिछले साल से लेबनान में जारी इजरायली हमलों में कम से कम 2,169 लोग मारे गए। इनमें से ज्यादातर की मौत 23 सितंबर के बाद हुई, जब इजरायल ने अपने सैन्य अभियान का विस्तार किया। मृतकों की संख्या में नागरिकों और लड़ाकों के बीच अंतर नहीं किया गया। बता दें 23 सितंबर से, इजरायल ने लेबनान में हवाई हमले तेज कर दिए। उसका कहना है कि यह कार्रवाई लेबानानी संगठन हिजबुल्ला के खात्मे के लिए की जा रही है। 27 सितंबर को बेरूत के दक्षिणी उपनगर में एक महत्वपूर्ण हमले में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और उसके कई सहयोगी मारे गए। वहीं इजरायल ने दक्षिणी लेबनान में जमीनी सैन्य अभियान भी शुरू कर दिया। इजरायली हमलों की वजह से लेबनान में लाखों लोग विस्थापित हुए हैं। 8 अक्टूबर, 2023 को हिजबुल्लाह ने गाजा में हमास के प्रति एकजुटता जाहिर करते हुए इजरायल पर रॉकेट दागने शुरू किए थे। नवीनतम घटनाक्रम इसी संघर्ष का विस्तार है। पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर एक बड़ा हमला किया था जिसमें करीब 1200 लोगों की मौत हुई थी जबकि 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया गया। ऐसा माना जाता है कि 100 से अधिक बंधक अब भी गाजा में है। इस हमले के बाद इजरायल ने हमास के कंट्रोल वाली गाजा पट्टी में सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी। अलजजीरा की शुक्रवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2023 से अब तक गाजा में इजरायली हमलों में कम से कम 42,065 लोग मारे गए हैं और 97,886 घायल हुए हैं।       Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में 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इतिहास में इजरायल और ईरान ने एक साझा दुश्मन से लड़ने के लिए अमेरिका की मदद से हाथ मिलाया था

नई दिल्ली मिडिल ईस्ट में तनाव चरम पर पहुंच गया है। ईरान ने मंगलवार को इजरायल पर 200 से ज्यादा मिसाइलें दागीं है जिनमें हाइपरसोनिक हथियार भी शामिल हैं। अब इजरायल ने भी कसम खाई है कि ईरान इस हमले की कीमत चुकाएगा। हालांकि दोनों देशों के बीच रिश्ते हमेशा से खराब नहीं थे। यह सुनने में भले ही अकल्पनीय लगे लेकिन इजरायल और ईरान ने एक साझा दुश्मन से लड़ने के लिए अमेरिका की मदद से हाथ मिलाया था। 1960 के दशक में इजरायल और ईरान दोनों का एक साझा दुश्मन था इराक। जहां इजरायल अरब देशों के खिलाफ संघर्ष में उलझा हुआ था वहीं शाह के नेतृत्व में ईरान के लिए सुरक्षा और क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं को देखते हुए इराक एक सीधा खतरा था। इसके बाद इस समय की सबसे गुप्त साझेदारी के लिए एक आधार तैयार हुआ। इस साझेदारी में इज़राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद और ईरान की सीक्रेट पुलिस SAVAK शामिल थे। दोनों ने इराकी शासन के खिलाफ कुर्द विद्रोहियों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इराक के अरब नेतृत्व की कमजोरी के रूप में देखे जाने वाले ये कुर्द समूह इराकी सरकार को अंदर से कमजोर करने के लिए जरूरी थे। खुफिया गठबंधन कोड-नाम ट्राइडेंट के गठन के बाद इज़राइल और ईरान के बीच के रिश्ते नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए थे जिसमें तुर्की भी शामिल था। 