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चौहान ने कहा कांग्रेस को हमेशा शकुनि, चौसर और चक्रव्यूह क्यों याद आते हैं? “जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मुरत देखी तिन तैसी.”

नई दिल्ली केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस को  हमेशा शकुनि, चौसर और चक्रव्यूह याद आते हैं. जब हम महाभारत काल में जाते हैं. तब हमें तो कन्हैया याद आते हैं. अनीति और अधर्म किसने किया, ठगी किसने की. कांग्रेस के डीएनए में ही किसान विरोध है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री चौहान शिवराज राज्यसभा में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को हमेशा शकुनि, चौसर और चक्रव्यूह क्यों याद आते हैं? "जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मुरत देखी तिन तैसी." शकुनि धोखे और कपट के प्रतीक थे, चौसर में धोखा और चक्रव्यूह में घेर कर मारना होता है.  क्या कांग्रेस का असली चेहरा यही है? "जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी" जब हम महाभारत काल में जाते हैं तो हमें भगवान श्रीकृष्ण नजर आते हैं, जबकि विपक्ष को छल-कपट और अधर्म के प्रतीक शकुनी तथा चौसर का ध्यान आता है. कर्ज माफी की बात हो रही थी. मैंने शकुनि, चौसर और ठगी का जिक्र किया. कांग्रेस ने अपने केंद्र और राज्य के घोषणापत्र में कई बार कहा कि सरकार में आते ही कर्ज माफ कर देंगे. मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में 10 दिन में 2 लाख तक के कर्ज माफ नहीं तो 11वें दिन मुख्यमंत्री हटाने का वादा किया. 'सड़ा हुआ गेहूं खाने को मजबूर किया' उन्होंने कहा कि शुरुआत से ही कांग्रेस की प्राथमिकताएं गलत रही हैं. हमारे पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, मैं उनका आदर करता हूं. वह रूस से एक मॉडल देखकर आए और कहा कि इसे लागू करो. चौधरी चरण सिंह ने कहा कि ये गलत है. 17 साल प्रधानमंत्री रहे, लेकिन क्या हुआ. अमेरिका से सड़ा हुआ लाल गेहूं भारत को खाने पर मजबूर किया गया. शिवराज सिंह ने आगे कहा कि इंदिरा के जमाने में जबरदस्ती लेवी वसूली का काम किया जाता था. भारत आत्मनिर्भर नहीं हुआ. राजीव गांधी ने एग्रीकल्चर प्राइस पॉलिसी की बात जरूर की, लेकिन किसानों की आय बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. नरसिम्हा राव की सरकार में भी कृषि से जुड़े उद्योगों की भी डी-लाइसेंसिंग नहीं की. 2004 से 2014 की क्या बात करूं, उस समय घोटालों के देश में जाने जाते थे. भारत की राजनीति में, राजनीतिक क्षितिज पर एक दैदीप्यमान सूर्य का उदय हुआ, जिसने पूरे देश को विश्व से भर दिया- नरेंद्र मोदी. मोदी सरकार ने कृषि की प्राथमिकताएं बदल दीं. 'हमारी हैं छह प्राथमिकताएं' उन्होंने कहा कि हमारी छह प्राथमिकताएं हैं- उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन की लागत घटाना, ठीक दाम देना, कृषि का विविधीकरण और आने वाली पीढ़ियों के लिए भी धरती सुरक्षित रहे इसके लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास. ये सरकार खेती का रोडमैप बनाकर काम कर रही है. कल हमारे मित्र बजट की बात कर रहे थे. 