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9 साल से टी20 टीम से बाहर चल रहे अजिंक्य रहाणे का आईपीएल में भौकाल

नई दिल्ली आईपीएल में भारतीय क्रिकेट के सभी बड़े सितारे खेल रहे हैं। टीम इंडिया में खेल रहे खिलाड़ी के साथ ही संन्यास ले चुके नाम भी लीग में नजर आते हैं। इसके साथ कुछ ऐसे भी खिलाड़ी है, जो लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर हैं। आईपीएल से उनके इंटरनेशनल में कमबैक की उम्मीद न के बराबर है लेकिन फिर भी अपना 110 प्रतिशत दे रहे हैं। इसमें एक नाम अजिंक्य रहाणे का है। रहाणे 2016 से भारत की टी20 टीम के लिए नहीं खेले हैं। आईपीएल की नीलामी में अनसोल्ड रहने के बाद कोलकाता नाइटराइडर्स ने उन्हें खरीदा। उनका बेस प्राइस 1.5 करोड़ था और वह उतने में ही खरीदे गए। रहाणे का आईपीएल 2025 में प्रदर्शन केकेआर को मजबूरी में अजिंक्य रहाणे को कप्तान बनाना पड़ा। टीम के पास टी20 के एक से बढ़कर एक विस्फोटक बल्लेबाज हैं लेकिन आईपीएल 2025 में उनके लिए अब तक सबसे ज्यादा रन अजिंक्य रहाणे के हैं। 8 मैचों में रहाणे ने करीब 39 की औसत और 146.48 की स्ट्राइक रेट से 271 रन बनाए हैं। इसमें तीन फिफ्टी भी शामिल है। रहाणे के बल्ले से 24 चौके और 15 छक्के निकले हैं। केकेआर के लिए किसी ने भी उनसे ज्यादा छक्के या चौके नहीं मारे हैं। विराट और रोहित पर भी भारी रहाणे अजिंक्य रहाणे भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली पर भी भारी हैं। रोहित ने अभी तक 7 मैचों में 26 की औसत और 155 की स्ट्राइक रेट से 158 रन ही बनाए हैं। उनके 10 चौके और 12 छक्के हैं। आरसीबी के लिए खेलने वाले विराट कोहली ने रहाणे से ज्यादा रन बनाए हैं लेकिन स्ट्राइक रेट के साथ ही छक्के मारने में पीछे हैं। 8 पारियों में विराट के 322 रन हैं। उन्होंने 140 की स्ट्राइक रेट से बैटिंग करते हुए 11 छक्के ही मारे हैं। टी20 में वापसी की उम्मीद भी खत्म अजिंक्य रहाणे के लिए भारतीय टी20 टीम में वापसी की उम्मीद लगभग खत्म है। वनडे में भी वह लंबे समय से नहीं खेल रहे। टेस्ट में आखिरी बार 2023 में उन्हें मौका मिला था। टेस्ट में शायद उनकी वापसी हो भी जाए लेकिन वनडे और टी20 में लगभग नामुमकिन है। इसके बाद भी रहाणे आईपीएल में लगातार नए नवेले खिलाड़ियों पर भारी पड़ रहे हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 5

भारत के तीर्थ स्थानों में श्री अमरनाथ का नाम प्रमुखता से लिया जाता है, यात्रा से प्राप्त होता है 23 तीर्थों का पुण्य

नई दिल्ली श्री अमरनाथ आदिदेव भगवान शंकर की पवित्र उपाधि है। धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में स्थित प्राकृतिक भव्य एवं चमत्कारिक गुफा में प्रत्येक वर्ष हिमशिवलिंग के दर्शन करने से सुखद अनुभव की प्राप्ति होती है। भारत के तीर्थ स्थानों में श्री अमरनाथ का नाम प्रमुखता से लिया जाता है । कश्मीर के हिमाच्छादित पर्वतों के आगोश में बनी इस पवित्र गुफा के दर्शन हेतु यात्रा जुलाई में प्रारम्भ होकर अगस्त में रक्षाबंधन तक चलती है । अमरनाथ यात्रा को कुछ लोग मोक्ष प्राप्ति का तो कुछ स्वर्ग की प्राप्ति का जरिया बतलाते हैं ।   