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महाकुंभ से पहले प्रयागराज एयरपोर्ट पर दीप्तिमान 84 स्तंभों की स्थापना होगी

प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य स्वरूप देने के लिए कुंभ नगरी के कोने-कोने में धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों की स्थापना की जा रही है । शहर की सड़क, चौराहे और शहर की प्रमुख दीवारें सज संवर रही हैं। प्रयागराज का सिविल एयरपोर्ट भी इससे अछूता नहीं है। यहां दीप्तिमान 84 स्तंभों की स्थापना इसी का हिस्सा है। सृष्टि जीवन का क्रमिक विकास है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यह 84 लाख योनियों से होकर गुजरता है। प्रयागराज के सिविल एयरपोर्ट में सृष्टि के इसी विकास क्रम को 84 आलोकित स्तंभों के माध्यम से दर्शाया जा रहा है। जल निगम की कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन डिवीजन इसकी कार्यदाई संस्था है। सीएनडीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर रोहित कुमार राना का कहना है कि एयरपोर्ट के बाहर सड़क के दोनो तरफ इन स्तंभों की स्थापना की जा रही है। 21 करोड़ 30 लाख के बजट से ये विशेष आलोकित स्तंभ तैयार हो रहे हैं। इसके लिए 10 करोड़ की पहली किश्त जारी की जा चुकी है। नवंबर तक इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। देश विदेश से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को ये स्तंभ आकर्षित करेंगे। एयरपोर्ट टर्मिनल के सामने से जाने वाली सड़क में ये 84 स्तंभ स्थापित किए जाएंगे। ह स्तंभ की लंबाई 6 मीटर होगी और यह खास स्टोन से बनाया जा रहा है । प्रोजेक्ट मैनेजर के मुताबिक लगभग 525 मीटर की लंबाई में सीधी रेखा में स्थापित होने वाले इन 84 स्तंभों में जीव 84 लाख योनियों का संकेत होगा, जिससे सृष्टि का सार होगा। एक स्तंभ से दूसरे स्तंभ की दूरी 12 मीटर रखी गई है। हर स्तंभ में भगवान शिव के सहस्त्र नाम भी लिखे जाएंगे। रात के समय इन स्तंभों में स्पेशल लाइटिंग का इंतजाम किया है ताकि अंधेरे में भी ये उतनी ही चमक के साथ आलोकित होते रहें। स्तंभ के पास फूलदार सजावटी पौधे भी रोपित किए जाएंगे। नजदीक बैठने के लिए विशिष्ट बेंच का भी निर्माण किया जायेगा।     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 40

हीरे के बाद अब सोना भी निकालेगा मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