2013-14 में कृषि का बजट 27664 करोड़ रुपये था. ये बढ़कर आज एक लाख 32 हजार करोड़ है. इसमें फर्टिलाइजर, सहकारिता, डेयरी, फिशरीज इन सबको जोड़ दिया जाए तो इसमें 1 लाख 46 हजार 55 करोड़ और जुड़ेगा. जलशक्ति मंत्रालय अलग है जो सिंचाई के प्रबंध में लगा है. उत्पादन बढ़ाना है तो पहली प्राथमिकता सूखे खेतों में पानी पहुंचाने की. बिना पानी के खेती नहीं होगी. कांग्रेस की सरकारों ने कभी उतनी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया गया. अटल बिहारी वाजपेयी ने रिवर लिंकिंग की बात की. इसे सबसे पहले साकार नरेंद्र मोदी ने गुजरात में किया और हमने मध्य प्रदेश में कई नदियों को जीवित करने का काम किया. PM सिंचाई योजना पर चल रहा है काम: कृषि मंत्री उन्होंने, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जब रिवर लिंकिंग की बात आई और ये कहा गया कि क्या नर्मदा जी को क्षिप्रा जी से जोड़ा जा सकता है, उन्होंने कहा नहीं, ये संभव नहीं है. हमने तय किया कि करके दिखाएंगे और किया. आज केन-बेतवा को जोड़ने की भी मंजूरी दे दी गई है. बाणसागर जैसे अनेकों बांध वर्षों तक पूरे नहीं हुए क्योंकि खेती और किसान प्राथमिकता नहीं था. प्रधानमंत्री सिंचाई योजना पर भी काम चल रहा है और सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं पर भी काम चल रहा है. शिवराज ने कहा कि सस्ता खाद मिले, किसान को बेहतर दाम मिले, इसके लिए अनेकों कदम उठाए गए हैं. सस्ता खाद मोदी सरकार देती रहेगी, आश्वस्त करता हूं. पानी पर कई सदस्यों ने चिंता जाहिर की थी. सूक्ष्म सिंचाई योजना लाई गई ड्रिप, स्प्रिंकल के माध्यम से नहर में बहता पानी वाष्पीकरण भी हो जाता है. पिछली सरकार को पानी का महत्व नहीं मालूम था. इस योजना में सरकार ने 23-24 तक 14-15 तक 21 हजार 615 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. उन्होंने मसूर से लेकर चना और तुअर की खरीद तक के आंकड़े गिनाए और कहा कि दलहन में आत्मनिर्भर बनना है और आयात पर निर्भरता समाप्त करना है. 'MSP पर खरीदी जाएंगी फसल' उन्होंने यह भी बताया सरकार ने फैसला किया है कि एमएसपी पर पूरी की पूरी खरीदी जाएगी, जितना भी किसान उत्पादन करेंगे. सुरजेवालाजी कह रहे थे कि पैदा इतना हुआ और खरीदी इतनी. एमएसपी काहें की होती है. एमएसपी के नीचे दाम मिले तो किसान एमएसपी पर बेचेगा. ठीक मिलेगा तो वो एमएसपी पर बेचने आएगा. मध्य प्रदेश में शरबती गेहूं की कीमत है चार हजार, पांच हजार प्रति क्विंटल. क्या वो भी एमएसपी पर ही बिकवाएंगे. हरियाणा का बासमती चावल भी विदेशों में धूम मचा रहा है. गांव में परंपरा है कि कई बार किसान मजदूरों को पैसे नहीं देते, अनाज ही दे देते हैं. पता नहीं उनको खेती से मतलब है कि नहीं है और आंकड़े पढ़ दिए. सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि एमएसपी पर किसान को विवशता में बेचना पड़ेगा. मार्केट जब सपोर्ट नहीं करेगा तब उसे एमएसपी पर बेचना पड़ता है. इसीलिए मुझे कहना पड़ा था कि किसान का क समझने की आवश्यकता है. एमएसपी निरंतर ऊपर चढ़ना चाहिए. इस पर आप काम करेंगे. शिवराज ने कहा कि किसान हमारे लिए वोटबैंक नहीं, भगवान है. यह मानकर ही हम व्यवहार करेंगे. धान की खेती हो या गेहूं की, जब आवश्यकता हुई, सरकार ने की है. उन्होंने धान खरीद … Read more

Israel Haniya की हत्या महीनों की प्लानिंग के बाद ऐसे इजरायल ने हानिया को उतारा मौत के घाट

तेल अवीव हमास चीफ इस्माइल हानिया (Ismail Haniyeh) ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान गए थे. वह ईरानी सेना आईआरजीसी के जिस गेस्टहाउस में ठहरे थे, वहीं उनकी हत्या कर दी गई. लेकिन अब खबर है कि जिस बम से हानिया की हत्या की गई, उसे दो महीने पहले स्मलिंग कर तेहरान लाया गया था. