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पेड़ के प्रति ग्रामीणों की गहरी आस्था, राजस्थान-अजमेर के गांव में नीम का पेड़ काटने पर जुर्माना

अजमेर. राजस्थान के अजमेर जिले के पदमपुरा गांव में पीढ़ियों से नीम का पेड़ नहीं काटने या किसी तरह का नुकसान न पहुंचाने की परंपरा चली आ रही है। मान्यताओं के मुताबिक, नीम का पेड़ भगवान विष्णु के रूप देवनारायण से जुड़ा है, गांव में अधिकतर आबादी गुर्जर समाज के लोग की है और गुर्जर समाज के लोगों के इष्ट देव भगवान देवनारायण है। यही वजह है कि गांव वाले नीम के पेड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। नीम के पेड़ों के प्रति लोगों में गहरी आस्था है। इसी वजह से नीम के पेड़ काटने या किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाने वाले पर जुर्माना लगाया जाता है। नीम की टहनियां या पत्तियों में औषधीय गुण होते हैं । इस लिहाज से उन्हें जरूरत के मुताबिक तोड़ा जा सकता है, लेकिन बकरियों को खिलाने या मनोरंजन के लिए तोड़ना पूरी तरह मना है। पीढ़ियों से नीम काटना माना जाता है अपराध अजमेर जिले के इस गांव पदमपुरा के ग्रामीण पिछले सात शताब्दियों से नीम के पेड़ों को संरक्षित कर रहे हैं, इतना कि पेड़ों को काटना उनके लिए अपराध माना जाता है। पदमपुरा गांव वृक्ष प्रेमियों और पर्यावरण के लिए काम करने वालों के लिए एक रोशनी की किरण है। अजमेर के इस गांव में नीम के पेड़ों को काटना पीढ़ियों से अपराध माना जाता रहा है। इस गांव का हर व्यक्ति नीम को पवित्र मानता है और इसकी रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। नीम वाला गांव के नाम से है पहचान अजमेर से 18 किलोमीटर दूर अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा पदमपुरा गांव 705 साल पुराना इतिहास समेटे हुए है। पहाड़ी की तलहटी में बसे इस गांव में एक छोटा सा किला है जो इसके प्राचीन इतिहास का गवाह है। लोग इसे 'नीम वाला गांव' के नाम से भी जानते हैं जो गांव में लगे हजारों नीम के पेड़ों के प्रति स्थानीय लोगों के प्रेम को अमर करता है। पदमपुरा गांव में नीम के पेड़ को काटना तो दूर उसकी टहनी तोड़ना भी अपराध माना जाता है। करीब 1200 लोगों से अधिक की आबादी वाले पदमपुरा गांव में नीम का पेड़ सिर्फ आस्था का हिस्सा ही नहीं बल्कि पूर्वजों से मिली विरासत भी है, जिसे यहां उतनी ही शिद्दत से सहेज कर रखा गया है। ऐसा नहीं है कि यहां नीम के अलावा कोई पेड़ नहीं है, लेकिन इस गांव और यहां रहने वाले लोगों के लिए नीम का पेड़ भगवान है। जब पदम सिंह ने गांव बसाया तो ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि नीम के पेड़ को कभी नहीं काटा जाएगा और यह कानून बन गया। गांव में ज्यादातर आबादी गुर्जर समुदाय की है। गुर्जर समुदाय के देवता देवनारायण हैं, जिन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। गुर्जर ने ऐसे समय में नीम के पेड़ों के संरक्षण के लिए ग्रामीणों के प्रयासों के महत्व को रेखांकित किया, जब पर्यावरण तेजी से खराब हो रहा है। चौपाल लगाकर दिया जाता है दंड गांव के रहने वाले जसराज गुर्जर बताते है कि बचपन से ही वे अपने बुजुर्गों से सुनते आए हैं कि नीम को नारायण का रूप माना जाता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने कभी किसी को पेड़ काटते नहीं देखा, इसकी टहनी तो दूर की बात है। अगर किसी के घर या रास्ते में नीम का पेड़ बाधा बनता है तो गांव के लोग चौपाल पर एकत्र होकर निर्णय लेते हैं और संबंधित व्यक्ति से मंदिर में दान करने और पक्षियों व कबूतरों को दाना डालने के लिए कहा जाता है। गांव में खेती के साथ-साथ लोग पशुपालन भी करते हैं और ज्यादातर लोग बकरी पालन करते हैं। गांव के लिए वरदान है नीम का पेड़ जसराज गुर्जर ने कहा कि नीम के पेड़ गांव के लिए वरदान हैं क्योंकि इससे गांव का वातावरण स्वच्छ रहता है और लोग स्वस्थ रहते हैं। उन्होंने कहा, कोरोना काल में भी गांव का एक भी व्यक्ति बीमारी से ग्रस्त नहीं हुआ। वहीं गांव के बुजुर्ग बताते है कि नीम के पेड़ से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि गांव में 15 हजार से ज्यादा नीम के पेड़ हैं। गांव में नीम के पेड़ ज्यादा होने की वजह से गर्मी के दिनों में गांव का तापमान बाकी जगहों से कम रहता है। गांव में जब बिजली चली जाती है तो लोग नीम की ठंडी छांव में समय बिताते हैं। गांव के बुजुर्ग ने बताया कि 700 साल पहले बुजुर्गों ने नीम की रक्षा और संरक्षण का फैसला लिया था और पीढ़ी दर पीढ़ी वे इसका पालन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अगर कोई चुपके से नीम की एक टहनी भी तोड़ देता है और इसकी जानकारी नहीं देता है तो देवनारायण खुद उसे सजा देते हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 115

