MY SECRET NEWS

जयपुर.

राजस्थान में भाजपा वन स्टेट, वन इलेक्शन के फार्मूले पर आगे बढ़ती दिखाई दे रही है। प्रदेश में 59 निकायों का कार्यकाल पूरा हो चुका है। यहां चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं किए गए हैं बल्कि सरकार ने प्रशासक लगा दिए हैं। सरकार ने पिछले साल संकेत दिए थे कि वे पंचायत और निकाय चुनाव एक साथ करवाना चाहते हैं लेकिन कानून में कोई संशोधन नहीं हुआ। ऐसे में कांग्रेस अब इस मामले को कोर्ट से निपटाने पर भी विचार कर रही है।

शहरी विकास एवं आवास (यूडीएच) मंत्री झाबरसिंह खर्रा ने दो महीने पहले संकेत दिया था कि शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव 2025 में एक साथ कराए जाएंगे। प्रदेश की भाजपा सरकार ने पिछले बजट में घोषणा की थी कि राज्य भर में स्थानीय निकाय चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। हालांकि राज्य सरकार की ओर से अभी तक इस संबंध में कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है न ही आयोग को इस बारे में कोई चिट्ठी लिखी गई है। ऐसे में अब कांग्रेस इस मामले को लेकर कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। मौजूदा संवैधानिक व्यवस्था में जो कानून है, उसमें पंचायत और निकाय चुनाव 6 महीने से ज्यादा टाले नहीं जा सकते।

सूचियां तैयार करने में जुटा राज्य निर्वाचन आयोग
हालांकि राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिला चुनाव अधिकारियों (डीईओ) को निर्देश दिया है कि वे प्रत्येक वार्ड के लिए आवश्यक समझे जाने वाले मतदान केंद्रों का चयन करें और आगामी नगर निकायों के चुनावों के लिए मतदान केंद्रों की सूची प्रकाशित करें लेकिन कांग्रेस का कहना है कि चुनाव करवाने हैं तो अब तक मतदाता सूची प्रकाशित हो जानी चाहिए थी।

अभी तक वोट लिस्ट ही नहीं बनी- डोटासरा
इधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा का कहना है कि मौजूदा लोकसभा में केंद्र सरकार कानून में बदलाव करती है तो अलग बात है नहीं तो हम चुनाव करवाने के लिए जनता के बीच भी जाएंगे, हाईकोर्ट भी जाएंगे और जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। डोटासरा ने कहा- बीजेपी इस मामले में पूरी तरह से फेल है। प्रदेश में 59 नगर परिषदों के चुनाव हो जाने चाहिए थे लेकिन अभी तक वोट लिस्ट ही नहीं बनी, आरक्षण की कोई बात भी नहीं हुई। वन स्टेट, वन इलेक्शन की मुंह जुबानी बातें हो रही हैं, कानून में कोई संशोधन नहीं हुआ। ये दिल्ली की पर्ची की तरफ देख रहे हैं, दिल्ली की पर्ची अभी आई नहीं। डोटासरा ने कहा कि जब तक दिल्ली की पर्ची नहीं आएगी तब तक ये प्रशासक लगाकर बैठे रहेंगे। जनवरी में ग्राम पंचायतों के जो चुनाव होने हैं, उसमें भी ये प्रशासक लगा देंगे। आज की तारीख में सरकार का सबसे बड़ा फेल्योर है तो वह यह कि सरकार में ब्यूरोक्रेसी हावी है और जनता की बात कोई नहीं सुन रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 12 महीने से राजस्थान में जो अनिर्णय की स्थिति है, वह जनता के लिए घातक है। कानून में संशोधन किया नहीं, निर्वाचन आयोग पंगू बना बैठा है। अब तक सरकार को कह देना चाहिए था कि वोटर लिस्ट तैयार कर ली है, हम चुनाव करवाएंगे। उन्होंने कहा कि जो मौजूदा लोकसभा का सत्र है, इसमें कोई कानून में बदलाव करते हैं तो अलग बात है, नहीं तो हम चुनाव करवाने के लिए हाईकोर्ट भी जाएंगे और जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे।

यूजफुल टूल्स
QR Code Generator

QR Code Generator

Age Calculator

Age Calculator

Word & Character Counter

Characters: 0

Words: 0

Paragraphs: 0