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्माइल हानिया की हत्या के लिए जिस रिमोट कंट्रोल्ड बम का इस्तेमाल किया गया. उसे दो महीने पहले तेहरान गेस्टहाउस में उसी कमरे में रखा गया था, जहां हानिया ठहरा हुआ था. रिपोर्ट में ईरान की सेना इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के दो सदस्यों सहित कई अधिकारियों के हवाले से इसकी जानकारी दी गई. यह नया खुलासा उन शुरुआती रिपोर्ट्स से बिल्कुल अलग है, जिनमें कहा गया कि मिसाइल हमले में हानिया की मौत हुई थी. रिपोर्ट में ईरान के कुछ अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि तेहरान में हानिया की हत्या आईआरजीसी के लिए बेहद शर्मिंदगी की बात है क्योंकि जिस गेस्टहाउस में हानिया और अन्य गणमान्य लोग ठहरे थे, वही इसे ऑपरेट करता है. हानिया तेहरान में नेशहत नाम के आईआरजीसी के कंपाउंड में ठहरा हुआ था. इस कंपाउंड का इस्तेमाल सीक्रेट मीटिंग्स और हानिया जैसे हाई प्रोफाइल गेस्ट के रहने के लिए किया जाता है. कैसे हुआ था धमाका? आईआरजीसी अधिकारियों का कहना है कि हानिया की मौत बम धमाके में हुई थी. यह बम रिमोट कंट्रोल्ड था. जैसे ही धमाका हुआ. गेस्टहाउस के कपाउंड की दीवार का हिस्सा ढह गया, खिड़कियां टूट गईं. हालांकि, इस धमाके से हानिया के बगल वाले कमरे को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा. उस कमरे में फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद के नेता जियाद नखलेह ठहरे हुए थे. इससे पुख्ता हो गया है कि हानिया की हत्या की फुलप्रूफ प्लानिंग की गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय समयानुसार तड़के दो बजे जैसे ही हानिया के कमरे में बम ब्लास्ट हुआ. कंपाउंड का मेडिकल स्टाफ वहां पहुंचा. हानिया को मौके पर ही मृत घोषित कर दिया गया. हानिया के बॉडीगार्ड को भी मृत घोषित कर दिया गया. हमास के एक सीनियर अधिकारी खलील अल-हाया भी मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने हानिया का शव देखा. इसके बाद आईआरजीसी के कुदस फोर्स के कमांडर इस्माइल गनी ने तुरंत ईरान के सुप्रीम लीडर अयातोल्लाह अली खामेनेई को नींद से जगाया और उन्हें बताया कि हानिया मारा गया है. रिपोर्ट में एक अधिकारी ने बताया कि इस तरह के ब्लास्ट के लिए महीनों की प्लानिंग और सर्विलांस की जरूरत पड़ती है. ईरान के कुछ अधिकारियों का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि इस बम को कैसे और कब हानिया के कमरे में लाया गया. लेकिन कुछ मिडिल ईस्ट से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इसे मोटे तौर पर दो महीने पहले हानिया के कमरे में प्लांट किया गया था. रिपोर्ट में बताया गया है कि जिस तरह से हानिया को सटीक निशाना बनाया गया. उससे लगता है कि बम रिमोट कंट्रोल से संचालित होता था. इसी तरह के बम का इस्तेमाल इजरायल के मोसाद ने 2020 में ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मोहसेन की हत्या में किया था. इजरायल ने हानिया की मौत पर साध रखी है चुप्पी ईरान ने तेहरान में इस्माइल हानिया की मौत के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. लेकिन इजरायल ने ना तो इस हमले की पुष्टि की है और ना ही इससे इनकार किया है. इसके बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अयातोल्लाह अली खामेनेई ने ईरानी सेना को इजरायल पर हमला करने का आदेश दिया. ईरान के सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की इमरजेंसी मीटिंग के बाद खामेनेई ने इस हमले का आदेश दिया था. बता दें कि इससे पहले 13 अप्रैल की आधीरात जब ईरान ने इजरायल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया था, तो इसमें सीरिया और इराक भी उतर आए थे. वहीं, लेबनान के ईरान समर्थित चरमपंथी गुट हिज्बुल्लाह ने भी सीरिया में बने इजरायली मिलिट्री बेस पर हमला किया था. वहीं, ईरान के हमले के इस आदेश के बाद इजरायली सेना की ओर से भी जवाब आय़ा है. इजरायली एयरफोर्स के कमांडर मेजर जनरल तोमेरे बार ने कहा कि एयर फोर्स युद्ध के हर क्षेत्र में देश की रक्षा और हमला करता है. हम किसी भी परिस्थिति में मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं. जो भी इजरायल और इजरायली नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की योजना बनाएगा, हम उसे मुंहतोड़ जवाब देंगे. ऐसी कोई भी जगह नहीं है, जो हमारी जद से दूर हो या जहां हम हमला नहीं कर सकें.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 79

