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निकहत ने प्री क्वार्टर फाइनल में हार को अपने करियर की सबसे दर्दनाक हार बताया

पेरिस  निकहत जरीन ने पेरिस खेलों के प्री क्वार्टर फाइनल में हार को अपने करियर की सबसे दर्दनाक हार बताया और भारतीय मुक्केबाजी स्टार ने ओलंपिक पदक जीतने के अपने सपने को पूरा करने के लिए नए जोश के साथ वापसी करने की कसम खाई। खेलों से पहले पदक की प्रबल दावेदार मानी जा रही निकहत को 50 किग्रा महिला मुक्केबाजी में शीर्ष वरीयता प्राप्त एशियाई खेलों की चैंपियन चीन की वू यू के खिलाफ सर्वसम्मत फैसले में हार का सामना करना पड़ा। निकहत ने ‘इंस्टाग्राम’ पोस्ट में लिखा, ‘‘मैंने इतने लंबे समय से जिस ओलंपिक सपने को संजोया था वह वैसा नहीं हुआ जैसा मैंने उम्मीद की थी। अनगिनत घंटों की ट्रेनिंग, त्याग और दृढ़ निश्चय के बाद यह पल मेरे हाथ से फिसल गया।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘यह हार मेरे लिए अब तक की सबसे कठिन हार है और लगभग असहनीय है। मेरा दिल भारी है लेकिन यह टूटा नहीं है। मैं इसे विनम्रता से स्वीकार करती हूं और अपने जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता खोजने की पूरी कोशिश करूंगी।’’ निकहत ने पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले छह भारतीय मुक्केबाजों में सबसे पहले यह उपलब्धि हासिल की थी। उन्होंने कहा, ‘‘ओलंपिक पदक जीतना मेरा सबसे बड़ा सपना था और मैंने यहां तक पहुंचने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। पेरिस 2024 की यात्रा चुनौतियों से भरी थी – एक साल तक चोट से जूझना, अपना स्थान वापस पाने के लिए संघर्ष करना, प्रतिस्पर्धा करने के अवसर के लिए संघर्ष करना और अनगिनत बाधाओं को पार करना, ये सब इस वैश्विक मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के अवसर के लिए था।’’ इस मुक्केबाज ने कहा, ‘‘मैं अपने सपने को पूरा करने के अवसर के लिए बहुत आभारी हूं लेकिन नियति ने कुछ और ही योजना बनाई थी। यहां पेरिस में इसे हासिल नहीं कर पाना निराशाजनक है। मैं चाहती हूं कि मैं समय को पीछे ले जा सकूं और एक अलग परिणाम के लिए और भी अधिक प्रयास कर सकूं, लेकिन यह मेरी इच्छा ही है।’’ दो बार की विश्व चैंपियन ने और मजबूती से वापसी करने की कसम खाई। निकहत ने कहा, ‘‘मैं वादा करता हूं कि यह अंत नहीं है। मैं उबरने और तनावमुक्त होने के लिए स्वदेश लौटूंगी। यह सपना अब भी जीवित है और मैं नए जोश के साथ इसका पीछा करना जारी रखूंगी। यह अलविदा नहीं है बल्कि वापस लौटने और भी ज्यादा संघर्ष करने और आप सभी को गौरवांवित करने का वादा है। मेरे साथ खड़े रहने के लिए आपका धन्यवाद। यात्रा जारी है।’’     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 37

सोनप्रयाग-गौरी कुंड के बीच वाशआउट एरिया में पैदल पुल बनाने का कार्य शुरू

केदार घाटी आपदा : सोनप्रयाग में पैदल पुल बनाने में जुटी सेना, रेस्क्यू कार्यों में आएगी तेजी सीएम धामी ने कहा, ‘केदारनाथ से 7000 से ज़्यादा को निकाला, फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना प्राथमिकता’  सोनप्रयाग-गौरी कुंड के बीच वाशआउट एरिया में पैदल पुल बनाने का कार्य शुरू देहरादून/शिमला  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सोनप्रयाग में पुल निर्माण प्रारंभ हो गया है। जल्द ही चारधाम यात्रियों के लिए पुल बनकर तैयार होगा। आपदा प्रभावित राज्य उत्तराखंड में रेस्क्यू कार्यों में सेना ने मदद का हाथ बढ़ाया है। इससे रेस्क्यू कार्यों में तेजी आएगी। केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए शासन-प्रशासन लगातार मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। रेस्क्यू कार्यों में तेजी लाने के लिए अब सेना की भी मदद ली जा रही है। रुद्रप्रयाग जनपद में तैनात छह ग्रेनेडियर यूनिट कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना रास्तों को पुनर्स्थापित करने और पुल बनाने के अलावा सर्च ऑपरेशन में मदद करेगी। प्राथमिकता के आधार पर पहले सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाशआउट हुए मार्ग पर पैदल पुल बनाया जा रहा है।जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे मौके पर इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सीएम धामी ने कहा, ‘केदारनाथ से 7000 से ज़्यादा को निकाला, फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना प्राथमिकता’  केदारनाथ में हुई अतिवृष्टि और लैंडस्लाइड की घटना के बाद वहां फंसे यात्रियों को निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में हजारों यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है जबकि अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है इसके साथ ही जो लोग फंसे हुए हैं उनके लिए खाने पीने का इंतजाम भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री का कहना है कि बारिश की वजह से हुए लैंडस्लाइड के कारण कई रास्ते टूटे हुए हैं कई घरों को नुकसान पहुंचा है और जो लोग फंसे हुए हैं प्राथमिकता के तौर पर उनको निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन भी तेजी से किया जा रहा है। अब तक 7 हजार से ज्यादा यात्रियों को रेस्क्यू कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ मार्ग में जो यात्री फंसे हुए हैं उनके लिए खाने-पीने के राशन की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। हिमाचल में 37 दिनों में बादल फटने, फ़्लैश फ्लड औऱ भूस्खलन की 47 घटनाएं, 10 की मौत, 46 लापता हिमाचल प्रदेश में इस बार भी मानसून तबाही मचा रहा है। पिछले साल की तरह इस साल भी मानसून ने प्रदेशवासियों को गहरे जख्म दिये हैं। राज्य के कई हिस्सों में मूसलाधार वर्षा का तांडव देखने को मिला है। बाढ़ व भूस्खलन ने परिवार के परिवार खत्म कर दिए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़े स्तब्ध करने वाले हैं। परिचालन केंद्र की रिपोर्ट में मानसून सीजन के पिछले 37 दिनों में प्रदेश में फ़्लैश फ्लड, भूस्खलन व बादल फटने की 47 घटनाएं सामने आई हैं। राज्य के 22 स्थानों पर फ़्लैश फ्लड ने कहर बरपाया, 17 स्थानों पर भूस्खलन और आठ जगह बादल फटने से तबाही हुई। इनमें 10 लोगों की जान गई और 46 लापता हो गए। चार लोग घायल हैं। आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बादल फटने की अलग-अलग घटनाओं में 120 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 64 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए जबकि 37 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचाया। फ्लैश फ्लड ने 18 और भूस्खलन ने एक घर को धराशायी किया। फ्लैश फ्लड, भूस्खलन और बादल फटने से 14 दुकानें भी बह गईं। इससे 24 पशुशालाएँ भी ध्वस्त हुईं और 54 मवेशियों की जान गई। बादल फटने की ज़्यादातर घटनाएं शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में सामने आईं। 31 जुलाई की रात इन तीन जिलों में बादल फटने से 10 लोग मारे गए और 45 लापता हैं। शिमला जिला के रामपुर उपमण्डल का समेज गांव बादल फटने से पूरी तरह तबाह हो गया। हादसे में 36 लोग लापता हैं। शिमला के समेज में सर्च ऑपरेशन चौथे दिन जारी, लापता लोगों का नहीं मिला सुराग शिमला के समेज में बादल फटने की घटना के बाद लापता 36 लोगों को ढूंढने का कार्य लगातार चौथे दिन जारी है। सर्च ऑपरेशन के तीसरे दिन भी लापता लोगों का कोई सुराग नहीं मिल पाया था। ऐसे में अब सर्च ऑपरेशन में लाइव डिटेक्टर डिवाइस और स्निफर डॉग की मदद ली जा रही है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ पुलिस, आईटीबीपी, होमगार्ड के जवान करीब 85 किलोमीटर एरिया में सर्च ऑपरेशन में जुटे हैं। होमगार्ड कमांडेंट आरपी नेपटा ने बताया कि बीती शाम रिव्यू मीटिंग हुई है। जिसमें सभी रेस्क्यू दलों को अलग-अलग टास्क दिए गए हैं। बीते कल पुल बनाने में नदी पार करने में कुछ समय जरूर लगा लेकिन आज बैली ब्रिज बनाए जा रहे हैं। सर्च ऑपरेशन के चौथे दिन संभावना