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मध्यप्रेदश में न्याय व्यवस्था के सभी विभाग एक दूसरे से जुड़ेंगे, ऑनलाइन होगा क्राइम जस्टिस सिस्टम, शुरू होगी नई व्यवस्था

देवास अपराधिक न्याय व्यवस्था के अलग अलग स्तंभों के मध्य सूचनाओं का आदान-प्रदान डिजिटल प्लेटफार्म पर करने के लिए देवास जिला पायलेट जिले के रूप में चयनित किया गया है। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश का यह पहला जिला होगा, जिसमें विवेचकों के पास टेबलेट होंगे। अपराधिक न्याय से जुड़े सभी विभाग ऑनलाइन एक दूसरे से जुड़ेंगे। विवेचना, वारंट, समन, एमएलसी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफएसएल जांच, न्यायालय, अभियोजन और जेल विभाग जानकारियां साझा करेंगे। इस व्यवस्था को प्रदेश में लागू करने के लिए देवास जिले को पायलेट जिले के रूप में लेकर यहां पुलिसकर्मियों, डॉक्टरों, एफएसएल अधिकारी, अभियोजन के वकीलों विवेचकों की ट्रेनिंग करवाई जाएगी। सिस्टम पूरी तरह से लागू होने पर अपराधिक न्याय व्यवस्था सुलभ, पारदर्शी और तेज हो जाएगी। भारतीय दंड संहिता को भारतीय न्याय संहिता से बदलने के बाद अब दंड से ज्यादा न्याय पर जोर दिया जा रहा है। पहले कानून में दंड देने की बात होती थी, जो अब पीड़ित को न्याय देने की होती है। पुलिस विभाग पूरी अपराधिक न्याय व्यवस्था को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए अब सभी स्तंभों को ऑनलाइन करने पर जोर दे रहा है। इसके तहत एफआईआर होने से जेल जाने तक सबकुछ एक क्लिक पर लाने की कोशिश है। इस पूरी कसरत के लिए देवास जिला पायलेट जिले के रूप में चयनित हुआ है और काम शुरू हो चुका है। इसके तहत प्रकरणों की विवेचना करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को टेबलेट भी दिए जाएंगे। सब कुछ पेपरलेस और तेज हो जाएगा न्याय व्यवस्था में एफआईआर से प्रक्रिया शुरू होती है। इसके बाद एमएलसी के लिए डाक्टर से संपर्क किया जाता है। विवेचना सीसीटीएनएस के माध्यम से पूर्व से ऑनलाइन है, परंतु डाक्टरी रिपोर्ट हार्ड कापी में मिलती है और इसके लिए काफी समय भी लगता है। नई प्रक्रिया में थाने से ही ऑनलाइन रिक्वेस्ट संबंधित अस्पताल में जाएगी, जिस पर रिप्लाय भी ऑनलाइन होगा। सभी एमएलसी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट टाइप की हुई होगी। आमतौर पर डाक्टरों द्वारा लिखे गए पर्चे समझने में दिक्कत होती है, परंतु टाइप होने से आसानी से समझा जा सकेगा। यह काम सीसीटीएनएस और हेल्थ के मेडलेपार साफ्टवेयर को लिंक करने से होगा। इसी तरह, एफएसएल से भी रिपोर्ट हार्ड कापी में आती थी, जो ऑनलाइन आएगी। किसी भी पोस्टमार्टम के बाद विसरा एफएसल जाता है, जिसकी रिपोर्ट काफी समय बाद आती थी। अब एफएसएल सीसीटीएनएस से लिंक होगी, जिससे रिपोर्ट पोर्टल पर थाना प्रभारी को दिखने लगेगी। इससे एफएसएल के इंतजार में प्रकरण लंबित नहीं रहेंगे। विवेचना के दौरान चालान के पूर्व ई-प्रोसिक्यूशन पोर्टल अभियोजन से डायरी स्क्रूटनी होती है। नया सिस्टम लागू होने से सीसीटीएनएस से डायरी इप्रोसिक्यूशन पर चली जाएगी। चालान को सीसीटीएनएस में सबमिट कर प्रिंट आउट निकालकर देते हैं। इसके बजाय अब आनलाइन ही न्यायालय में चार्जशीट चली जाएगी। सबकुछ पेपरलेस और तेज हो जाएगा। अब ई-विवेचना नई व्यवस्था के तहत विवेचना भी ई-विवेचना हो जाएगी। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत जिले के विवेचकों को करीब 300 टेबलेट मिलेंगे। इसके लिए विवेचकों की ट्रेनिंग भी करवाई जाएगी। पूरी व्यवस्था लागू होने से न्याय सुलभ, तेज और पारदर्शी हो जाएगा। इसके लिए कंट्रोल रूम में रविवार को उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर के न्यायमूर्तिगण व अन्य सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ कार्यशाला की जाएगी। ई-समन और वारंट व्यवस्था जारी न्यायालय में विचारण में दौरान समन व वारंट जारी होते हैं। नई प्रक्रिया में कोर्ट से आनलाइन समन और वारंट जारी किए जाएंगे, जो थाना प्रभारी की सीसीटीएनपएस आइडी में दिखेंगे। थाने में पदस्थ सभी स्टाफ के नाम रहेंगे, जिनकी बीट के आधार पर समंस वारंट संबंधित पुलिसकर्मी को आनलाइन भेजे जा सकेंगे। हर पुलिसकर्मी के पास ई-रक्षक एप्लीकेशन रहेगा। संबंधित पुलिसकर्मी वारंट होने पर वहीं संबंधित का फोटो लेकर एप्लीकेशन में अपडेट कर देगा। कोर्ट का सीआइएस सॉफ्टवेयर (कोर्ट इंफरमेशन सिस्टम) में यह दिखेगा। देवास के पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने बताया कि वर्तमान में ई-समन और वारंट व्यवस्था को जारी कर दिया गया है। पायलेट प्रोजेक्ट में प्रत्येक विवेचक को टेबलेट दिए जाएंगे। इनके माध्यम से विवेचक घटनास्थल के फोटो, नक्शा मौका, लेटिट्यूट, लांगिट्यूट, बयान, जब्ती की रिकार्डिंग, जब्ती पत्रक आदि की डिटेल फीड कर देंगे। बंदियों का पूरा ब्योरा भी पोर्टल पर दिखेगा न्यायालय से जो भी फैसला होगा, वह भी सीसीटीएनएस में आए नए फार्म में दिखने लगेगा। किसी को सजा होने पर जेल में इप्रिजन साफ्टवेयर में जानकारी डाली जाती है। यह भी सीसीटीएनएस से लिंक हो जाएगा, जिससे जेल में बंद अपराधियों से मिलने कौन आया, वह केस अपराध में बंद है, कब रिहा होगा आदि जानकारियां रहेंगी। आईसीजेएस पोर्टल के माध्यम से यह जानकारी भी आसानी से मिल पाएगी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 10

