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श्रावण मास में रूद्रसागर पर बनाया गया नया पुल भीड़ नियंत्रण के लिए रूट डायवर्ट का मुख्य विकल्प होगा

उज्जैन ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण मास में भक्तों को सम्राट अशोक सेतु के रास्ते मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। रूद्रसागर पर बनाया गया नया पुल भीड़ नियंत्रण के लिए रूट डायवर्ट का मुख्य विकल्प होगा। मंदिर प्रशासन द्वारा बनाए जा रहे दर्शन प्लान में इस विषय पर प्रमुखता से विचार किया जा रहा है। महाकाल मंदिर के रूद्रसागर पर उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा 200 मीटर लंबा व 9 मीटर चौड़ा अत्याधुनिक पुल का निर्माण किया है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने पुल का उद्घाटन कर इसे सम्राट अशोक सेतु नाम दिया है। हालांकि वर्तमान दर्शन व्यवस्था पूर्व निर्धारित मार्गों से सुचारू रूप से संचालित होने के कारण फिलहाल इस पुल का उपयोग नहीं किया जा रहा है। श्रावण मास में भीड़ नियंत्रण के लिए रूट डायवर्ट करने में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। चलित भस्म आरती व्यवस्था श्रावण मास में चलित भस्म आरती व्यवस्था में सम्राट अशोक सेतु मुख्य भूमिका निभा सकता है। क्योंकि श्रावण मास में सामान्य दिनों में रात 3 बजे तथा प्रत्येक रविवार को रात 2.30 बजे मंदिर के पट खुलेंगे, पश्चात भस्म आरती होगी। रात्रि के समय श्रद्धालु चारधाम पार्किंग से शक्तिपथ के रास्ते इस पुल से सीधे मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। यह रास्ता वर्तमान मार्ग से करीब डेढ़ किलो मीटर छोटा भी है। इससे होकर दर्शनार्थी शीघ्र मंदिर में दर्शन कर बाहर निकल सकते हैं। अभी इस मार्ग से मिल रहा मंदिर में प्रवेश वर्तमान में सामान्य दर्शनार्थियों को चारधाम मंदिर पार्किंग से शक्तिपथ के रास्ते श्री महाकाल महालोक के नंदी द्वार से मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। यहां से श्रद्धालु महालोक में भ्रमण करते हुए श्री मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर से टनल के रास्ते मंदिर परिसर में होते हुए गणेश व कार्तिकेय मंडपम् से भगवान महाकाल के दर्शन कर पा रहे हैं। साढ़े 22 करोड़ की लागत से बना नया पुल सम्राट अशोक सेतु के निर्माण पर स्मार्ट सिटी कंपनी ने करीब साढ़े 22 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस पुल का मध्य भाग काफी चौड़ा है। यहां खड़े होकर श्रद्धालु रूद्रसागर का मनोरम दृश्य देख सकते हैं। पुल पर आकर्षक लाइट लगाई गई है। रात्रि के समय इस पुल से गुजरना एक अलग ही आनंददायक अनुभव रहेगा। डायवर्ट रूट के रूप में होगा उपयोग     सम्राट अशोक सेतु महाकाल मंदिर में प्रवेश का नया मार्ग है। यह वर्तमान मार्ग से छोटा रास्ता है, भीड़ नियंत्रण के लिए रूट डायर्वट में इसका उपयोग होगा। श्रावण के दर्शन प्लान में इस पर विचार चल रहा है। – एसएन सोनी, उप प्रशासक महाकाल मंदिर   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 9

राजा चंद्र प्रद्योत ने उज्जैन में महाकाल मंदिर पहुंच मार्गों पर भव्य द्वार को पुनर्जीवित किया जा रहा

