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अमृतसर/ओटावा
कनिष्क विमान आतंकवादी बम विस्फोट केस में बरी हो चुके संदिग्ध 75 वर्षीय रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या के आरोपितों टैनर फॉक्स और जोस लोपेज ने ब्रिटिश कोलंबिया में न्यू वेस्टमिंस्टर स्थित सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हत्या का दोष स्वीकार कर लिया। दोनों ने रिपुदमन सिंह मलिक हत्याकांड की सुनवाई की पूर्व संध्या पर सोमवार को अपना गुनाह कुबूल किया। कनाडा के ग्लोबल न्यूज चैनल ने अपने प्रसारण में इस घटनाक्रम पर विस्तार से चर्चा की है।

ग्लोबल न्यूज चैनल के अनुसार, आरोपित टैनर फॉक्स और जोस लोपेज की सजा पर अदालत में सुनवाई 31 अक्टूबर को शुरू होगी। गुनाह कुबूल करने के बाद फॉक्स और लोपेज आपस में उलझ गए। लोपेज ने फॉक्स के सिर पर मुक्के मारे। बड़ी मुश्किल से दोनों को अलग कराया जा सका। फॉक्स और लोपेज दोनों का लंबा आपराधिक रिकॉर्ड है। दोनों ने सुपारी लेकर मलिक की जान ली थी। लाल रंग की टेस्ला की ड्राइवर सीट पर बैठे मलिक को गोलियों से भून दिया गया था। पुलिस ने इन आरोपितों से लगभग 16,000 डॉलर नकद बरामद किए थे।

मलिक की 14 जुलाई, 2022 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उल्लेखनीय है कि मलिक और सह आरोपित अजायब सिंह बागरी को 1985 में हुए दो बम विस्फोटों से संबंधित सामूहिक हत्या और साजिश के आरोपों से 2005 में बरी कर दिया गया था। इन विस्फोटों में 331 लोग मारे गए थे। बम निर्माता इंद्रजीत सिंह रेयात को बाद में हमले में दोषी ठहराया गया। मुकदमे के दौरान ही कथित मास्टरमाइंड तलविंदर सिंह परमार की मृत्यु हो गई थी।

 

विवादों में रहा है रिपुदमन सिंह मलिक

भारत में खालिस्तानी आतंकी घोषित मलिक विवादास्पद व्यक्ति रहा है। जिसे 2005 में एयर इंडिया फ्लाइट 182 को बम से उड़ाने के आरोपों से बरी कर दिया गया था। इस पूरे घटनाक्रम को खालिस्तानी चरमपंथियों ने अंजाम दिया था। इस हादसे में 329 लोग मारे गए थे। हालांकि, उसकी हत्या का 1985 के बम विस्फोट से प्रत्यक्ष संबंध नहीं पाया गया है। इस मामले के संदिग्ध के रूप में देखा जाता रहा है।

मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंची पुलिस

अदालत में पेश किए गए तथ्यों के अनुसार, फॉक्स और लोपेज को इस हत्या के लिए पैसे दिए गए थे। इन दोनों के पीछे के मास्टरमाइंड का अभी तक पता नहीं चल पाया है। मलिक के परिवार ने हत्या की साजिश रचने वालों को पकड़ने की अपील की है।

मलिक के परिवार ने स्थानीय मीडिया से कहा कि इस बात के आभारी हैं कि हत्यारों को न्याय के कटघरे में लाया गया है, लेकिन इस प्रकार से एक परिवार के सदस्य को खोने का दर्द कभी खत्म नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि वे लोग भी पकड़ में आएं जिन्होंने इन हत्यारों को काम पर रखा था​

31 अक्टूबर को सुनाई जाएगी सजा

कोर्ट में दोनों आरोपियों को दोषी करार दिए जाने के बाद जेल भेज दिया गया। कोर्ट ने सजा सुनाने की अगली तारीख 31 अक्टूबर 2024 निर्धारित की है। जिसमें दोनों आरोपियों को कम से कम 20 साल जेल की सजा सुनाई जा सकती है।

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