कई सिविल सेवा उम्मीदवार आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए विषम हालात में रहते हैं, संघर्ष की कहानी

नई दिल्ली छोटे-छोटे, खिड़की रहित कमरों में पेइंग गेस्ट के तौर पर रहने वाले, सिविल सेवा अभ्यर्थियों की आंखों में पलता यह सपना उन्हें राहत देता है कि एक दिन उनका भी आएगा जब वे अफसर बन जाएंगे और अपनी पसंदीदा जिंदगी जिएंगे। ओल्ड राजेंद्र नगर के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक पानी भरने से तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत की घटना ने उन खराब परिस्थितियों को उजागर किया है जिसमें कई सिविल सेवा उम्मीदवार आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए विषम हालात में रहते हैं। ओल्ड राजेंद्र नगर हो या मुखर्जी नगर, दिल्ली के विभिन्न कोचिंग केंद्र की कहानी एक जैसी ही है। पिछले डेढ़ साल से राजेंद्र नगर में ग्राउंड फ्लोर पर एक कमरे में रह रहे उत्तर प्रदेश के एक सिविल सेवा अभ्यर्थी ने कहा, ‘‘राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर में लगभग हर मकान के मालिक ने अपने घर को पेइंग गेस्ट आवास में बदल दिया है।'' मुखर्जी नगर में एक कोचिंग सेंटर में कक्षाएं लेने वाले 28 वर्षीय यूपीएससी अभ्यर्थी ने कहा कि छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा है और जगह कम है इसलिए गरीब परिवारों के लोगों के पास रहने के लिए बहुत कम विकल्प हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अच्छे पैसे कमाने के लिए पीजी के मालिक एक बड़े कमरे को पर्दे से अलग अलग हिस्से में बांट देते हैं। ऐसे कमरों में करीब पांच से छह छात्र रहते हैं।'' आम तौर पर इन हालात में छात्र सोचते हैं ‘‘अभी झेल लो, एक बार नौकरी लग गई, तो आगे पीछे नौकर-चाकर होंगे।'' शहर के दो कोचिंग केंद्रों में रहने वाले कई सिविल सेवा अभ्यर्थियों का कहना है कि वे बिना खिड़की वाले बेसमेंट में रहते हैं, जो हर बार भारी बारिश होने पर पानी से भर जाते हैं। उनका कहना है कि ऐसे कमरों की कीमत ग्राउंड फ्लोर या ऊपरी मंजिलों के कमरों की तुलना में आधी है। एक अन्य सिविल सेवा अभ्यर्थी ने कहा ‘‘अगर कोई ग्राउंड या ऊपरी मंजिलों पर रहना चाहता है, तो उसे कम से कम 25,000 से 30,000 रुपये प्रति माह खर्च करने होंगे। जो लोग बेसमेंट में रह रहे हैं, उन्हें लगभग 15,000 से 20,000 रुपये प्रति माह देने पड़ रहे हैं। खतरा तो है लेकिन पैसे बच जाते हैं।'' ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में बारिश के कारण पानी भर जाने से सिविल सेवा के तीन अभ्यर्थियों की मौत की घटना बाद छात्रों ने कहा कि वे ऐसे बेसमेंट में रहकर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। इसके बावजूद वे संघर्ष का महिमामंडन करते हैं। एक छात्र ने कहा, ‘‘यह सिविल सेवाओं का आकर्षण है कि ऐसी समस्याओं को नजर अंदाज कर दिया जाता है।'' न केवल पीजी में भीड़ है बल्कि कक्षाओं का भी यही हाल है। उचित सुविधाएं नहीं होने के बावजूद छात्रों की संख्या बढ़ती ही जाती है। कक्षा में 100 छात्र होने पर भी मालिक 120 से 125 से अधिक छात्रों को समायोजित करने का प्रयास करते हैं। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे एक छात्र ने कहा, ‘‘जो लोग बैठने या कक्षा में आने में असमर्थ हैं, उन्हें रिकॉर्ड की गई वीडियो सामग्री दी जाती है जिसका वे बेसमेंट की लाइब्रेरी में बैठ कर अध्ययन करते हैं।'' बेसमेंट को पीजी के रूप में किराए पर देना गैरकानूनी है, क्योंकि दिल्ली के मास्टर प्लान (एमपीडी) 2021 में ऐसी जगहों का केवल भंडारण, पार्किंग और उपयोगिता क्षेत्रों के तौर पर उपयोग करने की अनुमति है। असम के एक अन्य आईएएस अभ्यर्थी ने कहा, ‘‘अचानक सरकार सख्त हो गई है, लेकिन यह सिर्फ़ कुछ समय की बात है क्योंकि एक घटना घटी है। हकीकत में कुछ भी लागू नहीं किया जाएगा। समस्या ऐसी ही रहेगी। यह स्थिति सिर्फ़ राजेंद्र नगर के कोचिंग संस्थान तक सीमित नहीं है। सभी की समस्या एक जैसी है।''   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 122

एससी और एसटी कोटे में भी वर्गीकरण होना चाहिए क्योंकि यह एकरूपता वाला समाज नहीं -SC

नई दिल्ली अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में उप-वर्गीकरण पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला दिया। शीर्ष अदालत की 7 जजों की बेंच ने साफ कहा कि एससी और एसटी कोटे में भी वर्गीकरण होना चाहिए क्योंकि यह एकरूपता वाला समाज नहीं है। इसमें शामिल जातियों की भी अलग-अलग समस्याएं और उन्हें जिस भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उसकी प्रकृति में भी अंतर है। यही नहीं बेंच में शामिल 7 में से 4 जजों ने एससी और एसटी कोटे में भी क्रीमी लेयर की वकालत की। उन्होंने कहा कि आरक्षण एक पीढ़ी के लिए ही होना चाहिए। एक बार यदि किसी को आरक्षण का लाभ लेकर नौकरी मिल जाती है तो वह जनरल कैटिगरी के स्तर पर आ जाता है। ऐसे में आरक्षण का लाभ पाने वाले लोगों की दूसरी पीढ़ी को क्रीमी लेयर के दायरे में लाना चाहिए। बेंच में शामिल एकमात्र दलित जज जस्टिस बीआर गवई ने कहा आरक्षण का सही उद्देश्य है कि देश में समानता को समझा जाए। असमानता वाले समूह में आखिर कैसे सबको एकसमान माना जाता है। इस दलील के आधार पर बेंच ने कहा कि एससी और एसटी में भी क्रीमी लेयर को लागू करना चाहिए। जस्टिस गवई ने कहा, 'सरकार को क्रीमी लेयर की पहचान करने के लिए कोई नीति बनानी चाहिए और लाभ पा चुके लोगों को उससे बाहर करना चाहिए। समानता को पाने का यही एकमात्र तरीका है।' एक दलित IAS के बेटे की तुलना उसी समाज के गरीब से नहीं हो सकती जस्टिस बीआर गवई ने अपने लंबे फैसले में कई महत्वपूर्ण टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा कि किसी दलित आईएएस, आईपीएस अथवा अन्य किसी अधिकारी के बच्चे की तुलना गरीब परिवार की संतान से नहीं की जा सकती, जो ग्राम पंचायत या फिर जिला परिषद के स्कूल में पढ़ता हो। उन्होंने कहा कि एससी और एसटी कोटे में भी वर्गीकरण का विरोध करना ऐसे ही है, जैसे ट्रेन के जनरल कोट में संघर्ष होता है। उन्होंने कहा कि जनरल कोच में ऐसा होता है कि जो पहले बाहर रहता है, वह भीतर आने के लिए संघर्ष करता है। इसके बाद वह जब भीतर आ जाता है तो फिर हरसंभव प्रयास करता है कि बाहर वाला न आने पाए। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 65

आशु की गिरफ्तारी पर कांग्रेस की चुप्पी, जानें किस मामले में लिया एक्शन