दो दिवसीय माईनिंग कॉन्क्लेव खनिज कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए : मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रदेश में खनिज क्षेत्र में निवेश को पूर्ण प्रोत्साहन,11 औद्योगिक संस्थान निवेश के लिये आगे आये  : मुख्यमंत्री डॉ. यादव हीरे के बाद अब सोना भी निकालेगा मध्यप्रदेश  : मुख्यमंत्री डॉ. यादव अयोध्या में रामलला के मंदिर में उपयोग में लाए गए मध्यप्रदेश के मंडला के पत्थर मुख्यमंत्री दो दिवसीय माईनिंग कॉन्क्लेव के समापन सत्र में हुए शामिल भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश खनिज संपदा से समृद्ध राज्य है। इस संपदा के दोहन के लिए प्रयास बढ़ाते हुए खनिज क्षेत्र में नए निवेश को पूरा प्रोत्साहन दिया जाएगा। खनन क्षेत्र के उद्यमियों को राज्य सरकार सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगी। प्रदेश की खनिज संपदा का दोहन करते हुए उत्पाद भी प्रदेश में ही हो, ऐसे प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को 2 दिवसीय माईनिंग कॉन्क्लेव के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में सम्पन्न कॉन्क्लेव में विभिन्न 11 औद्योगिक संस्थानों की ओर से 19,650 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में एमओआईएल (भारत सरकार का उपक्रम) और मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम लिमिटेड के मध्य खनिज ब्लॉक से संबंधित "संयुक्त उद्यम समझौता" हस्ताक्षरित भी हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस कॉन्क्लेव को सफल आयोजन बताते हुए कहा कि प्रदेश के खनिज राजस्व में भी 5 गुना वृद्धि का लक्ष्य आने वाले समय में प्राप्त किया जाएगा। उद्यमियों के साथ भू-गर्भ शास्त्री, वैज्ञानिक, खनिज विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, भारत सरकार के खनिज मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अधिकारी कॉन्क्लेव में शामिल हुए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति विश्व में सबसे अलग है। जहां अन्य देश राष्ट्र को पिता मानते हैं, हमारे देश में हम भारत माता की जय का उद्घोष करते हैं। मातृ प्रधान व्यवस्था को प्राचीन काल से प्रश्रय मिला। हम देश को भी मातृ संस्था मानते हैं। शरीर की रचना भी ब्रम्हांड की तरह होती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहाकि इस वसुंधरा की नदियां मनुष्य के रक्त प्रवाह के समान हैं। पृथ्वी में भी प्राण होते हैं और वनस्पति में भी प्राण होते हैं, यह हमारी मान्यता अन्य देशों से काफी पुरानी हैं। प्रकृति के दोहन और शोषण के अंतर को समझने की आवश्यकता है। खनिज संपदा की दृष्ट से ईश्वर की कृपा मध्यप्रदेश पर है। माईनिंग कॉन्क्लेव में प्रमुख निवेश प्रस्ताव क्र फर्म/कम्पनी का नाम प्रोजेक्ट का विवरण स्थान 1 ल्यूगांग इंडिया, नई दिल्ली प्रदेश में माइनिंग उपकरण निर्माण इकाई स्थापना निवेश राशि 250 करोड़ – 2 इंडियन रेयर अर्थस, मुंबई रेयर मेटल्स क्लस्टर की स्थापना औद्योगिक क्षेत्र अचारपुर, जिला भोपाल 3 द कमोडिटी हब, गुरूग्राम हरियाणा कॉपर, रॉकफास्फेट तथा सिलीकॉन बेनीफिकेशन प्लांट की स्थापना, निवेश राशि 2000 करोड़ बालाघाट एवं खरगौन 4 श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड, रायपुर छत्तीसगढ़ इंट्रीगेटेड स्टील प्लांट,-निवेश राशि 1000 करोड़ उमरिया 5 व्रिज आयरन एवं स्टील लिमि. जल विहार कालोनी रायपुर इंट्रीगेटेड स्टील प्लांट,-निवेश राशि 1000 करोड़ कोतमा शहडोल 6 बैर्री अलायज, कोलकाता प्रदेश में फेरो अलायज इकाई की स्थापना निवेश राशि 400 करोड़ – 7 इन्विनायर पेट्रोडाइन लिमिटेड कोल बेड मीथेन और कोल गैसीफिकेशन में निवेश राशि 5000 करोड़ बैतूल और छिंदवाड़ा 8 डालमिया सीमेंट, नई दिल्ली प्रदेश में सीमेंट प्लांट की स्थापना निवेश राशि 3000 करोड़ सतना 9 जे.