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अब ट्रेन से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पहुंच सकेंगे श्रद्धालु, स्टेशन पर चल रहा फिनिशिंग का काम

इंदौर  देश दुनिया में प्रसिद्ध ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को जल्द ही रेल सेवाएं मिलना शुरू हो जाएगी। मंदिर से करीब 10 किमी पहले मोरघड़ी गांव में ओंकारेश्वर रोड स्टेशन बनाया जा रहा है। जिसका 90 फीसद काम पूरा हो चुका है और फिनिशिंग का काम चल रहा है। रतलाम मंडल ने इस स्टेशन से ट्रेन संचालन के लिए मार्च 2025 तक का लक्ष्य तय कर रखा है। इसी लिहाज से तेजी से काम भी किया जा रहा है। जनवरी-फरवरी तक स्टेशन भवन सहित तमाम यात्री सुविधाएं पूरी कर ली जाएंगी। निरीक्षण कर रिपोर्ट दी गई है उल्लेखनीय है कि सनावद से ओंकारेश्वर रोड स्टेशन से जुलाई में सीआरएस(कमीशन ऑफ रेलवे सेफ्टी) दल द्वारा निरीक्षण कर ओके रिपोर्ट दी जा चुकी है। नए ओंकारेश्वर रोड स्टेशन को ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के डिजाइन पर तैयार किया जा रहा है। पुराने स्टेशन से 1.3 किमी दूर बना है नया स्टेशन यह स्टेशन पुराने रेलवे स्टेशन से करीब 1.3 किमी सनावद की ओर मोरघड़ी गांव में बनाया जा रहा है। जमीनी सतह से यह स्टेशन करीब दो मीटर उंचाई पर आकार ले रहा है। स्टेशन के अंदर से गांव में जाने के लिए अंडर पास बनाया गया है। वहीं स्टेशन के प्लेटफार्म पर जाने के लिए सब-वे बनाया गया है। प्लेटफार्म पर रहेगी लिफ्ट और सीढ़‍ियों की सुविधा यहां प्लेटफार्म तक जाने के लिए लिफ्ट और सीढ़िया दोनों की सुविधा रहेगी। यहां पर पार्किंग, ठहरने के लिए रिटायरिंग रूम, तैयार होने के लिए वेटिंग हाल, फूड प्लाजा, स्टाल सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी। पूरे स्टेशन पर ओंकारेश्वर तीर्थ, नर्मदा नदी और आस-पास की धरोहर- पर्यटन स्थल की पेटिंग और जानकारी चस्पा की जाएगी। 560 मीटर लंबे बने रहे स्टेशन पर होंगे दो प्लेटफार्म रतलाम मंडल में यह स्टेशन नई डिजाइन से बनाया जा रहा है। 560 मीटर लंबे स्टेशन पर दो प्लेटफार्म बनाएं गए हैं। तीन रेल लाइन भी बिछाई जा चुकी है। स्टेशन के प्लेटफार्म-1 पर जाने के लिए अंडरपास का उपयोग करना होगा। पार्किंग आदि भी मुख्य सड़क से दूसरी ओर बनाई जा रही है। स्टेशन भवन दो मंजिला बनाया गया है। यहां ग्राउंड फ्लोर पर बुकिंग कार्यालय व यात्री सुविधाएं होंगी। जुलाई में सनावद से ओंकारेश्वर रोड स्टेशन के बीच 5.4 किमी रेल खंड पर 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाकर स्पीड ट्रायल कर लिया गया है। यानी की मार्च माह तक ट्रेन संचालन शुरू हो जाएगा। अंडर पास से गुजरेगा यातायात मोरटक्का के पास रेलवे फाटक-274 को खत्म कर अंडरपास बनाया गया है, जिसका 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। स्टेशन शुरू होते ही इंदौर-खंडवा फोरलेन का यातायात इसी अंडरपास से होकर गुजरेगा। रेलवे ने इस स्टेशन को पूरा करने के लिए मार्च 2025 तक का लक्ष्य रखा है। लेकिन इससे पहले ही एक लाइन शुरू कर दी जाएगी, ताकि खंडवा की ओर रेल मार्ग से आने वाले श्रद्धालु सीधे यहां तक पहुंच सकें। इस लाइन को शुरू करने के लिए 15 जुलाई को सीआरएस (कमीशन आफ रेलवे सेफ्टी) दल द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। रतलाम मंडल