इस पवित्र धाम की यात्रा से 23 तीर्थों का पुण्य प्राप्त होता है । गुफा के एक छोर में प्राकृतिक रूप से बना हिमशिवलिंग पक्की बर्फ का होता है जबकि गुफा के बाहर मीलों तक कच्ची बर्फ ही देखने को मिलती है । गुफा में पक्की बर्फ से गणेश पीठ तथा पार्वती पीठ भी बनती हैं। भारत भूमि का कण-कण तीर्थ है । कश्मीर को तीर्थों का घर कहा जाता है । कश्मीर में 49 शिवधाम, 60 विष्णुधाम, 3 ब्रह्माधाम, 22 शक्तिधाम, 700 नागधाम हैं । अमरनाथ में स्थित पार्वती पीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है । अमरनाथ जी की यात्रा कैलाश मानसरोवर के बाद भारत में सबसे ज्यादा रोमांचक यात्रा है । काशी में लिंगदर्शन एवं पूजन से दस गुणा फल देने वाला श्री अमरनाथ का पूजन है । देवताओं की हजार वर्ष तक स्वर्ण, पुष्प, मोती एवं पट्ट वस्त्रों से पूजा का जो फल मिलता है वह श्री अमरनाथ जी की इस लिंग पूजा से एक ही दिन में प्राप्त हो जाता है।   एक दंत कथानुसार रक्षाबंधन की पूर्णिमा के दिन जो सामान्यत: अगस्त मास में पड़ती है भगवान शंकर स्वयं श्री अमरनाथ गुफा में पधारते हैं । रक्षा बंधन के दिन ही पवित्र छड़ी मुबारक गुफा में बने हिमशिवलिंग के पास स्थापित कर दी जाती है। अमरनाथ यात्रा का प्रचलन ईसा से भी एक हजार वर्ष पूर्व का है । अमरनाथ गुफा में भगवान शंकर ने मां पार्वती को अमरकथा सुनाई थी । मां पार्वती ने अमरत्व प्राप्त करने के लिए भगवान शंकर से अमरकथा सुनाने का हठ किया था ।   प्राचीन कथानुसार इस पावन गुफा की खोज बूटा मलिक नाम के मुसलमान गडरिए ने की थी । एक दिन वह भेड़ें चराते दूर निकल गया जहां उसकी एक साधु से भेंट हुई। साधु ने बूटा मलिक को एक कोयले से भरी कागड़ी दी । घर जाकर जब उसने देखा तो उस कागड़ी में सोना था जिसे देखकर वह हैरान हो गया । उस साधु का धन्यवाद करने वह वापस उस स्थान पर गया परन्तु साधु उसे मिला नहीं । उसने वहां एक विशाल गुफा देखी । उसी दिन से यह गुफा एक तीर्थ स्थान बन गई। माता पार्वती ने अमरकथा कथा इसी गुफा में सुनी थी।   इसी कारण देश-विदेश से हजारों की संख्या में शिव भक्त इस हिमशिवलिंग के दर्शन हेतु आते हैं । चातुर्मास की प्रतिपदा को हिमलिंग का निर्माण अपने आप प्रारम्भ होता है और धीरे-धीरे शिवलिंग का आकार ले लेता है तथा पूर्णिमा को परिपूर्ण होकर दूसरे पक्ष में घटने लगता है। अमावस्या या शुक्लपक्ष की प्रतिपदा को यह लिंग पूर्णत: अदृश्य हो जाता है। कुछ लोग इस किंवदंती को झुठलाते हैं ।   सत्य है कि हिमनिर्मित शिवलिंग कभी पूर्णतया लुप्त नहीं होता । आकार छोटा या बड़ा हो सकता है। कहा जाता है कि भगवान शिव इस गुफा में पहले-पहल श्रावण की पूर्णिमा को आए थे इसीलिए इस दिन अमरनाथ की यात्रा का विशेष महत्व माना जाता है । रावण पूर्णिमा (रक्षा बंधन) का सर्वाधिक महत्व होने से लोग इसी माह में यात्रा करते हैं ।पहलगांव की तरफ से इस यात्रा पर जाने से मार्ग में चंदनबाड़ी, शेषनाग झील, पंचतरणी के दर्शन होते हैं । Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 11

