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राजस्थान: उपचुनाव के 23 नवंबर को आने वाले परिणाम से कई नई तस्वीरें उभरकर सामने आने की संभावना

जयपुर राजस्थान में इस बार गत 13 नवंबर को हुए सात विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव के 23 नवंबर को आने वाले परिणाम से कई नई तस्वीरें उभरकर सामने आने की संभावना हैं और इसका असर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, सांसद हनुमान बेनीवाल एवं अन्य कुछ सांसदों सहित कई नेताओं की राजनीतिक प्रतिष्ठा पर पड़ेगा। अगर भाजपा उपचुनाव की अधिकतर सीटे जीत जाती है तो मुख्यमंत्री श्री शर्मा की राजनीतिक प्रतिष्ठा के चार चांद लग जायेंगे और वह प्रदेश में नये जादूगर साबित होंगे वहीं भाजपा के नये प्रदेश अध्यक्ष श्री राठौड़ का भी कद बढ़ जायेगा। अगर कांग्रेस उपचुनाव हारती है तो जहां इसके प्रदेश में सबसे वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जादूगरी विफल मानी जायेगी वहीं कांग्रेस के उभरते प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की राजनीतिक प्रतिष्ठा को गहरा धक्का लगेगा। कांग्रेस के उपचुनाव हारने से यह भी साबित हो जायेगा कि प्रदेश में राज्य सरकार के खिलाफ कोई असंतोष की लहर नहीं थी और लोगों ने भाजपा की केवल 10-11 महीने की सरकार के पक्ष में मतदान कर पहली बार के विधायक बनने के बाद मुख्यमंत्री बने श्री भजन लाल शार्मा का कद और बढ़ जायेगा। उपचुनाव में अगर कांग्रेस चुनाव जीत जाती है तो उसके उपचुनाव में किए गये दावे सही साबित होंगे और यह भी माना जायेगा कि कहीं न कहीं लोगों में सरकार के खिलाफ असंतोष की लहर भी थी। लेकिन कांग्रेस के चुनाव हारने पर जहां सरकार के दावे तो सही साबित होंगे वहीं यह भी माना जायेगा कि सियासी जादूगर श्री गहलोत के उपचुनाव में गैर मौजूदगी तथा पार्टी में तालमेल एवं गुटबाजी का असर भी पड़ा हैं। इसके अलावा उपचुनाव में हार-जीत का असर सांसद बृजेन्द्र ओला, हरीश मीणा, मुरारी लाल मीणा की राजनीतिक प्रतिष्ठा पर भी पड़ेगा। उपचुनाव की सबसे चर्चित सीट खींवसर से अगर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) की प्रत्याशी एवं सांसद हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल चुनाव हार जाती हैं तो रालोपा के अस्तित्व पर बड़ा संकट आ सकता है और उपचुनाव में श्री बेनीवाल कह भी चुके है कि अगर उनकी पत्नी चुनाव हारती है तो वह पार्टी को समाप्त कर देंगे। अगर खींवसर में रालोपा जीत जाती है तो न केवल उनका शुरु से इस क्षेत्र में चला आ रहा दबदबा बरकरार रहेगा साथ ही उनकी राजनीतिक साख में और इजाफा होगा वहीं राज्य के चिकिस्ता मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर को अपना सिर और मूंछ मुंडवानी पड़ जायेगी। उपचुनाव के प्रचार में श्री खींवसर ने चुनाव सभा में ऐलान किया था कि अगर भाजपा प्रत्याशी रेवंतराम डांगा चुनाव हार जाते है तो वह अपना सिर और मूंछ दोनों यहां मूंडवा लेंगे। उपचुनाव मतदान के बाद में उन्होंने यह भी कहा कि अगर यह जरुरत भी पड़ी तो वह तिरुपति में जाकर करेंगे। पिछला विधानसभा चुनाव हार चुके पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा के भी उपचुनाव हार जाने से उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा पर गहरा असर पड़ेगा। इसी प्रकार कांग्रेस प्रत्याशी अमित ओला के चुनाव हारने पर बृजेन्द्र सिंह ओला की राजनीतिक प्रतिष्ठा में भी गिरावट आयेगी और ओला परिवार का विधानसभा क्षेत्र स्तर पर उनका राजनीतिक दबदबा समाप्त हो जायेगा। इसी तरह डूंगरपुर जिले की चौरासी सीट से भारत आदिवासी पार्टी (बाप) का प्रत्याशी अनिल कटारा चुनाव हार जाते है तो बाप नेता एवं सांसद राजकुमार रोत की राजनीतिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचेगी और उनकी भी विधानसभा स्तर पर राजनीतिक दबदबा कमजोर हो जायेगा। इसके अलावा दौसा से अगर भाजपा के प्रत्याशी जगमोहन मीणा चुनाव हार जाते है तो उनके भाई एवं कृषि मंत्री डा किरोड़ी लाल मीणा की राजनीतिक प्रतिष्ठा को गहरा धक्का पहुंचेगा और इसके बाद श्री किरोड़ी मीणा क्या राजनीतिक फैसला लेंगे, वह देखने वाली बात होगी। क्योंकि गत लोकसभा चुनाव में जब उनके राजनीतिक प्रभाव वाली कुछ सीटे भाजपा के हार जाने पर उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा भेज दिया था हालांकि इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ लेकिन वह इस दौरान कुछ महीनों तक मंत्री के रुप में काम भी नहीं किया। अब दौसा उपचुनाव में अगर उनका भाई चुनाव हार जाते हैं तो वह क्या करेंगे, यह देखने वाली बात होगी लेकिन उनके भाई के चुनाव जीत जाने पर डा किरोड़ी का कद और बढ़ जायेगा। उपचुनाव के परिणाम का देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में भी गहरा असर देखने को मिल सकता है और मतदान के दौरान उपखंड अधिकारी के थप्पड़ मारने वाले निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा चुनाव जीत जाते हैं तो सबसे चौकाने वाले परिणाम होंगे और उनकी नई राजनीतिक पारी शुरु होगी। अगर वह चुनाव हार जाते है तो राजनीतिक भविष्य शुरु होने से पहले ही समाप्त भी हो सकता है। कांग्रेस के कस्तूर चंद मीणा जीतते है तो कांग्रेस की साख बच जायेगी जबकि पूर्व मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी जीतते है तो उनकी एवं भाजपा की क्षेत्र में फिर राजनीतिक प्रतिष्ठा कायम होगी। उपचुनाव परिणाम का रामगढ़ में पूर्व विधायक जुबैर खान एवं सलूंबर में पूर्व विधायक अमृतलाल मीणा परिवार की राजनीतिक प्रतिष्ठा पर भी पड़ने वाला हैं जहां दोनों जगह इन परिवारों पर अपनी राजनीतिक प्रतिष्ठा बरकरार रखने की चुनौती थी। उपचुनाव के मतदान के बाद भाजपा, कांग्रेस, रालोपा, बाप पार्टी एवं कुछ निर्दलीय अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं लेकिन चुनावी किस्मत का पिटारा 23 नवंबर को खुलने पर ही हकीकत सामने आयेगी।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा … Read more

विराट कोहली पर दबाव बनाने पर अधिक फोकस करने के लिए कहा: ग्लेन मैक्ग्रा