है कि अधिक से अधिक शवों को निकाल लिया जाएगा। अगले चार दिन भारी वर्षा की चेतावनी, येलो अलर्ट राज्य में पिछले 24 घण्टों के दौरान भारी बारिश में कमी आने से लोगों ने राहत की सांस ली है। बिलासपुर के बरठीं में 19 और कांगड़ा जिला के मुख्यालय धर्मशाला में 14 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है। इसके अलावा कांगड़ा व कुकुमसेरी में नौ-नौ और मनाली में छह मिलीमीटर वर्षा हुई। राजधानी शिमला सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में आज सुबह से बादल छाए हुए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आगामी 10 अगस्त तक राज्य में मौसम के खराब रहने का अनुमान जताया है। आठ अगस्त तक राज्य के मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने लोगों व सैलानियों को नदी-नालों से दूरी बनाए रखने और भूस्खलन सम्भावित इलाकों की यात्रा न करने की हिदायत दी है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश … Read more

योगी राज में दोषी कोई भी नहीं बचा सकता है और न ही उसका कोई सहयोग कर सकता है : स्वतंत्र देव सिंह

गाजीपुर  सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने अयोध्या रेप कांड पर डीएनए टेस्ट की मांग की है। उनकी इस मांग पर भाजपा नेता और योगी सरकार में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि योगी के शासनकाल में जो भी दोषी पाया जाता है, उस पर कठोर कार्रवाई की जाती है। दोषी कोई भी नहीं बचा सकता है और न ही उसका कोई सहयोग कर सकता है। कोई भी व्यक्ति अगर कानून के साथ खिलवाड़ करता है, या फिर जनता के साथ बदसलूकी करता है, तो उसके खिलाफ हमारी सरकार कठोर कदम उठाती है। दरअसल समाजवादी पार्टी के एक्स अकाउंट से एक पोस्ट किया गया, इसके जरिए अखिलेश यादव ने अयोध्या रेप कांड पर डीएनए टेस्ट की मांग की है। सपा के पोस्ट में लिखा गया, ”अखिलेश यादव ने कहा है कि अयोध्या के भदरसा मामले में बिना डीएनए टेस्ट के भाजपा का आरोप दुराग्रह पूर्ण माना जाएगा। कुकृत्य के मामले में जिस पर भी आरोप लगा है, उसका डीएनए टेस्ट कराकर इंसाफ का रास्ता निकाला जाए न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए। जो भी दोषी हैं उसे कानून के हिसाब से पूरी सजा दी जाए, लेकिन अगर डीएनए टेस्ट के बाद आरोप झूठे साबित हों तो इसमें संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।” अखिलेश यादव ने सरकार से पीड़ित परिवार को तत्काल 20 लाख रुपए की सहायता प्रदान करने की भी मांग की है। उन्होंने एक्स पर लिखा,”उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त है। हर दिन हत्या, लूट, दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं। भाजपा सरकार घटनाओं को रोकने में विफल है। सरकार असली अपराधियों को बचाती रही है। सत्ता के संरक्षण में भाजपा समर्थक भी तमाम अपराधों में संलिप्त पाये गए हैं। अपराधियों में भाजपा सरकार का खौफ नहीं रह गया है। वे भाजपा नेता की बेटी का अपहरण करने से भी नहीं डर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी के प्रदेश में कानून व्यवस्था की बेहतरी के दावे झूठे साबित हो रहे हैं। निकम्मी भाजपा सरकार से लोग ऊब गए है।” सपा के पोस्ट में लोकसभा चुनाव में अयोध्या में हुई हार पर भाजपा पर तंज कसा गया। पोस्ट में लिखा, ” भाजपा अयोध्या की हार पचा नहीं पा रही है। भाजपा ने अयोध्या में सात सालों में जो भ्रष्टाचार और जमीन की लूट की है, अयोध्या और प्रदेश की जनता ने उसी की सजा दी है। भाजपा इसी तरह से अन्याय अत्याचार करती रहेगी, तो जनता लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा के उपचुनाव में भी भाजपा का सफाया करेगी। 