MY SECRET NEWS

एमपी भाजपा का नया बखेड़ा: ताजमहल नहीं ‘शिव मंदिर’ है — क्या इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की साजिश है?

एमपी भाजपा का नया बखेड़ा: ताजमहल नहीं ‘शिव मंदिर’ है — क्या इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने की साजिश है?

MP BJP’s new controversy: It is not Taj Mahal but ‘Shiv Mandir’ – is it a conspiracy to distort history? भोपाल । Taj Mahal but ‘Shiv Mandir मध्यप्रदेश से BJP MLA Murli Bhanwra के एक हालिया बयान ने देशभर में एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। उन्होंने ऐतिहासिक ताजमहल को ‘तजोमहल’ बताते हुए उसे भगवान शिव का प्राचीन मंदिर करार दिया है। उनका कहना है कि ताजमहल में जलधारा बहती है जो शिवलिंग पर गिरती है, और यदि वैज्ञानिक जांच कराई जाए तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि यह एक शिवमंदिर है। लेकिन सवाल ये है — भाजपा बार-बार इतिहास को क्यों कटघरे में खड़ा करती है? क्या यह भारत की साझा संस्कृति और ऐतिहासिक धरोहरों पर हमला नहीं है? क्या ये बयान इतिहास को धार्मिक चश्मे से देखने की राजनीतिक कवायद है? मुरली भंवरा ने यह भी कहा कि “हमें गलत इतिहास पढ़ाया गया है।” मगर क्या अब भाजपा अपने ‘सही इतिहास’ की नई परिभाषा गढ़ने पर तुली है? Taj Mahal but ‘Shiv Mandir ताजमहल, जिसे दुनिया सात अजूबों में गिनती है और जिसे मुग़ल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज़ की याद में बनवाया था, अब बार-बार साजिशों और विवादों के घेरे में क्यों लाया जा रहा है? क्या ये देश को वास्तविक मुद्दों से भटकाने का एक और प्रयास है? इतिहासकारों और पुरातत्वविदों द्वारा इन दावों को पहले भी नकारा जा चुका है, लेकिन भाजपा के कुछ नेता बार-बार इन्हें हवा देते रहे हैं। यह मानसिकता केवल ध्रुवीकरण को बढ़ावा देती है और भारत की विविधता और सहिष्णुता को चोट पहुंचाती है। Read More: स्टाम्प शुल्क में बेतहाशा वृद्धि! जनता पर सरकार का नया बोझ, पटवारी ने CM को लिखा पत्र Taj Mahal but ‘Shiv Mandir क्या देश को अब विकास, बेरोजगारी और शिक्षा जैसे मुद्दों पर बात करनी चाहिए या फिर ताजमहल के नीचे शिवलिंग खोजने में अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए? ऐसे बयान न केवल हमारी ऐतिहासिक समझ को धुंधला करते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि कैसे सियासी एजेंडे के तहत इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। अब वक्त है कि देश पूछे — क्या भाजपा की मानसिकता वाकई इतिहास को धार्मिक चश्मे से देखने की हो चुकी है? Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 41

मुस्लिमों के डर से मुजफ्फरनगर के इस मोहल्ले को छोड़कर चले गए हिंदू सभी हिंदू, खंडहर शिव मंदिर दे रहा इसकी गवाही