नई दिल्ली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को लेकर टीम इंडिया और मेजबान ऑस्ट्रेलिया एक्शन मोड में है। इस बीच पूर्व ऑस्ट्रेलिया क्रिकेटर और महान तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा ने पैट कमिंस की कप्तानी वाली टीम को एक खास सलाह दी है। उन्होंने 22 नवंबर से पर्थ में शुरू हो रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलिया से विराट कोहली पर दबाव बनाने पर अधिक फोकस करने के लिए कहा है। विराट कोहली ने इस साल अपने छह टेस्ट मैचों में सिर्फ 22.72 की औसत से रन बनाए हैं, जो ऑस्ट्रेलिया में उनके टेस्ट मैचों के औसत 54.08 से काफी कम है। कोहली इस महीने की शुरुआत में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर भारत की 0-3 की सीरीज हार में सिर्फ 91 रन बनाने के बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आए हैं। ऐसे में कोहली पहले से ही अपने खामोश बल्ले के कारण दबाव में हैं और वह हर हाल में ऑस्ट्रेलिया में कमबैक करना चाहेंगे। शुभमन गिल के अंगूठे में फ्रैक्चर के कारण पहले टेस्ट से बाहर होने की संभावना है, ऐसे में कोहली पर पर्थ की उछाल भरी और तेज पिच पर भारत के लिए एक बड़ी पारी खेलने का दबाव अधिक होगा। सीओडीई स्पोर्ट्स ने मैकग्रा के हवाले से कहा, “अगर वह कोहली के खिलाफ कड़ी मेहनत करते हैं, अगर वह भावनाओं में बह जाएंगे, अगर मैदान पर थोड़ी बहुत बातचीत हो जाएगी, तो शायद वह खुद को संभाल लें। लेकिन मुझे लगता है कि विराट शायद थोड़ा दबाव में हैं और अगर मेजबान टीम शुरुआत में उन पर लगाम लगाती है, तो वह और अधिक दबाव में आ सकते हैं। वह काफी भावुक खिलाड़ी हैं। जब वह फॉर्म में होते हैं, तो वह अलग हैं, और जब वह अपनी लय में नहीं होते हैं, तो विराट थोड़ा संघर्ष करते हैं।” पूर्व पेसर का यह भी मानना है कि अगर ऑस्ट्रेलिया को भारत को जीत की हैट्रिक लगाने से रोकना है, तो उन्हें अपनी आक्रामकता बढ़ानी होगी। ग्लेन मैक्ग्रा ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है, खासकर न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 से हारने के बाद भारत अभी दबाव में है। हमारे पास इसका फायदा उठाने का मौका है। इसलिए उन पर दबाव डालें और देखें कि वे इसके लिए तैयार हैं या नहीं।” पर्थ में सीरीज के पहले मैच के बाद भारत और ऑस्ट्रेलिया एडिलेड (गुलाबी गेंद वाला मैच), ब्रिसबेन, मेलबर्न और सिडनी में बाकी चार टेस्ट मैच खेलेंगे। यह 1991/92 सीजन के बाद से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज भी होगी।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 25

महाकुंभ एकता और भाईचारे का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं, स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देता है

नई दिल्ली महाकुंभ न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यहां विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और समुदायों के लोग एक साथ आते हैं, जो एकता और भाईचारे का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। यह आयोजन स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देता है क्योंकि यहां व्यापार, पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। महाकुंभ का उद्घाटन मुख्य स्नान पर्व के साथ होता है, जो विशेष तिथियों पर मनाया जाता है। इस दौरान श्रद्धालु अपनी पवित्रता को बढ़ाने के लिए संगम में स्नान करते हैं। कुंभ के मुख्य स्नान तिथियों की गणना