का यह ऐसा पहला रेलवे स्टेशन होगा, जहां प्लेटफार्म तक पहुंचने के लिए सब-वे का उपयोग किया जाएगा। स्टेशन भवन में जहां अत्याधुनिक यात्री सुविधाएं होंगी, वहीं अध्यात्म का परिवेश भी रहेगा। स्टेशन भवन को ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर की तर्ज पर डिजाइन किया गया है। रतलाम मंडल ने 2019 में नए ओंकारेश्वर रेलवे स्टेशन का प्रोजेक्ट तैयार किया था। यह स्टेशन पुराने रेलवे स्टेशन से करीब 1.3 किमी सनावद की ओर मोरघड़ी गांव में बनाया जा रहा है। जमीनी सतह से यह स्टेशन करीब दो मीटर उंचाई पर आकार ले रहा है। ऐसा है ओंकारेश्वर रोड स्टेशन     स्टेशन के अंदर से ही गांव में जाने के लिए अंडरपास बनाया गया है।     स्टेशन के प्लेटफार्म पर जाने के लिए सब-वे बनाया गया है।     यहां प्लेटफार्म तक जाने के लिए लिफ्ट और सीढ़ियां दोनों रहेंगी।     560 मीटर लंबे स्टेशन पर दो प्लेटफार्म होंगे और तीन रेल लाइन डलेंगी।     रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म-दो की ओर पटरी बिछाने का काम पूरा हो चुका है। वेटिंग हॉल, फूड प्लाजा सहित कई सुविधाएं रहेंगी नए ओंकारेश्वर रोड स्टेशन को मंदिर की डिजाइन में बनाया जा रहा है। यहां पार्किंग, ठहरने के लिए रिटायरिंग रूम, तैयार होने के लिए वेटिंग हॉल, फूड प्लाजा, स्टाल सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी। पूरे स्टेशन पर ओंकारेश्वर तीर्थ, नर्मदा नदी और आस-पास की धरोहर- पर्यटन स्थल की पेंटिंग और जानकारी चस्पा की जाएगी। मुख्य स्टेशन की इमारत गांव की ओर बन रही रेल अफसरों ने बताया कि स्टेशन दो फ्लोर का बन रहा है। दोनों ओर ग्राउंड फ्लोर पर बुकिंग कार्यालय आदि रहेंगे। मुख्य इमारत प्लेटफार्म-एक यानी गांव की ओर बन रही है। मोरटक्का के पास रेलवे फाटक-274 के पास अंडरपास बनाया जा रहा है। छह-छह मीटर के इन अंडरपास से ही वाहन सीधे प्लेटफार्म-एक की ओर पहुंचेंगे। स्टेशन के दोनों ओर पार्किंग सुविधा भी रहेगी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. 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बुधनी उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने जीत तो हासिल की, लेकिन कांग्रेस के उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन ने बीजेपी की चिंता बढ़ाई

सीहोर  बुधनी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी रामाकांत भार्गव ने जीत तो हासिल की, लेकिन कांग्रेस के उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। 23 नवंबर 2024 को हुए इस चुनाव में भाजपा को मात्र नौ प्रतिशत वोटों से जीत मिली, जबकि कुछ महीने पहले ही हुए विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान को लगभग 70% वोट मिले थे। इस बार भाजपा को 52% और कांग्रेस को 43% वोट मिले। कांग्रेस के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी और भाजपा के वोट शेयर में गिरावट ने भाजपा के लिए चिंता का विषय पैदा कर दिया है। खासकर 136 पोलिंग बूथ पर मिली हार और 98 बूथ पर बेहद कम अंतर से जीत ने भाजपा के लिए आत्ममंथन की स्थिति पैदा कर दी है। 