उमरिया
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में करंट से एक बाघ की मौत के बाद प्रदेश में जारी किए गए शिकारियों को लेकर अलर्ट और बाघों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। यह सवाल इसलिए भी बड़ा है क्योंकि बांधवगढ़ के कटनी जिले से लगे हिस्से में बाघों की सबसे ज्यादा मौत होती है। पिछले कई साल से लेकर इस साल तक का आंकड़ा यही बताता है। इस साल भी बांधवगढ़ में दो बाघों की मौत हुई है और दोनों ही मौतें पनपथा रेंज में हुई है।
पांच सालों में 51 में से 17 पनपथा में मरे
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वर्ष 2020 से पिछले पांच सालों में 51 बाघों की मौत हो चुकी है। वर्ष 2020 में नौ बाघों की मौत हुई। वर्ष 2021 में 15 बाघों ने बांधवगढ़ में अपनी जान गंवाई। वर्ष 2022 में सात बाघ मरे। वर्ष 2023 में 13 एक-एक करके बाघों की जान गई। वर्ष 2024 में 13 बाघों की मौत का आंकड़ा रहा और वर्ष 2025 शुरू होते ही बांधवगढ़ के तीन बाघ मौत के मुंह में समा गए। जबकि इन आंकड़ों का सबसे अहम पहलू यह है कि मरने वाले कुल बाघों में से 17 बाघों की बांधवगढ़ के पनपथा रेंज में मौत हुई है।

“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है। और पढ़ें
इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र