देश में सबसे ज़्यादा शराब पीने वाली महिलाओं वाले शीर्ष 7 राज्य, बीयर है पहली पसंद

नई दिल्ली दुनिया में शराब के शौकीनों की कमी नहीं है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। हालांकि, जब भी शराब का जिक्र आता है, तो इसे पुरुषों के शौक के रूप में बताया जाता है। अब परिस्थिति बदलती नजर आ रही है। महिलाएं भी जाम से जाम टकरा रही हैं। सांस्कृतिक और आदिवासी परंपराएं जैसी इसकी कई वजह हैं। एक सर्वे से पता चलता है कि भारत में कम से कम 7 राज्य ऐसे हैं, जहां बड़ी संख्या में महिलाएं शराब का सेवन करती हैं।भारत में पारंपरिक रूप से शराब सेवन को पुरुषों से जोड़ा जाता रहा है, लेकिन राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के ताज़ा आंकड़े इस धारणा को बदलते दिखते हैं. 2019-2021 के बीच हुए इस सर्वे में कई राज्यों में महिलाओं द्वारा शराब सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति सामने आई है. कुछ राज्यों में यह प्रतिशत पुरुषों के लगभग बराबर या उससे अधिक हो गया है. रिपोर्ट में NFHS-5 यानी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि इस लिस्ट में सबसे पहला नाम पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश का है। ये आंकड़े साल 2019 से 2021 के बीच जुटाए गए थे। अरुणाचल प्रदेश आंकड़े बताते हैं कि अरुणाचल प्रदेश में 24.2 फीसदी महिलाएं शराब का सेवन करती हैं। राज्य में मेहमानों को चावल से बनी स्थानीय बीयर पेश करना बेहद आम बात है। साथ ही शराब यहां सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं में अहम भूमिका निभाती है। सिक्किम लिस्ट में दूसरा स्थान सिक्किम को मिला है। यहां घर में बनी छांग जैसे पेय पदार्थ काफी मशहूर हैं। यहां करीब 16.2 प्रतिशत महिलाएं शराब पीती हैं। असम पूर्वोत्तर के ही एक और राज्य को इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर रखा गया है। असम में 7.3 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करती हैं। कहा जाता है कि यहां व्हिस्की काफी लोकप्रिय है। तेलंगाना तेलंगाना में व्हिस्की और बीयर को पसंद करने वालों की संख्या ज्यादा मानी जाती है। आंकड़े बताते हैं कि यहां 6.7 फीसदी महिलाएं शराब का सेवन करती हैं। झारखंड मुख्य रूप से आदिवासी इलाकों में झारखंड में 6.1 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करती हैं। अंडमान एंड निकोबार आईलैंड्स हांडिया, टोडी और जंगली। ये सारे पेय अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में काफी लोकप्रिय हैं। यहां करीब 5 प्रतिशत महिलाएं शराब पीती हैं। छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश से सटे छत्तीसगढ़ शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या 4.9 प्रतिशत है। कहा जाता है कि यहां व्हिस्की और वोडका को ज्यादा पसंद किया जाता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 8

एम्स भोपाल ने कैंसर की AI आधारित स्क्रीनिंग में दक्षता हासिल की, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस करेगा कैंसर का इलाज