हिंदू पंचांग के अनुसार की जाती है। महाकुंभ के दौरान धार्मिक अनुष्ठान और परंपराएं 2025 महाकुंभ के दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख अनुष्ठान यहां बताए जा रहे हैं: महाकुंभ स्नान: श्रद्धालु संगम में स्नान करने आते हैं, जो उन्हें पवित्रता और शांति का अनुभव कराता है। महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान का महत्व सर्वोच्च है। श्रद्धालु इस पवित्र जल में स्नान करके अपने पापों का नाश और आत्मा की शुद्धि की कामना करते हैं। विशेष तिथियों पर स्नान करना जैसे कि शाही स्नान और भी महत्वपूर्ण होता है। यह दिन ज्योतिषीय गणना के आधार पर निर्धारित होता है और भक्तजन इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। महाकुंभ यज्ञ और हवन महाकुंभ के दौरान विभिन्न प्रकार के यज्ञ और हवन का आयोजन किया जाता है। ये अनुष्ठान साधु-संतों द्वारा संपन्न किए जाते हैं। यज्ञ का उद्देश्य वातावरण की शुद्धि, समाज के कल्याण और आशीर्वाद की प्राप्ति होता है। श्रद्धालु यज्ञ में आहुतियां देकर अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। महाकुंभ में भजन-कीर्तन महाकुंभ के दौरान भजन-कीर्तन का आयोजन भी होता है। भक्तजन एकत्र होकर भगवान की स्तुति करते हैं और धार्मिक गीत गाते हैं। यह न केवल श्रद्धा का प्रदर्शन है बल्कि सामूहिक भावना को भी जगाता है। ये भजन अक्सर साधु-संतों द्वारा गाए जाते हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक प्रेरणा देते हैं। महाकुंभ में धार्मिक प्रवचन महाकुंभ के दौरान विभिन्न धर्मगुरुओं और संतों द्वारा धार्मिक प्रवचन का आयोजन होता है। इन प्रवचनों में जीवन के विभिन्न पहलुओं, धर्म, नैतिकता और आध्यात्मिकता पर चर्चा की जाती है। श्रद्धालु इन प्रवचनों से ज्ञान प्राप्त करते हैं और अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित होते हैं। महाकुंभ में दर्शन: यहां पर विभिन्न तीर्थ स्थानों के देवी-देवताओं के मंदिर हैं, जहां श्रद्धालु दर्शन कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। महाकुंभ में भंडारा: महाकुंभ के दौरान भंडारे का आयोजन होता है, जिसमें हजारों लोगों को निशुल्क भोजन प्रदान किया जाता है। यह परंपरा एकता और सहयोग का प्रतीक है, जहां विभिन्न वर्गों के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते हैं। भंडारे का आयोजन साधु-संतों के आश्रमों और श्रद्धालुओं के द्वारा किया जाता है। महाकुंभ में साधु-संतों का मिलन: इस अवसर पर अनेक साधु-संत और धार्मिक गुरु यहां आते हैं। उनका आगमन और प्रवचन भक्तों को विशेष रूप से आकर्षित करते हैं। उनकी उपस्थिति और प्रवचन श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करते हैं। साधु-संतों का मिलन और उनकी शिक्षाएं श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। ये साधु विभिन्न तंत्रों, संप्रदायों और परंपराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। महाकुंभ में ध्वजा यात्रा: महाकुंभ के दौरान ध्वजा यात्रा का आयोजन भी होता है, जिसमें साधु-संत अपने ध्वज के साथ संगम की ओर बढ़ते हैं। यह यात्रा श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत अनुभव होती है और इसे विशेष श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।महाकुंभ के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे नृत्य, संगीत और नाटक भी आयोजित होते हैं। ये कार्यक्रम भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि को प्रदर्शित करते हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 25