के. सीमेंट पन्ना जिले में स्थापित सीमेंट प्लांट का विस्तारीकरण निवेश राशि 2500 करोड़ पन्ना सिंगरौली एवं शहडोल जिले में आवंटित कोल ब्लॉक निवेश राशि 1000 करोड़ सिंगरौली एवं शहडोल 10 अंबुजा सीमेंट अहमदाबाद, गुजरात प्रदेश में सीमेंट प्लांट की स्थापना निवेश राशि 3000 करोड़ रीवा 11 सागर स्टोन इंडस्ट्रीज, जबलपुर फोस्फोराईट से खाद विनिर्माण इकाई की स्थापना, निवेश राशि 500 करोड़ छतरपुर   कुल 19650   प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जेट की गति से बढ़ रहा देश मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश जेट की गति से आगे बढ़ रहा है। खनिज के क्षेत्र में प्रधानमंत्री की कल्पना के अनुसार भारत वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। मध्यप्रदेश भी विकास के सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। जहां कृषि के साथ ही पशुपालन और अन्य क्षेत्रों में नए प्रकल्प आ रहे हैं, वहीं खनिज क्षेत्र में मध्यप्रदेश उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित करेगा। भारत सरकार द्वारा खनिजों की नीलामी में पुरस्कृत मध्यप्रदेश विविध प्रकार की खनिज संपदा के समुचित दोहन के लिए संकल्पबद्ध है। मध्यप्रदेश सरकार खनिज क्षेत्र में निवेश को भरपूर प्रोत्साहन देगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खनन क्षेत्र में उद्यमियों को सरकार का पूरा साथ मिलेगा। खनिज क्षेत्र मध्यप्रदेश को प्रगति के नए आयामों को छूने में सहयोगी बनेगा। हर महीने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में हर महीने अलग-अलग क्षेत्रों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हो रही हैं। इस वर्ष अब तक हुई 4 कॉन्क्लेव के फलस्वरूप लगभग 2 लाख 50 हजार करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। आने वाली 23 अक्टूबर को रीवा में "रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव" उद्योग के विभिन्न सेक्टर्स में नए निवेश लाने में सहयोगी होगी। एक ही दिन में दो बड़े आयोजनों में भागीदारी का सौभाग्य मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में औद्योगिक प्रगति को अग्रसर रखने एवं युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिये रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव की जा रही है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश की पूरी क्षमता को विकसित करने हमने पर्यटन की भी कॉन्क्लेव की। आज मैं दो कॉन्क्लेव में शामिल हुआ। सुबह पेट्रोकेमिकल एवं फार्मा इंडिया केम मुंबई में शामिल हुआ और अभी माइनिंग कॉन्क्लेव में शामिल हुआ हूँ। विभागवार कॉन्क्लेव की श्रंखला जारी रहेगी। अगले वर्ष फरवरी में जीआईएस का आयोजन करेंगे। मध्यप्रदेश में चहुँमुंखी औद्योगिक विकास और रोजगार बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगे। अयोध्या के राम मंदिर तक पहुंचा मध्यप्रदेश का पत्थर, हीरे के बाद सोना भी निकालेंगे मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि निश्चित ही यह गर्व का विषय है कि गोंडवाना अंचल के मंडला जिले में खनन से प्राप्त पत्थर का उपयोग अयोध्या में श्रीरामलला मंदिर के गर्भ गृह में लगाने का सौभाग्य मध्यप्रदेश को मिला। निश्चित ही यह पत्थर गुणवत्ता की दृष्टि से इस योग्य … Read more

