मध्यप्रदेश में सरकार ने Public Safety Act लागू करने की तैयारी, संचालकों को सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग दो माह तक सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा.

मध्यप्रदेश में सरकार ने Public Safety Act लागू करने की तैयारी, संचालकों को सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग दो माह तक सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा.

भोपाल

मध्यप्रदेश में सरकार ने लोक सुरक्षा कानून (Public Safety Act) लागू करने की तैयारी कर ली है. इस कानून के तहत रैली-जुलूस, धार्मिक कार्यक्रमों में अब सीसीटीवी (CCTV) जरूरी होगा, यही नहीं दो महीने तक सभी वीडियो फुटेज (CCTV Footage) संभाल कर रखना होगा. सीसीटीवी लगाने का खर्च संबंधित प्रतिष्ठान या कार्यक्रम के आयोजकों को उठाना पड़ेगा. जो लोग ऐसा नहीं करेंगे, उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा. गृह विभाग (Home Department) ने लोक सुरक्षा कानून का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. ड्राफ्ट के मुताबिक, शादी चाहे मैरिज गार्डन में हो या निजी स्थान पर, इसकी भी वीडियो रिकॉर्डिंग जरूरी होगी. किसी जगह 100 से एक हजार तक या उससे ज्यादा लोग इकट्ठा होते हैं, वहां सीसीटीवी कैमरा लगाना जरूरी होगा. यह जिम्मेदारी आयोजकों की होगी. ऐसा होने से संगठित अपराध पर से पर्दा उठेगा, वहीं पुलिस (Police) जांच में सहूलियत होगी.

तीन महीने पहले शुरू हुआ था पायलट प्रोजेक्ट

मध्य प्रदेश सरकार ने इंदौर में इस सिस्टम का पायलट प्रोजेक्ट तीन महीने पहले शुरू किया था, जिसे सफल माना जा रहा है. नए कानून के ड्राफ्ट को परीक्षण के लिए लॉ डिपार्टमेंट को भेजा गया है. मध्यप्रदेश में हर दस साल में 20 फीसदी की दर से आबादी बढ़ रही है. बढ़ती आबादी और शहरीकरण के चलते सर्विलांस की जरूरत महसूस की जा रही है.

2012 में हुए निर्भया कांड के बाद देश में महिला सुरक्षा को बढ़ाने के लिए कई उपाय सुझाए गए थे. इनमें से एक सुझाव सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना भी था. एमपी में लोक सुरक्षा कानून बनाने की तैयारी साल 2020 से चल रही है. उस समय गृह विभाग ने ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया था, लेकिन तब ये लागू नहीं हो सका. वहीं अब मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने संभागीय समीक्षा के दौरान हाल ही में इस काम में तेजी लाने के निर्देश दिए थे.

एमपी सरकार ने लोक सुरक्षा कानून को लागू करने से पहले इंदौर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 12 सितंबर 2024 को इसकी शुरुआत की थी. इसे लागू करने के लिए नगर पालिका निगम एक्ट 1956 में बायलॉज जोड़े गए थे. इंदौर में सामुदायिक निगरानी प्रणाली को जनभागीदारी से लागू करवाया गया, इसके तहत शहर में हजारों नए सीसीटीवी लगाए गए हैं.

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