सोनकच्छ की प्रसिद्ध मावाबाटी को जीआई टैग दिलाने की तैयारी, देश में अपनी अलग पहचान बना सकती है

देवास अपने बेहतरीन स्वाद व अन्य मिठाइयों की तुलना में अधिक दिनों तक सुरक्षित रहने वाली देवास जिले के सोनकच्छ की प्रसिद्ध मावाबाटी देश में अपनी अलग पहचान बना सकती है। इस मावाबाटी के लिए जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) टैग हासिल करने की प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है। आगामी लगभग एक माह में सोनकच्छ की मावाबाटी से जुड़ी विभिन्न जानकारी सहित इसमें उपयोग आने वाली सामग्री दूध, मावा आदि की टेस्टिंग करवाकर रिपोर्ट के साथ फाइल वरिष्ठ स्तर पर सौंपी जाएगी। इस प्रक्रिया के लिए देवास के उद्यानिकी विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है। दो दिन पूर्व उज्जैन में आयोजित जीआई टैग संबंधी प्रस्तुतीकरण व परिचर्चा में सोनकच्छ की मावाबाटी के संबंध में जानकारी दी गई। इस दौरान मावाबाटी बनाने वाले एक हलवाई कनछेदीलाल विश्वकर्मा को भी साथ ले जाया गया था। जीआई टैग मिला तो डेढ़ से दोगुना तक हो सकते हैं दाम मावाबाटी को जीआई टैग दिलाने के लिए प्रस्तुतीकरण देते समय प्रस्तावक रहे आभा फाउंडेशन देवास के आशीष राठौर के अनुसार जीआई टैग मिलने से मावाबाटी बनाने वाले परिवारों को फायदा मिलेगा। वर्तमान में 300-400 रुपये किलो मिलने वाली मावाबाटी का भाव 500 से 600 रुपये तक पहुंच सकता है। मिट्टी के पात्र में दी जाने वाली मावाबाटी 10-12 दिनों तक सुरक्षित रहती है। जीआई टैग मिलने से सोनकच्छ की अलग पहचान देश, विदेश में बनेगी। जहां भी मावाबाटी बेची जाएगी, सोनकच्छ के नाम का जिक्र रहेगा। किसी केमिकल का उपयोग नहीं सोनकच्छ में बनने वाली वास्तविक मावाबाटी में किसी प्रकार के केमिकल का उपयोग नहीं किया जाता है। इसमें मावे की छोटी गोली बनाकर अंदर सूखा मेवा का उपयोग किया जाता है। इसके बाद इस गोली को एक अन्य बड़ी गोली के अंदर डाला जाता है। पकाने के लिए लकड़ी की भटि्टयों का उपयोग किया जाता जिसमें आंच मध्यम या कम रखी जाती है। सोनकच्छ में मावाबाटी का इतिहास 100 साल से भी अधिक पुराना है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 9