20 साल बाद ऐसी टक्कर बुधनी विधानसभा में लगभग 20 साल बाद इतना रोमांचक मुकाबला देखने को मिला। रामाकांत भार्गव ने जीत तो हासिल की, लेकिन दोनों दलों के लिए यह चुनाव सीख देने वाला रहा। पिछले दो विधानसभा चुनावों के नतीजों पर गौर करें तो कांग्रेस ने भले ही चुनाव हारा हो, लेकिन उसके वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। बीजेपी का प्रदर्शन गिरा भाजपा के प्रदर्शन में गिरावट साफ दिखी। 2018 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 43 पोलिंग बूथ पर हार का सामना करना पड़ा था। 2023 के विधानसभा चुनाव में यह संख्या घटकर 16 रह गई थी। लेकिन हाल ही में हुए उपचुनाव में भाजपा को 136 पोलिंग बूथ पर हार मिली। 16 से 136 तक पहुंचने वाली हार के आंकड़ों ने भाजपा के लिए आत्ममंथन की स्थिति पैदा कर दी है। 98 बूथों पर कांटे की टक्कर इस उपचुनाव में 98 पोलिंग बूथ ऐसे रहे, जहां दोनों दलों के बीच कांटे की टक्कर रही। इन बूथों पर जीत और हार का अंतर 50 वोटों से भी कम रहा। भाजपा 50 ऐसे बूथों पर जीती, जहां जीत का अंतर 50 से कम था। कांग्रेस 48 ऐसे बूथों पर जीती, जहां जीत का अंतर 50 से कम था। इन बूथों पर जीत-हार का अंतर 2 से लेकर 49 वोटों तक रहा। कई बूथ ऐसे रहे, जहां जीत का अंतर सिर्फ 2, 7, 9 और 10 वोटों का रहा। डोबा और महागांव बूथ पर भाजपा सिर्फ 2 वोटों से जीती। नारायणपुर में 13 वोट, ग्वाडिया में 6 वोट, जोशीपुरा में 10 वोट, बुधनी के पांच बूथों पर 30, 49, 6, 18, 35 वोटों से जीत मिली। किरार समाज पर भारी बारेला वोट इस चुनाव में बारेला समाज के वोट किरार समाज के वोटों पर भारी पड़े। कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार पटेल किरार समाज से आते हैं। विधानसभा क्षेत्र में किरार समाज के लगभग 23,000 वोट हैं। ऐसा माना जा रहा था कि किरार वोट बैंक कांग्रेस के पक्ष में जाएगा। लेकिन राजकुमार पटेल को अपने समाज का पूरा समर्थन नहीं मिला। बारेला समाज के वोट भाजपा की तरफ चले गए। भाजपा प्रत्याशी को 38 पोलिंग बूथ पर बारेला समाज के 12,000 से ज्यादा वोट मिले। 16 अन्य बूथों पर बारेला समाज के 4,000 से ज्यादा वोट भाजपा को मिले। कुल मिलाकर भाजपा को बारेला समाज के 16,000 से ज्यादा वोट मिले, जो उसकी जीत की बड़ी वजह बने। किरार समाज में भी भाजपा ने सेंध लगाई। इस वजह से राजकुमार पटेल अपने गृह क्षेत्र से बड़ी बढ़त नहीं बना पाए। कांग्रेस का भी यही हाल कांग्रेस को 48 पोलिंग बूथ पर 50 से भी कम वोटों से जीत मिली। कई बूथ ऐसे थे जहां जीत का अंतर सिर्फ 1, 2, 5, 7 और 11 वोटों का रहा। तीन बूथों पर 1 वोट और एक बूथ पर 2 वोटों से कांग्रेस जीती। सलकनपुर में 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से देवीलोक का निर्माण हो रहा है। लेकिन सलकनपुर पंचायत के मतदाताओं ने भाजपा को 1 वोट से हरा दिया। यह भाजपा के लिए चिंता का विषय है। रमाकांत भार्गव ने जिस गांव को गोद लिया, उसमें जीत बसंतपुर गांव में बारेला, बंजारा, गोंड और अन्य समाज के लोग रहते हैं। रमाकांत भार्गव ने सांसद रहते हुए इस गांव को गोद लिया था, लेकिन अपने कार्यकाल में एक बार भी गांव नहीं गए। पिछले साल ग्रामीणों ने इसका विरोध भी किया था। लेकिन फिर भी बसंतपुर के मतदाताओं ने रमाकांत भार्गव को 540 वोट देकर 349 वोटों से जीत दिलाई। राजकुमार पटेल को यहां सिर्फ 191 वोट मिले। गांव में कुल 796 वोट पड़े थे। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 24

फेस्‍ट‍िव सीजन में देश में क्रेडिट कार्ड से खर्च 2 लाख करोड़ रुपये के पार, सितंबर महीने की तुलना में 14.5 प्रतिशत ज्‍यादा