2027 के विधानसभा चुनाव में भी प्रदेश की जनता भाजपा को सत्ता से बेदखल कर अन्याय का जवाब जरूर देगी।” सपा ने हाल ही में लखनऊ के गोमती नगर में हुई घटना का भी जिक्र किया और लिखा,”लखनऊ की घटना में भी समाजवादी पार्टी को बदनाम करने की नापाक और असफल कोशिश की गई, जबकि समाजवादी पार्टी ने उस घटना की पहले ही निंदा की है। उसमें तीन दर्जन नामों की चर्चा है, भाजपा में हिम्मत है, तो वह तथाकथित आरोपियों के बारे में श्वेत पत्र जारी करे। भाजपा साजिश के तहत समाजवादी पार्टी के विरूद्ध झूठे आरोप लगाती रही है।” सपा अपने नेता पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे : बांसुरी स्वराज  अयोध्या में 12 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप मामले में नई दिल्ली सांसद बांसुरी स्वराज ने सपा को नसीहत दी है। कहा कि घिनौना काम करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। बांसुरी ने कहा कि अयोध्या में महज 12 साल की बच्ची के साथ जो हैवानियत हुई है वह शर्मसार कर देने वाली है। ऊपर से सपा जिस तरह से बयानबाजी कर रही है वह बेहद ही शर्मसार है। हैरानी तो इस बात की है वहां के स्थानीय सांसद ने अपना पल्ला झाड़ लिया यह कहते हुए कि उन्हें इस घटना के बारे में कुछ पता ही नहीं है। आरोपी सपा का नेता है और समाजवादी पार्टी को सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। बीते दिनों गैंगरेप के आरोपी मोईद खान के बेकरी पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया था। वहीं, खाद्य विभाग की ओर से छापेमारी कर सामान को जब्त कर जांच के लिए भेजा गया है। इससे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि आरोपी पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ सीएम ने विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाते हुए समाजवादी पार्टी को घेरने का काम किया था। 12 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप मामले में समाजवादी पार्टी के नेता का नाम आने के बाद अखिलेश यादव ने भी एक्स पर पोस्ट किया। रविवार को एक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि बलात्कार पीड़िता के लिए सरकार अच्छे-से-अच्छा चिकित्सीय प्रबंध कराए। बालिका के जीवन की रक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार की है। न्यायालय से विनम्र आग्रह है कि स्वत: संज्ञान लेकर स्थिति की संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए अपने पर्यवेक्षण में पीड़िता की हर संभव सुरक्षा सुनिश्चित करवाएं। बदनीयत लोगों का इस तरह की घटनाओं का राजनीतिकरण करने का मंसूबा कभी कामयाब नहीं होना चाहिए।         Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 27

प्रदेश सरकार बहनों के सशक्तिकरण के लिए कृत संकल्पित है, अब बहने भी दैनिक जीवन में कुछ समय स्वयं के लिए निकाले- सुश्री भूरिया

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश भर में लाडली बहनों के लिए रक्षाबन्धन एवं श्रावण उत्सव की तर्ज पर आभार सह उपहार कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसी कड़ी मे  हरियाली अमावस्या के पावन पर्व पर महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया के मुख्य अतिथ्य में पीएम  शासकीय कन्या उ.मा. विद्यालय झाबुआ के परिसर मे आभार सह उपहार कार्यक्रम हुआ। मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने बताया कि महिलाओं को स्वावलम्बी एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिमाह उन्हें 1250 रुपये की राशि दे रही है। इस बार रक्षाबंधन के अवसर पर 10 तारीख को लाडली बहनों के खातों में राशि अंतरित की जाएगी। साथ ही उन्हें उपहार स्वरूप 250 रुपये की अलग से राशि दी जायेगी। उन्होंने कहा कि भाई-बहन के प्रेम का त्यौहार रक्षाबंधन के अवसर पर यह मुख्यमंत्री का बहनों के लिए उपहार है। प्रदेश सरकार बहनों के सशक्तिकरण के लिए कृत संकल्पित है, अब बहनो से भी निवेदन है कि वे भी अपनी दैनिक जीवन में कुछ समय स्वयं के लिए निकाले, जीवन में किस राह मे आगे बढ़ना चाहती है वह तय करें और उस लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करे ।अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग रहे एवं स्वयं की पहचान बनाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे। कार्यक्रम में स्थानीय भीली नृत्य के माध्यम से सांस्कृतिक छटा बिखेरी गई। प्रतिकात्मक रूप से लाडली बहनो एवं लाडली लक्ष्मी से लाभान्वित हितग्राहियों को राशि के सर्टिफिकेट का वितरण किया गया। मंत्री सुश्री भूरिया ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की बहनों को धन्यवाद देती हुई सन्देश सह आभार पत्र का वाचन किया। कार्यक्रम में स्थानीय कलाकार श्रीमती अन्नु भाबोर द्वारा स्थानीय भीली बोली मे लाड़ली बहनो के दल के माध्यम से मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए गीत की प्रस्तुती दी । मुख्यमंत्री के लिए राखी एकत्र की गयी, सावन के झूलों पर महिलाओ द्वारा आनन्द लिया गया, साथ ही मेहन्दी लगा कर सावन उत्सव मनाया गया।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 43

वन विभाग उस ट्रेन को ‘जब्त’ करने वाली है, जिसकी टक्कर से रेलवे ट्रैक पर तीन बाघ शावकों की मौत हुई थी

भोपाल मध्य प्रदेश वन विभाग उस ट्रेन को 'जब्त' करने पर विचार कर रहा है, जिसकी टक्कर से मिडघाट-बुधनी रेलवे ट्रैक पर तीन बाघ शावकों की मौत हुई थी। रातापानी वन्यजीव अभयारण्य से होकर गुजरने वाली इस ट्रेन की चपेट में 3 बाघ शावक आए थे, जिनमें से एक की मौके पर मौत हुई और बचे 2 शावक रेस्क्यू के लगभग 15 दिन बाद दम तोड़ गए थे। उच्च अधिकारियों पर दबाव सूत्रों के अनुसार, 'टाइगर स्टेट' एमपी में वन अधिकारी निर्णायक कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों पर दबाव डाल रहे हैं। इसके लिए असम सरकार के फैसले का उदाहरण लिया जा रहा है, जिसने एक रेलवे इंजन को 'जब्त' कर लिया था, जिससे अक्टूबर 2020 में एक हाथी और उसके बच्चे की मौत हो गई थी। त्रासदी से सबक तीन शावकों की मौत ने मप्र के वन अधिकारियों को सदमे में डाल दिया है। उनका मानना है कि यह त्रासदी पूरी तरह से टाली जा सकती थी। तीनों शावक 14 जुलाई की रात को ट्रेन की चपेट में आ गए थे। एक की मौके पर मौत हो गई, जबकि उसके दो भाई-बहन एक पखवाड़े तक तड़पते रहे और फिर उनकी भी मौत हो गई। वन विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि 'हमें उस ट्रेन के इंजन को जब्त कर लेना चाहिए जिसने इन शावकों को तब टक्कर मारी जब वे अपनी मां के पीछे चल रहे थे। यह एक ऐसा नुकसान है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती। अगर असम वन विभाग एक जंगली हाथी और बछड़े की मौत के लिए इंजन 'जब्त' कर सकता है, तो हम अपने बाघ शावकों के लिए ऐसा क्यों नहीं कर सकते?' ट्रेन की पहचान और जिम्मेदारी वन अधिकारी ट्रेन की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। एक अन्य आईएफएस अधिकारी ने कहा 'पटरियां जंगल से होकर गुजरती हैं और यह हमेशा वन भूमि रहेगी। शमन उपाय करना और तीसरी लाइन के लिए पर्यावरण मंजूरी के दौरान दी गई शर्तों का अनुपालन करना रेलवे की जिम्मेदारी है।' पिछले हादसे सीहोर और रायसेन जिलों में बरखेड़ा और बुधनी के बीच 20 किलोमीटर लंबे इस रेलवे खंड पर ट्रेनों की चपेट में आने से इन तीन शावकों सहित आठ बाघों की मौत हो गई है। 2015 के बाद से ट्रेन दुर्घटनाओं में 14 तेंदुए और एक भालू भी मारे गए हैं। एमपी के वनवासियों का कहना है कि तीन शावकों की मौत एक महत्वपूर्ण बिंदु है। वे असम सरकार की कार्रवाई का हवाला देते हैं, जहां उसका वन विभाग गुवाहाटी में बामुनिमैदान रेलवे यार्ड में गया और 27 सितंबर, 2020 को एक हाथी और उसके बच्चे को कुचलने और एक किलोमीटर तक घसीटे जाने के बाद दर्ज किए गए मामले के खिलाफ लोकोमोटिव को 'जब्त' कर लिया। उस घटना में रेलवे ने पायलट और सह-पायलट को निलंबित कर दिया था। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई एक डिप्टी रेंजर ने कहा, 'हाथियों की तरह, बाघ भी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत अनुसूची -1 जानवर हैं। हमारे अधिकारी और फील्ड कर्मचारी उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना खून बहाते हैं। उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि आज हम बाघों में नंबर 1 हैं। बाघों की हत्या के लिए कार्रवाई नहीं करने से वनवासियों का मनोबल गिरेगा।' उन्होंने कहा, ट्रेन पायलट अक्सर इस पैच के माध्यम से 20 किमी प्रति घंटे की गति सीमा को पार कर जाते हैं, उन्होंने कहा: 'बाकी बाघों को बचाने के लिए ओवर स्पीडिंग की जांच की जानी चाहिए।' समिति का गठन वन अधिकारियों ने बाघ गलियारों में गति पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे को लिखा था लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने लोको पायलटों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है। उनका कहना है कि 'उन्हें मामला दर्ज करना चाहिए और शावकों की मौत की जांच करनी चाहिए। मुझे नहीं पता कि वन विभाग इस पर धीमी गति से क्यों चल रहा है।' वन विभाग ने पश्चिम मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक को पत्र लिखकर यह जांच करने का आग्रह किया है कि बरखेड़ा और बुधनी के बीच तीसरी रेलवे लाइन के निर्माण के लिए लगाई गई शर्तों का पालन किया जा रहा है या नहीं। दुबे कहते हैं, 'उन्हें डीआरएम को एक नोटिस भेजना चाहिए और उस भयानक रात से गुजरने वाली ट्रेनों का विवरण मांगना चाहिए।' वन विभाग ने अनुपालन की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है। सूत्रों ने कहा कि इसमें रेलवे अधिकारियों को भी शामिल किया जाना है, लेकिन रेलवे ने अभी तक पैनल के लिए कोई नाम नहीं दिया है। वन अधिकारी क्षेत्र के दौरे की तारीख तय करने के लिए रेलवे प्रतिनिधि का इंतजार कर रहे हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 35

गुरुग्राम में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं और मौत 6 छह बजे से सुबह 6 बजे के बीच

 गुरुग्राम दिल्ली से सटे एनसीआर के शहर गुरुग्राम में हर साल एक हजार सड़क हादसों में 400 से ज्यादा लोगों की जान जा रही है। गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस और राहगीरी फाउंडेशन ने मिलकर साल 2023 में हुई सड़क दुर्घटनाओं और मौत के कारण को जानने के लिए सर्वे किया। इसमें कई चौकानें वाले तथ्य सामने आए। साल 2023 की क्रैश रिपोर्ट के अनुसार जिले में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं और मौत 6 छह बजे से सुबह 6 बजे के बीच हो रही है। दुर्घटनाएं और हादसों को कम करने के लिए यह सर्वे किया गया था। ऐसे में आने वाले एक साल में मिलकर 20 फीसदी तक सड़क दुर्घटना और मौत को कम करने का लक्ष्य रखा गया है। क्रैश रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में 1190 सड़क दुर्घटनाओं में 439 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा 1020 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इन दुर्घटनाओं में 62 फीसदी मौतें शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे के बीच में हुई थी। 58 फीसदी दुर्घटनाएं भी रात के समय में हुई थीं। विशेषज्ञों की मानें तो रात के चलने के लिए गुरुग्राम की सड़कें सुरक्षित नहीं हैं। गुरुग्राम में 20 घंटे में एक युवक की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो जाती है। ट्रैफिक पुलिस के द्वारा तैयार किए गए आंकड़े में इसका खुलासा हुआ है। कई सड़कों पर तकनीकी खामियां : सड़क सुरक्षा एक्सपर्ट नवदीप सिंह ने बताया कि रात में चलने के लिए शहर की सड़कें सुरक्षित नहीं है। इन सड़कों पर रात में पर्याप्त रोशनी नहीं होने के साथ-साथ खराब रोड इंजीनियरिंग, पर्याप्त साइनेज बोर्ड और रिफ्लेक्टर नहीं होना भी एक बड़ा कारण है। इसके अलावा दिल्ली-जयपुर हाईवे, कुंडली-मानेसर-पलवल सहित शहर की अंदरुनी सड़कों पर अवैध वाहनों की पार्किंग भी एक हादसों का बड़ा कारण माना गया है। इसके अलावा वाहन चालक रात में शॉर्ट-कट के चक्कर में गलत दिशा में वाहन चलाने से वह अपने साथ-साथ दूसरे की जान भी जोखिम में डालते है। पुलिस का जागरुकता अभियान भी बेअसर हो रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग परहोते हैं अधिक हादसे क्रैश रिपोर्ट के अनुसार, गुरुग्राम में सड़कों के जाल का कुल 2.1 प्रतिशत हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग का पड़ता है, लेकिन चिंता की बात है कि सिर्फ 2.1 प्रतिशत हिस्से में 45 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं और मौत होती है। जबकि 55 फीसदी मौतें और दुर्घटनाए शहर की अंदरुनी सड़कों में होती हैं। ऐसे में रात में राष्ट्रीय राजमार्ग पर दुर्घटनाओं के कई कारण हैं। इनमें सही से रिफ्लेक्टर नहीं होना, तेज रफ्तार, पर्याप्त रोशनी और अवैध पार्किंग के साथ-साथ खराब रोड इंजीनियरिंग एक बड़ा कारण है। इन पांच सड़कों पर रात में आवागमन खतरे भरा साल 2023 की क्रैश रिपोर्ट के सर्वे में सामने आया कि सप्ताह में सबसे ज्यादा हादसे बुधवार के दिन होते है। इसके अलावा रात में शहर की पांच सड़कें सबसे ज्यादा असुरक्षित होती है। जिनमें सबसे ज्यादा हादसे होने का डर रहता है। इनमें दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस-वे पर बने एसपीआर क्लोवरलीफ, घाटा गांव चौक, गोल्फ कोर्स रोड, एमजी रोड और फर्रुखनगर है। इन सड़कों पर रात में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं और मौतें रात के समय में होती है। चालान भी काटे जा रहे ट्रैफिक पुलिस ने यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले दो हजार वाहन चालकों के चालान काटे जाते हैं। एक हजार चालान ट्रैफिक पुलिस के जोनल ऑफिसर काटते हैं, जबकि एक हजार से ज्यादा चालान रोजाना सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से काटे जाते है। राहगीरी फाउंडेशन की सारिका पांडा भट्ट ने कहा, ''हादसे और मौत के कारणों को जानने के लिए सर्वे कर क्रैश रिपोर्ट 2023 तैयार की गई है। उस रिपोर्ट के आधार पर ग्राफ को कम करने के लिए कमियों को ठीक किया जाएगा, ताकि सुबह घर से निकले लोग रात को घर जरूर परिवार के पास पहुंचे और होने वाले सड़क हादसों की संख्या में कमी भी आ सके।'' डीसीपी ट्रैफिक वीरेंद्र विज, ''शहर की सड़कों पर रात में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हो रही है, इसमें कई लोग जान गंवा रहे हैं। हादसे कम करने के लिए सभी विभागों के साथ मिलकर जल्द एक एक्शन प्लॉन तैयार किया जाएगा। इस पर सभी मिलकर काम करेंगे। इस साल में 20 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं और हादसों को कम करने का लक्ष्य रखा गया है।''   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 75

मुख्यमंत्री डॉ. यादव बेंगलुरू इन्वेस्ट मीट में उद्योगपतियों को खनिज क्षेत्र में निवेश के लिये करेंगे प्रोत्साहित

मध्यप्रदेश : देश की समृद्ध खनिज संपदा और औद्योगिक विकास का प्रतीक मध्य प्रदेश को मिल चुका है मिनरल ऑप्शन के लिए पहला पुरस्कार मुख्यमंत्री डॉ. यादव बेंगलुरू इन्वेस्ट मीट में उद्योगपतियों को खनिज क्षेत्र में निवेश के लिये करेंगे प्रोत्साहित यहां हैं निवेश और व्यवसाय की भरपूर संभावनाएं भोपाल मध्यप्रदेश भारत के खनन और खनिज क्षेत्र में अपनी श्रेष्ठता को लगातार साबित कर रहा है, जिससे उल्लेखनीय उपलब्धियाँ और भविष्य की संभावनाएँ सामने आ रही हैं, जो महत्वपूर्ण औद्योगिक विकास और आर्थिक प्रगति को प्रोत्साहित करेंगी। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दो दिवसीय प्रवास पर बेंगलुरू जाने वाले है। जहाँ वे 8 अगस्त को इंटरेक्टिव सेशन में प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदा पर उद्योगपतियों का ध्यान आकर्षित कर निवेश के लिये प्रोत्साहित करेंगे। गौर तलब है कि मिनरल ऑप्शन के लिये मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर पहला पुरस्कार भी मिल चुका है। मध्यप्रदेश में जल्दी ही एल्युमिनियम, लेटराइट, बॉक्साइट, मेटल, डायमंड, गोल्ड, लाइमस्टोन मैंगनीज के 33 ब्लॉक की नीलामी होने जा रही है। इसी प्रकार 17 कोल ब्लॉक के ऑक्शन भी प्रक्रिया में है। प्रमुख खनिजों के 20 ब्लॉक ऑक्शन की प्रक्रिया