भोपाल  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल एम्स और राजस्थान में स्थित जोधपुर एम्स मिलकर कैंसर की पहचान और रोकथाम के लिए काम करने वाले हैं। एम्स भोपाल ने कैंसर की एआई आधारित स्क्रीनिंग में दक्षता हासिल की है। इसका इस्तेमाल जोधपुर एम्स में भी किया जाएगा। इससे कैंसर का निदान और अधिक सटीक और व्यापक रूप से सुलभ हो जाएगा।  यह तकनीक बिना लक्षण वाले मरीजों में भी प्रारंभिक चरण में कैंसर का पता लगाने में सक्षम है। एम्स निदेशक प्रो. अजय सिंह का कहना है कि, कैंसर की स्क्रीनिंग को तेज और अधिक सुलभ बनाकर, दूर दराज और पिछड़े क्षेत्रों में कई जानें बचा सकते हैं। विकसित करेंगे शीर्ष केंद्र दोनों एम्स मिलकर कैंसर देखभाल के लिए शीर्ष केंद्र विकसित करना चाहते हैं। यह केंद्र टियर 2 जैसे शहरों में कैंसर के इलाज में मददगार साबित होंगे। स्नोफ्लेक मॉडल दिया है नाम एम्स ने कैंसर के उपचार का जो मॉडल विकसित किया है। उसे स्नोफ्लेक मॉडल नाम दिया है। इसे आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी), राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (एनसीजी) और हब-एंड-स्पोक मॉडल के साथ जोड़ा जाएगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 10

सतना से उड़ा गिद्ध, राजस्थान होते हुए पाकिस्तान और अफगानिस्तान पहुंचा, अब किर्गिस्तान बता रहा लोकेशन

सतना  मध्य प्रदेश से एक अच्छी खबर आई है। एक घायल गिद्ध को इलाज के बाद जंगल में छोड़ा गया था। अब वह गिद्ध किर्गिस्तान पहुंच गया है। यह गिद्ध पहले सतना में घायल मिला था, जिसके बाद वन विभाग ने उसका इलाज कराया फिर उसे भोपाल के वन विहार में रखा गया। वहां से उसे छोड़ा गया था। छोड़ने से पहले लगाया गया था ट्रैकर गिद्ध के शरीर पर जीपीएस ट्रैकर लगाया गया था। इससे पता चला कि वह पाकिस्तान और अफगानिस्तान होते हुए किर्गिस्तान पहुंच गया है। मध्य प्रदेश सरकार गिद्धों को बचाने के लिए कई काम कर रही है, जिससे इनकी संख्या भी बढ़ रही है। जनवरी में मिला था घायल जनवरी महीने में सतना जिले के एक खेत में घायल गिद्ध की सूचना वन विभाग को मिली थी। वन विभाग ने इलाज देने के बाद गिद्ध को बचा लिया। फिर उसे भोपाल के वन विहार के वल्चर कंजर्वेशन सेंटर में भेजा गया। यहां दो महीने तक उसका इलाज और प्रशिक्षण हुआ। 29 मार्च को उसे हलाली डैम क्षेत्र में खुले आकाश में उड़ने के लिए छोड़ दिया गया। गिद्ध ने बना दिया उड़ने का रिकॉर्ड इस गिद्ध ने उड़ते ही एक नया रिकॉर्ड बना दिया। यह विदिशा की पहाड़ियों से राजस्थान होते हुए पाकिस्तान और अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ तक पहुंच गया। जीपीएस ट्रैकर से पता चला कि फिलहाल यह गिद्ध किर्गिस्तान में सुरक्षित है। वन्यजीव चिकित्सक डॉ. श्रवण मिश्रा ने बताया कि गिद्ध थोड़ा परेशान था और रास्ता भटक गया था। इलाज के बाद जीपीएस टैगिंग की गई थी। अब उसकी लोकेशन किर्गिस्तान में ट्रैक हो रही है। वल्चर स्टेट बन रहा मध्य प्रदेश मध्य प्रदेश को अब 'वल्चर स्टेट' भी कहा जाने लगा है। यहां पन्ना टाइगर रिजर्व से लेकर गांधी सागर तक गिद्धों के लिए