 लुधियाना  प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने पंजाब के लुधियाना में वरिष्ठ कांग्रेस नेता भारत भूषण से मनी टेंडर मामले में नौ घंटे पूछताछ की। स्पष्ट जवाब नहीं मिलने पर उनको गिरफ्तार कर लिया गया। कांग्रेस नेता के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी को लेकर ईडी अधिकारी जेपी सिंह ने बताया कि "मनी लांड्रिंग टेंडर घोटाले के तहत भारत भूषण आशु को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए, इसके कारण उनकी गिरफ्तारी हुई है। भारत भूषण आशु को मेडिकल करवाने के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया है।" पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता भारत भूषण आशु को प्रवर्तन निदेशालय से समक्ष पेश होने के लिए दो दिन पहले ही नोटिस जारी किया गया था। गुरुवार को वो सुबह 10.30 बजे ईडी दफ्तर में पेश हुए। यहां पर उनसे नौ घंटे पूछताछ चली। ईडी अधिकारियों ने उनसे मनी टेंडर घोटाले से जुड़े सवाल किए। देर शाम उनको गिरफ्तार कर लिया गया और मेडिकल कराने के लिए जालंधर के सिविल अस्पताल लाया गया। बता दें कि भारत भूषण आशु पूर्व में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय के प्रभारी थे। इस दौरान इन पर करीब दो हजार करोड़ रुपए के टेंडरों में घोटाले का आरोप लगा था। प्रदेश की मंडियों में लेबर और ट्रांसपोर्टेशन के टेंडरों में बड़ी मात्रा में अनियमितता पाई गई थी। उस दौरान जांच में ईडी को करीब डेढ़ करोड़ रुपये की संपत्ति के दस्तावेज और करीब 30 लाख रुपये नकदी मिले थे। ट्रांसपोर्टेशन और सप्लाई के नाम पर फर्जीवाड़े का आरोप जब इस मामले की जांच शुरू हुई तो यह पाया गया कि ट्रांसपोर्टेशन और सप्लाई के नाम पर कई फर्जी गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया था. इस मामले में विजिलेंस ने कोर्ट में चलान पेश किया था, जिसके बाद ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की. जांच में यह पाया गया कि अनाज मंडियों में नकली नंबर पलेट लगाकर माल की ढुलाई की गई थी. आरोपियों ने जो नंबर प्लेट दिखाए थे, वे स्कूटर, मोटरसाइकिल व थ्री व्हीलर के थे, जिससे माल की ढुलाई नहीं की जा सकती है. करीब 2 महीने पहले इस मामले में पंजाब के कुछ ट्रांसपोर्ट मालिकों पर भारत भूषण आशु को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा था, जिसके बाद कुछ गिरफ्तारियां भी हुई थी. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 96

कोर्ट ने कहा कि एनडीपीएस केसेज में गांजा, चरस तक जमानत दे सकती है, लेकिन हेरोइन केस में नहीं

नई दिल्ली  सुप्रीम कोर्ट ने हेरोइन रखने की आरोपी महिला को जमानत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वह एनडीपीएस केसेज में गांजा और चरस तक तो जमानत दे सकती है। लेकिन हेरोइन के मामले में वह ऐसा बिल्कुल भी नहीं करेगी। कोर्ट के इसके पीछे की वजह भी स्पष्ट की और कहा कि यह ऐसा नशा है जो सब खत्म कर देता है। युवा पीढ़ी पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है। जस्टिस सीटी रविकुमार और संजय करोल की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि जब भी गांजा या चरस से जुड़े मामले होते हैं तो हम जमानत के पक्षधर होते हैं। लेकिन हेरोइन के मामले में हम ऐसा ऐसा नहीं कर सकते हैं। हमें इसको लेकर सख्त रवैया अपनाना ही होगा। मामला 61 साल की महिला से जुड़ा है, जिसके ऊपर 500 ग्राम हेरोइन रखने का आरोप है। महिला उसी कार में यात्रा कर रही थी, जिसमें प्रतिबंधित पदार्थ पाया गया था। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद यह मामला शीर्ष अदालत तक पहुंचा था। यहां पर महिला आरोपी की तरफ से पेश वकील ने उसकी उम्र का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी। इसके साथ ही उन्होंने दलील दी कि महिला के पास से कुछ भी नहीं मिला था। इसके बाद जस्टिस रविकुमार ने वकील को याद दिलाया कि महिला के ऊपर 500 ग्राम हेरोइन लेकर चलने का आरोप है। जस्टिस करोल ने आगे कहा कि हेरोइन सबकुछ तबाह कर देती है। उन्होंने कहा कि यह युवा पीढ़ी को पूरी तरह से खत्म कर देती है। हम इस मामले में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। महिला की तरफ से एडवोकेट श्रेय कपूर सुप्रीम कोर्ट में दलील रख रहे थे।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 95

