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प्रोजेक्ट चीता’ 3.O से कूनो में बढ़ेगा कुनबा, दक्षिण अफ्रीका से आएंगे 10 चीते

श्योपुर प्रोजेक्ट चीता(Project Cheetah) के तहत आगामी महीनों में दक्षिण अफ्रीका से नई खेप लाई जाएगी। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि इस खेप में कितने चीते लाए जाएंगे, लेकिन बताया रहा है कि गांधीसागर के साथ ही इन चीतों में कुछ चीते श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में भी लाए जाएंगे। यह 8-10 हो सकते हैं। बताया जा रहा है कि नई खेप लाने के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीकी(South Africa) सरकारों के बीच सकारात्मक चर्चा चल रही है। देश में चीतों का पहला घर कूनो नेशनल पार्क(Kuno National Park) है। मंदसौर जिले के गांधीसागर अभयारण्य को दूसरे घर के रूप में तैयार किया जा रहा है। तैयारियां अंतिम दौर में हैं, लेकिन यहां 20 चीतों को एक साथ रखने की क्षमता अपर्याप्त है। यदि नई खेप में 15-20 चीते लाए गए तो इनमें से कुछ चीते कूनो लाए जाएंगे। यहां पहले से ही छोटे-बड़े बाड़े तैयार हैं। हर साल 10 चीते शिफ्टिंग का है अनुबंध प्रोजेक्ट चीता(Project Cheetah) के तहत दक्षिण अफ्रीका(South Africa) से 8-10 साल तक प्रति वर्ष 10 चीते लाने का अनुबंध है। 18 फरवरी 2023 को 12 चीते लाए गए थे, लेकिन 2024 में चीते नहीं आए, लिहाजा अब 2025 में चीतों की शिफ्टिंग को लेकर चर्चा चल रही है। माना जा रहा है कि 20 चीते लाए जा सकते हैं। इस संबंध में अंतिम निर्णय अभी होना बाकी है। यहां बता दें कि अभी कूनो में 26 चीते हैं। इनमें 12 वयस्क और 14 शावक हैं। दक्षिण अफ्रीका से चीतों की नई खेप के संबंध में भारत सरकार के स्तर पर चर्चा चल रही है। कितने चीते लाए जाएंगे, इसका निर्णय भी वहीं से होगा। हां, इनमें कुछ चीते कूनो में भी लाए जाएंगे। – उत्तम कुमार शर्मा, डायरेक्टर, प्रोजेक्ट चीता, कूनो नेशनल पार्क CITES की अनुमति भी बनी रोड़ा इस परियोजना में एक और रुकावट CITES (कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन इंडेंजर्ड स्पीशीज ऑफ वाइल्ड फौना एंड फ्लोरा) से आयात अनुमति मिलने में देरी के कारण आ रही है। CITES लुप्तप्राय जानवरों और पौधों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर नज़र रखने वाली संस्था है। इन चीतों को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क और मंदसौर के गांधी सागर अभ्यारण्य में लाया जाना है। लेकिन CITES की मंजूरी में देरी से यह काम रुक गया है। 1950 के दशक के बाद से भारत में चीते नहीं देखे गए हैं। चीते CITES के 'अपेंडिक्स I' में शामिल हैं। इसका मतलब है कि इनके व्यापार पर कड़ी नज़र रखी जाती है ताकि इन्हें अवैध अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और अति-शोषण से बचाया जा सके। आयात अनुमति के बाद लेनी होगी निर्यात अनुमति CITES से आयात अनुमति मिलने के बाद, दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों को चीतों को भेजने के लिए CITES से ही निर्यात अनुमति लेनी होगी। सूत्रों के अनुसार, परियोजना की योजना बनाते समय CITES की मंजूरी की जरूरत को अनदेखा कर दिया गया था, जिससे अब और मुश्किलें पैदा हो गई हैं। दुनियाभर में बचे हैं 7000 से भी कम चीते इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की रेड लिस्ट में चीतों को 'असुरक्षित' श्रेणी में रखा गया है। दुनिया भर में 7,000 से भी कम चीते बचे हैं, जो ज्यादातर अफ्रीका के घास के मैदानों में पाए जाते हैं। दक्षिणी अफ्रीका में चीतों की संख्या अच्छी है, लेकिन उत्तर और पश्चिम अफ्रीका में इनकी संख्या बहुत कम है। ईरान में एशियाई चीतों की एक छोटी आबादी भी विलुप्त होने के खतरे का सामना कर रही है। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने दी थी मंजूरी 2019 में, सुप्रीम कोर्ट (SC) ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। इस प्रस्ताव में अफ्रीकी चीतों को भारत के राष्ट्रीय उद्यानों में फिर से लाने की बात कही गई थी। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क को इसके लिए चुना गया था। नामीबिया के चीता कंजर्वेशन फंड ने परियोजना के लिए चीते देने का वादा किया था। इसमें सिर्फ परिवहन की लागत ही भारत को वहन करनी थी।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 11