अच्छा वातावरण बनाया गया है। केरवा डैम में गिद्ध प्रजनन केंद्र बनाया गया है। यहां से अब तक सैकड़ों गिद्धों को खुले वातावरण में छोड़ा जा चुका है। हाल ही में भोपाल के हलाली जंगल क्षेत्र से छह गिद्धों को छोड़ा गया था। इन पर सौर ऊर्जा से चलने वाले जीपीएस ट्रैकर लगाए गए हैं। इन गिद्धों का जन्म केरवा के गिद्ध संवर्धन और प्रजनन केंद्र में हुआ था। एमपी में अब कितने गिद्ध हैं 2019 में राज्य में 8397 गिद्ध थे। 2024 में इनकी संख्या बढ़कर 10,845 हो गई है। पन्ना क्षेत्र में सबसे ज्यादा गिद्ध हैं। यहां 900 से ज्यादा गिद्ध पाए गए हैं। राज्य में गिद्धों की सात प्रजातियां देखी गई हैं। इनमें चार स्थानीय और तीन प्रवासी प्रजातियां शामिल हैं। 16 सर्कल के 64 डिवीजन में जो गिनती हुई, उसके मुताबिक आज की तारीख में प्रदेश में 12,981 गिद्ध हैं। गिद्ध बचाने के लिए सावधानी जरूरी गिद्धों को बचाने के लिए सावधानी बरतना भी जरूरी है। जानवरों में इस्तेमाल होने वाली 'डायक्लोफेनाक' दवा गिद्धों के लिए खतरनाक है। इस दवा पर रोक लगा दी गई है लेकिन जहरीले भोजन का खतरा अभी भी बना हुआ है। पर्यावरणविद रशीद नूर ने चेतावनी दी है कि 'गौशालाओं और खुले मैदानों में जहरीले इंजेक्शन लगे मृत जानवर अब भी मौजूद हैं। इनके सेवन से गिद्धों की मौत हो सकती है. इसलिए लगातार निगरानी रखना बहुत जरूरी है।' धरती के सफाई कर्मी कहलाते हैं गिद्ध गिद्धों को धरती का सफाई कर्मी कहा जाता है। इनका संरक्षण करना बहुत जरूरी है। इससे पूरे पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बना रहता है। जब गिद्ध उड़ते हैं, तो उनके साथ जीवन का चक्र भी चलता रहता है। सतना से उठी एक छोटी सी उम्मीद आज किर्गिस्तान तक पहुंच गई है। पन्ना के जंगलों में, सतना के खेतों में, हलाली के आसमान में, हर जगह गिद्ध दिखाई दे रहे हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 3

अमेरिका में हर चौथा मुसलमान इस्लाम छोड़ चुका, अपना धर्म छोड़ने में ईसाई सबसे आगे

नई दिल्ली भारत के लिए धर्म परिवर्तन बहुत बड़े राजनीतिक विवाद का मसला रहा है। लेकिन, हकीकत ये है कि अपना धर्म छोड़कर दूसरा धर्म अपनाने या किसी भी धर्म को न मानने वाले लोगों के मामले में अमेरिका और यूरोप के देश ज्यादा आगे हैं। तथ्य यह भी है कि जब धर्म परिवर्तन की बात आती है या अपना धर्म छोड़ने की बात आती है तो इसमें ईसाई सबसे आगे हैं। उनके बाद बौद्ध हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन करने में दिलचस्पी दिखाई है। एक बड़ा तथ्य यह भी है कि ऐसा करने वालों में अधिकतर ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपना धर्म तो छोड़ दिया है, लेकिन वह किसी अन्य धर्म से जुड़े भी नहीं। इसके बाद वे लोग हैं, जिन्होंने न सिर्फ अपना धर्म बदला है, बल्कि नई आस्था भी कबूल की है। दक्षिण कोरिया में 50% ने छोड़ा अपना धर्म प्यू रिसर्च सेंटर दुनिया के 36 देशों में सर्वे के आधार पर इस नतीजे पर पहुंचा है कि अगर दक्षिण कोरिया जैसे देश की आधी आबादी अपना धर्म छोड़ चुकी है, वहीं हिंदू और मुसलमानों की यह विशेषता