1958 की शुरुआत में ट्राइडेंट की मदद से इन तीन समूहों ने कई खुफिया जानकारियों का आदान-प्रदान किया। जैसे-जैसे संबंध परिपक्व होते गए इज़राइल और ईरान और भी करीब होते गए। शाह की महत्वाकांक्षाएं और इज़राइल का प्रभाव ईरान के शाह मोहम्मद रजा पहलवी न केवल साझा भू-राजनीतिक हितों से प्रेरित थे बल्कि अमेरिका में इज़राइल के प्रभाव से भी प्रेरित थे। शाह ने इजराइल को अमेरिका के साथ संबंधों को सुधारने के लिए एक साधन के रूप में देखा। खासकर कैनेडी प्रशासन द्वारा उनके शासन के बारे में चिंता व्यक्त करने के बाद यह और जरूरी हो गया था। इजराइली-ईरानी संबंध ईरान की पश्चिम के साथ खुद को जोड़ने की रणनीति का हिस्सा बन गए। नतीजतन 1960 के दशक के मध्य तक तेहरान में एक स्थायी इजराइली प्रतिनिधिमंडल की स्थापना हुई जो एक दूतावास के रूप में कार्य करने लगी। हालांकि इस संबंध में भी कुछ जटिलताएं थी। शाह अरब दुनिया में व्यापक इजराइल-विरोधी भावना से अवगत थे। उन्होंने ईरान के इजराइल के साथ संबंधों के सार्वजनिक तौर पर इनकार किया। इराक के खिलाफ मिलकर काम करने में दोनों देशों का फायदा ईरान में 1979 की इस्लामी क्रांति ने देश के राजनीतिक परिदृश्य को काफी हद तक बदल दिया और इसे एक इजराइल विरोधी इस्लामी गणराज्य में बदल दिया। फिर भी अयातुल्ला खोईमेनी के सत्ता में आने के बाद भी नए शासन ने इजराइल के साथ गुप्त सहयोग जारी रखा। जैसे-जैसे ईरान-इराक युद्ध (1980-1988) आगे बढ़ा दोनों देशों ने सद्दाम हुसैन के इराक के खिलाफ़ मिलकर काम करने में ही फायदा देखा। इज़राइल ने भी ईरान की मदद करने में एक अच्छा अवसर देखा। अमेरिका और सोवियत संघ दोनों ने इराकी सेना की आपूर्ति की थी और यह एक जोखिम था। इज़राइल द्वारा ईरान को हथियारों की खेप भेजना, खास कर से प्रधानमंत्री मेनाचेम बेगिन द्वारा 1980 में सैन्य उपकरणों की बिक्री को मंज़ूरी दिए जाने के बाद इराक की ताकत को कमज़ोर करने का एक सोचा-समझा फ़ैसला था। ये गुप्त हथियार सौदे अमेरिकी नीति के बावजूद किए गए जिसमें तेहरान में बंधक बनाए गए अमेरिकी लोगों की रिहाई तक ईरान को सैन्य सहायता देने पर रोक लगाई गई थी। इज़राइली सैन्य सहायता के बदले में, खोईमेनी के शासन ने बड़ी संख्या में ईरानी यहूदियों को इज़राइल या अमेरिका में रहने की अनुमति दी। ऑपरेशन फ्लावर इजरायल-ईरानी साझेदारी पारंपरिक हथियार सौदों से आगे तक पहुंच गई थी। सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक ऑपरेशन फ्लावर था जो एक गुप्त करोड़ों डॉलर की योजना थी जो 1977 में शाह के शासन के दौरान शुरू हुई थी। इस सौदे के तहत ईरान ने 1978 में इजरायल को 260 मिलियन डॉलर का तेल भेजकर एक बड़ा अग्रिम भुगतान किया जैसा कि 1986 की न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था। मिसाइल कार्यक्रम पर काम 1979 में इस्लामिक क्रांति तक जारी रहा जिसके बाद खोमेनेई के शासन ने अचानक सहयोग रोक दिया। अक्टूबर 1980 में जब ईरान ने इराक के खिलाफ युद्ध छेड़ा था तब इजरायल ने गुप्त रूप से ईरान को अमेरिकी निर्मित एफ-4 लड़ाकू विमानों के लिए 250 अतिरिक्त टायर भी दिए थे। दुश्मनी की शुरुआत 1990 के दशक तक इज़राइल और ईरान के बीच सहयोग का युग लगभग समाप्त हो गया था। भू-राजनीतिक कारण जैसे अरब समाजवाद, सोवियत प्रभाव और इराक का खतरा, जो कभी उन्हें एकजुट करते थे गायब हो गए थे जिससे सहयोग के लिए वजहें नहीं बची थी। इसके बाद ईरान ने इजरायल विरोधी विचारधारा को अपनाया। ईरान ने इजरायल के साथ संघर्ष में हिजबुल्लाह और हमास जैसे समूहों का समर्थन किया है। 