भारत टेक्स एक्सपो में मप्र दिखा रहा टेक्सटाइल की संभावनाएं, मप्र दुनिया का 24% तो देश का 47% आर्गेनिक कॉटन का उत्पादक

धार  मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों से धार जिले में स्थापित किए जा रहे पीएम मित्र पार्क को निवेशकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। इस पार्क में अब तक 10,500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं, जिससे राज्य में औद्योगिक विकास को एक नई गति मिलेगी। इसके अलावा, इस परियोजना से 41,000 युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। टेक्सटाइल निवेश के लिए मजबूत आधार PM Mitra Parks : मध्यप्रदेश देश में कपास के उत्पादन में छठवें स्थान पर है, जो इसे टेक्सटाइल उद्योग के लिए एक उपयुक्त स्थान बनाता है। सरकार ने इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए 1,300 एकड़ का लैंड बैंक विकसित किया है, जिससे निवेशकों को भूमि अधिग्रहण में किसी प्रकार की कठिनाई न हो। मप्र के प्रेजेंटेशन में जानकारी दी गई है कि प्रदेश आर्गेनिक कॉटन के उत्पादन सहित टेक्सटाइल सेक्टर में परंपरागत रूप से आगे रहा है। आयोजन में मप्र पार्टनर स्टेट के रूप में शामिल हुआ है। आयोजन का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने किया। एमपी पवेलियन में प्रदेश की टेक्सटाइल सेक्टर की ताकत को दिखाया गया है। मप्र देश भर में कपास के उत्पादन में छठे नंबर पर है और यहां पारम्परिक रूप से टेक्सटाइल उत्पादन क्षेत्र रहे हैं। पवेलियन में बताया गया है कि मप्र आर्गेनिक कॉटन के उत्पादन में देश में 47 % का तो दुनिया में 24 % का योगदान करता है। आयोजन में बताया गया है कि मप्र में टेक्सटाइल सेक्टर में एक दशक में 25 हजार करोड़ का निवेश आ चुका है। धार में 2160 एकड़ में बन रहा पीएम मित्र पार्क आयोजन में मप्र धार में 2160 एकड़ में बन रहे पीएम मित्र पार्क की संभावनाओं का भी प्रदर्शन कर रहा है। टेक्सटाइल सेक्टर को समर्पित इस प्रोजेक्ट में 1265 एकड़ इंडस्ट्रियल प्लाट तो 36 एकड़ एमएसएमई के लिए प्लाट उपलब्ध हैं। लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के लिए 75 एकड़ तो प्लग एंड प्ले (पूर्व विकसित क्षेत्र) के लिए 67 एकड़ क्षेत्र रखा गया है। यहाँ निवेशक सीधे आकर काम शुरू कर सकते हैं। पीएम मित्र पार्क में 1 रुपए में जमीन तो 5 रु. में बिजली पीएम मित्र पार्क में सिर्फ 1 रुपए की लीज रेंट पर जमीन दी जाएगी, निवेशक को सिर्फ विकास शुल्क देना होगा। 40 % कैपिटल सब्सिडी, 50 % सीवेज ट्रीटमेंट पर सब्सिडी, हर एक कर्मचारी को नौकरी देने पर 5 हजार रुपये, एमएसएमई को 50 करोड़ तक सहायता, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में 40 करोड़ तक की बड़ी सहायता मिलेगी। ये बताया गया कि पार्क में 60 किमी अप्रोच रोड बन चुकी है। बिजली -पानी सप्लाई के काम जारी है। प्रोजेक्ट में इंटीग्रेटेड टाउनशिप भी बनेगी। एमपीआईडीसी को 10547 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं जिनसे 41600 से अधिक नौकरियां मिलेंगी। ग्रासिम, रेयमंड, ट्राइडेंट, इंडोरामा, कर्ल ऑन सहित बड़े समुह निवेश करेंगे। धार में पीएम मित्र पार्क: विशेष सुविधाएं  धार जिले में 2,160 एकड़ भूमि पर विकसित किया जा रहा पीएम मित्र पार्क निवेशकों को कई आकर्षक सुविधाएं प्रदान कर रहा है। इसमें मुख्य रूप से निम्नलिखित सुविधाएं शामिल हैं:     कम लागत पर भूमि: 1 रुपये प्रति वर्ग मीटर की लीज रेंट     सस्ती बिजली: 5 रुपये प्रति यूनिट की दर पर बिजली उपलब्ध     आधुनिक बुनियादी ढांचा: उद्योगों के लिए वर्ल्ड-क्लास सुविधाएं     सड़क एवं लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी: सुगम परिवहन और निर्यात हेतु बेहतरीन नेटवर्क राज्य सरकार का सहयोग  मध्यप्रदेश सरकार उद्योगों को आवश्यक अनुमति एवं सुविधाएं जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। टेक्सटाइल सेक्टर के विकास के लिए सरकार ने कई प्रोत्साहन योजनाएं भी लागू की हैं, जिससे निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। पीएम मित्र पार्क क्या है और इसका उद्देश्य क्या है? पीएम मित्र पार्क (PM MITRA Park) एक मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क है, जिसे केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर विकसित कर रही हैं। इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक टेक्सटाइल हब बनाना और रोजगार के अवसर पैदा करना है। पीएम मित्र पार्क में निवेश करने के क्या लाभ हैं? निवेशकों को 1 रुपये लीज रेंट पर जमीन, 5 रुपये प्रति यूनिट की दर से सस्ती बिजली, और वर्ल्ड-क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी सुविधाएं मिलेंगी। मध्यप्रदेश टेक्सटाइल उद्योग के लिए क्यों उपयुक्त है? मध्यप्रदेश कपास उत्पादन में देश में छठवें स्थान पर है, जिससे यहां टेक्सटाइल उद्योग के लिए पर्याप्त कच्चा माल उपलब्ध होता है। साथ ही, सरकार निवेशकों को सुविधाजनक नीतियों और प्रोत्साहन योजनाओं के जरिए समर्थन दे रही है। पीएम मित्र पार्क में कौन-कौन से उद्योग स्थापित किए जा सकते हैं? इस पार्क में कपड़ा निर्माण, गारमेंटिंग, प्रोसेसिंग, डाइंग, और टेक्सटाइल से जुड़े अन्य उद्योग स्थापित किए जा सकते हैं। पीएम मित्र पार्क में निवेश करने के लिए क्या प्रक्रिया है? निवेश करने के इच्छुक उद्यमी और कंपनियां राज्य सरकार की वेबसाइट या संबंधित विभाग से संपर्क कर आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा कर सकती हैं।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. 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भोपाल आबकारी विभाग की अवैध शराब पर कार्रवाई जारी