है कि वह जिस धर्म में पैदा होते हैं, उसे बिरले ही छोड़ते हैं। मतलब, उनकी आस्था अपने धर्म से आमतौर पर हमेशा जुड़ी रहती है। इस सर्वे के अनुसार अपना धर्म बदलने वाले लोगों में एक बड़ा ट्रेंड ये है कि इनमें ज्यादातर जनसंख्या उन लोगों की है, जो किसी दूसरे धर्म को अपनाने की जगह खुद को नास्तिक, अनिश्वरवादी (atheists),अज्ञेयवादी (agnostics) या 'नथिंग इन पर्टिक्युलर'कहलाना ज्यादा पसंद करते हैं। दक्षिण कोरिया के बाद सबसे ज्यादा लोगों ने अपना धर्म स्पेन में बदला है। इस लिस्ट में कुल 15 देशों के नाम हैं, जिसमें भारत 14वें स्थान पर है, जहां मात्र 2% लोग आज उस धर्म का पालन नहीं करते, जिस आस्था में उनका जन्म हुआ था। अपना धर्म छोड़ने में ईसाई सबसे आगे हमने ऊपर बात की ईसाई धर्म मानने वालों की, जो सबसे ज्यादा धर्म बदल रहे हैं। यह इस तरह से देखा जा सकता है कि स्पेन में जहां करीब 100 में से 90 लोग ईसाई बनकर पैदा हुए, लेकिन अब उनमें से 54 ही इस धर्म को मानते हैं। यानी कुल 36% क्रिश्चियन अपना धर्म छोड़ चुके हैं। इसमें कुल 10 ईसाई बहुल देशों का जिक्र है, जिसमें दूसरे नंबर पर स्वीडन और आखिर में इटली का नाम है। इटली में भी 20 क्रिश्चियन आज उस धर्म को नहीं मानते, जिसमें उनका जन्म हुआ था। अमेरिका में ऐसे लोगों की संख्या 22% है। धर्म छोड़ने वालों में ईसाइयों के बाद बौद्ध हजारों साल पहले भारत में बौद्ध धर्म का रंग फीका पड़ने लगा था। दुनिया भर में ईसाइयों के बाद आज जिस धर्म के लोग अपने मूल धर्म से मुंह फेर रहे हैं तो वे बौद्ध हैं। मसलन, जापान में अगर 58 लोगों ने बौद्ध धर्म में जन्म लिया तो आज उनमें से मात्र 34 ही इस धर्म को मानते हैं। कुल मिलाकर 26% ने अपना मूल धर्म छोड़ दिया है। यह स्थिति दक्षिण कोरिया, सिंगापुर से लेकर श्रीलंका तक में दिखाई दे रही है। अमेरिका में 23% मुसलमानों ने छोड़ा इस्लाम जैसा कि पहले बताया गया कि इस सर्वे के अनुसार आज भी हिंदू और मुसलमानों में ऐसे लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है, जो अपने धर्म में ही बने रहना पसंद करते हैं, और अपना धर्म छोड़कर दूसरे को अपनाने वालों की संख्या इनमें सबसे कम है। जैसे बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया जैसे मुस्लिम बहुल देशों में एक भी मुसलमान ने इस्लाम नहीं छोड़ा। यही स्थिति ट्यूनिशिया की भी है। भारत में सिर्फ 1% मुसलमान अपना धर्म छोड़कर दूसरे धर्म में शामिल हुए हैं। भारत से ज्यादा तुर्की में मुसलमानों ने इस्लाम छोड़ा है। यहां इस्लाम में पैदा होने वाले 4% लोग अब खुद को मुस्लिम नहीं मानते और इनमें से 1% दूसरा धर्म अपना चुके हैं। सिंगापुर में यह संख्या 3% है, जो अब मुस्लिम नहीं हैं। सबसे ज्यादा मुसलमानों ने अमेरिका में इस्लाम छोड़ा है। यहां अगर 100 लोग इस्लाम में पैदा हुए थे तो अब उनमें से सिर्फ 77 ही इसका पालन करते हैं। यानी 23% ने इस्लाम छोड़ दिया है। 