में है। इनमें मैंगनीज, डायमंड बॉक्साइट, लेटराइट, गोल्ड, बेस मेटल और लाइमस्टोन हैं। इस दृष्टि से मध्यप्रदेश में खनिज संपदा में निवेश की बहुत ज्यादा संभावना बनी हैं। पिछले साल एक साथ 51 ब्लॉक का आक्शन हुआ था, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है। मध्यप्रदेश में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज संसाधनों में कोयला, लाइमस्टोन, डायमंड और पायरोफ्लाइट है। मध्यप्रदेश देश का चौथा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक राज्य है। यहां सिंगरौली, सीधी, छिंदवाड़ा, बैतूल, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया और नरसिंहपुर भरपूर कोयला भंडार है। कोयले का उपयोग थर्मल पावर प्लांट्स और कोल गैसीफिकेशन प्लांट्स में होता है। इनसे संबंधित उद्योगों के लिए निवेश की भरपूर संभावनाएं हैं। इसी प्रकार चूना पत्थर का भी प्रदेश में भरपूर भंडार है। यहां रीवा, सतना, सीधी, मैहर, दमोह, कटनी पन्ना, धार और नीमच में भरपूर भंडार है। देश के कुल लाइमस्टोन भंडार का 9% मध्यप्रदेश में है। इस दृष्टि से सीमेंट उद्योग के लिए मध्यप्रदेश एक आदर्श निवेश स्थान है। यहां जो लॉजिस्टिक क्षेत्र में सुधार हुआ है इस दृष्टि से भी मध्यप्रदेश से देश के सभी राज्यों का संपर्क बेहतर हो गया है। देश में उपलब्ध डायमंड भंडार का 90% मध्यप्रदेश में पाया जाता है। यह अकेले पन्ना और छतरपुर में है। इस दृष्टि से यहां डायमंड बिजनेस पार्क और और कंपोजिट लाइसेंस के लिए 5 ब्लॉक की पहचान की गई है। मध्यप्रदेश पायरोफ्लाइट के उत्पादन में भी अग्रणी राज्य है। यहां देश के उत्पादन का 41% उत्पादन हो रहा है। देश में सर्वाधिक भंडार 14 मिलियन टन मध्यप्रदेश में है, जो छतरपुर, शिवपुरी और टीकमगढ़ में है। इसके भंडारण को देखते हुए देश में सेरेमिक, पॉटरी, पोर्सलिन और टाइल्स उद्योगों के लिए सबसे लाभकारी निवेश स्थान है।  समृद्ध खनिज संपदा पूरा मध्यप्रदेश खनिज संपदा से भरा पड़ा है। ग्वालियर और शिवपुरी में आयरन और क्वार्ट्ज और फ्लैगस्टोन पाया जाता है। झाबुआ और अलीराजपुर में रॉक फास्फेट डोलोमाइट, लाइमस्टोन, मैंगनीज और ग्रेफाइट मिलता है। नीमच में लाइमस्टोन, बैतूल में कोल, ग्रेफाइट ग्रेनाइट, लेड और जिंक मिलता है। छिंदवाड़ा में कोल, मैंगनीज और डोलोमाइट मिलता है बालाघाट में कॉपर, मैंगनीज, डोलोमाइट, लाइमस्टोन, बॉक्साइट, मंडला और डिंडोरी में डायमंड, डोलोमाइट और बॉक्साइट, सिंगरौली में कोल, गोल्ड, आयरन और शहडोल, अनूपपुर, उमरिया में कोल, कॉल बेड मीथेन, बॉक्साइट, सागर, छतरपुर और पन्ना में डायमंड, रॉक फॉस्फेट डायस्पोर, आयरन और ग्रेनाइट मिलता है। जबलपुर में डोलोमाइट, आयरन अयस्क, लाइमस्टोन, मैंगनीज, गोल्ड और मार्बल मिलता है। देश में कोयल का उत्पादन 3 लाख 61 हजार 411 मीट्रिक टन है। मध्यप्रदेश में 30 हजार 916 मेट्रिक टन कोल्ड रिजर्व है, जो देश का 8 प्रतिशत है। इसीप्रकार चूना पत्थर देश में 19028.5 मैट्रिक टन है और मध्यप्रदेश में 1692 मिट्रिक टन है, जो देश का 9% है। लौह अयस्क देश में 6209 और मध्यप्रदेश में 54.1 मीट्रिक टन है, जो देश का एक प्रतिशत है। इसी प्रकार तांबा देश में 163.9 मैट्रिक टन है। मध्यप्रदेश में 120.4 मीट्रिक टन है, जो देश का 73 प्रतिशत है। इसी प्रकार मैंगनीज अयस्क 75.0 मीट्रिक टन है। मध्यप्रदेश में 19.6 मिट्रिक टन है, जो देश का 26% है। बॉक्साइट 640.5 मीट्रिक टन है और मध्यप्रदेश में 18.6 मीट्रिक टन है, जो देश का तीन प्रतिशत है। रॉक फॉस्फेट देश में 30.9 मैट्रिक टन रिजर्व है और मध्यप्रदेश में 9.0 मीट्रिक टन है, जो 29% है। राष्ट्रीय रैंकिंग में भी आगे राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश तांबा, मैग्नीज और हीरा उत्पादन में पहले स्थान पर है। इसी तरह रॉक फास्फेट में दूसरे, चूना पत्थर में तीसरे और कोयला उत्पादन में चौथे स्थान पर है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. 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