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हिंदू धर्म में कामदा एकादशी व्रत का बहुत महत्व होता है. इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है और इस दिन उपवास के दौरान विशेष नियमों का पालन किया जाता है. इससे लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और जीवन भर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. मान्यता है कि कामदा एकादशी का व्रत करने से ब्रह्महत्या और अनजाने में किए गए सभी पापों से मुक्ति मिलती है. यह व्रत पिशाचत्व आदि दोषों का भी नाश करने वाला माना गया है.

पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 07 अप्रैल को रात 08 बजे शुरू होगी और 08 अप्रैल को रात 09 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार, 08 अप्रैल को कामदा एकादशी मनाई जाएगी. कामदा एकादशी का पारण 09 अप्रैल को किया जाएगा. व्रती लोग 09 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 34 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं.

कामदा एकादशी व्रत पूजा विधि

कामदा एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें. इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र पहन लें और भगवान विष्णु का मनन करते हुए व्रत का संकल्प लें. इसके बाद एक तांबे के लोटे में जल, फूल, अक्षत और सिंदूर डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें. फिर चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें. भगवान विष्णु की मूर्ति को ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मन्त्र का उच्चारण करें. पंचामृत से स्नान आदि कराकर वस्त्र, चन्दन, जनेऊ, गंध, अक्षत, पुष्प, तिल, धूप-दीप, नैवेद्य, ऋतुफल, पान, नारियल, आदि अर्पित करें. इसके बाद कामदा एकादशी की कथा का श्रवण या वाचन करें और एकादशी व्रत पूजा के आखिरी में आरती करें.

कामदा एकादशी व्रत में क्या खाएं

    कामदा एकादशी व्रत में सभी प्रकार के फल खाए जा सकते हैं, जैसे कि सेब, केला, अंगूर, पपीता, अनार आदि.
    आलू, कद्दू, लौकी, खीरा, टमाटर, पालक, गाजर और शकरकंद जैसी सब्जियां खा सकते हैं.
    दूध, दही, पनीर और मक्खन जैसे डेयरी उत्पाद खा सकते हैं.
    बादाम, काजू, किशमिश और अखरोट जैसे सूखे मेवे खा सकते हैं.
    कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, और समा के चावल जैसे अनाज खा सकते हैं.
    मूंगफली का तेल, घी, या सूरजमुखी का तेल जैसे तेल खा सकते हैं.
    सेंधा नमक और चीनी खा सकते हैं।

कामदा एकादशी व्रत में क्या न खाएं

    अनाज: गेहूं, चावल और दाल जैसे अनाज नहीं खाएं.
    सब्जियां: प्याज और लहसुन जैसी सब्जियां नहीं खाएं.
    मांस, मछली, और अंडे: मांस, मछली और अंडे का सेवन नहीं करें.
    शराब और धूम्रपान: शराब और धूम्रपान का सेवन नहीं करें.
    मसाले: गर्म मसाले, धनिया पाउडर और हल्दी पाउडर जैसे मसाले नहीं खाएं.
    तेल: तिल का तेल और सरसों का तेल जैसे तेल नहीं खाएं.
    नमक: साधारण नमक का सेवन नहीं करें.

कामदा एकादशी व्रत के नियम

एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें. इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र पहन लें और भगवान विष्णु का मनन करते हुए व्रत का संकल्प लें. इसके बाद एक तांबे के लोटे में जल, फूल, अक्षत और सिंदूर डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें. फिर चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें. भगवान विष्णु की मूर्ति को ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मन्त्र का उच्चारण करते हुए पंचामृत से स्नान आदि कराकर वस्त्र, चन्दन, जनेऊ, गंध, अक्षत, पुष्प, तिल, धूप-दीप, नैवेद्य, 1 ऋतुफल, पान, नारियल, आदि अर्पित करें.

 

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