उज्जैन  भगवान महाकाल के दर्शन करने आने वाले भक्त अब भव्य द्वारों से होकर मंदिर पहुंचेंगे। प्रबंध समिति ने महाकाल मंदिर की ओर जाने वाले सभी मार्गों पर विशाल द्वार बनवाने का निर्णय लिया है। मंदिर के आसपास भव्य द्वार बनाने की परंपरा 2600 साल पुरानी है। अलग-अलग कालखंड में राजा-महाराजा मंदिर के पहुंच मार्गों पर द्वार बनवाते रहे हैं। आज भी चौबीस खंभा व महाकाल द्वार इसके प्रमाण हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुसार मंदिर समिति इतिहास का पुनर्लेखन भी करा रही है। अशोक मौर्य ने कराया था द्वारों का जीर्णोद्धार धर्मधानी उज्जैन में दुर्ग व द्वार की परंपरा छठी शताब्दी ईसा पूर्व से चली आ रही है। पुराविद डॉ. रमण सोलंकी ने बताया कि राजा चंद्र प्रद्योत ने महाकाल मंदिर पहुंच मार्गों पर भव्य द्वार बनवाए थे। जब अशोक मौर्य उज्जैन आए तो उन्होंने द्वारों का जीर्णोद्धार कराया। इसके बाद सम्राट विक्रमादित्य ने इनका संरक्षण किया। राजा भोज के शासन में भी यह परंपरा जीवित रही और उन्होंने चौबीस खंभा द्वार बनवाया। पुराने समय में इसी द्वार से भक्त महाकाल दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश किया करते थे। आज भी यह द्वार नगरीय सभ्यता के गौरवशाली इतिहास की गाथा सुना रहा है। भव्य और मनोरम महाकाल द्वार महाकाल मंदिर के उत्तर में महाकाल द्वार स्थित है। रामघाट पर शिप्रा स्नान के बाद श्रद्धालु इसी द्वार से मंदिर में प्रवेश करते थे। इस द्वार का निर्माण मध्यकाल में हुआ है। द्वार के दोनों ओर भगवान गणेश की मूर्ति विराजित है। सुरक्षा के लिए देवी-देवताओं की प्रतिष्ठा राजा महाराजा नगर की सुरक्षा के लिए द्वारा का निर्माण कराते थे। यह द्वार आक्रांताओं के आक्रमण से नगर को सुरक्षित रखते थे। व्याधियों से रक्षा के लिए भी इन द्वारों का विशेष महत्व था। नगर प्रवेश द्वारों पर देवी-देवताओं की स्थापना की जाती थी। चौबीस खंभा, महाकाल द्वार, सती गेट सहित नगर में मौजूद द्वारों पर देवी-देवता विराजित हैं। अनादिकाल से समय-समय पर इनका पूजन किया जाता है। आज भी नगर की सुख-समृद्धि के लिए चौबीस खंबा स्थित माता महामाया व महालया की शारदीय नवरात्र की महाअष्टमी पर नगर पूजा की जाती है। प्रबंध समिति की बैठक में निर्णय कलेक्टर रोशन कुमार सिंह की अध्यक्षता में आठ मई को आयोजित मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में महाकाल मंदिर पहुंच मार्गों पर द्वार बनाने का निर्णय लिया गया है। समिति उज्जैन विकास प्राधिकरण के माध्यम से इन द्वारों का निर्माण कराएगी। योजना में यह खास     बड़ा गणेश, हरसिद्धि, शक्ति पथ पर होगा विशाल द्वारों का निर्माण।     नीलकंठ, नंदी, धनुष तथा शहनाई द्वार पर धातु के कलात्मक द्वार बनेंगे।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 9

महाकाल मंदिर में भस्मआरती में बैठने वालों की संख्या कम की जाएगी, चलित भस्मआरती के जरिए श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जाएंगे

उज्जैन महाकाल मंदिर में भस्मआरती में बैठने वालों की संख्या कम की जाएगी। चलित भस्मआरती के जरिए श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जाएंगे। गुरुवार को मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर और समिति अध्यक्ष रोशन कुमार सिंह ने की। अभी भस्मआरती में 1700 श्रद्धालु शामिल होते हैं। मंदिर में दान किए गए सोने-चांदी के आभूषणों का मूल्यांकन अब मंदिर में ही होगा। इसके लिए मशीन और ऑपरेटर लगाए जाएंगे। दान में मिली ई-कार्ट के लिए चार्जिंग स्टेशन और पार्किंग स्थल बनाए जाएंगे। मंदिर की सभी सुविधाओं की जानकारी अब रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और मंदिर गेटों पर मिलेगी। महाराजवाड़ा और महाकाल परिसर को जोड़ने के लिए रिटेनिंग वॉल बनेगी। हर प्रवेश द्वार पर सुरक्षा गेट लगाए जाएंगे। उज्जैन में गीता भवन की स्थापना को समिति ने मंजूरी दी।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 9

साउथ एक्टर यश आज महाकालेश्वर के मंदिर पहुंचे, बाबा महाकाल के न सिर्फ दर्शन-पूजन किए

