होटलनुमा “चाचा की रसोई” में ₹ 1 में भरपेट खाना

सीएम शिवराज की रसोई में ₹ 10, साथ में मिलते हैं अधकारियों के ताना

प्रदेश की पहली होटलनुमा हाईटेक चाचा की रसोई बनी चर्चा का विषय

छतरपुर के सदर विधायक ने उठाया गरीबों को खाना खिलाने का वीणा


 

             (My Secret news)
भोपाल / छतरपुर। कोरोना (corona) महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था (many) से लेकर आम लोगों की जेब पर जबरदस्त असर डाला है। व्यापारियों के काम धंधे चौपट हुए, वहीं कामगार लोगों को रोजगार छिन गया। बहुतों ने नौकरी (sarvice) भी गंवाई। ऐसे समय (time) में जहां लोग ज्यादा से ज्यादा बचत की सोच रहे हैं, वहीं छतरपुर (chhatarpur) जिले में एक शख्स ऐसा भी है, जिसे इससे कोई सरोकार नहीं।
आलोक चतुर्वेदी (aalok chaturvedi) नाम का ये शख्स छतरपुर के लोगों को 1 रुपए में भरपेट स्वादिष्ट और पौष्टिक खाना खिलाने की तैयारी कर रहा है।   इस पुनीत कार्य का शुभारम्भ (opning) 15 अक्टूबर को संत किशोरदास महाराज पड़रिया धाम एवं धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर महाराज के सानिध्य में किया जाएगा।  इसी दिन चतुर्वेदी का जन्मदिन (birthday) भी है, इसलिए शुभारंभ आयोजन को और भव्यता दी गई।

मानवता की सेवा की दिशा में एक और काबिले तारीफ कदम

चाचा (ancal) की रसोई निश्चित ही मकसद बड़ा पवित्र है। कोई गरीब भूखा न रहे- यह नेक काम मध्यप्रदेश (mp) से छतरपुर के सदर विधायक आलोक चतुर्वेदी ऊर्फ पज्जन शुरु कर रहे हैं। जो किसी परिचय (identy) के मोहताज नहीं है। अपनी नेक नियती और सरकारी भर्राशाही से दूर वह स्वयं के संसाधनों से अपने जन्मदिन 15 अक्टूबर (october) को शुरू हो जाएगा। उनके द्वारा गरीब जनता को भरपेट भोजन कराने के लिए किशोर सागर तालाब के समीप बनाए गए सेवाग्राम में एक हाईटेक (haitec) रसोई का निर्माण किया गया है। जहां शुद्ध स्वादिष्ट भोजन की थाली सिर्फ ₹ 1 में हर किसी को उपलब्ध होगी। बता दें विधायक (MLA) युवाओं के बीच चाचा के नाम से विख्यात हैं, इसलिए इसका नाम चाचा की रसोई रखा गया है।

जिनके पास 1 रुपए भी नहीं वे भी नहीं लौटेंगे भूखे

आलोक चतुर्वेदी के पुत्र नीतेश उर्फ मिक्की चतुर्वेदी ने बताया कि साल के 365 दिन ये रसोई चलेगी और किसी को भूखा नहीं लौटाया जाएगा। लोगों से केवल 1 रुपए इसलिए ले रहे हैं, ताकि किसी को ये न लगे कि वो मुफ्त में खाना खा रहा है। यहां तक कि अगर किसी के पास देने के लिए 1 रुपए भी न हो, तो उसे भी प्रेम से बिठाकर भोजन कराया जाएगा।

तीन वर्ष गर्मी में पूरे शहर को पानी पिलाने से बने विधायक

गौरतलब हो कि छतरपुर के कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी ने छतरपुर वासियों को भीषण गर्मी में लगातार तीन वर्ष तक पानी (water) पिलाया। अपने निजी टैंकरों (tenkar’s) से घर घर (home-to-home) तक पानी पहुंचाने का काम किया। जिसका परिणाम यह हुआ कि पिछली बार जनता ने उनको अपना विधायक चुनकर विधानसभा में भेजा है। अब आलोक चतुर्वेदी उर्फ पज्जन भैया शहर के अलावा जिलेभर के लोगों को एक रुपए में खाना खिलाने का काम शुरु कर रहे हैं। सबसे ज्यादा खुशी रसोई घर के पास बने बसुरयाना एवं कुम्हार मोहल्ला के रहने वालों में देखी गई है। वहीं दूसरी ओर छतरपुर शहर के अंदर हॉस्टलों (hostal) में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं में भी यही उत्साह देखने को मिल रहा है। क्योंकि यह बच्चे ग्रामीण क्षेत्रों से पढ़ने के लिए शहर में आए हुए हैं और टिफिन लगाकर खाना खाते हैं। अब वे बिना परेशानी के एक रुपए में चाचा की रसोई (rasoi) में खाना खा सकेंगे।

शहर में हो रही है चर्चा

चाचा की रसोई शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है। बड़े-बड़े धन्नासेठ, जो अपने को नगर सेठ कहते हैं, वह भी यह काम नही कर पाए। छतरपुर जिले के अलावा प्रदेश में ऐसा कोई भी दिग्गज नेता अभी पैदा नहीं हुआ है, जिसने 365 दिन रसोई चलाने का ऐलान किया हो। छतरपुर के कांग्रेस (congress) विधायक की यह पहल उन तमाम नेताओं के मुंह पर तमाचा है, जिन्होंने पूरी राजनीति में केवल जनता के साथ छल किया है। राजनीति (political) में रहते हुए पैसा बनाया है।

आलोक व्यवसायी के साथ ही समाजसेवी

आलोक चतुर्वेदी व्यक्तिगत रूप से व्यवसायी (bijnesmain) हैं। इसके अलावा समाजसेवी के रूप में भी जाने जाते हैं। उनकी छवि प्रदेश स्तर पर भाजपा और कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता भी जानते हैँ। अपने सरल स्वभाव के कारण आम जनता से वह सीधे जुड़े हुए हैं। कोई भी सामाजिक कार्य होता है, उसमें वह बढ़-चढक़र हिस्सा लेते हैं। यही बजह है कि उन्होंने छतरपुर शहर के अंदर एक पुण्य काम शुरु किया है। जो कि शिवराज सरकार (shivraj govarment) के लिए तमाचा है।

शिवराज की रसोई में लगते हैं 10 रूपये

बता दें, शिवराज सरकार में हर शहर में दीनदयाल रसोई चल रही है। जिसमें 10 रुपए लगते हैं। यह रसोई भी जनभागीदारी के द्वारा संचालित की जाती है। इसके इतर, छतरपुर के एक विधायक ने बिना किसी जन सहयोग के इतना बड़ा काम का वीणा उठाया है, जो मप्र में अनूठा उदाहरण है। सभी नेताओं को इसी तरह की रसोई घर अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में बनाना चाहिए, ताकि कोई भी भूखा नहीं सो सके।

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