उज्जैन में सिंहस्थ से पहले शिप्रा के लिए 1533 करोड़ रुपए की परियोजनाएं, सीवरेज पानी रोकना बड़ी चुनौती

उज्जैन मोक्षदायिनी शिप्रा नदी को निर्मल एवं अविरल बनाने को बनी जल संसाधन विभाग की इकाई का दावा है कि उज्जैन में साल 2028 में लगने वाले महाकुंभ ‘सिंहस्थ’ से पहले शिप्रा का पानी शुद्ध हो जाएगा। नदी में नालों का दूषित पानी मिलना पूरी तरह बंद होगा। इसकी शुरूआत 919 करोड़ रुपये की कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना को धरातल पर उतारने के साथ कर दी गई है। अगले चरण में 614 करोड़ 53 लाख रुपये की सेवरखेड़ी- सिलारखेड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना का टेंडर भी गुरुवार को स्वीकृत कर दिया गया है। 30 महीनों में पूरा करना होगा 468 करोड़ की परियोजना ग्वालियर की फर्म करण डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड अगले 30 महीनों में 468 करोड़ से परियोजना को आकार देगी। इसके पहले सरकार जल शुद्धि के लिए 438 करोड़ रुपये की भूमिगत सीवरेज पाइपलाइन परियोजना 1.0 का काम भी शुरू करवा चुकी है और जल्द ही 474 करोड़ की दूसरी सीवरेज पाइपलाइन परियोजना का काम शुरू कराने वाली है। इतना ही नहीं शहर के दो बड़े नालों (भैरवगढ़, पिलियाखाल) का पानी शिप्रा में सीधे मिलने से रोकने को पीलियाखाल में 78 करोड़ रुपये से भैरवगढ़ में 2.4 एमएलडी का ईटीपी (एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) और पिलियाखाल में 22 एमएलडी का एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगाने को ठेकेदार चयन की कार्रवाई भी प्रचलन में है।   एक दशक में साढ़े तीन हजार करोड़ से अधिक खर्च किए शिप्रा को निर्मल एवं अविरल बनाने पर बीते एक दशक में साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्चे जा चुके हैं। सबसे बड़ी शुरूआत 25 फरवरी 2014 को भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने नर्मदा को शिप्रा से जोड़ने के साथ की थी। तब दो नदियों का संगम कराने पर 432 करोड़ रुपए खर्चे थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा था कि नर्मदा-शिप्रा के संगम से पूरे मालवा की धरती समृद्ध होगी। नर्मदा का जल लोगों को पेयजल के साथ सिंचाई, औद्योगिक जरूरतों के लिए भी मिलेगा। उज्जैन के लोगों को नर्मदा का पानी उपलब्ध नहीं इसके बाद महाकुंभ सिंहस्थ और उसके बाद अब तक पेयजल और पर्व स्नान के लिए जरूरत पड़ने पर नर्मदा का जल शिप्रा में छोड़ा जाता रहा। वर्ष 2018 तक केवल प्राकृतिक प्रवाह से ही ये जल छोड़े जाने की सुविधा थी, मगर वर्ष 2019 में 139 करोड़ रुपये ओर खर्च कर पाइपलाइन के माध्यम से नर्मदा का पानी शिप्रा में छोड़ने की व्यवस्था बनाई। खास बात यह है कि सिंचाई और औद्योगिक जरूरत के लिए अभी भी उज्जैन के लोगों को नर्मदा