उज्जैन  मध्य प्रदेश में स्थित महाकाल की नगरी उज्जैन में सोमवार तड़के बाबा के भक्तों में उस समय उत्साह और भी बढ़ गया, जब उनके बीच साउथ की सुपरहिट फिल्म केजीएफ फेम रॉकी भाई उर्फ अभिनेता यश भी बाबा के दर्शन-पूजन करते नजर आए। जी हां, साउथ एक्टर यश आज उज्जैन स्थित महाकालेश्वर के मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने बाबा महाकाल के न सिर्फ दर्शन-पूजन किए, बल्कि भस्म आरती में भी शामिल हुए। वहीं, मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने महाकाल के दरबार में आने का अनुभव भी साझा किया। उन्होंने कहा- यहां आना अविश्वसनीय रहा।  भस्म आरती में शामिल होने के बाद यश ने चांदी द्वार से बाबा महाकाल के दर्शन-पूजन किए, साथ ही माथा टेका। पूजन आकाश पुजारी ने संपन्न कराया। मंदिर के नंदी हॉल में बैठकर अभिनेता शिव साधना करते नजर आए। चांदी द्वार से उन्होंने माथा टेककर बाबा का आशीर्वाद लिया। दर्शन के बाद पुजारी ने अभिनेता को प्रसाद स्वरूप लाल रंग का महाकाल नाम का छपा पटका भेंट किया। बोले- दर्शन करने का अनुभव अविश्वसनीय रहा वहीं, मीडिया से चर्चा के दौरान सुपरस्टार यश ने कहा, महाकाल का दर्शन करके बहुत अच्छा लगा। यहां दर्शन करने का अनुभव अविश्वसनीय रहा। मैं यहां की व्यवस्थाएं देखकर बेहद खुश हूं। सभी श्रद्धालुओं को देखकर बहुत अच्छा लगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 10

महाकाल मंदिर में नियुक्ति से पहले पुलिस वेरिफेक्शन आवश्यक

उज्जैन  मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थापित महाकालेश्वर मंदिर देश ही नहीं विदेशों में भी फेमस है. महाकाल मंदिर में हर दिन बड़ी हस्तियों से लेकर आम श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है. वहीं महाकाल मंदिर के दर्शन और प्रसाद को लेकर भी नए-नए नियम आते रहते हैं. इसी तरह खबर है कि ठगी से बचने के लिए महाकालेश्वर मंदिर में अब कोई भी नई नियुक्ति बिना पुलिस वेरिफिकेशन के नहीं हो सकेगी. नियुक्ति से पहले चेक होगा पुलिस रिकॉर्ड एसपी प्रदीप शर्मा ने इस संबंध में महाकाल मंदिर के प्रशासक को एक आधिकारिक पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति की नियुक्ति से पहले उसका पुलिस रिकॉर्ड अनिवार्य रूप से जांचा जाएगा. यह कदम हाल ही में सामने आए ठगी और अवैध वसूली के मामलों के बाद उठाया गया है. एसपी प्रदीप शर्मा ने कहा कि "ठगी को देखते हुए पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य किया गया है." मंदिर में ठगी के मामलों के बाद लिया फैसला कुछ समय पहले दर्शन और भस्म आरती के नाम पर श्रद्धालुओं से धोखाधड़ी के मामलों में 14 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी. इन आरोपियों में मंदिर के कर्मचारी भी शामिल थे. वहीं भस्म आरती बुकिंग और दर्शन के नाम पर भी फर्जीवाड़ा सामने आया था. जिसमें मंदिर की आउटसोर्स कंपनी के कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई. इन मामलों में शामिल कर्मचारियों को हाल ही में 90 दिनों बाद जमानत मिली है. मंदिर प्रशासन को सतर्क रहने की अपील इन घटनाओं को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने मंदिर समिति को सतर्क रहने की सलाह दी है. अब हर नई नियुक्ति से पहले पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया गया है, क्योंकि लगातार देखने में आ रहा था कि महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं के साथ ठगी हो रही थी. इसी के साथ अब महाकालेश्वर मंदिर में नई भर्ती होने से पहले पुलिस सत्यापन करना जरूरी होगा. इसको लेकर उज्जैन एसपी ने पत्र लिखकर महाकाल प्रबंधन समिति को कहा है. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 11

ज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के शीश पर कलशों की गलंतिका बांधी, ज्येष्ठ पूर्णिमा तक चलेगी परंपरा