20 अक्टूबर को करवा चौथ, नोट करें पूजा का मुहूर्त, विधि

पति की सालमती के लिए करवा चौथ के दिन निर्जल व्रत रखा जाता है। शाम के टाइम चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा के दर्शन कर व्रत का पारण किया जाता है। सनातन धर्म में सुहागिनों द्वारा रखे जाने वाला करवा चौथ का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे आमतौर पर शादी-शुदा महिलाएं मनाती हैं। पति की सालमती के लिए इस दिन निर्जल व्रत रखा जाता है। शाम के टाइम चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा के दर्शन कर व्रत का पारण किया जाता है। कब है करवा चौथ आचार्य अशोक पांडे के अनुसार, इस साल यह पर्व 20 अक्टूबर को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महिलाएं इस दिन कठिन व्रत का पालन करती हैं और विधिवत पूजा-अर्चना करती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से पति को लंबी उम्र और सुरक्षा प्राप्त होती है। साथ ही घर में समृद्धि आती है। पूजा का मुहूर्त चतुर्थी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 20, 2024 को 06:46 बजे चतुर्थी तिथि समाप्त – अक्टूबर 21, 2024 को 04:16 बजे करवा चौथ व्रत समय – सुबह 06:25 से शाम19:54 अवधि – 13 घण्टे 29 मिनट्स करवा चौथ पूजा मुहूर्त- शाम 05:46 बजे से शाम 07:02 बजे तक अवधि – 01 घण्टा 16 मिनट्स करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय का समय- शाम 07:54 बजे करवा चौथ पूजा सामग्री मिट्टी या तांबे का करवा और ढक्कन, पान, सींक, कलश, अक्षत, चंदन, फल, पीली मिट्टी, फूल, हल्दी, लकड़ी का आसान, देसी घी,कच्चा, दूध, दही, शहद, शक्कर का बूरा, रोली, मौली, मिठाई, चलनी या चलनी आदि। करवा चौथ पूजा-विधि ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें मंदिर और घर की साफ-सफाई करें सभी देवी-देवताओं की विधि-विधान पूजा करें करवा चौथ व्रत रखने का संकल्प लें संध्या के समय शुभ मुहूर्त में करवा चौथ की व्रत कथा का पाठ करें फिर चंद्रमा की पूजा करें चंद्र दर्शन करने के बाद अर्घ्य दें पति को छलनी से देखकर आरती उतारें फिर पति द्वारा पत्नी को पानी पिलाकर व्रत पारण किया जाता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 70

राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत इस्पात क्षेत्र में पायलट परियोजनाओं का शुभारंभ, तीन पायलट प्रोजेक्ट को मंजूरी

नई दिल्ली राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार ने इस्पात उत्पादन में हरित हाइड्रोजन के उपयोग के लिए तीन पायलट परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इससे पहले नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस पहल के तहत इस्पात क्षेत्र में पायलट परियोजनाओं को लागू करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने  एक बयान में कहा कि पायलट परियोजनाओं के माध्यम से परियोजना का लक्ष्य इस्पात निर्माण में हरित हाइड्रोजन का उपयोग करने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियों की पहचान करना है। ये परियोजनाएं हरित हाइड्रोजन आधारित इस्पात निर्माण प्रक्रियाओं के सुरक्षित संचालन को प्रदर्शित कर सकती हैं, तकनीकी व्यवहार्यता और दक्षता स्थापित कर सकती हैं और कम कार्बन वाले लौह एवं इस्पात उत्पादन को सक्षम करने के लिए उनकी आर्थिक व्यवहार्यता का आकलन कर सकती हैं। प्राप्त प्रस्तावों के मूल्यांकन के आधार पर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस्पात क्षेत्र में कुल तीन पायलट परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इसके लिए केंद्र सरकार की कुल वित्तीय सहायता 347 करोड़ रुपये है। इन पायलट परियोजनाओं के अगले 3 वर्षों में चालू होने की संभावना है, जिससे भारत में ऐसी प्रौद्योगिकियों का विस्तार होगा। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन आंदोलन 4 जनवरी 2023 को शुरू किया गया था। वित्त वर्ष 2029-30 तक इसके लिए 19,744 करोड़ रुपये रखे गए हैं। इस कदम से अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी, डीकार्बोनाइजेशन को बढ़ावा मिलेगा, जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भरता कम होगी और भारत को हरित हाइड्रोजन में प्रौद्योगिकी और बाजार का नेतृत्व करने में मदद मिलेगी।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 135

मंगल ग्रह पर एलियन जीवन के संकेत, सूखे बर्फ की चादर के नीचे, एक नई स्टडी में खुलासा हुआ