Kedarnath में यात्रियों का रेस्क्यू जारी, पीएमओ ने भी बढ़ाया मदद का हाथ, रेस्क्यू के लिए एयर फोर्स का चिनूक, एमआई 17 रवाना

रुद्रप्रयाग केदारघाटी में बीती रात्रि को हुई अत्यधिक बारिश से लिनचोली के समीप जंगलचट्टी में बादल फटने से रामबाड़ा, भीमबली लिनचोली का रास्ता पूरी तरह से बंद होने के बाद जिला प्रशासन बिना देरी के राहत एवं बचाव कार्य में लग गया। एक ओर जहां अतिवृष्टि की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन की टीम द्वारा रेस्क्यू करते हुए इन स्थानों में फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया वहीं दूसरी ओर उन्हें आवश्यकता के अनुसार पानी की बोतल व फूड पैकेट भी उपलब्ध कराए गए। देर शाम तक केदारनाथ यात्रा मार्ग से 4000 से अधिक श्रद्धालुओं का रेस्क्यू किया गया। जिसमें लगभग 700 श्रद्धालुओं का हैली के माध्यम से रेस्क्यू किया गया। फंसे हुए श्रद्धालुओं को जीएमवीएन एवं अन्य सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। मुख्यमंत्री, आपदा सचिव एवं गढ़वाल कमिश्नर इसपर लगातार नजर बनाए हुए हैं। उधर पीएमओ कार्यालय से भी हरसंभव मदद का आश्वासन दिया गया है। देर रात्रि हुई अतिवृष्टि के बाद आज प्रातः मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी एवं मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारी सौरभ गहरवार से घटना की जानकारी ली। साथ ही जिलाधिकारी से हुई वार्ता में यात्रा मार्ग में फंसे हुए श्रद्धालुओं का प्राथमिकता के आधार पर रेस्क्यू करते हुए उन्हें सुरक्षित स्थानों में पहुंचाने हेतु निर्देशित किया गया। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के मध्य करीब डेढ सौ मीटर रास्ते के बहने के बाद एसडीआरएफ, डीडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की टीमों के सहयोग से लगभग 4000 श्रद्धालुओं को निकाला गया। इसमें भीमबली और लिनचोली में बाधित हुए रास्ते के कारण पांच हैली सेवाओं के माध्यम से करीब 700 लोगों का रेस्क्यू किया गया। केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं को आश्वस्त किया गया है कि कल से हवाई सेवा हेतु चिनूक एवं एमआई की सेवा उपलब्ध करा दी जाएंगी तथा यथाशीघ्र उनको रेस्क्यू कर लिया जाएगा। केदारनाथ धाम में 10-14 दिनों के लिए खानपान की पूर्ण व्यवस्था उपलब्ध है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का हवाई एवं मौके पर सर्वेक्षण किया। साथ ही उनके द्वारा रेस्क्यू कर रही टीमों की हौसला अफजाई की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से वार्ता कर उनसे फीडबैक लिया। मौके पर पहुंचने पर श्रद्धालुओं द्वारा मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया। अत्यधिक बारिश के चलते केदार घाटी के लिए जाने वाली 33 केवी की विद्युत सप्लाई बाधित होने के बाद प्राथमिकता के आधार पर श्री केदारनाथ धाम में 11 केवी लाइन की विद्युत सप्लाई के जरिए विद्युत आपूर्ति की जा रही है।