Bhopal Excise Department’s action against illegal liquor continues भोपाल। बैरागढ़ में स्थित रेस्टोरेंट और गांधीनगर क्षेत्र में ढाबे पर चल रही अवैध शराब पर मारा छापा बैरागढ़ और गांधीनगर में संचालित वाटर विले,मोक्ष क्लब, एवर ग्रीन , बिग डैडी,न्यू विक्की ढाबा , हाउस ऑफ डेलिसी आदि होटल/ढाबों पर दबिश देकर कार्यभाई की गई अवैध तरीके से मदिरापान करने वाले  ढाबा ,होटल ,और रेस्टोरेंट के मालिक एवं संचालकों पर कुल 23 प्रकरण दर्ज किए कार्रवाई के दौरान आबकारी कंट्रोलर एच  एस गोयल और भोपाल जिले की आबकारी टीम रहे मौके पर मौजूद Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 62

ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में निवेशकों का मार्गदर्शन करेंगे रियल एस्टेट एजेंट और ब्रोकर 

Real estate agents and brokers will guide investors in Global Investor Meet  भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक रामेश्वर शर्मा ने ‘उड़ान 2’ कार्यक्रम के दौरान कहा कि रियल एस्टेट एजेंट और ब्रोकर अपने अनुभव से ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में निवेशकों का मार्गदर्शन करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन एसोसिएशन ऑफ भोपाल रियल द्वारा शनिवार को किया गया, जिसमें भोपाल और देशभर के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए।   कार्यक्रम में रियल एस्टेट डेवलपर्स और बिल्डर्स ने एजेंट्स के साथ व्यापार करने और उनकी भूमिका पर विशेष चर्चा की। अध्यक्ष मनोज सिंह ने कहा कि भोपाल में रियल एस्टेट क्षेत्र में असीमित संभावनाएं हैं।   नेशनल एसोसिएशन के सुमंत रेड्डी ने ब्रोकर समुदाय को नई तकनीकों और नेटवर्किंग के माध्यम से व्यापार बढ़ाने का सुझाव दिया। वहीं, तरुण भाटिया ने आगामी मार्च में होने वाले ‘लार्वी गेट’ कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी साझा की।   अध्यक्ष अरुण गुप्ता ने सभी अतिथियों और एजेंट्स का धन्यवाद किया और संगठन की सदस्यता लेने का अनुरोध किया। शिक्षा और जनसंपर्क चेयरमैन राकेश अग्रवाल ने जागरूकता से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी दी।   इस सफल कार्यक्रम में 500 से अधिक रियल एस्टेट एजेंट्स, स्टेकहोल्डर्स और बैंकिंग चैनल पार्टनर्स ने भाग लिया। आयोजकों ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम भोपाल के नागरिकों और रियल एस्टेट उद्योग के विकास के लिए आवश्यक हैं।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 63