नई दिल्ली मंगल ग्रह के बर्फीले हिस्सों में एलियन जीवन हो सकता है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि मंगल ग्रह के आइसकैप यानी बर्फ की चादरों के नीचे जीवन होना चाहिए. साइंटिस्ट  ये मानते हैं कि वहां पर फोटोसिंथेसिस जैसी प्रक्रिया हो रही होगी. लेकिन सूखे बर्फ की चादर के नीचे. एक नई स्टडी में यह खुलासा हुआ है. फोटोसिंथेसिस वह प्रक्रिया है, जिसमें पौधे, एल्गी और साइनोबैक्टीरिया केमिकल एनर्जी पैदा करते हैं. इसके लिए चाहिए पानी और सूरज की रोशनी. धरती के वायुमंडल पर सबसे ज्यादा ऑक्सीजन यहीं से पैदा होता है. लेकिन एक नई स्टडी के मुताबिक मंगल ग्रह पर ध्रुवों के पास बर्फ की मोटी चादर बिछी है. जिसके नीचे जीवन हो सकता है. वैज्ञानिक ये मानते हैं कि सूरज के रेडिएशन से बचने के लिए बर्फ की चादरों के नीचे जीवन फोटोसिंथेसिस के जरिए या उसके जैसी किसी प्रक्रिया से पनप रहा होगा. जिसे रेडिएटिव हैबिटेबल जोन्स (Radiative Habitable Zones) कहते हैं. फोटोसिंथेसिस को क्या चाहिए. सटीक मात्रा में रोशनी. इससे यह नहीं पता चलता कि मंगल पर जीवन है. कई स्पेसक्राफ्ट्स के डेटा के आधार पर अनुमान मंगल पर जीवन होने की उम्मीद है. वैज्ञानिक नासा के मार्स ऑर्बिटर, परर्सिवरेंस रोवर, मार्स सैंपल रिटर्न और एक्सोमार्स जैसे स्पेसक्राफ्ट्स से आए डेटा का एनालिसिस कर रहे थे. वैज्ञानिकों की ये हाइपोथिसिस इन स्पेसक्राफ्ट्स से मिले डेटा के आधार पर बनाई गई है. इसकी पुष्टि तो मंगल ग्रह पर जाकर बर्फ के नीचे जांच करने से ही होगी. नासा जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के शोधकर्ता औऱ फेलो आदित्य खुल्लर ने कहा कि हम ये नहीं कह रहे हैं कि हमने मंगल पर जीवन खोज लिया है. लेकिन हमारा मानना है कि मंगल ग्रह के धूल वाले सूखे बर्फीले चादरों के नीचे जीवन होने की संभावना है. भविष्य में इसकी जांच हो सकती है. धरती VS मंगल… कहां क्या है अंतर? धरती और मंगल ग्रह हैबिटेबल जोन में आता है. यानी सूरज से इनकी दूरी इतनी है कि यहां पर जीवन अच्छे से पनप सकता है. पृथ्वी इस बात का सबूत है. तापमान इतना सही रहता है कि ग्रह पर पानी भी हो सकता है. धरती पर तो है. तरल पानी का समंदर. मंगल ग्रह सूखा है. ज्यादातर हिस्सा लाल और ड्राई. मंगल ग्रह पर गए ज्यादातर स्पेसक्राफ्ट जैसे- क्यूरियोसिटी, परर्सिवरेंस रोवर ने वहां सूखी नदियों के बेसिन, झीलें, नदियों का शाखाएं देखी हैं. हो सकता है कि करोड़ों साल पहले कभी वहां पानी रहा हो. इस बात की पुष्टि तो मंगल के चारों तरफ उड़ान भरने वाले मार्स रीकॉन्सेंस ऑर्बिटर ने भी की है. लेकिन मंगल ग्रह ने अपना पानी खो दिया. मंगल ग्रह पर अल्ट्रावायलेट रेडिएशन बहुत ज्यादा है. जो कि जीवन के लिए खतरनाक है. ऐसे में वहां पर जटिल कोशिकाओं वाले जीवन की संभावना कम है. आदित्य ने बताया कि धरती की तरह मंगल ग्रह पर ओजोन जैसा कोई सुरक्षा कवच नहीं है. इसलिए वहां पर 30 फीसदी ज्यादा रेडिएशन होता है. कितनी बर्फ है मंगल ग्रह पर? मंगल ग्रह पर बर्फ की चादर बहुत है लेकिन प्रदूषित है. डेटा एनालिसिस से पता चलता है कि मंगल ग्रह पर 2 से 15 इंच तक बर्फ की चादर है. जिसमें 0.1 फीसदी धूल भी मिली है. यानी मार्शियन डस्ट. प्रदूषण मिक्स होने की वजह से बर्फ चादर की मोटाई कहीं-कहीं 7 से 10 फीट भी हो सकती है. ऐसे में इसके नीचे जीवन पनपने की संभावना बढ़ जाती है. क्योंकि यहां पर सूरज के रेडिएशन का असर कम हो जाता है.     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 98