का पानी उपलब्ध नहीं हो पाया है। नालों का पानी शिप्रा में मिलने से रोकने डायवर्शन परियोजना इसके बाद वर्ष 2016 में इंदौर का सीवेज युक्त नालों का पानी शिप्रा में मिलने से रोकने के लिए 95 करोड़ रुपये की कान्ह डायवर्शन परियोजना को धरातल पर उतारा। हालांकि ये योजना पूरी तरह सफल न हो सकी। डायवर्शन पाइपलाइन के बावजूद शिप्रा में बारह माह कान्ह का प्रदूषित पानी मिलता रहा। फिर 2018 में 1856 करोड़ रुपये की नर्मदा- शिप्रा बहुउद्देशीय योजना का शिलान्यास किया, जो अब तक पूरी नहीं हो सकी है। जबकि इसे जनवरी 2022 में पूरा हो जाना था। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 37

मध्य प्रदेश पुलिस का नया फरमान जारी, अब 1 जनवरी 2025 से पेट्रोल पंप और सुपर बाजारों में नगद पेमेंट पर प्रतिबंध

भोपाल मध्य प्रदेश पुलिस के पेट्रोल पंप और सुपर बाजारों में मिल रही गबन की शिकायतों को देखते हुए यहां नकद भुगतान पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसकी जगह एक जनवरी 2025 से यहां केवल कैशलेस भुगतान ही लिया जाएगा। मप्र की कई इकाइयों के पेट्रोल पंपों में गबन की घटनाएं सामने आई हैं, जिसका फाेरेंसिक आडिट कराया गया, जिसमें गबन का एक कारण इकाइयों द्वारा नकद लेन-देन करना एवं संव्यवहार का लेखा-जोखा का संधारण न करना पाया गया है। कैशलेस पेमेंट के पॉजिटिव परिणाम भोपाल पुलिस इकाई के पेट्रोल पंप में गत एक मई 2024 से नगद लेन-देन को प्रतिबंधित किया गया है, जिसके सफल परिणाम सामने आए हैं। यह लेन-देन पुलिस कल्याण के पेट्रोल पम्पों, पुलिस गैस रिफिलिंग केंद्रों, एलपीजी गैस, सुपर बाजार, पुलिस परिसरों की साफ-सफाई व्यवस्था एवं अन्य गतिविधियों जिनमें वार्षिक टर्नओवर छह लाख से अधिक है, बंद किया जाएगा। पचमढ़ी पुलिस पेट्रोल पंप को छूट हालांकि पचमढ़ी स्थित पुलिस पेट्रोल पंप को इससे छूट प्रदान की गई क्योंकि वहां मोबाइल इंटरनेट की सुविधा सीमित है। यहां के पेट्रोल पंप में नगद प्राप्ति को बंद नहीं किया जाएगा, लेकिन पेट्रोल पंप से सभी भुगतान चैक, डिजिटल माध्यम से ही किए जाएंगे। वहां के पेट्रोल पंप के नोडल अधिकारी द्वारा दैनिक स्तर पर समीक्षा की जाएगी। पुलिस मुख्यालय की कल्याण शाखा के एडीजीपी अनिल कुमार ने इस संबंध में सभी जिला पुलिस अधीक्षकों एवं सेनानियों को निर्देश जारी किए हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 29

गंगा और यमुना का संगम, इसकी स्वच्छता की पहरेदारी कर रहे प्रयागराज के 500 ‘गंगा प्रहरी’

प्रयागराज प्रयागराज में गंगा और यमुना का संगम सिर्फ दो नदियों का नहीं बल्कि सनातन धर्म को मानने वाले करोड़ों लोगों की आस्था का भी संगम है। हर साल देश और विदेश से आने वाले लाखों करोड़ों लोग यहां के स्वच्छ और निर्मल जल में आस्था की डुबकी लगाकर सनातन परंपरा का निर्वहन करते हैं। तीर्थों के तीर्थ संगम के प्रति लोगों की यह आस्था यूं ही बनी रहे, इसके लिए 500 गंगा प्रहरी दिन-रात दोनों नदियों की स्वच्छता और निर्मलता को बनाए रखने में जुटे हुए हैं। महाकुंभ 2025 के दौरान जब करोड़ों लोग संगम में पवित्र स्नान करेंगे तब भी यही गंगा प्रहरी नदियों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए पहरेदार बनकर खड़े रहेंगे। योगी सरकार इन्हें ट्रेनिंग के साथ ही रोजगार से जोड़कर प्रोत्साहित कर रही है। प्रयागराज में छोटे बड़े करीब 25 घाट हैं। महाकुंभ के दौरान इन सभी घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ने वाला है। ऐसे में घाटों के साथ साथ गंगा और यमुना नदी की स्वच्छता को बनाए रखना एक चुनौती होगी। हालांकि, प्रत्येक घाट पर तैनात गंगा प्रहरी इसको लेकर आश्वस्त हैं। वह निरंतर नदियों और घाटों की सफाई में जुट हुए हैं और साथ ही श्रद्धालुओं को भी नदियों की स्वच्छता बनाए रखने के लिए जागरूक कर रहे हैं। प्रत्येक घाट पर 15 से 20 गंगा प्रहरी गंगा और यमुना दोनों ही नदियों की स्वच्छता को बरकरार रखने के लिए दिन रात काम कर रहे हैं। महाकुंभ के दौरान यह शिफ्ट में काम करेंगे। वहीं, पूरे देश से चुनिंदा 200 से अधिक गंगा प्रहरी यहां बुलाए जा रहे हैं, ताकि गंगा और यमुना की स्वच्छता बनाए रखने में जनशक्ति की कमी न हो। प्रयागराज में ‘नमामि गंगे परियोजना’ के तहत वन्य जीव संस्थान के माध्यम से ये गंगा प्रहरी लगातार नदियों और घाटों की स्वच्छता के साथ साथ जलीय जीवों के संरक्षण में जुटे हुए हैं। जलज योजना में असिस्टेंट कॉर्डिनेटर की भूमिका निभा रहे चंद्रा कुमार निषाद के अनुसार, गंगा और यमुना नदियों में लाखों लोग डुबकी लगाते हैं, लेकिन यदि जल स्वच्छ न हो तो उनकी आस्था को ठेस पहुंचती है। हमारी टीम दिन रात घाटों पर स्वच्छता अभियान चलाती है। घाट के साथ साथ नदी में जो अपशिष्ट पदार्थ होते हैं उन्हें भी जाल के माध्यम से निकालकर नदी को स्वच्छ रखने का प्रयास किया जाता है। इसके अतिरिक्त हम श्रद्धालुओं को भी जागरूक करते हैं कि वो घाट और नदी दोनों ही जगह स्वच्छता का ध्यान रखें। इसमें कूड़ा या फूल माला न फेंकें। इसके बावजूद जो लोग फूल या अन्य गंदगी फेंकते हैं तो हम तुरान जाल और अन्य इक्विपमेंट से उठा लेते हैं। उन्होंने बताया कि डबल इंजन की सरकार नदियों की स्वच्छता पर अच्छा काम कर रही है। ‘नमामि गंगे परियोजना’ के तहत जो सबसे अच्छा काम हुआ है वो यह की नदियों की सुरक्षा और स्वच्छता की जिम्मेदारी स्थानीय लोगों को दे दी गई है। जिन लोगों की आय का प्रमुख स्रोत जलीय जीवों का शिकार था, वही अब उनके रक्षक बन गए हैं। इसकी वजह से नदी में कछुओं, डॉल्फिन, मछलियों की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि यदि जलीय जीवों को बचा लिया जाए तो नदी कभी गंदी नहीं होगी, क्योंकि ये जीव नदी को साफ करने का कार्य करते हैं। वन विभाग के आईटी हेड आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि योगी सरकार ने स्थानीय लोगों को जलीय जीवों के शिकार के बजाय अन्य आय के स्रोतों से जोड़ने की पहल की है, जिससे जलीय जीवों का संरक्षण सुनिश्चित हुआ है। अर्थ गंगा योजना (जलज योजना) के अंतर्गत स्थानीय महिलाओं को सिलाई, ब्यूटी पार्लर, धूपबत्ती, जूट के थैले बनाने की ट्रेनिंग निशुल्क कराई जा रही है। अब तक 100 से 150 गांवों की 700 से ज्यादा महिलाओं को ट्रेनिंग और रोजगार से जोड़ा गया है। वहीं, पुरुषों को भी गोताखोरी के अतिरिक्त वन्य विभाग से अन्य टास्क दिए जा रहे हैं, जिससे इन्हें आर्थिक सहायता भी