जयपुर.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मणिपुर हिंसा पर RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि मणिपुर हिंसा की उपेक्षा को लेकर भागवत का बयान बहुत देर से आया है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में केंद्र सरकार ने मणिपुर में हो रहे आंतरिक संघर्ष और हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया है।
गहलोत ने कहा कि मणिपुर एक छोटा राज्य है, लेकिन भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी मणिपुर जाने का प्रयास नहीं किया, जबकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई बार मणिपुर का दौरा किया। गहलोत ने भागवत से आग्रह किया कि वह केंद्र सरकार पर दबाव बनाएं, ताकि मणिपुर में हिंसा को रोका जा सके।
केंद्र सरकार निष्क्रिय
गौरतलब है कि मणिपुर में लंबे समय से जातीय और सामुदायिक हिंसा की घटनाएं हो रही हैं, जिनमें कई लोगों की जान गई है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। अशोक गहलोत ने इन हालातों पर केंद्र सरकार की निष्क्रियता की आलोचना की। भागवत से केन्द्र सरकार को मजबूर करने की अपील की है कि वह मणिपुर पर ध्यान दें। भागवत का बयान ऐसे समय आया है, जब मणिपुर में शांति बहाल करने की मांग तेजी से बढ़ रही है। गहलोत के अनुसार, केन्द्र सरकार की लापरवाही ने मणिपुर की स्थिति को और गंभीर बना दिया है और इसे तुरंत सुधारने की आवश्यकता है। इस मुद्दे पर गहलोत का बयान एक महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।
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