मुजफ्फरनगर मुजफ्फरनगर में मुस्लिम आबादी में इजाफा और हिंदू समुदाय के पलायन की रिपोर्ट ने क्षेत्र में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को जन्म दिया है। इस स्थिति ने स्थानीय समुदायों के बीच तनाव को बढ़ाया है और धार्मिक स्थलों की स्थिति पर भी असर डाला है, जैसे कि खंडहर बन गए शिव मंदिर का उदाहरण। इस मंदिर के बारे में ज्यादा बात बताते हुए यहां से पलायन करने वाले परिवार के सदस्य अमरेश सिंह जो कि बीजेपी नेता भी हैं ने बताया कि सबसे पहले 1970 में इस मंदिर का निर्माण हुआ था।  मामला मोहनलाल लद्दावाला मोहल्ले का है। वहां पूजा अर्चना निरंतर होती रही मगर जैसे ही अयोध्या के राम मंदिर का मसला जोर शोर से उठा तो लोग मोहल्ले को छोड़ गए. क्योंकि, वहां मुस्लिम की जनसंख्या बहुत बढ़ गई थी. इधर-उधर मांस की दुकानें आदि खुल गई थीं. ऐसे में पूजा-पाठ मुश्किल था। इसकी के चलते सन् 1990-91 में हिंदू लोग मंदिर से मूर्तियां उठाकर अपने साथ लेकर चले गए और दूसरे स्थान पर स्थापित कर दिया। खंडहर बन गए शिव मंदिर की स्थिति यह दर्शाती है कि धार्मिक स्थलों की देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता है। यह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि स्थानीय इतिहास और संस्कृति का भी हिस्सा है। हिंदू शख्स का दावा इस मंदिर के बारे में अधिक जानकारी देते हुए यहां से पलायन करने वाले परिवार के सदस्य सुधीर खटीक जो कि बीजेपी नेता भी हैं ने बताया कि सबसे पहले 1970 में इस मंदिर की स्थापना हुई थी. वहां पूजा अर्चना लगातार होती रही. मगर जैसे ही अयोध्या के राम मंदिर का मुद्दा जोर शोर से उठा तो लोग मोहल्ले को छोड़ गए. क्योंकि, वहां मुस्लिम आबादी बहुत बढ़ गई थी. इधर-उधर नॉनवेज शॉप आदि खुल गई थीं. ऐसे में पूजा-पाठ मुश्किल था. इसलिए 1990-91 में हिंदू लोग मंदिर से मूर्तियां उठाकर अपने साथ लेकर चले गए और दूसरी जगह स्थापित कर दीं. जब लंबे वक्त तक मंदिर में पूजा अर्चना नहीं हुई तो आसपास के लोगों ने अतिक्रमण कर लिया. किसी ने अपने घर के छज्जे निकाल लिए तो किसी ने पार्किंग बना ली. मंदिर खंडहर बन गया और सिकुड़ गया. सुधीर खटीकने कहा कि सरकार से आग्रह है कि इस मंदिर की पुनर्स्थापना कराई जाए. उसे पुराना रूप दिया जाए ताकि पूजा-पाठ शुरू हो सके. क्योंकि, हिंदू अगर अपनी संस्कृति को भूल गए, अपने धर्म को भूल गए तो राष्ट्र सुरक्षित नहीं हो सकता. राष्ट्र भी जब ही सुरक्षित रहता है जब आपका धर्म सुरक्षित हो. मुस्लिम शख्स का बयान वहीं, मुजफ्फरनगर के मोहनलाल लद्दावाला मोहल्ले के निवासी मोहम्मद समीर आलम ने कहा कि यह स्थल 1970 में बना था. बुजुर्गों ने बताया था कि यहां पाल जाति के लोग अधिक थे. उन्होंने ही इसका निर्माण कराया होगा. हालांकि, बाद में वो अपनी प्रॉपर्टी सेल आउट करके दूसरी जगह शिफ्ट हो गए. जाते वक्त मंदिर से शिवलिंग और मूर्तियां भी ले गए. फिलहाल, काफी समय से मंदिर बंद पड़ा है, कोई देखने नहीं आता. जो भी रंग-रोगन का काम हुआ मुस्लिम समुदाय ने किया. अगर कोई पूजा-पाठ के लिए आने चाहे तो आए, हम नहीं रोकते. हमारे द्वारा किसी को क्यों रोका जाएगा, यह तो सार्वजनिक है, कोई भी आ सकता है, मंदिर हो या मस्जिद. हालांकि, 1994 से देख रहा हूं कोई पूजा करने नहीं आया आज तक.  Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 42