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शनिवार को राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह की शुरुआत करेंगे

नई दिल्ली  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शनिवार को ‘कर्मयोगी सप्ताह’ यानी राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह की शुरुआत करेंगे। इसके तहत लोक सेवकों के लिए व्यक्तिगत और संगठनात्मक क्षमता विकसित करने की दिशा में नए सिरे से प्रोत्साहन देने की कवायद की जाएगी। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में यह जानकारी दी। पीएमओ ने बताया कि ‘मिशन कर्मयोगी’ की शुरुआत सितंबर 2020 में की गई थी और तब से इसने पर्याप्त प्रगति की है। इसमें वैश्विक परिप्रेक्ष्य के साथ भारतीय लोकाचार में निहित भविष्य के लिए तैयार सिविल सेवा की कल्पना की गई है। बयान में कहा गया राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह लोक सेवकों के लिए व्यक्तिगत और संगठनात्मक क्षमता विकास की दिशा में नई गति प्रदान करने वाला, अपनी तरह का सबसे बड़ा आयोजन होगा। पीएमओ ने कहा कि यह पहल सीखने और विकास के लिए एक नई प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करेगी। राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह का उद्देश्य ‘एक सरकार’ का संदेश देना, सभी को राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ जोड़ना और आजीवन सीखने को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम व्यक्तिगत प्रतिभागियों और मंत्रालयों, विभागों और संगठनों द्वारा जुड़ाव के विभिन्न रूपों के माध्यम से सीखने के लिए समर्पित होगा। इस दौरान, प्रत्येक ‘कर्मयोगी’ कम से कम चार घंटे की योग्यता से जुड़े गुर सीखने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध होगा। प्रतिभागी प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा आईजीओटी, वेबिनार (सार्वजनिक व्याख्यान या नीति विशेषज्ञों की कक्षाएं) पर व्यक्तिगत भूमिका-आधारित मॉड्यूल के संयोजन के माध्यम से लक्षित घंटों को पूरा कर सकते हैं। बयान में कहा गया है कि सप्ताह के दौरान, प्रख्यात वक्ता अपनी विशेषज्ञता के विषय पर व्याख्यान देंगे और कर्मयोगियों को अधिक प्रभावी तरीके से नागरिक-केंद्रित वितरण की दिशा में काम करने में मदद करेंगे। सप्ताह के दौरान, मंत्रालय, विभाग और संगठन क्षेत्र विशिष्ट दक्षताओं को बढ़ाने के लिए सम्मेलन और कार्यशालाएं भी आयोजित करेंगे।     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 46

उज्जैन में अनोखी घड़ी का अनावरण, खासियत यह कि 24 घंटे नहीं बल्कि 30 घंटे का समय दिखाती