नई दिल्ली फेस्‍ट‍िव सीजन के दौरान देश में क्रेडिट कार्ड से खर्च 2 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया. यह सितंबर महीने की तुलना में 14.5 प्रतिशत ज्‍यादा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में क्रेडिट कार्ड पर खर्च 2.02 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 13 प्रतिशत ज्‍यादा है. केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के अनुसार, सिस्टम में बकाया क्रेडिट कार्ड 12.85 प्रतिशत बढ़कर 106.88 मिलियन हो गए, जो सितंबर से 0.74 प्रतिशत ज्‍यादा है. HDFC बैंक ने सबसे ज्‍यादा क्रेडिट कार्ड जारी क‍िये एचडीएफसी बैंक 241,119 क्रेडिट कार्ड जारी कर चार्ट में सबसे आगे रहा, उसके बाद एसबीआई कार्ड्स ने 220,265 कार्ड और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने 138,541 कार्ड जारी किए. इस बीच, आरबीआई के मासिक आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई बेस्‍ड डिजिटल पेमेंट उछाल के कारण, डेबिट कार्ड बेस्‍ड लेनदेन अगस्त में करीब 43,350 करोड़ रुपये से करीब 8 प्रतिशत घटकर सितंबर में करीब 39,920 करोड़ रुपये रह गया. सितंबर में करीब 5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई दूसरी तरफ देश में क्रेडिट कार्ड लेनदेन में वृद्धि हुई, जिसमें सितंबर के महीने में लगभग 5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो अगस्त में 1.68 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 1.76 लाख करोड़ रुपये हो गई. बाजार के जानकारों के अनुसार, क्रेडिट कार्ड खर्च में वृद्धि पिछले साल और फेस्‍ट‍िव सीजन में लोअर बेस के कारण हुई है, क्योंकि फेस्‍ट‍िव सीजन के दौरान समान मासिक किस्तों जैसी प्रमोशनल स्कीम में तेजी आई है. मार्च 2021 में डिजिटल पेमेंट की हिस्सेदारी 14-19 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2024 में 40-48 प्रतिशत हो गई, जिसमें यूपीआई की अहम भूमिका रही. यूपीआई पेमेंट में 75 प्रतिशत सीएजीआर की शानदार गति से वृद्धि हुई है, जबकि अगस्त 2019-अगस्त 2024 की अवधि में यूपीआई खर्च 68 प्रतिशत सीएजीआर की दर से बढ़ा है, क्योंकि कार्ड इंडस्ट्री की वृद्धि धीमी रही है. एक्सिस सिक्योरिटीज की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता लेनदेन मात्रा अनुपात से देखी जा सकती है, जो क्रेडिट कार्ड लेनदेन मात्रा का 38.4 गुना है. हालांकि, यूपीआई लेनदेन के कम (मूल्य के) टिकट साइज को देखते हुए, अगस्त में यूपीआई-टू-क्रेडिट कार्ड खर्च 0.3 गुना रहा, जो वर्तमान स्तरों पर काफी हद तक स्थिर है. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 20

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन की बायसन प्रोजेक्ट 2 की तैयारी पूरी, बायसन जनवरी 2025 के शुरुआत में लाए जा सकते