10% ने कोई अन्य धर्म अपना लिया है और 13% किसी भी धर्म का पालन नहीं करते। अमेरिका में 18% हिंदुओं ने हिंदुत्व छोड़ा मुसलमान ही नहीं अमेरिका में रहने वाले सबसे ज्यादा हिंदुओं ने भी अपना धर्म छोड़ा है। आज अमेरिका में ऐसे लोगों की संख्या 18% है, जो पैदा तो हिंदू धर्म में हुए थे, लेकिन अब इस धर्म को नहीं मानते। ऐसा करने वाले श्रीलंका में 11% हैं। श्रीलंका में जिन लोगों ने हिंदू धर्म छोड़ा है, उनमें से अधिकांश अब ईसाई बन चुके हैं। लेकिन, अमेरिका में हिंदुत्व छोड़ने वाले अधिकतर आज कोई धर्म नहीं मानते और बाकी ईसाई बन चुके हैं। दुनिया में 14.4% लोग किसी धर्म को नहीं मानते इस सर्वे का एक बड़ा नतीजा ये रहा है कि 2022 के आंकड़ों के अनुसार दुनिया में अगर 31.6% ईसाई, 25.8% मुसलमान और 15.1% हिंदू थे तो ऐसे लोगों की तादाद 14.4% हो चुकी थी, जो किसी धर्म से नहीं जुड़े थे। इनके बाद 6.6% बौद्ध,5.4% फोक रिलिजनिस्ट, 0.8% अन्य और 0.2% यहूदी थे। एक और महत्वपूर्ण बात जो इस सर्वे से सामने आई है, वह यह कि धर्म से मुंह मोड़ने वालों में ज्यादातर युवा हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा तादाद पढ़े-लिखे और पुरुषों की है, जो उस धर्म से निकल रहे हैं, जिसमें वे पैदा हुए थे। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की … Read more

500 करोड़ की लागत से भोपाल में बनेगा नया कलेक्ट्रेट भवन, 90 घरों को नोटिस दिए

भोपाल  भोपाल शहर की प्रोफेसर कॉलोनी में नए कलेक्ट्रेट भवन के लिए 90 घरों को नोटिस दिए गए। बीते दिन इस पर कलेक्टर ने पूछताछ की, जिसमें बताया गया कि जिन्हें नोटिस दिए वे खाली है। सरकारी मकान है जो बेहद जर्जर है। यहां कोई नहीं रहता, लेकिन ये आवंटित है। इन पर नोटिस चस्पा किए गए हैं।  गौरतलब है कि जारी किए नोटिस पर सांसद आलोक शर्मा ने आपत्ति ली थी। टेंडर जारी होने से पहले ही मकान खाली कराने के नोटिस जारी होने पर रहवासियों में तो नाराजगी है ही, सांसद आलोक शर्मा ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से इन मकानों में रहने वालों को नोटिस जारी करने पर तीखी नाराजगी जताई है। मामले में प्रोफेसर कॉलोनी रहवासी संघ भी सक्रिय हुआ। संघ के त्रिभुवन मिश्रा ने बताया वे मामले में मंगलवार को हाउसिंग बोर्ड पहुंचकर उच्चाधिकारियों को ज्ञापन देंगे। सांसद शर्मा ने मामले में संभवत: बुधवार या गुरुवार को संबंधित प्रशासनिक अफसरों के साथ जनप्रतिनिधियों की बैठक तय करने की बात कही। यहां कुल 149 घर है। इसके अलावा अन्य भवन है। शिफ्ट होने है कई ऑफिस रीडें​सीफिकेशन प्रोजेक्ट लगभग 500 करोड़ रुपए का है। इससे यहां संभागायुक्त, आईजी देहात, कलेक्टर, चार एडीएम कार्यालय, नाजिर शाखा, खनिज शाखा, आबकारी विभाग, खाद्य विभाग, निर्वाचन के लिए अलग से कार्यालय, खाद्य विभाग व इनसे संबंधित कार्यालय, बाबुओं के बैठने की व्यवस्था, कांफ्रेंस हाल, रिकॉर्ड रूम, लोकसेवा गारंटी केंद्र, एसएलआर, अधिवक्ता कक्ष, महिला बाल विकास, आदिम जाति कल्याण विभाग, सामाजिक न्याय विभाग सहित अन्य दफ्तर शिफ्ट होने हैं। इसके साथ ही मौजूदा ओल्ड सेक्रेटरिएट की खाली होने वाली जमीन पर हाउसिंग और कमर्शियल प्रोजेक्ट लाने की योजना है। शिफ्टिंग के साथ वैकल्पिक व्यवस्था के लिए भी आदेश जारी हो गया है। सीबीआई व्यापम स्कैम b1, सीबीआई व्यापम स्कैम b8, 10 समेत साइन मंदिर और गीतांजलि होस्टल भी खाली होगा। सर्किट हाउस समेत क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं मेरेलिया नियंत्रक ऑफिस चंबल बेतवा विषय मुख्य अभियंता कार्यालय भी खाली होगा। 