उज्जैन शहर में अनोखी घड़ी का अनावरण किया गया, जो वैदिक समय प्रणाली पर आधारित है। 'विक्रमादित्य वैदिक घड़ी' नाम की इस घड़ी को डॉ. आरोह श्रीवास्तव ने बनाया है। इस घड़ी की खासियत यह है कि यह 24 घंटे नहीं बल्कि 30 घंटे का समय दिखाती है, जो एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय के बीच का समय होता है। इस घड़ी में 60 मिनट की बजाय 48 मिनट का एक घंटा होता है और यह अलग-अलग मुहूर्त भी दिखाती है। जल्द ही इस घड़ी को मोबाइल ऐप, कलाई घड़ी और दीवार घड़ी के रूप में भी लॉन्च किया जाएगा। 30 कला का होता है एक मुहूर्त डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि यह घड़ी प्राचीन भारतीय समय निर्धारण प्रणाली पर आधारित है जो 30 मुहूर्त दिखाती है। प्रत्येक मुहूर्त 30 कला का होता है, जो लगभग 48 मिनट के बराबर होता है। इस तरह यह घड़ी 24 घंटे में 30 मुहूर्त, 30 कला और 30 काष्ठ का रूपांतरण दिखाती है। सिर्फ समय नहीं बताती ये घड़ी यह घड़ी सिर्फ समय ही नहीं बताती बल्कि इसमें पंचांग और मुहूर्त देखने की सुविधा भी है। इसमें विक्रम संवत पंचांग, 30 मुहूर्त, योग, भद्रा, चंद्रमा की स्थिति, नक्षत्र, चौघड़िया, सूर्योदय, सूर्यास्त, सूर्य ग्रहण, चंद्रग्रहण इत्यादि की जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है। मुहूर्त भी बताती है ये घड़ी डॉ. श्रीवास्तव ने बताया, 'यह घड़ी सूर्योदय और सूर्यास्त के आधार पर समय बताएगी। बोलचाल की भाषा में अभिजीत मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त और अमृत काल कहा जाता है। इस घड़ी में 24 घंटों को 30 मुहूर्तों में बांटा गया है। हर मुहूर्त का एक धार्मिक नाम होता है।' ग्राफिक्स का भी इस्तेमाल इस घड़ी की एक और खासियत यह है कि इसमें ग्राफिक्स का भी इस्तेमाल किया गया है। हर घंटे अलग-अलग तस्वीरें इस घड़ी में दिखाई देती हैं। साथ ही देश व दुनिया भर में सूर्यास्त और सूर्य ग्रहण व चंद्र ग्रहण को भी इसमें दर्ज किया जाएगा और लोगों तक उसकी जानकारी पहुंचेगी। इस घड़ी का उपयोग मोबाइल ऐप के जरिए भी किया जा सकेगा। यानी आप अपने मोबाइल फोन पर भी इस घड़ी का इस्तेमाल कर सकेंगे। इस उद्देश्य से बनाई है घड़ी इस अनोखी घड़ी को बनाने का उद्देश्य लोगों को प्राचीन भारतीय ज्ञान-विज्ञान से अवगत कराना है। यह घड़ी भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। इस घड़ी के बारे में जानकारी देते हुए कहा गया, 'वर्तमान में प्रचलित घड़ी मेकेनिकल होने से दिन व रात को बराबर 12-12 घण्टों में बांटती है परन्तु वास्तव में सम्पूर्ण विश्व में दिन व रात एक जैसे नहीं होते हैं। सूर्य उदय के समयानुसार हर शहर का दिन-रात का समय अलग – अलग होता है। यह वैदिक घड़ी सूर्य सिध्दान्त पर कार्य करती है। सूर्योदय से समय की गणना करती है दिन भर के 15 मुहूर्त व रात्रि के 15 मुहूर्त दर्शाती है। इसे भविष्य में शीघ्र ही मोबाइल एप रिष्टवॉच (कलाई घड़ी) दीवार घड़ी के रूप में लांच किया जावेगा।' Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 96