उमरिया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बाघों के बाद अब बायसन के लिए भी प्रसिद्ध हो सकता है। यहां देश-विदेश से पर्यटक बाघों का दीदार करने के लिए पहुंचते हैं, क्योंकि यहां बाघों का दिखना आसानी है। लेकिन, अब बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने बायसन की हेल्दी पॉपुलेशन बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है, जिसके तहत बायसन प्रोजेक्ट 2 की तैयारी पूरी कर ली गई है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा ने बताया कि यहां 50 और बायसन लाने की तैयारी की गई है, जो सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से लाए जाएंगे। ये बायसन जनवरी 2025 के शुरुआत में लाए जा सकते हैं।   ऐसा नहीं है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अभी बायसन नहीं हैं। डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा ने बताया कि 2011-12 में कान्हा से 50 बायसन लाए गए थे, जिनकी संख्या अब 170 हो चुकी है। कुल 120 बायसन यहां बढ़े हैं। बांधवगढ़ के मगधी, कल्लवाह और ताला परिक्षेत्र के जंगलों में बायसन झुंड में देखे जा सकते हैं। बायसन क्यों लाए जा रहे हैं? इस पर डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा बताते हैं कि हाल ही में वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून द्वारा किए गए सर्वे में यह पाया गया कि कान्हा के बायसन आपस में इनब्रीड हो रहे हैं। जिससे उनकी जेनेटिक गुणवत्ता पर असर पड़ा है और उनका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो रहा है। इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घट रही है, क्योंकि इनका जीन पूल सीमित है। सतपुड़ा के बायसन का वेरिएंट थोड़ा अलग है, इसलिए 50 बायसन सतपुड़ा से लाए जा रहे हैं ताकि बायसन की विविधता बनी रहे और उनकी पॉपुलेशन हेल्दी बने। 50 बायसन लाने की अनुमति प्राप्त बांधवगढ़ में बायसन के सैंपल पहले लिए गए थे और उन पर अध्ययन किया गया था, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। रिसर्च पेपर तैयार करने के बाद इसे पीसीसी वाइल्डलाइफ को भेजा गया और फिर गवर्नमेंट ऑफ इंडिया से 50 बायसन लाने की अनुमति मिली है। यह बायसन प्रोजेक्ट 2 के तहत किया जा रहा है, जो 2025 के शुरुआती महीनों में पूरा हो सकता है। बाड़े में रखे जाएंगे बायसन बायसन प्रोजेक्ट 2  के तहत लाए जाने वाले बायसन को पहले 50 हेक्टेयर के बाड़े में रखा जाएगा, जहां उन्हें 30 दिनों तक निगरानी की जाएगी। इसके बाद उन्हें जंगल में छोड़ने की तैयारी की जाएगी। यह बाड़ा बांधवगढ़ के कल्लवाह परिक्षेत्र में बनाया जाएगा। जंगल में इकोसिस्टम और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए बायसन का महत्व है, क्योंकि बायसन मोटी घास खाते हैं, जिसके बाद नई घास उगती है, जिसे अन्य वन्य प्राणी खाते हैं। इसलिए बायसन के रहने से आसपास के अन्य वन्य प्राणियों की संख्या भी बढ़ती है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 50

अगले शैक्षणिक सत्र से प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 750 सीटें बढ़ जाएंगी

भोपाल मध्य प्रदेश में अगले शैक्षणिक सत्र से 5 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे, जो बुदनी, मंडला, श्योपुर, सिंगरौली और राजगढ़ में स्थापित होंगे। इन कॉलेजों में 150-150 सीटों की व्यवस्था होगी, जिससे राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल 750 सीटें बढ़ जाएंगी। इसके अलावा, 12 नए प्राइवेट मेडिकल कॉलेज जिला अस्पतालों से जुड़ने के बाद स्थापित किए जाएंगे, जिससे 1200 सीटों की वृद्धि होगी। इस प्रकार, राज्य में कुल 1950 सीटों की बढ़ोतरी की संभावना है। इन नए कॉलेजों के उद्घाटन के बाद राज्य में सरकारी कॉलेजों की संख्या 21 और निजी कॉलेजों की संख्या 15 हो जाएगी, जिससे कुल 36 मेडिकल कॉलेज स्थापित हो जाएंगे। इसके अलावा, 12 नए प्राइवेट कॉलेज पीपीपी मोड पर खोले जाने का प्रस्ताव है, जिसके बाद कुल मेडिकल कॉलेजों की संख्या 48 हो जाएगी। 