 उज्जैन  ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से भगवान महाकाल के शीश मिट्टी के कलशों से शीतल जलधारा प्रवाहित करने की शुरुआत हो गई है। सुबह 6 बजे पुजारियों ने पवित्र नदियों का आवाह्न कर भगवान के शीश 11 मिट्टी के कलशों की गलंतिका बांधी। प्रसिद्ध मंगलनाथ मंदिर में भी भगवान मंगलनाथ को वैशाख की भीषण गर्मी में ठंडक प्रदान करने के लिए गलंतिका बांधने की शुरुआत हो गई है। पं.महेश पुजारी ने बताया महाकाल मंदिर की पूजन परंपरा में वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से ज्येष्ठ पूर्णिमा तक पूरे दो माह तेज गर्मी रहने की मान्यता है। इन 60 दिनों में भगवान महाकाल को ठंडक प्रदान करने के लिए भगवान के शीश मिट्टी से बनी मटकियों से जलधारा प्रवाहित करने की परंपरा है। दो माह तक प्रतिदिन सुबह 6 से शाम 4 बजे तक गलंतिका बांधी जाती है। रविवार को इसकी शुरुआत हुई। पुजारियों ने गंगा, यमुना, कांवेरी, नर्मदा, शिप्रा आदि नदियों का आवाह्न कर उन्हीं के नाम से 11 कलश की गलंतिका बांधी। पंचामृत पूजन के बाद बांधी गलंतिका मंगल ग्रह की जन्म स्थली कहे जाने वाले प्रसिद्ध मंगलनाथ मंदिर में रविवार को गलंतिका बांधी गईं। सुबह गादीपति महंत जितेंद्र भारती द्वारा भगवान का पंचामृत अभिषेक पूजन कर भात अर्पण किया गया। इसके बाद भगवान के शीश गलंतिका बांधी गई। महंत भारती ने बताया भगवान मंगलनाथ अंगारकाय अर्थात अंगारे के समान कांति वाले देव हैं। इनकी प्रकृति उष्ण मानी जाती है। इसलिए जल, पंचामृत तथा भात अर्पण करने से वे प्रसन्न होते हैं। गर्मी में भगवान को शीतल सुगंधित द्रव्य, शीतल पुष्प आदि अर्पण करने का भी महत्व है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 7

महाकाल के शिखर पर अब लहराएगा ब्रह्मध्वज, मप्र के प्रमुख मंदिरों-संस्थानों पर भी लगाएंगे ध्वज, नीम जल से होगा बाबा का अभिषेक

उज्जैन  हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में एक विशेष धार्मिक आयोजन होने जा रहा है। इस साल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर मंदिर के मुख्य शिखर पर सूर्य चिन्ह वाला केसरिया ब्रह्म ध्वज फहराया जाएगा। यह ध्वज प्रदेशभर के प्रमुख मंदिरों और संस्थाओं में भी लगाया जाएगा। साथ ही मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना, भोग आरती और पंचांग पूजन की प्रक्रिया भी होगी।  मंदिर के शिखर पर फहराया जाएगा ब्रह्म ध्वज हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा पर श्री महाकालेश्वर मंदिर के शिखर पर ध्वज बदलने की परंपरा का पालन किया जाता है। इस बार मंदिर के शिखर पर ब्रह्म ध्वज को फहराया जाएगा, जो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से प्रदान किया गया है। पिछले दिनों भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव व मंत्रिपरिषद ने ब्रह्म ध्वज व विक्रम संवत पुस्तिका का लोकार्पण किया है। इसके बाद से यह ध्वज श्री महाकालेश्वर मंदिर के शिखर पर स्थापित करने की योजना बनाई गई थी। साथ ही सम्राट विक्रमादित्य शोधपीठ ने इस ध्वज को प्रदेश के प्रमुख मंदिरों और शासकीय व अशासकीय संस्थानों में भी लगाने की पहल की है। श्री महाकालेश्वर मंदिर के साथ-साथ इस ध्वज को प्रदेशभर के प्रमुख स्थानों पर फहराया जाएगा। 65 वर्षों तक ध्वज को पूजा स्थान पर रखा था सम्राट विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्री राम तिवारी ने इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विक्रम संवत ज्ञान, संस्कृति, विज्ञान और अनुसंधान का महापर्व है। इस दिन ब्रह्म ध्वज का फहराया जाना एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कड़ी को जोड़ता है। उन्होंने बताया कि इस ध्वज को पं. सूर्यनारायण व्यास परिवार से प्रेरणा लेकर तैयार किया गया, जिन्होंने 65 वर्षों तक इस ध्वज को सुरक्षित पूजा स्थान पर रखा था। गुड़ी पड़वा पर विशेष पूजा और अभिषेक 30 मार्च को गुड़ी पड़वा के दिन श्री महाकालेश्वर मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जाएगा। महाराष्ट्रीयन पंचांग के अनुसार, भगवान महाकाल का नीम मिश्रित जल से अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद, मंदिर में नई ध्वज का फहराया जाएगा। इस अवसर पर विशेष भोग आरती का आयोजन किया जाएगा, जिसमें श्री खंड और पूरणपोली का भोग भगवान को अर्पित किया जाएगा। इसके साथ ही, मंदिर के नैवेद्य कक्ष में गुड़ी आरोहण की प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी। गुड़ी पड़वा पर इस बार मंदिर में पंचांग पूजन भी किया जाएगा, जिससे यह दिन और भी विशेष हो जाएगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 11