माशिम का Result समय पर लाने के लिए की नई व्यवस्था, कॉपी चेक करने वालों की ऑनलाइन होगी अटेंडेंस

भोपाल माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिम) ने 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में इस बार काफी सख्ती बरती है। कई मूल्यांकनकर्ता समय से समन्वयक केंद्र नहीं पहुंच रहे हैं। निर्धारित नियम के अनुसार, प्रत्येक शिक्षक को हर दिन कम से कम 30 उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करना है, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। इस कारण मंडल ने इस बार मूल्यांकनकर्ताओं की उपस्थिति को आनलाइन दर्ज करने की व्यवस्था की है। इसके लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जो सभी समन्वयक केंद्रों के पास होगा। सबसे पहले शिक्षकों को ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करानी होगी। इसके लिए मंडल ने सभी समन्वयक केंद्रों को निर्देश जारी किए हैं कि एक कंप्यूटर सिस्टम और एक ऑपरेटर की व्यवस्था की जाए। 24 मार्च से सभी मूल्यांकनकर्ताओं को उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करनी होगी। बता दें कि 10वीं व 12वीं के 17 लाख विद्यार्थियों की 90 लाख उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए करीब 40 हजार शिक्षकों को लगाया गया है।   जांची गई उतरपुस्तिकाओं की संख्या भी ऑनलाइन दर्ज करनी होगी मंडल ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक मूल्यांकनकर्ता मूल्यांकन केंद्र पर उपस्थित होने पर सर्वप्रथम मूल्यांकन केंद्र पर निर्धारित स्थान पर उक्त लिंक के माध्यम से अपने आईडी सिस्टम में दर्ज कराकर अपने आने का समय पंजीकृत कराएंगे। इसी तरह निकलने से पहले प्रत्येक मूल्यांकनकर्ता फिर आईडी से निकलने का समय ऑनलाइन दर्ज कराएंगे। साथ ही एक दिन में कितनी उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया। इसकी संख्या भी दर्ज करानी होगी। यह भी निर्देशित किया है कि अगर किसी मूल्यांकनकर्ता ने ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं कराई तो उसे उस दिन अनुपस्थित मान्य किया जाएगा। दूसरे चरण का मूल्यांकन कार्य शुरू दूसरे चरण का मूल्यांकन कार्य शनिवार से शुरू हुआ है। सुबह 10.30 बजे से साढ़े पांच बजे तक मूल्यांकन कार्य संचालित किया जा रहा है। वहीं तीसरे चरण का मूल्यांकन कार्य 31 मार्च से शुरू होगा। अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक मूल्यांकन पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस बार मई के दूसरे सप्ताह में रिजल्ट घोषित होने की संभावना है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 10

पेंशनरों ने की बैठक : मांगे नहीं मानी तो आगामी माह में करेंगे प्रांतव्यापी आंदोलन।

Pensioners held a meeting: If demands are not met, we will launch a statewide agitation in the coming month. भोपाल (सुशील दामले) । पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की जिला शाखा भोपाल द्वारा आयोजित होली मिलन समारोह में बड़ी संख्या में पेंशनरों ने भाग लिया भोपाल जिला अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष आमोद सक्सेना ने उपस्थित पेंशनरों को पुष्पगुच्छ एवं गुलाल लगाकर स्वागत किया । होली मिलन के बाद की गई बैठक में उपस्थित पेंशनरों ने मांगे पूरी नहीं होने की स्थिति में आने वाले माह में प्रांतव्यापी आंदोलन करने का निर्णय लिया । प्रदेश अध्यक्ष आमोद सक्सेना ने समय पर महंगाई राहत नहीं देने पर प्रदेश शासन पर भेदभाव का आरोप लगाया वहीं उपाध्यक्ष शंभूनाथ मुखर्जी ने सरकार को पेंशनर विरोधी बताया । भोपाल जिला अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने प्रदेश के पेंशनरों को एकजुट होकर भोपाल में विशाल आंदोलन प्रदर्शन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया । संगठन के संरक्षक गणेश दत्त जोशी ने फोन पर पेंशनरों को संबोधित कर होली की शुभकामनाएं दी एवं संगठित रहने का संदेश दिया । सक्सेना के अनुसार महंगाई राहत, कैशलेस चिकित्सा, वेतनमान का बकाया सहित पेंशनरों की सभी मांगों को लेकर आगामी माह में प्रांतव्यापी आंदोलन किया जाएगा बैठक में संगठन के मीडिया प्रभारी एस.के. शुक्ला, जिला शाखा के संरक्षक प्रमोद सिंगल, सर्वैश तिवारी उपाध्यक्ष हरेंद्र तिवारी,  बैरसिया के अध्यक्ष हरि बल्लभ शर्मा भेल के अध्यक्ष पी.एन. उपाध्याय सहित कई पदाधिकारी ने सभा को संबोधित किया । मंच संचालन अनिल पांडे एवं राजेंद्र नायक ने किया ।    Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 109