झूठे केस में भिजवाया जेल, राजस्थान-अजमेर में विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर युवक से धोखाधड़ी

अजमेर. भारत से बाहर नौकरी करने की चाह रखने वाले युवा लगातार धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। अगर आप भी बेरोजगार हैं और विदेश में नौकरी की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है। क्योंकि एजेंट के द्वारा आपको विदेश तो भेज दिया जाता है। लेकिन उसके बाद वहां तमाम तरह की परेशानियां होती हैं और अपने मुल्क में आने के लिए जद्दोजहज करनी पड़ती है। विदेश में नौकरी कर अच्छा मुनाफा कमाने के लालच में अजमेर जिले के युवा लगातार धोखा खा रहे हैं। एक ऐसा ही मामला अजमेर के अजय नगर में रहने वाले राजू भक्तानी के बेटे लक्ष्य भक्तानी के साथ हुआ। तीस हजार रुपये प्रतिमाह और रहना खाना फ्री बताकर वेस्ट अफ्रीका के कांगो के ब्राजा शहर में रीव्स वॉयाज ट्रैवल एजेंसी में टिकट बनाने की पोस्ट पर काम करने के लिए 13 जनवरी 2024 को अजमेर से एजेंट के जरिए वेस्ट अफ्रीका गया। पीड़ित लक्ष्य ने कंपनी के मालिक से दो महीने की सैलरी मांगी तो उसने देने से मना कर दिया। कंपनी के मैनेजर द्वारा उसे प्रताड़ित कर झूठे मुकदमे में कम्पनी के मालिक ईस्ट मुंबई निवासी अविनाश ओमप्रकाश हिंगोरानी ने अफ्रीका की जेल मे डलवा दिया। जेल में होने की खबर सुनी तो परिजन का रो-रो कर हुआ बुरा हाल अजय नगर निवासी लक्ष्य भक्तानी के पिता राजू भक्तानी ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके बेटे लक्ष्य की जान पहचान पड़ोस में रहने वाले नीरज ज्ञानानी से हुई। नीरज इस कंपनी में मैनेजर के पद पर जॉब कर रहा है। नीरज ने लक्ष्य को कंपनी में अच्छी पोस्ट पर जॉब दिलाने के लिए ईस्ट अफ्रीका बुला लिया। लक्ष्य के परिजनों ने भी बेटे को कई महंगे सामान के साथ दिल्ली की फ्लाइट से 13 जनवरी 2024 को ईस्ट अफ्रीका भेज दिया। दो महीने तक तो सब कुछ सही चलता रहा, दो महीने होते ही कंपनी के मालिक अविनाश ने लक्ष्य को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और उसके द्वारा कमाई गई सैलरी भी उसे नहीं दी और झूठे मुकदमे में 10 दिन के लिए अफ्रीका की जेल में डलवा दिया। बेटे को जेल में होने की सूचना जब अजमेर में परिजनों को मिली, उसके बाद लक्ष्य के माता-पिता दादा दादी का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। स्थानीय विधायक अनीता भदेल, सीएमओ और भारतीय दूतावास बने मददगार अपने बच्चे के जेल में होने की सूचना पर लक्ष्य के पिता राजू भक्तानी ने अजमेर दक्षिण से विधायक अनीता भदेल से संपर्क किया और विधायक से बच्चे को सकुशल भारत लाने की गुहार लगाई। विधायक अनीता भदेल ने मामले को गंभीर मानते हुए तुरंत सीएमओ और भारतीय दूतावास से इस मामले में संज्ञान लेकर बच्चे की मदद करने और जेल से रिहा कराने की बात