12 जिलों में खुलेंगे मेडिकल कॉलेज टीकमगढ़, बालाघाट, धार, सीधी, खरगोन, पन्ना, बैतूल, भिंड, नर्मदापुरम, देवास, मुरैना और कटनी में मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। इन कॉलेजों को पीपीपी मोड पर स्थापित किया जाएगा। 2003 तक राज्य में केवल 5 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन पिछले 20 वर्षों में 12 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं, और अब 12 और मेडिकल कॉलेज पीपीपी मोड पर स्थापित किए जाएंगे। इस प्रकार, राज्य में 50 मेडिकल कॉलेजों का लक्ष्य तय किया गया है। साथ ही 12 नए प्राइवेट कॉलेज भी खुलेंगे। जिला अस्पतालों से संबद्धता के बाद खुलने वाले निजी कॉलेजों में 1200 सीटें रहेंगी। 1950 मेडिकल सीटें बढ़ने से MBBS की पढ़ाई करने वाले छात्रों का भविष्य संवरेगा। MP में डॉक्टरों की कमी भी दूर होगी। लोगों को बेहतर इलाज भी मिलेगा। 17 नए कॉलेज खुलते ही MP में कुल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 47 हो जाएगी। इन जिलों में खुलेंगे प्राइवेट मेडिकल कॉलेज बता दें कि MP में 2003 तक सिर्फ 5 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। 20 साल में 12 नए मेडिकल कॉलेज खुले। अब एक साथ फिर 5 सरकारी और 12 निजी मेडिकल कॉलेज खुलेंगे। निजी कॉलेज पीपीपी मोड पर खोले जाएंगे। कटनी, टीकमगढ़, बालाघाट, धार, सीधी, खरगोन, पन्ना, बैतूल, भिंड, नर्मदापुरम्, देवास और मुरैना में निजी मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। एमपी के इन जिलों में हैं मेडिकल कॉलेज बता दें कि अभी एमपी के 17 जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सागर, शहडोल, विदिशा, रतलाम, दतिया, खंडवा, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, सतना, सिवनी, मंदसौर और नीमच को मेडिकल कॉलेज की सौगात मिल चुकी है। सरकारी कॉलेजों में मेडिकल की कुल 2180 सीटें हैं। प्राइवेट की 1950 सीटें मिलाकर कुल सीटों की संख्या 4130 है। नए कॉलेज खुलने पर टॉप-10 में आ जाएगा एमपी देशभर में सबसे ज्यादा 72 मेडिकल कॉलेज तमिलनाडु में हैं। 70 मेडिकल कॉलेज के साथ कर्नाटक दूसरे नंबर पर है। 68 मेडिकल कॉलेजों के साथ उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है। मध्यप्रदेश फिलहाल 30 मेडिकल कॉलेज हैं। एमपी का नंबर देश में 10वां है। अगले साल 47 मेडिकल कॉलेज होने पर एमपी इस सूची में छठवें स्थान पर पहुंच जाएगा। PPP मोड पर खोले जाएंगे यह कॉलेज कटनी, टीकमगढ़, बालाघाट, धार, सीधी, खरगोन, पन्ना, बैतूल, भिंड, नर्मदापुरम्, देवास और मुरैना में पीपीपी मोड पर कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। बता दें कि देश में सबसे ज्यादा मेडिकल कॉलेज तमिलनाडु (72) में हैं, इसके बाद कर्नाटक (70) और उत्तर प्रदेश (68) का स्थान है। मध्य प्रदेश में वर्तमान में 36 मेडिकल कॉलेज हैं, जो देश में 10वें स्थान पर है। लेकिन अगले साल 48 कॉलेज हो जाने से प्रदेश 6वें स्थान पर पहुंच जाएगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 22