वहीं गौरीकुंड, सोनप्रयाग व लिनचोली में विद्युत व्यवस्था सुचारू करने हेतु कार्य गतिमान है, जिसके लिए 55 लोगों द्वारा कार्य गतिमान है। यात्रा मार्ग में पेयजल व शौचालय की व्यवस्था दुरूस्त है। वायुसेना कर रही है मदद फंसे हुए लोगों को लाने के लिए लगातार वायु सेना का भी सहारा लिया जा रहा है. एयर लिफ्ट में तेजी लाने के लिए वायु सेना का चिनूक एवं एमआई 17 हेलिकॉप्टर भी शुक्रवार सुबह गौचर पहुंच गए हैं. एमआई 17 ने एक चक्कर लगाकर 10 लोगों को रेस्क्यू कर गौचर पहुंचा दिया है. वायुसेना ने बयान जारी करते हुए कहा, 'भारतीय वायुसेना ने केदारनाथ से बचाव अभियान शुरू किया है. Mi17V5 और चिनूक के जरिए भारतीय वायुसेना ने केदारनाथ में बचाव अभियान शुरू किया है. एक चिनूक और एक Mi17 V5 हेलिकॉप्टर के साथ NDRF की टीमों को बचाव स्थलों पर ले जाया गया. आगे की कार्रवाई के लिए भारतीय वायुसेना के और उपकरण स्टैंडबाय पर हैं.' CM ने की प्रभावितों से मुलाकात उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, 'केदारघाटी में बुधवार रात्रि को हुई अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर स्थानीय लोगों एवं विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं से भेंट कर उनका कुशलक्षेम जाना. इस दौरान जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग को क्षतिग्रस्त सड़कों और पैदल मार्गों के सुधारीकरण का कार्य तेजी से किए जाने एवं संवेदनशील स्थानों से लोगों को जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए.' उन्होंने सचिव से यह भी कहा कि अतिवृष्टि के कारण राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जिलाधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की सहायता मांगे जाने पर उन्हें तुरंत उपलब्ध करायी जाए. बादल फटना किसे कहते हैं? बादल का फटना या क्लाउडबर्स्ट का मतलब, बहुत कम समय में एक सीमित दायरे में अचानक बहुत भारी बारिश होना है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, अगर किसी एक इलाके में 20-30 वर्ग किलोमीटर दायरे में एक घंटे में 100 मिलीमीटर बारिश होती है तो उसे बादल का फटना कहा जाता है. आम बोलचाल की भाषा में कहें तो किसी एक जगह पर एक साथ अचानक बहुत बारिश होना बादल फटना कहा जाता है.अब आपको बताते हैं कि बादल फटने की घटना कब होती है? कैसे फटता है बादल तापमान बढ़ने से भारी मात्रा में नमी वाले बादल एक जगह इकट्ठा होने पर पानी की बूंदें आपस में मिल जाती है इससे बूंदों का भार इतना ज्यादा हो जाता है कि बादल का घनत्व बढ़ जाता है, इससे एक सीमित दायरे में अचानक तेज बारिश होने लगती है, इसे ही बादल फटना कहा जाता है. बादल फटने की घटनाओं के मामले में देश के दो राज्य हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड सबसे अधिक संवेदनशील माने जाते हैं. इन दोनों पहाड़ी राज्यों में अब मॉनसून की बारिश के दौरान बादल फटना आम हो गया है. विशेषज्ञों के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाले वर्षों में बादल फटने की आपदाओं में ज्यादा बढ़ोतरी की आशंका है. यानी अभी तो ये ट्रेलर, कुदरत आगाह कर रही है, अभी नहीं संभले तो जान और माल दोनों से हाथ धोना पड़ेगा. इसके अतिरिक्त एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ सहित जिला एवं तहसील प्रशासन के लगभग 500 कार्मिकों द्वारा अलग-अलग सेक्टर में कार्य किया जा रहा है। सभी सेक्टरों को अलग-अलग 7 सेक्टरों में बांटा गया है। तथा अलग-अलग सेक्टर में अलग-अलग टीमें गठित हैं जो उनसे संबंधित लोगों से लगातार संपर्क कर रही है। साथ ही किसी स्थिति में किसी के फंसे होने अथवा अन्य किसी भी तरह की सहायता हेतु टीमें मुस्तैद हैं। वहीं केदारनाथ धाम के मोटर मार्गों को भी दुरूस्त कर लिया गया है। रुद्रप्रयाग से सोनप्रयाग तक को पूर्णतः यातायात हेतु सुचारू किया जा चुका है। जबकि सोनप्रयाग से गौरीकुंड मार्ग पर भी कार्य शुरू किया … Read more