कही। विधायक द्वारा भारतीय दूतावास को इस विषय में जानकारी दी गई। उसके बाद कांगो ब्राजा विल की एंबेसी से भारतीय दूतावास के स्टॉफ ने बात की। जांच में कंपनी के मालिक अविनाश और स्थानीय पुलिस की मिली भगत सामने आई, जिस पर स्थानीय पुलिस ने भारतीय दूतावास के दबाव के बाद लक्ष्य को जेल से रिहा कर दिया। जानकारी लेने पर पता चला कि कंपनी के मालिक अविनाश के द्वारा पूर्व में भी करीब 14 व्यक्तियों के साथ इस तरीके से झूठे मुकदमे में फंसाने की बात सामने आई है। जेल में पिलाया गया टॉयलेट का पानी पीड़ित लक्ष्य भक्तानी ने अजमेर आने पर बताया कि उसे बंधक बनाने के दौरान टॉयलेट का पानी पिलाया गया और एक ब्रेड की स्लाइस खाने के लिए दी जाती थी, जिसका उसे भुगतान करना पड़ता था। जब कंपनी के मालिक ने लक्ष्य को झूठे आरोप में जेल भिजवा दिया तो जेल से रिहा होने के लिए लक्ष्य के पिता राजू भक्तानी ने करीब डेढ़ लाख रुपये स्थानीय वकील को भी दिए। जेल में रहने के दौरान 60 हजार रुपये भी लक्ष्य के खर्च हुए। लक्ष्य भक्तानी ने बताया कि उसको 10 दिनों तक जेल में रखा गया, जहां पर एक बड़े हॉल में करीब 600 लोग रह रहे थे। जो वहां के अपराधी थे तो कुछ भारत से नौकरी करने गए युवा थे। घर पहुंचने पर छलके आंसू पिछले छह महीने से अपने बच्चे से दूर रहे लक्ष्य के माता-पिता को जब उसके भारत आने का समाचार मिला तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। घर पहुंचने पर लक्ष्य के माता-पिता ने उसको मिठाई खिलाई और अपने बेटे को गले लगाया। अपने बेटे को सामने देख लक्ष्य के माता-पिता सहित उसके दादा-दादी की आंखों से आंसू छलक उठे। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 40

पहाड़ दरकने से घरों के पास पहुंचे पत्थर, राजस्थान-अजमेर में भारी बारिश

अजमेर. अजमेर संभाग में मानसून सक्रिय है। शुक्रवार को अजमेर जिले की मार्बल नगरी किशनगढ़ के राजारेडी क्षेत्र में पहाड़ दरक गया और पानी के साथ पत्थर बहकर कॉलोनी में आ पहुंचे। बीते दो दिनों से अजमेर सहित आसपास के इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। बारिश के कारण ही किशनगढ़ की राजारेडी क्षेत्र में पहाड़ दरकने से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। अजमेर जिले के किशनगढ़ में 59 एमएम बारिश दर्ज की गई। ज्यादातर इलाकों में कल सुबह से बारिश का दौर शुरू हुआ जो देर रात तक जारी रहा। रात में गर्जना के साथ हल्की बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की, वहीं लैंड स्लाइड होने से किसी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई। अजमेर जिले की मार्बल नगरी किशनगढ़ के राजारेडी क्षेत्र में पहाड़ दरक गया और पानी के साथ पत्थर बहकर कॉलोनी में आ पहुंचे। बीते दो दिनों से अजमेर सहित आसपास के इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 39