500 करोड़ की लागत से भोपाल का नया कलेक्ट्रेट कार्यालय भवन बनेगा। प्रोजेक्ट भी तालाब से 60 से 150 मीटर दूर बनाय जा रहा है। हाउसिंग बोर्ड के अधिवक्ता शांतनु सक्सेना ने बताया कि एनजीटी के जज एसके सिंह और एक्सपर्ट मैंबर अफरोज अहमद ने हाउसिंग बोर्ड के तर्कों को स्वीकार करते हुए सिटीजंस फोरम की याचिका को निरस्त कर दिया है। एनजीटी ने इसका ऑर्डर अपनी वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया है। सोलर एनर्जी से लेकर प्राकृतिक प्रकाश की व्यवस्था कलेक्टोरेट की इमारत को पूरी तरह से जनता से जुड़ा हुआ बनाया जाएगा। उनके लिए यहां अलग से कक्ष भी बनाया जाएंगे। जनसुनवाई कक्ष अत्याधुनिक होगा, वहीं अलग-अलग इमारतों में अधिकारियों की बैठक के लिए भव्य कक्ष बनाए जाएंगे। भविष्य को देखकर इस बिल्डिंग में सोलर एनर्जी से लेकर प्राकृतिक प्रकाश तक की व्यवस्था की गई है। प्रोेफेसर कालोनी के साथ सर्किट हाउस व मंत्री बंगलों को तोड़कर नई कलेक्टोरेट व कुछ अन्य दफ्तरों को यहां शिफ्ट किया जाना है। ये काम रीडेंसिफिकेशन प्रोजेक्ट के तहत हो सकेगा। इसको लेकर पीएस रेवेन्यू के यहां तक बैठकें हो चुकी हैं। इसके बाद इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। बदल जाएगी पुराने शहर की तस्वीर चार बंगला ऑफिस और मकान टूटकर कलेक्ट्रेट और अन्य ऑफिस ब्लॉक बनेंगे। पॉलिटेक्निक चौराहा .. .यहां अर्बन फॉरेस्ट और पोडियम पार्किंग बनाई जाएगी। किलोल पार्क मलेरिया ऑफिस को तोड़कर पार्क का विस्तार होगा और नई सड़कें बनेंगी। पुराने शहर में पहला बड़ा प्रोजेक्ट… यह प्रोजेक्ट सिर्फ नए कलेक्ट्रेट के निर्माण तक सीमित नहीं है। इसमें प्रोफेसर कॉलोनी, कलेक्ट्रेट, चूना भट्टी और मेन रोड नंबर 2 के 58.94 एकड़ जमीन का रिडेंसिफिकेशन होगा। 42.63 एकड़ में सरकारी दफ्तर और अन्य सुविधाएं बनेंगी, जबकि 16.31 एकड़ पर प्राइवेट रेसीडेंशियल और कमर्शियल डेवलपमेंट होगा। शहर के बड़े डेवलपमेंट की रूपरेखा ऐसी होगी     बी टाइप अपार्टमेंट : 20 टॉवर (जी+11)     हॉस्टल ब्लॉक : जी+3 और जी+4 के ब्लॉक     रवींद्र भवन के सामने शॉपिंग : 3000 वर्ग मीटर     अरबन फॉरेस्ट : 7.3 एकड़     स्टेट गेस्ट हाउस : 68 कमरे और 5 सुइट्स बनेंगे। चूना भट्‌टी पर जी एफ सरकारी फ्लैट बनेंगे चूना भट्टी : जी+6 के 5 ब्लॉक। इसमें 3 जी टाइप (72 फ्लैट), 2 एफ टाइप (48 फ्लैट) यानी कुल-120 फ्लैट बनेंगे। कुल जमीन 15,000 वर्ग मीटर। ओल्ड सेक्रेटरिएट : यहां 2.24 हेक्टेयर पर ई टाइप जी+6 के 3 ब्लॉक, 72 फ्लैट व एफ। कलेक्ट्रेट के लिए 9 बार तलाशी जगह… 1972 से अब तक कलेक्ट्रेट के लिए 9 बार अलग-अलग जगहों पर विचार हुआ, लेकिन हर बार कोई न कोई अड़चन आ गई। अब जाकर 2024 में इस नई साइट को मंजूरी मिली है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 5