मिल रही है। महाकुंभ में इन्हें एक निश्चित मानदेय भी प्रदान किया जाता है। इससे नदियों पर इनकी निर्भरता कम हुई है और अब ये नदियों की सुरक्षा के सारथी बन गए हैं। यही लोग घाटों पर अभियान चलाकर लोगों को गंगा और यमुना की स्वच्छता के लिए जागरूक कर रहे हैं। चंद्रा कुमार निषाद ने बताया कि महाकुंभ के लिए योगी सरकार की ओर से उन्हें ट्रेनिंग दी गई है। स्वच्छ महाकुंभ के साथ ही उनकी टीम लोगों की मदद भी करेगी। लोगों को स्नान कराने के साथ साथ यदि घाट पर कोई खो जाता है तो उसको खोया पाया केंद्र तक पहुंचाया जाएगा। यही नहीं, स्नानार्थियों को घर पर उपलब्ध सेवाओं और सुविधाओं से भी परिचित कराया जाएगा। सुरक्षा कर्मियों के साथ ही हमारी टीम भी घाट पर स्नानार्थियों पर नजर रखेगी और किसी भी आपात स्थिति में लोगों की मदद और उनकी जान बचाने के लिए तत्परता से कार्य करेगी।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 34

नशे की गिरफ्त से मुक्त हों बंदी सरकार ने उठाया बड़ा कदम, अब जेल में खुलेगा ‘नशा मुक्ति केंद्र’

भोपाल बंदियों को नशे की कैद से छुटकारा दिलाने के लिए प्रदेश की जेलों में नशा मुक्ति केंद्र बनाए जाएंगे। इस सिलसिले में भारत सरकार ने प्रत्येक केंद्र के लिए 20 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं। जेल मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि पहले केंद्रीय जेलों में यह व्यवस्था प्रारंभ की जाएगी। बाद में जिला जेलों में भी नशा मुक्ति केंद्र शुरू करने के प्रयास किए जाएंगे। जेल अधिकारियों के मुताबिक अपराधों की बड़ी वजह नशा होता है, इसलिए कैदियों को नशे से दूर करने की कोशिश की जा रही है, जिससे वह जेल से बाहर आने पर फिर नशे की गिरफ्त में न आने पाएं। इन नशा मुक्ति केंद्रों में मुख्य रूप से काउंसलिंग के माध्यम से बंदियों को समझाकर नशे से छुटकारा दिलाया जाएगा। सामाजिक न्याय विभाग जेलों में यह केंद्र बनाएगा। मनोचिकित्सक रहेंगे तैनात इन केंद्रों में सबसे मुख्य मनोचिकित्सकों की उपस्थित रहेगी। दरअसल, नशे की लत वाले बंदियों को जेल आने के बाद नशे की चीजें नहीं मिलतीं। नशा छूटने की वजह से उन्हें कई मनोवैज्ञानिक समस्याएं होने लगती हैं। इन्हें 'विड्राल सिम्पटम्स' कहा जाता है। इसमें अनिद्रा, चिंता, भूख नहीं लगना और सिरदर्द जैसी समस्याएं होती हैं। मनोचिकित्सक ऐसे बंदियों को उपचार देंगे। इतना होगा स्टाफ हर एक केंद्र में एक परियोजना समन्वयक, एक मनोचिकित्सक या क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, काउंसलर और अकाउंटेंट के पद होंगे। इसका प्रस्ताव लगभग एक वर्ष से शासन के पास लंबित था, पर एक जनवरी 2025 से सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह अधिनियम लागू होने के बाद यह केंद्र भी जल्दी प्रारंभ करने की तैयारी है। केंद्र के लिए मानव संसाधन की भर्ती सामाजिक न्याय विभाग कर रहा है। प्रदेश में कहां-कहां केंद्रीय जेल मप्र में फिलहाल 11 केंद्रीय कारागार हैं। ये कारागार भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सतना, सागर, नरसिंहपुर, बड़वानी और नर्मदापुरम जिलों में स्थित हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 36