2000 के दशक की शुरुआत में ईरानी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद का चुनाव, नरसंहार से इनकार और इजरायल के खिलाफ आक्रामक बयानबाजी ने तनाव को और बढ़ा दिया। इसके बाद ईरान इस क्षेत्र में इजरायल का सबसे प्रमुख विरोधी बन गया। अब मिडिल ईस्ट के ये दो देश पूरी तरह युद्ध की कगार पर हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. 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इजरायल के लिए एक अच्छी खबर पड़ोसी देश जॉर्डन ईरान पर पलटवार करने के लिए अपना एयरस्पेस देगा

तेल अवीव तेहरान में हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत के बाद इजरायल पर ईरान के हमले का डर बना हुआ है। ईरान चेतावनी दे चुका है कि वह हमला करेगा। वहीं इजरायल ने कहा है कि वह भी जवाबी कार्रवाई करेगा। इस बीच इजरायल के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। उसका एक पड़ोसी मुस्लिम देश ईरान पर पलटवार करने के लिए अपना एयरस्पेस देगा। यह देश जॉर्डन है। जॉर्डन सरकार के आधिकारी रुख के बावजूद यह इजाजत दी जा सकती है। इजरायली चैनल 12 की रिपोर्ट के मुताबिक एक हाई रैंकिंग स्रोत ने इससे जुड़ी जानकारी दी है। यह फैसला जॉर्डन के व्यापक सुरक्षा हितों और इजरायल के साथ सहयोग की नीति के अनुरूप है। जॉर्डन ने अप्रैल में ईरान की तरफ से इजरायल पर हुए हमलों को विफल करने में मदद की थी। सूत्र ने इस बात पर जोर दिया कि जॉर्डन का कदम यूएस के साथ उसके रणनीतिक गठबंधन के अनुरूप हैं। लेकिन सार्वजनिक तौर पर उसने इसे नहीं माना है। ईरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की मौत के बाद बढ़े तनाव के बीच यह खुलासा हुआ है। इजरायल ने आधिकारिक तौर पर हानिया की हत्या में हाथ को नहीं माना है। पहले भी जॉर्डन ने की थी मदद रिपोर्ट्स के मुताबिक जॉर्डन ने पहले अप्रैल में ईरानी मिसाइल और ड्रोन हमले के दौरान इजरायल को इसी तरह की इजाजत दी थी। तब ईरान ने 300 मिसाइल और ड्रोन के जरिए इजरायल पर हमला बोला था। इनमें से कुछ इजरायल तक पहुंचे थे, जिन्हें इजरायल के मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने रोक दिया। एक बार फिर इसी तरह के हमले की आशंका जताई जा रही है। लेकिन हानिया की मौत के 10 दिन होने के बाद भी ईरान ने कोई सख्त कार्रवाई नहीं की है। गाजा के हमले में 100 की मौत गाजा सिटी में एक स्कूल पर शनिवार तड़के हुए इजराइल के हवाई हमले में लगभग 100 लोगों की मौत हो गई। फलस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इजराइली सरकार ने तबीन स्कूल पर हमले की बात स्वीकार करते हुए दावा किया है कि स्कूल के अंदर हमास के कमान सेंटर को निशाना बनाया गया था। हालांकि, हमास ने कहा कि उसका कोई कमान सेंटर अंदर नहीं था। स्कूल का इस्तेमाल युद्ध के चलते अपने घरों को छोड़कर भागने को मजबूर हुए लोगों को शरण देने के लिए किया जा रहा था। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 35